बुधवार, 14 सितंबर 2011

'विनाशकारी बाढ़ से मरने वालों की संख्या 240 से ज़्यादा




पाकिस्तान राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता इरशाद भट्टी ने  कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाक़ोंमें राहत कार्य अपर्याप्त है उन्होंने कहा, “बाढ़ प्रभावित इलाक़ों में स्थिति काफ़ी गंभीर है और यदि अतंरराष्ट्रीय समुदाय ने तुरंत मदद नहीं की तो क़रीब दो लाख लोग हैजे जबकि 10 लाख से ज़्यादा पीड़ित मलेरिया और त्वचा की बीमारियों का शिकार हो सकते हैं.”

उन्होंने बताया कि सरकार पीड़ितों की मदद करने की पूरी कोशिश कर रही है और पीड़ितों के रहने के लिए 50 हज़ार तंबू दिए जा चुके हैं जबकि 50 हज़ार और रवाना किए जा चुके हैं.

इरशाद भट्टी ने कहा कि पाँच लाख से ज़्यादा पीड़ित पाँच साल से कम उम्र के बच्चे हैं और एक लाख 30 हज़ार गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण हुआ जिनमें से 18 हज़ार की स्थिति गंभीर बताई जा रही हैदूसरी ओर सिंध सरकार का कहना है कि ताज़ा बारिशों और बाढ़ से 53 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए हैं जिसमें 32 प्रतिशत महिलाएँ हैं.
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दक्षिणी ज़िले चपेट में'


सरकार की ओर से दिए गए आँकड़ों के मुताबिक़ बारिश से सबसे ज़्यादा विनाश प्रांत के दक्षिणी और मध्य ज़िलों में हुआ है जिसमें बदीन, नवाबशाह, सांघड़, मीरपुर ख़ास, उमर कोट, टंडो मोहम्मद ख़ान, टंडो अल्लाहयार और नौशहरो फ़ेरोज़ शामिल हैं.

सिंध सरकार का कहना है कि भारी बारिश और उसके बाद आने वाली बाढ़ से प्रांत में 45 लाख 66 हज़ार एकड़ पर खड़ी फ़सले पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं.

सरकारी आँकड़ों के अनुसार 12 लाख से ज़्यादा घर प्रभावित हुए हैं जिसमें से चार लाख से ज़्यादा पूरी तरह तबाह हो गए हैं.

अधिकारियों का कहना है कि बारिश और उसके आई विनाशकारी बाढ़ से मरने वालों की संख्या 240 से ज़्यादा हो गई है जिसमें बड़ी संख्या बच्चों और महिलाओं की है.


अधिकारियों के मुताबिक़ सिंध के बाढ़ ग्रस्त इलाक़ों में साढ़े इक्कीस सौ से ज़्यादा राहत शिविर बनाए गए हैं जिनमें तीन लाख से ज़्यादा पीड़ितों ने शरण ले रखी है जबकि 50 लाख से ज़्यादा पीड़ित नहरों, बाँधों और सड़कों पर रहने को मजबूर हैं.



सिंध के दक्षिणी ज़िलों में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और कई इलाक़ों से संपर्क भी टूट गया है. कराची, मीरपुर ख़ास और कराची से ठटा जाने वाला मुख्य मार्ग भी कई जगहों पर डूब गया है.

और सड़कें टूटने की वजह से पीड़ितों तक पहुँचने में दिक़्क़त हो रही है

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