यूनिवर्सिटी के 10 विभागों में पीएचडी पर ब्रेक
जयपुर। राजस्थान यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की उच्च डिग्री लेने का सपना देख रहे अभ्यर्थियों को यहां सीटों का डेड लॉक नहीं टूटने से इस बार निराशा का सामना करना पड़ेगा। दस विभागों में सीटें भरी होने से यहां से फिलहाल पीएचडी करने पर अघोषित ब्रेक लगी हुई है। सीटें खाली नहीं होने से यूनिवर्सिटी प्रशासन अगले माह आयोजित प्री पीएचडी परीक्षा में इन विषयों की परीक्षा भी आयोजित नहीं करवाए जाने की बात कह रहा है। इस बार पीएचडी में खाली सीटों की संख्या कम होने से अभ्यर्थियों को निराशा ही अधिक हाथ लगेगी। कई विभागों में सीटें खाली नहीं होने का सबसे अधिक खामियाजा यूजीसी और सीएसआईआर समेत अन्यत्र जगह से शोध कार्य के लिए छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले होनहार विद्यार्थियों को होगा, क्योंकि बिना पीएचडी में पंजीकरण करवाए इन्हें छात्रवृत्ति राशि नहीं मिलेगी।
साथ ही इस बार यूजीसी की ओर से पीएचडी के लिए आयोजित प्री.परीक्षा में नेट, गेट, स्लेट परीक्षाएं उत्तीर्ण विद्यार्थियों के बिना परीक्षा के पंजीकरण के लिए प्रदान की गई छूट अब समाप्त कर देने से इनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
यूनिवर्सिटी के शिक्षा, सूचना और संचार तकनीक विभाग (सीसीटी), कंप्यूटर विज्ञान, प्रबंधन, मानव विज्ञान, इतिहास और संस्कृति विभाग के साथ ही पत्रकारिता और आधुनिक यूरोपीय भाषा विभाग में पीएचडी की सीटें खाली नहीं हैं।
ये जानकारी इन विभागों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को भेजी है। इन विभागों के साथ ही ज्योतिर्विज्ञान, संग्रहालय एवं संरक्षण विभाग में भी डॉक्टरेट की डिग्री के लिए शोध निर्देशन करवाने वाले यूनिवर्सिटी शिक्षक शोध कायोंü में व्यस्त हैं और उनके पास सीटें खाली नहीं हैं। साथ ही सीसीटी के कॉगनेटिव एंड न्यूरोसाइंस विषय में भी पीएचडी की सिर्फ एक सीट ही रिक्त है। यूनिवर्सिटी अगले महीने एम फिल पीएचडी पात्रता परीक्षा आयोजित करवाने की तैयारी कर रहा है।
जयपुर। राजस्थान यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की उच्च डिग्री लेने का सपना देख रहे अभ्यर्थियों को यहां सीटों का डेड लॉक नहीं टूटने से इस बार निराशा का सामना करना पड़ेगा। दस विभागों में सीटें भरी होने से यहां से फिलहाल पीएचडी करने पर अघोषित ब्रेक लगी हुई है। सीटें खाली नहीं होने से यूनिवर्सिटी प्रशासन अगले माह आयोजित प्री पीएचडी परीक्षा में इन विषयों की परीक्षा भी आयोजित नहीं करवाए जाने की बात कह रहा है। इस बार पीएचडी में खाली सीटों की संख्या कम होने से अभ्यर्थियों को निराशा ही अधिक हाथ लगेगी। कई विभागों में सीटें खाली नहीं होने का सबसे अधिक खामियाजा यूजीसी और सीएसआईआर समेत अन्यत्र जगह से शोध कार्य के लिए छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले होनहार विद्यार्थियों को होगा, क्योंकि बिना पीएचडी में पंजीकरण करवाए इन्हें छात्रवृत्ति राशि नहीं मिलेगी।
साथ ही इस बार यूजीसी की ओर से पीएचडी के लिए आयोजित प्री.परीक्षा में नेट, गेट, स्लेट परीक्षाएं उत्तीर्ण विद्यार्थियों के बिना परीक्षा के पंजीकरण के लिए प्रदान की गई छूट अब समाप्त कर देने से इनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
यूनिवर्सिटी के शिक्षा, सूचना और संचार तकनीक विभाग (सीसीटी), कंप्यूटर विज्ञान, प्रबंधन, मानव विज्ञान, इतिहास और संस्कृति विभाग के साथ ही पत्रकारिता और आधुनिक यूरोपीय भाषा विभाग में पीएचडी की सीटें खाली नहीं हैं।
ये जानकारी इन विभागों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को भेजी है। इन विभागों के साथ ही ज्योतिर्विज्ञान, संग्रहालय एवं संरक्षण विभाग में भी डॉक्टरेट की डिग्री के लिए शोध निर्देशन करवाने वाले यूनिवर्सिटी शिक्षक शोध कायोंü में व्यस्त हैं और उनके पास सीटें खाली नहीं हैं। साथ ही सीसीटी के कॉगनेटिव एंड न्यूरोसाइंस विषय में भी पीएचडी की सिर्फ एक सीट ही रिक्त है। यूनिवर्सिटी अगले महीने एम फिल पीएचडी पात्रता परीक्षा आयोजित करवाने की तैयारी कर रहा है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें