चेन्नई. तमिलनाडु की धर्मपुरी की एक अदालत ने गुरुवार को 1992 के एक मामले में वन विभाग के 215 कर्मचारियों को वचाती जनजाति के लोगों को प्रताड़ित करने का दोषी पाया है। इसमें 9 के खिलाफ महिलाओं के साथ बलात्कार का आरोप है।
धर्मपुरी की अदालत ने भारतीय वन सेवा के चार अधिकारियों को दोषी ठहराया है। आरोप है कि चंदन तस्कर वीरप्पन की खोज में सत्यमंगलम जंगलों में तलाशी अभियान के दौरान 250 वन कर्मियों और पुलिस वालों ने वचाती जनजाति के एक गांव में उत्पात मचाया था। इस दौरान गांव वालों को प्रताड़ित करने के साथ ही महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया था।
जल्द ही सज़ा का ऐलान भी होने की उम्मीद है। लंबे समय से अदालत में चल रहा मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की नज़र में भी आया था।
धर्मपुरी की अदालत ने भारतीय वन सेवा के चार अधिकारियों को दोषी ठहराया है। आरोप है कि चंदन तस्कर वीरप्पन की खोज में सत्यमंगलम जंगलों में तलाशी अभियान के दौरान 250 वन कर्मियों और पुलिस वालों ने वचाती जनजाति के एक गांव में उत्पात मचाया था। इस दौरान गांव वालों को प्रताड़ित करने के साथ ही महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया था।
जल्द ही सज़ा का ऐलान भी होने की उम्मीद है। लंबे समय से अदालत में चल रहा मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की नज़र में भी आया था।
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