गुरुवार, 25 अगस्त 2011

अन्ना ने पीएम के सामने रखी तीन शर्ते


anna
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जनलोकपाल बिल सहित तीन बिलों पर संसद में चर्चा करने के प्रस्ताव के जवाब में अन्ना ने हजारे ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है। इस पत्र का जवाब आने के बाद ही अन्ना हजारे अनशन खत्म करने या नहीं करने के बारे में फैसला करेंगे। अन्ना ने प्रधानमंत्री से तीन विवादित बिंदुओं पर लिखित में आश्वासन मांगा है।

अन्ना ने सिटीजन चार्टर, सभी कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाने, और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्तों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से लिखित जवाब मांगा है। अन्ना हजारे ने कहा कि ये तीनों सुझाव संसद में पारित होने पर ही अनशन खत्म होगा। अन्ना ने कहा कि शुक्रवार से ही जनलोकपाल बिल पर चर्चा शुरू हो। आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने कहा है कि अन्ना हजारे ने उनकी अपील मान ली है।

अन्ना समर्थक प्रधानमंत्री के आवास पर प्रदर्शन नहीं करेंगे। केन्द्रीय मंत्री विलासराव देशमुख ने अन्ना हजारे से मुलाकात की। उन्होंने अन्ना से अनशन खत्म करने की अपील की। देशमुख की मुलाकात के बाद सिविल सोसायटी की कोर कमेटी की बैठक हुई। बैठक के बाद अन्ना ने देशमुख को अपने जवाब के रूप में एक पत्र सौंपा। देशमुख यह पत्र प्रधानमंत्री को सौंपेंगे। इस बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने आवास पर एक बैठक बुलाई है। इसमें चिदंबरम और प्रणव मुखर्जी शामिल होंगे।



अनशन खत्म करने की अपील

इससे पहले लोकसभा एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए एक मत से अन्ना हजारे से अनशन खत्म करने की अपील की है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज के बाद लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि अन्ना से अनशन खत्म करने की अपील की जाती है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सरकार और टीम अन्ना के बीच जारी गतिरोध को दूर करने के लिए उनके जन लोकपाल विधेयक पर भी संसद में चर्चा कराने की पेशकश की है। प्रधानमंत्री ने लोकसभा में कहा कि अन्ना के जन लोकपाल विधेयक के साथ-साथ समाजिक कार्यकर्ता अरूणा राय तथा समाजसेवी जयप्रकाश नारायण के मसौदों पर संसद में एक साथ चर्चा हो और इसके पूरे रिकार्ड को स्थायी संसदीय समिति के पास भेज दिया जाए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि समिति तमाम पहलुओं को ध्यान में रखकर एक मजबूत एवं प्रभावी लोकपाल विधेयक तैयार करे। इससे सिविल सोसायटी की बात भी रह जाएगी और संसद की सर्वोच्चता का भी सम्मान होगा। प्रधानमंत्री ने कारगर लोकपाल विधेयक लाने की प्रतिबद्धता जताते हुए अन्ना से अनशन समाप्त करने की अपील की। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के लिए हजारे का जीवन बहुमूल्य है। भ्रष्टाचार के विरूद्ध लड़ाई में हजारे के योगदान की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपनी बात मजबूत ढंग से दर्ज करा दी है और हम सब इस बात के लिए कटिबद्ध हैं कि भ्रष्टाचार से निपटने के लिए मजबूत और कारगर लोकपाल विधेयक पारित किया जाए।

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