बुधवार, 24 अगस्त 2011

फिर दूषित पानी का बहाव

फिर दूषित पानी का बहाव
 
बालोतरा। प्रदूषित पानी के बहाव मे तेजी से डोली गोदावास मार्ग फिर जलमग्न हो गया है। इस मार्ग पर करीब आधा किमी की दूरी तक दो फीट पानी का बहाव बताया जा रहा है। कई जगह चैनल से ओवरफ्लो होकर पानी राष्ट्रीय राजमार्ग की पटरियों के समीप जमा हो रहा है। डोली सरहद में दर्जनों खेतों में खड़ी सैकड़ों बीघा जमीन में उगी फसलें रासायनिक पानी में डूब चुकी है। किसानों की तमाम कोशिशों के बाद भी प्रदूषित पानी का खेतों में प्रवेश रूक नहीं रहा है। जलमग्न फसलों के गलने के अंदेशे से किसानों की मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है।

जोधपुर जिले के कारखानों से निकलने वाला रासायनिक व सीवरेज का गंदा पानी पिछले दो वर्ष से ज्यादा समय से डोली में तबाही की वजह बना हुआ है। बीते दिनों गंदे पानी से लबालब कच्चे एनीकट के ढहने के बाद पानी जब रेबारियों की बस्ती में घुसा तो प्रशासन ने चैनल निर्माण का कार्य शुरू करवाया। इससे पानी डायवर्ट होकर उत्तर की ओर स्थित खेतो में बह रहा है। प्रशासन द्वारा जेसीबी से खुदवाए गए खाईनुमा चैनल से ओवरफ्लो होकर पानी का तेज बहाव खेतों को जलमग्न कर रहा है।

डोली सरहद में दर्जनों खेतों में लहलहा रही फसलें पानी में डूबी हुई है। गत वर्ष फसलों को हुए नुकसान का दर्द यहां के लोग भूल ही नहीं पाए थे कि अब प्रदूषित पानी ने फिर वही हालात बना दिए हैं। खेतों से बहते पानी व लगातार जल भराव के कारण फसलों के गलकर चौपट होने का अंदेशा किसानों के लिए चिंता की वजह बन गया हैं। बुवाई पर हजारों रूपए खर्च कर खून पसीना बहाने वाले किसान नुकसान के अंदेशे से चिंतित है।

गोदावास मार्ग जलमग्न


बहाव में आई तेजी के बाद डोली से गोदावास की ओर जाने वाली सड़क आधा किमी तक पानी में डूब गई है। जलमग्न सड़क पर करीब दो फीट पानी का बहाव बताया जा रहा है।

अब अराबा का रूख

तेजी से बहता प्रदूषित पानी चैनल व खेतों मे से होकर अराबा की तरफ बढ़ रहा है। अराबा बस स्टैंड से दो सौ मीटर दूर तक प्रदूषित पानी मंगलवार दोपहर तक पहुंच चुका था। बहाव में लगातार तेजी के चलते नुकसान की आशंका से अराबा गांव के लोग चिंतित नजर आए। भारतीय किसान संघ के तहसील उपाध्यक्ष किशनसिंह अराबा के अनुसार प्रशासन व सरकार ने बेशर्मी की चादर ओढ़ ली है।

रेबारी बस्ती में समस्या बरकरार

डोली गांव की रेबारी बस्ती में हालात अब भी सामान्य नहीं हो पाए हैं। बस्ती की ओर जाने वाला मार्ग पूरी तरह से पानी में डूबा हुआ है। ढाणी तक पहुंचने के लिए लोगों को उजड़ रास्तों से खेतों से होकर आवागमन करना पड़ रहा है।
अब आर-पार की लड़ाई का वक्त

दो वर्ष से ज्यादा समय से चल रही प्रदूषित पानी की समस्या अब बेकाबू हो गई है। गले तक धाप चुके लोगों के सामने सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने के अलावा कोई चारा शेष नहीं है।- किशनसिंह अराबा, जिला उपाध्यक्ष, भारतीय किसान संघ

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