गुजरात के आईपीएस संजीव भट्ट सस्पेंड
गांधीनगर। गुजरात के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी संजीव भट्ट को सोमवार की देर रात पद के अनुरूप व्यवहार न करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। भट्ट लम्बे अरसे से छुटि्टयों पर चल रहे थे।
भट्ट उस वक्त चर्चा में आए थे जब उन्होंने कहा था कि वर्ष 2002 में हुए गोधरा कांड के बाद मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई बैठक में वह शामिल थे। उन्होंने गोधरा कांड के बाद भड़के दंगे के सिलसिले में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे।
भट्ट को अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) वारेश सिन्हा का हस्ताक्षरित निलंबन आदेश दिया गया जिसमें कहा गया कि उन्हें पद के अनुरूप व्यवहार न करने और कदाचार सहित विभिन्न आरोपों के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।
निलंबन पत्र में जो अन्य कारण बताए गए हैं उनमें अपनी पिछली तैनाती से अनाधिकारिक रूप से अनुपस्थित रहने, बुलाए जाने पर जांच समिति के समक्ष पेश न होने और सरकारी कार का दुरूपयोग शामिल हैं।
गोधरा कांड 27 फरवरी 2002 को हुआ था जिसमें रेलगाड़ी में आग लग जाने की वजह से 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी। इसके बाद राज्यभर में हुए दंगे में कम से कम एक हजार लोगों की मौत हो गई थी।
गांधीनगर। गुजरात के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी संजीव भट्ट को सोमवार की देर रात पद के अनुरूप व्यवहार न करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। भट्ट लम्बे अरसे से छुटि्टयों पर चल रहे थे।
भट्ट उस वक्त चर्चा में आए थे जब उन्होंने कहा था कि वर्ष 2002 में हुए गोधरा कांड के बाद मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई बैठक में वह शामिल थे। उन्होंने गोधरा कांड के बाद भड़के दंगे के सिलसिले में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे।
भट्ट को अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) वारेश सिन्हा का हस्ताक्षरित निलंबन आदेश दिया गया जिसमें कहा गया कि उन्हें पद के अनुरूप व्यवहार न करने और कदाचार सहित विभिन्न आरोपों के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।
निलंबन पत्र में जो अन्य कारण बताए गए हैं उनमें अपनी पिछली तैनाती से अनाधिकारिक रूप से अनुपस्थित रहने, बुलाए जाने पर जांच समिति के समक्ष पेश न होने और सरकारी कार का दुरूपयोग शामिल हैं।
गोधरा कांड 27 फरवरी 2002 को हुआ था जिसमें रेलगाड़ी में आग लग जाने की वजह से 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी। इसके बाद राज्यभर में हुए दंगे में कम से कम एक हजार लोगों की मौत हो गई थी।
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