मंगलवार, 23 अगस्त 2011

अनशन से अन्ना की किडनी पर असर?

नई दिल्ली
अनशन के सातवें दिन अन्ना का वजन 5 किलो कम हो गया। उनका वजन 72 किलो से 67 किलो पर आ गया। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, किरण बेदी ने कहा कि अन्ना की किडनी में इनफैक्शन हो गया है, लेकिन बाद में केजरीवाल ने कहा कि अन्ना की सेहत ठीक है। उनके खून और पेशाब में कीटोन भी पाया गया जिससे उनके लीवर और किडनी पर असर पड़ सकता है। उनका ब्लड प्रेशर भी कम हुआ है।
anna-hazare.jpg
हार्ट केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉक्टर के. के. अग्रवाल ने कहा कि पेशाब में कीटोन मिलने का मतलब यह है कि उनमें एनर्जी के लिए फैट का इस्तेमाल होने लगा है। अन्ना का जो वजन है, उस हिसाब से वह 10 किलो तक की कमी का खतरा मोल ले सकते हैं। अन्ना का बीपी 30 कम होना और पल्स दर 10 बढ़ने का मतलब डिहाइड्रेशन है। उन्हें तरल पेय की और जरूरत है।

डायबीटिक रिसर्च सेंटर के चेयरमैन डॉक्टर ए. के. झिंगन ने कहा कि जब बॉडी को बाहर से ग्लूकोज नहीं मिलता है तो बॉडी में शुगर कम होने लगता है। फिर इंसुलिन की मात्रा भी कम होती जाती है। ऐसे में लीवर शुगर बनाता है और ग्लूकागोन की मात्रा बढ़ती है। शुगर अगर लगातार कम होता जाए तो लीवर में लाइपोलाइसिस की प्रक्रिया तेज हो जाती है। फ्री फैटी ऐसिड टूटने शुरू होते हैं जो कीटोन बनते हैं और यूरीन के साथ बाहर आते हैं। अगर अनशन ज्यादा चलता रहा तो सबसे पहले ब्रेन पर असर पड़ता है। बेहोशी की हालत भी आ सकती है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें