लोकपाल: आज संसद के भीतर और बाहर होगी लड़ाई, अन्ना के आंदोलन में कूदे डॉक्टर तीसरा मोर्चा का विरोध प्रदर्शन। संसद में सरकार को घेरेगी भाजपा। क्लीनिकों में चलेगी अन्ना की पाठशाला। नई दिल्ली. भ्रष्टाचार के खिलाफ माहौल को भुनाने और केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ाने के मकसद से वाम मोर्चा और उसके कुछ सहयोगी दलों का मंगलवार को सड़कों पर विरोध प्रदर्शन होगा। वामदलों के अलावा तेदेपा, अन्नाद्रमुक, बीजद, जद-एस और रालोद भी मोर्चे में शामिल हैं। सोची-समझी रणनीति के तहत इस बार इन पार्टियों ने दिल्ली में कोई बड़ा कार्यक्रम न करने का फैसला किया है। प्रमुख प्रदर्शन इन पार्टियों के प्रभाव वाले प्रदेशों में सीमित होगा। मगर संसद परिसर में इन नौ दलों के सदस्य गांधी प्रतिमा के सामने कुछ समय तक सांकेतिक धरने पर बैठेंगे। वाम दल, खासतौर पर भाकपा ने भारत बंद का प्रस्ताव दिया था, मगर अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जयललिता और बीजद नेता इसके समर्थन में नहीं थे।
उधर, संसद के भीतर सरकार को घेरने के लिए भाजपा तैयार है। सोमवार को लालकृष्ण आडवाणी के निवास पर राजग की बैठक में इसकी रणनीति बन गई है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के नेतृत्व में छिड़ी मुहिम से रोज हजारों लोग जुड़ रहे हैं। अब डॉक्टरों ने भी इसमें अपनी भागीदारी देने का फैसला किया है। मंगलवार से देशभर के हजारों क्लीनिकों को पाठशाला में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने लिया है। डॉक्टर क्लीनिकों में पहुंचने वाले मरीजों और उनके रिश्तेदारों को जनलोकपाल की बारीकियों के बारे में अवगत कराएंगे।
आईएमए के संयुक्त सचिव डॉ. नरेंद्र सैनी ने बताया कि संस्थान की तमाम शाखाओं और पंजीकृत सदस्यों द्वारा संचालित तमाम क्लीनिक में पाठशालाएं आयोजित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि पाठशाला में लोगों को जनलोकपाल से संबंधित बारीकियों की जानकारी दी जाएगी। अगर किसी शाखा या क्लीनिक में जनलोकपाल के बारे जानने की इच्छा लेकर पहुंचने वालों की संख्या काफी ज्यादा हो तो उनके लिए विशेष कार्यशाला भी आयोजित की जा सकती है। मंगलवार से पूरे देश में यह मुहिम शुरू हो जाएगी। इसके लिए हजारों संख्या में डॉक्टरों के पास ई-मेल या सूचना के अन्य माध्यमों के जरिए जनलोकपाल की प्रमुख तथ्यों को भेज दिया गया है।
इतना ही नहीं, जब तक जनलोकपाल संसद में पारित नहीं हो जाता, तब तक देश भर में हजारों डॉक्टर काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। डॉ. सैनी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि फिलहाल लोगों के प्रति डॉक्टरों की जवाबदेही को देखते हुए काली पट्टी बांधकर ही अपना विरोध दर्ज कराएंगे। अगर सरकार अपने अडिय़ल रवैये में बदलाव नहीं लाएगी तो देश भर के हजारों डॉक्टर हड़ताल पर जाने से भी नहीं हिचकेंगे।
सेक्स वर्कर का भी समर्थनअन्ना हजारे को समर्थन देने के लिए रोजाना दिल्ली की बदनाम गली जीबी रोड से ताल्लुक रखने वाली सेक्स वर्कर भी पहुंच रही हैं। उनका कहना है कि वे भी आम लोगों की तरह अन्ना अंकल का समर्थन करती हैं। अनशन की सफलता के लिए उनसे जितना बन पड़ेगा वे करेंगी।
भारतीय पतिता उद्धार सभा दिल्ली इकाई की महासचिव नसरीन ने बताया कि हमारा पेशा अवैध होने के साथ-साथ समाज में सबसे घिनौना समझा जाता है। अवैध होने के कारण हमारे साथ भ्रष्टाचार भी ज्यादा होता है। यदि किसी सेक्स वर्कर को राशन कार्ड बनवाना होता है तो उसको आम लोगों से ज्यादा रिश्वत देनी पड़ती है। ऐसा ही सलूक राशन की दुकान पर भी किया जाता है। इसका मुख्य कारण हमारे पेशे को सरकार की ओर से वैध न करना है।
यही कारण है कि जीबी रोड पर सक्रिय लगभग चार हजार से ज्यादा सेक्स वर्कर अन्ना अंकल के अनशन को पूरी तरह से समर्थन दे रही हैं और प्रति दिन शाम को रोजा इफ्तार करने के बाद रामलीला मैदान में समूह बना कर जाती हैं।
उधर, संसद के भीतर सरकार को घेरने के लिए भाजपा तैयार है। सोमवार को लालकृष्ण आडवाणी के निवास पर राजग की बैठक में इसकी रणनीति बन गई है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के नेतृत्व में छिड़ी मुहिम से रोज हजारों लोग जुड़ रहे हैं। अब डॉक्टरों ने भी इसमें अपनी भागीदारी देने का फैसला किया है। मंगलवार से देशभर के हजारों क्लीनिकों को पाठशाला में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने लिया है। डॉक्टर क्लीनिकों में पहुंचने वाले मरीजों और उनके रिश्तेदारों को जनलोकपाल की बारीकियों के बारे में अवगत कराएंगे।
आईएमए के संयुक्त सचिव डॉ. नरेंद्र सैनी ने बताया कि संस्थान की तमाम शाखाओं और पंजीकृत सदस्यों द्वारा संचालित तमाम क्लीनिक में पाठशालाएं आयोजित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि पाठशाला में लोगों को जनलोकपाल से संबंधित बारीकियों की जानकारी दी जाएगी। अगर किसी शाखा या क्लीनिक में जनलोकपाल के बारे जानने की इच्छा लेकर पहुंचने वालों की संख्या काफी ज्यादा हो तो उनके लिए विशेष कार्यशाला भी आयोजित की जा सकती है। मंगलवार से पूरे देश में यह मुहिम शुरू हो जाएगी। इसके लिए हजारों संख्या में डॉक्टरों के पास ई-मेल या सूचना के अन्य माध्यमों के जरिए जनलोकपाल की प्रमुख तथ्यों को भेज दिया गया है।
इतना ही नहीं, जब तक जनलोकपाल संसद में पारित नहीं हो जाता, तब तक देश भर में हजारों डॉक्टर काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। डॉ. सैनी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि फिलहाल लोगों के प्रति डॉक्टरों की जवाबदेही को देखते हुए काली पट्टी बांधकर ही अपना विरोध दर्ज कराएंगे। अगर सरकार अपने अडिय़ल रवैये में बदलाव नहीं लाएगी तो देश भर के हजारों डॉक्टर हड़ताल पर जाने से भी नहीं हिचकेंगे।
सेक्स वर्कर का भी समर्थनअन्ना हजारे को समर्थन देने के लिए रोजाना दिल्ली की बदनाम गली जीबी रोड से ताल्लुक रखने वाली सेक्स वर्कर भी पहुंच रही हैं। उनका कहना है कि वे भी आम लोगों की तरह अन्ना अंकल का समर्थन करती हैं। अनशन की सफलता के लिए उनसे जितना बन पड़ेगा वे करेंगी।
भारतीय पतिता उद्धार सभा दिल्ली इकाई की महासचिव नसरीन ने बताया कि हमारा पेशा अवैध होने के साथ-साथ समाज में सबसे घिनौना समझा जाता है। अवैध होने के कारण हमारे साथ भ्रष्टाचार भी ज्यादा होता है। यदि किसी सेक्स वर्कर को राशन कार्ड बनवाना होता है तो उसको आम लोगों से ज्यादा रिश्वत देनी पड़ती है। ऐसा ही सलूक राशन की दुकान पर भी किया जाता है। इसका मुख्य कारण हमारे पेशे को सरकार की ओर से वैध न करना है।
यही कारण है कि जीबी रोड पर सक्रिय लगभग चार हजार से ज्यादा सेक्स वर्कर अन्ना अंकल के अनशन को पूरी तरह से समर्थन दे रही हैं और प्रति दिन शाम को रोजा इफ्तार करने के बाद रामलीला मैदान में समूह बना कर जाती हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें