रविवार, 7 अगस्त 2011

बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ,साइकिल वितरण योजना इस वर्ष भी लेटलतीफी की शिकार



जैसलमेर। राज्य सरकार की ओर से बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयास की कड़ी में शुरू की गई साइकिल वितरण योजना इस वर्ष भी लेटलतीफी की शिकार है। नया शैक्षणिक सत्र शुरू हुए एक माह से अघिक का समय बीत चुका है, लेकिन छात्राओं को दी जाने वाली साइकिलें अभी फाइलों में ही चल रही हैं।

वैसे भी चार वर्ष पूर्व शुरू की गई इस योजना में लाभान्वित होने वाली छात्राओं को करीब-करीब हर वर्ष साइकिल पाने के लिए इंतजार ही करना पड़ा है। इस बार भी कुछ ऎसे ही हालात नजर आ रहे हंै। हालांकि इन बालिकाओं की ओर से अपने हिस्से की निर्घारित राशि भी जमा करवाई जा चुकी है, फिर भी उन्हें साइकिलों का इंतजार है।

यह है योजना
शिक्षण संस्थाओं से दूरी पर निवास करने वाली बालिकाओं के लिए आगे की शिक्षा में विद्यालय की दूरी रूकावट नहीं बने, इसे लेकर बजट घोषणा 2007-08 में यह योजना लागू की गई थी।


योजना में इस बार नियमों में फेरबदल भी किया गया है। मसलन पूर्व में ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाली दसवीं में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को ही साइकिलें मिल रही थी, जबकि इस वर्ष नवीं और दसवीं दोनों कक्षाओं के लिए यह योजना रखी गई है। इसी प्रकार पूर्व में बालिका के गांव से दो से पांच किमी की दूरी पर कोई शिक्षण संस्था नहीं होने पर ही वे इसके लिए पात्र थीं। अब जिस छात्रा के गांव में माध्यमिक विद्यालय नहीं है, वह इसके लिए पात्र है। पहले जहां पूर्व में छात्रा को अपनी ओर से तीन सौ रूपए का अंशदान जमा करवाना पड़ता था, वहीं अब यह राशि घटा कर सौ रूपए कर दी गई है।

जिले में स्थिति
योजना का मूल मकसद यह है कि विद्यालय से घर की दूरी किसी भी हालत में शिक्षण कार्य में बाधक न बने। ऎसे में इस योजना से जिले की अघिक से अघिक छात्राओं के लाभान्वित होने की उम्मीद है। हालांकि अब पहले की अपेक्षा विद्यालयों की संख्या में अघिक बढ़ोतरी हुई है, फिर भी कई ऎसे गांव है, जिनसे विद्यालयों की दूरी अघिक है। जिले में चालू शैक्षणिक सत्र में 219 छात्राओं ने अंशदान की राशि निर्घारित समयावघि में जमा करवाई है, जिन्हें नई साइकिलों का इंतजार है।

वर्ष दर वर्ष बढ़ी संख्या
सीमावर्ती जिले में सुदूर ग्रामीण अंचलों में छितराई ढाणियों में निवास करने वाली वे बालिकाएं, जिनके गांव या ढाणी से विद्यालय दूर है, उनके लिए यह योजना लाभदायक साबित हो रही है। यही कारण है कि योजना के लागू होने के गत चार वर्षो के दौरान लाभान्वित बालिकाओं की संख्या में प्रति वर्ष बढ़ोतरी होती जा रही है। वर्ष 2007-08 में 58 बालिकाओं को इस योजना में साइकिलें मिलीं। इसी प्रकार वर्ष 2008-09 में 88 , वर्ष 2009-10 में 72 और वर्ष 2010-11 में 135 बालिकाओं को इस योजना के तहत साइकिल देकर लाभान्वित किया गया। चालू वित्तीय वर्ष में 219 बालिकाओं ने साइकिलों के लिए आवेदन किया है।

डिमांड भेजी जा चुकी है
जिन छात्राओं ने राशि जमा करवाई थी, उसकी डिमांड बीकानेर भिजवाई जा चुकी है। साइकिलों की सप्लाई आते ही उनका वितरण कर दिया जाएगा। - दलपतसिंह, अतिरिक्त जिला शिक्षा अघिकारी, जैसलमेर

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