बलात्कार के बाद पुलिस ने की हत्या!
रायपुर। सरगुजा के बलरामपुर पुलिस जिले के चांदो थाना इलाके में रहने वाली 15 साल की मीना खलको पुलिस की गोलियों से मारी गई। इससे पहले उसके साथ दुष्कर्म किया गया था। इस मामले में पुलिस की भूमिका केवल संदिग्ध ही नहीं, बल्कि वह अपराध के दायरे में आ गई है। लेकिन, सरकार ने अब तक केवल जांच की घोषणा की है। यह जांच भी शुरू नहीं हो पाई है, पर पुलिस के खिलाफ साक्ष्य मिटाने के सुबूत मिल गए हैं। इतना ही नहीं, सरकार मानवाधिकार उल्लंघन के गम्भीर आरोप में भी घिर गई है।
यह कहना है स्वयंसेवी संगठन "छत्तीसगढ़ बचपन बचाओ आंदोलन" का। इस संगठन के छह सदस्यों की एक टीम ने मीना खलको प्रकरण की जांच करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण साक्ष्यों के साथ ऎसे तथ्य पेश किए गए हैं, जो सरकारी जांच के दावों की पोल खोलते हैं। इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल और नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे भी मीना के गांव में जाकर पड़ताल कर चुके हैं। कांग्रेस ने भी सरकार को कटघरे में खड़े करने वाले आरोप लगाए हैं।
मीना खलको के साथ दुष्कर्म और तीन गोलियों से मौत के बाद पुलिस ने दावा किया था कि वह माओवादियों की सहयोगी थी और उसकी मौत पुलिस मुठभेड़ में हुई है। बचपन बचाओ आंदोलन की जांच रिपोर्ट के मुताबिक यह दावा झूठा है। 5 और 6 जुलाई की दरम्यानी रात वह अपने घर से स्कर्ट और ब्लाउज पहनकर निकली थी।
बाद में गोलियों से घायल अवस्था में पुलिस जब उसे अस्पताल लेकर आई तो वह साड़ी पहने हुए थी। पुलिस की संदिग्ध भूमिका यहीं से प्रकाश में आई। पुलिस साक्ष्यों को मिटाने के आरोप में घिर गई है। यही नहीं, एसडीओपी स्तर के एक पुलिस अधिकारी ने गवाहों से कोरे कागज पर भी हस्ताक्षर लिए। मीना का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर की रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि मीना को नजदीक से गोली मारी गई और दुष्कर्म के सुबूत भी मिले हैं।
पुलिस पर कोई कार्रवाई नहीं
इस मामले में कार्रवाई के नाम पर सिर्फ यह हुआ है कि चांदो थाने का पूरा स्टाफ हटा दिया गया। किसी भी पुलिस कर्मी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है। जबकि, यह साफ है कि लड़की की हत्या हुई है। पीडित परिवार के लोग मुख्यमंत्री से मिलने रायपुर आए थे। इसके बाद दंडाधिकारी जांच की घोषणा की गई। यह जांच भी शुरू नहीं हुई है।
जांच के बाद तथ्य आएंगे
इस मामले की सीआईडी जांच के आदेश भी हो चुके हैं। केस उन्हें दिया जा चुका है। मामले की न्यायिक जांच के आदेश भी हो चुके हैं। जो भी तथ्य हैं इस जांच में सामने आ जाएंगे।
राजेश मिश्रा, आईजी, सरगुजा रेंज विधानसभा में उठाएंगे
आदिवासी युवती मीना खलखो को नक्सली बताकर फर्जी मुठभेड़ में मार डालने का मामला सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में जोर-शोर से उठाया जाएगा।
नंदकुमार पटेल, अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस
रायपुर। सरगुजा के बलरामपुर पुलिस जिले के चांदो थाना इलाके में रहने वाली 15 साल की मीना खलको पुलिस की गोलियों से मारी गई। इससे पहले उसके साथ दुष्कर्म किया गया था। इस मामले में पुलिस की भूमिका केवल संदिग्ध ही नहीं, बल्कि वह अपराध के दायरे में आ गई है। लेकिन, सरकार ने अब तक केवल जांच की घोषणा की है। यह जांच भी शुरू नहीं हो पाई है, पर पुलिस के खिलाफ साक्ष्य मिटाने के सुबूत मिल गए हैं। इतना ही नहीं, सरकार मानवाधिकार उल्लंघन के गम्भीर आरोप में भी घिर गई है।
यह कहना है स्वयंसेवी संगठन "छत्तीसगढ़ बचपन बचाओ आंदोलन" का। इस संगठन के छह सदस्यों की एक टीम ने मीना खलको प्रकरण की जांच करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण साक्ष्यों के साथ ऎसे तथ्य पेश किए गए हैं, जो सरकारी जांच के दावों की पोल खोलते हैं। इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल और नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे भी मीना के गांव में जाकर पड़ताल कर चुके हैं। कांग्रेस ने भी सरकार को कटघरे में खड़े करने वाले आरोप लगाए हैं।
मीना खलको के साथ दुष्कर्म और तीन गोलियों से मौत के बाद पुलिस ने दावा किया था कि वह माओवादियों की सहयोगी थी और उसकी मौत पुलिस मुठभेड़ में हुई है। बचपन बचाओ आंदोलन की जांच रिपोर्ट के मुताबिक यह दावा झूठा है। 5 और 6 जुलाई की दरम्यानी रात वह अपने घर से स्कर्ट और ब्लाउज पहनकर निकली थी।
बाद में गोलियों से घायल अवस्था में पुलिस जब उसे अस्पताल लेकर आई तो वह साड़ी पहने हुए थी। पुलिस की संदिग्ध भूमिका यहीं से प्रकाश में आई। पुलिस साक्ष्यों को मिटाने के आरोप में घिर गई है। यही नहीं, एसडीओपी स्तर के एक पुलिस अधिकारी ने गवाहों से कोरे कागज पर भी हस्ताक्षर लिए। मीना का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर की रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि मीना को नजदीक से गोली मारी गई और दुष्कर्म के सुबूत भी मिले हैं।
पुलिस पर कोई कार्रवाई नहीं
इस मामले में कार्रवाई के नाम पर सिर्फ यह हुआ है कि चांदो थाने का पूरा स्टाफ हटा दिया गया। किसी भी पुलिस कर्मी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है। जबकि, यह साफ है कि लड़की की हत्या हुई है। पीडित परिवार के लोग मुख्यमंत्री से मिलने रायपुर आए थे। इसके बाद दंडाधिकारी जांच की घोषणा की गई। यह जांच भी शुरू नहीं हुई है।
जांच के बाद तथ्य आएंगे
इस मामले की सीआईडी जांच के आदेश भी हो चुके हैं। केस उन्हें दिया जा चुका है। मामले की न्यायिक जांच के आदेश भी हो चुके हैं। जो भी तथ्य हैं इस जांच में सामने आ जाएंगे।
राजेश मिश्रा, आईजी, सरगुजा रेंज विधानसभा में उठाएंगे
आदिवासी युवती मीना खलखो को नक्सली बताकर फर्जी मुठभेड़ में मार डालने का मामला सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में जोर-शोर से उठाया जाएगा।
नंदकुमार पटेल, अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस
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