रविवार, 7 अगस्त 2011

'अघिवक्ता ईमानदारी से पैरवी करें'


बार एसोसिएशन की कार्यशाला
बाड़मेर जिला परिषद कार्यालय में शनिवार को आर्ट ऑफ एडवोकेसी एवं प्रोफेशनल एथिक्स पर बार एसोसिएशन की कार्यशाला का आयोजन हुआ। अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति आरएस राठौड़ ने कहा कि अधिवक्ता को सबसे पहले एक साइक्लॉजिस्ट होना चाहिए। कड़ी मेहनत कर अपने पक्षकार की पैरवी करनी चाहिए। अगर पक्षकार आपको अच्छे माक्र्स देकर पास कर देता है तो निर्णय कुछ भी हो यह पक्षकार के भाग्य पर निर्भर है। उन्होंने अधिवक्ताओं से टेबल वर्क कर अपने पक्षकार की ईमानदारी से पैरवी करने की बात कही। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सोहनलाल चौधरी ने जिले में अधिवक्ताओं को अधिक जागरूक रहकर पक्षकारों की पैरवी करने पर जोर दिया। उन्होंने मुख्यालय पर मुंसिफ कोर्ट, ग्रामीण न्यायालय व एएमजेएम के खाली कोर्ट में पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने एवं एनडीपीएस कोर्ट जोधपुर से बाड़मेर लाने की मांग की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए न्यायाधिपति डॉ.विनित कोठारी ने प्रोफेशनल इथिक के बारे में नव अधिवक्ताओं को पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा जितनी मेहनत करेंगे उतने ही अधिक रूप से निखार आएगा। इससे 10-15 वर्षों बाद मेहनत का फल मिलना तय है। उन्होंने युवा अधिवक्ताओं से बुजुर्ग अधिवक्ताओं को सम्मान देने की बात कही।
विशिष्ट अतिथि विधायक मेवाराम जैन ने नए अधिवक्ताओं की सुविधा के लिए पांच लाख रुपए अपने विधायक कोटे से देने की घोषणा की। कार्यशाला में कलेक्टर गौरव गोयल ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यशाला की शुरुआत सुनीता चौधरी ने अतिथियों के तिलक लगा कर की गई। उगम सिंह राठौड़ ने कार्यशाला को समाप्त करने की घोषणा की। कार्यशाला का संचालन अमृतलाल जैन ने किया

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