नई दिल्ली पश्चिम दिल्ली के निहाल विहार थाने में एक ट्रेनी एसआई ने अपने ही अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना से थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों में जहां हड़कंप मच गया वहीं, आला अधिकारी भी सकते में आ गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कमिश्नर बीके गुप्ता ने भी मौका-ए-वारदात पर पहुंच कर पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली। आरोपी को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की जा रही है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि कुछ दिनों से अहम के टकराव को लेकर दोनों के बीच मनमुटाव चल रहा था। घटना गुरुवार शाम लगभग पांच बजे की है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक 1996 बैच के एसआई कैलाश चंद यादव (38) निहाल विहार थाने के आईओ रूम में एक अन्य पुलिसकर्मी के साथ बैठे थे। इसी थाने की क्यूआरटी जिप्सी पर तैनात पीएसआई अमरजीत (26) वहां पहुंचा और आते-आते उसने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से कैलाश चंद पर फायर कर दिए। एक गोली उसके सीने में और एक पेट में लगी है। थाने के अन्य कर्मचारियों ने शीघ्र कैलाश को बालाजी हॉस्पिटल में पहुंचा दिया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जानकारी के अनुसार, दिलशाद गार्डन में अपने परिवार के साथ रहने वाले कैलाश चंद तीन-चार माह पहले ही दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल से निहाल विहार भेजे गए थे। उन्हें वीरता के लिए राष्ट्रपति गैलेंट्री अवॉर्ड भी मिल चुका था। वहीं, अमर जीत सिंह रणहौला थाने से दो महीने पहले ही निहाल विहार थाने में तैनात किया गया था।
अरविंद सैनी : पुलिस जांच में जुटी है कि आखिर पीएसआई अमरजीत ने अपने ही सीनियर अधिकारी को अचानक क्यों गोलियों से भून दिया। हालांकि, पुलिस के कुछ अधिकारियों का मानना है कि इस घटना का कारण एक दिन की तनातनी नहीं हो सकती। प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि क्यूआरटी ड्राइवर ने अमरजीत से कहा था कि उसे जिप्सी में तेल डलवाना है, लेकिन अमरजीत ने उसे पहले थाने चलने का निर्देश दिया। वह काफी गुस्से में दिख रहा था। उसने जाते ही कैलाश पर दनादन दो गोलियां चला दीं। पुलिस इस जांच में लगी है कि अमरजीत ने चालक से अचानक थाने चलने के लिए क्यों कहा था? पुलिस यह मानकर चल रही है कि इस घटना से पहले अमरजीत और कैलाश में फोन पर बातचीत हुई होगी। फोन पर तनातनी होने के बाद ही वह गुस्से में पुलिस थाने पहुंचा होगा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दोनों के कॉल डिटेल्स निकलवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि उससे मामले की तह तक पहुंचा जा सके।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें