शुक्रवार, 22 जुलाई 2011

भले ही आधी रोटी खाएं, मगर अपने बच्चों को जरूर पढ़ाएं


भले ही आधी रोटी खाएं, मगर अपने बच्चों को जरूर पढ़ाएं

बाड़मेर
पश्चिमी राजस्थान की पुरानी पाठशाला दारूल उलूम फैजे गोसिया खारची का वार्षिक जलसा गुरुवार को शान से संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुफ्ती कलीम अशरफ ने कहा कि खारची मदरसे से देशवासियों को एकता की सीख लेनी चाहिए। इस पाठशाला में मुस्लिम व हिंदू छात्र-छात्राएं एक साथ अध्ययन करती हैं। उन्होंने कहा थार के धोरों के बीच बसे इस छोटे से गांव में छात्र-छात्राओं के लिए अलग से सीनियर सेकंडरी, कंप्यूटर व सिलाई मशीन का इंतजाम देख मौलाना ताज मोहम्मद को बधाई दी।

मुफ्ती अशफाक हुसैन ने छात्राओं की तालीम पर जोर देते हुए कहा कि खारची के मदरसे में लड़कियों की उच्च शिक्षा का पूरा इंतजाम है। मुफ्ती शेर मोहम्मद ने मिलत की एकता एवं तरक्की पर जोर देते हुए कहा कि बिना शिक्षा के देश एवं कौम की तरक्की संभव नहीं। उन्होंने कहा आधी रोटी खाएं मगर बच्चों को जरूर पढ़ाएं। मौलाना कातिब अहमद लूनी शरीफ कच्छ गुजरात, मौलाना सैयद अयूब अली अशरफी नागौर, सयैद पीर नूर उल्ला शाह बुखारी सेहलाऊ, मुफ्ती वल्ली मोहम्मद सेड़वा, कारी नूर मोहम्मद जैसलमेर, मौलाना दिलकश जोधपुर ने तकरीरें पेश की।

कार्यक्रम में जिला प्रमुख गफूर अहमद, बामणौर सरपंच सैयद गुलाम शाह, लादूराम विश्नोई गुड़ामालानी, तरुण राय कागा चौहटन, सरपंच खलीफा, रोशन खां, पूर्व उप जिला प्रमुख अली मोहम्मद, सच्चू खां, रहीम खां, जानू खां जैसलमेर, वकील नियाज अली मुनवर, बसीर खां मौलाना, अबीबुरहमान सेड़वा, डॉ.मोहम्मद हनीफ कोटा, सेठ लियाकत अली पाली जलसे में शरीक हुए। कमालुद्दीन खारची ने बताया कि सालाना जलसे में 14 छात्रों की दस्तार बंदी हुई जिसमें तीन छात्रों को आलीम फाजिल की डिग्री दी एवं 11 छात्रों को कारी की सन्द से नवाजा गया। छात्रों की दस्तार बंदी मुफ्ती सैयद कलीम अशरफ कछुछा शरीफ यूपी व मुफ्ती -ए -आजिम राजस्थान मुफ्ती अशफाक हुसैन नईमी ने अपने हाथों से कराई। शेरे राजस्थान मुफ्ती शेर मोहम्मद ने बुखारी शरीफ का आखरी पाठ पढ़ाया व सैयद अली अकबर शाह जिलानी लूनी शरीफ गुजरात ने दुआ फरमाई।

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