इस्लामाबाद ।। दक्षिणी पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हैदराबाद प्रेस क्लब के बाहर एक हिंदू जोड़े ने शादी रचा ली। पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों की शादी को अभी तक कानूनी दर्जा हासिल नहीं है। ऐसे में हिंदू लोगों की मांग हैं कि भारत की तर्ज पर पाकिस्तान में हिंदू शादी को कानूनी मान्यता मिलें।
पदमा और मुकेश ने हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार सात फेरे लिए लेकिन किसी भी तरह की धूमधाम नहीं की। आजादी के बाद से ही देश में हिंदू जोड़े को किसी भी तरह के अधिकार नहीं दिए गए हैं। ऐसे में लड़कियों को जबरन धर्म बदलने के लिए मजबूर किया जाता है या उन्हें मजबूरी में शादी करनी पड़ती है। हिंदू परिवारों को प्रापर्टी रजिस्ट्रेशन, पासपोर्ट वगैरह में भी दिक्कतें होती है। शादी में शामिल हुए लोगों ने पाकिस्तानी कानून के खिलाफ नारे लगाए और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से अपील की हिंदू मैरिज एक्ट कानून को जल्द बनाया जाए।
पदमा और मुकेश ने हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार सात फेरे लिए लेकिन किसी भी तरह की धूमधाम नहीं की। आजादी के बाद से ही देश में हिंदू जोड़े को किसी भी तरह के अधिकार नहीं दिए गए हैं। ऐसे में लड़कियों को जबरन धर्म बदलने के लिए मजबूर किया जाता है या उन्हें मजबूरी में शादी करनी पड़ती है। हिंदू परिवारों को प्रापर्टी रजिस्ट्रेशन, पासपोर्ट वगैरह में भी दिक्कतें होती है। शादी में शामिल हुए लोगों ने पाकिस्तानी कानून के खिलाफ नारे लगाए और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से अपील की हिंदू मैरिज एक्ट कानून को जल्द बनाया जाए।
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