सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक सिर्फ दोस्तों को ही नहीं मिलाती बल्कि खोए हुओं को भी मिलाने का काम करती है।
इसका ताजातरीन उदाहरण है पुणे का मनोहर। पुणे पुलिस ने 33 साल के मनोहर वेंकटरमन नेमानिवर को 11 साल बाद खोज निकाला।
मनोहर 28 दिसंबर, 2000 को अपने घर नांदेड़ से गायब हो गया था। नांदेड में दो रेस्टोरेंट चलाने वाले उसके पिता वेंकटरमन ने पहली जनवरी 2001 को बेटे के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
मनोहर के परिवार वालों ने बेटे को खोजने के लिए फेसबुक पर अनजाने में ही मनोहर के एक बचपन के दोस्त से संपर्क किया। वहीं से उन्हें पता चला कि मनोहर शिरडी में साई बाबा के मंदिर में दर्शनों के आता जाता रहा है। इस बात की जानकारी मनोहर के परिवार वालों ने पुणे की साइबर क्राइम पुलिस को दी। पुलिस ने जाल बिछा कर पांच जुलाई को मनोहर को मंदिर के पास धर दबोचा।
साइबर क्राइम पुलिस के सब इंस्पेक्टर विकास कुंभार ने बताया कि मनोहर काफी समय से गोवा के एक रिसॉर्ट में वेटर के तौर पर काम कर रहा था। जब उसे पता चला कि उसका परिवार उसको खोज रहा है कि तो वह गोवा से नौकरी छोड़ कर भाग गया। लेकिन वह पुलिस के ट्रैक पर ही था। इसलिए उसे शिरडी जाने वाले रास्ते पर ही धर लिया गया।
बुधवार को उससे मिलने छावनगर रूरल पुलिस स्टेशन में नादेड़ गांव के काफी संख्या में लोग आए। पिता वेंकटरमन का कहना है कि में इस सच्चाई को पचा नहीं पा रहा हूं कि मेरा बेटा इस तरह नाटकीय अंदाज में मिला है।
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