जिला कलक्टर स्वामी ने सुचारु पेयजल व्यवस्था के लिए
नियमित बिजली आपूर्ति के निर्देश दिए
जैसलमेर, 8 जून/ जिला कलक्टर एम.पी. स्वामी ने वर्तमान में पड़ रही भीषण गर्मी को दृष्टिगत रखते हुए पेयजल विभाग के अधिकारियों को हिदायत दी कि वे शहरी व ग्रामीण अँचलों में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को सुचारु बनाएं रखें ताकि लोगों को पीने का पानी समय पर उपलब्ध हो। उन्होंने सहायक अभियंता विद्युत को सख्त निर्देश दिए कि विद्युत फॉल्ट के कारण पेयजल आपूर्ति व्यवस्था कम से कम बाधित हो इसके लिए ऐसे प्रयास किए जाएं कि विद्युत व्यवधान उत्पन्न होते ही तत्काल उसे दुरस्त किया जाए।
जिला कलक्टर स्वामी ने बुधवार को जैसलमेर कलेक्ट्रेट सभागार में पेयजल, विद्युत व्यवस्था की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। अतिरिक्त जिला कलक्टर बलदेव सिंह उज्जवल, उप निदेशक रामेश्वर प्रसाद मीणा के साथ ही विभिन्न विभागों के अधिकारीगण बैठक में उपस्थित थे।
जिला कलक्टर स्वामी ने जिले में पेयजल आपूर्ति की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि जहां कहीं से भी पानी की समस्या के सम्बन्ध में सूचना मिले, तत्काल वहां पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित कराएॅं। उन्होंने अधीक्षण अभियंता जलदाय मुकेश गुप्ता को निर्देश दिए कि वे विशेष रूप से इस गर्मी में अपने अधीनस्थ कनिष्ठ अभियंताओं के साथ ही नीचे के स्तर के कर्मचारियों को पाबन्द करें कि वे जलापूर्ति व्यवस्था पर पूर्ण रूप से नज़र रखें एवं जहां कहीं से भी विद्युत फॅाल्ट होने की सूचना मिले तत्काल विद्युत विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क कर उसे ठीक करवाने की व्यवस्था करें ताकि जलापूर्ति व्यवस्था में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं पड़े।
जिला कलक्टर ने सहायक अभियंता विद्युत को निर्देश दिए कि विद्युत फॉल्ट होते ही कम से कम समय में ठीक-ठाक हो जाए, इसके लिए विशेष टीम का गठन करें एवं इस कार्य में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाए। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि सभी लाईनमैनों को भी पाबन्द करें कि वे मुख्यालय पर रहंे एवं विद्युत फॅाल्ट की सूचना मिलते ही उसको सही करें।
उन्होंने कहा कि समाचार-पत्रों में भी पानी की समस्या के संबंध में समाचार प्रकाशित हों उसमें भी तत्परता से कार्यवाही करते हुए पेयजल परिवहन करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जून के महीने में जलदाय एवं विद्युत विभाग के कार्मिक आपसी तालमेल बिठा कर जिले में पेयजल व विद्युत व्यवस्था को सुचारु बनाने के पूर्ण प्रयास करें।
जिला कलक्टर ने शहरी क्षेत्रों में भी नगरपालिका के सहयोग से जिन वार्डो में पेयजल की अधिक समस्या हो वहां पर टैंकरों से भी पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित कर लोगों को समय पर हर हाल में पीने का पानी उपलब्ध कराएॅं। उन्होंने चिह्नित गांवों एवं ढॉंणियों में इस गर्मी को देखते हुए जहां पानी की ज्यादा जरूरत हो वहां अधिक टैंकर भेज कर पीने का पानी लोगों को उपलब्ध कराने को कहा।
अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री उज्जवल ने उपखण्ड अधिकारियों को कहा कि जिन गांवों व ढांणियों के लिए टैंकर बढ़ाने की आवश्यता हो उसकी सूची जलदाय विभाग के अधिकारियों को शीघ्र ही उपलब्ध करवा दें ताकि उसके अनुरूप टैंकरों से पेयजल परिवहन कराया जा सके।
बैठक में अधीक्षण अभियंता जलदाय गुप्ता ने जिले की पेयजल आपूर्ति व्यवस्था के बारे में विस्तार से जानकारी कराई। उन्होंने बताया कि समय-समय पर पानी के नमूनों की जांच की जा रही है।
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लू-तापघात बीमारियों के उपचार की समुचित व्यवस्था की जाए,
जिला कलक्टर ने सड़कों पर आई मिट्टी को हटाने के दिए निर्देश
जैसलमेर,8 जून/ जिला कलक्टर एम.पी.स्वामी ने जवाहिर चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी एवं जिला प्रजनन एवं शिश स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.पी.सिंह को निर्देश दिए कि भीषण गर्मी को देखते हुए श्री जवाहिर चिकित्सालय के साथ ही सभी प्राथमिक,सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर लू-तापघात जैसी बीमारियों के उपचार की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए एवं साथ ही पर्याप्त मात्रा में दवाइयों की उपलब्धता रखी जाए।
जिला कलक्टर स्वामी ने बुधवार को मौसमी बीमारियों की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लू-तापघात जैसी बीमारी के लक्षणों एवं उनके उपायों व बचाव के संबंध में लोगों को पूर्ण रूप से जानकारी प्रदान करें। उन्होंने निर्देश दिए कि मलेरिया रोकथाम के लिए भी पुख्ता उपाय किए जाएं। उन्होंने महानरेगा के कार्यो पर समय-समय पर श्रमिकों के स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था कराने के साथ ही कार्य स्थल पर मेडिकल किट की उपलब्धता कराने के निर्देश दिए।
बैठक में डॉ. बी.पी.सिंह ने बताया कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर लू-तापघात बीमारी के उपचार के पूरे प्रबन्ध किए गये हैं वहीं केन्द्रों पर बर्फ की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि मलेरिया रोकथाम के लिए 15 मई से डी.डी.टी. का छिड़काव प्रारंभ कर दिया गया है वहीं एन्टी लार्वा की कार्यवाही भी की जा रही है तथा पानी के टांकों में टेमीफोस डाला जा रहा है।
जिला कलक्टर स्वामी ने अधिशाषी अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग के.डी.चारण को निर्देश दिए कि ऑंधियों के कारण जिन सड़क मार्गो पर मिट्टी आ गयी है उनको हटाने की कार्यवाही तत्परता से की जाए ताकि सड़क मार्ग किसी भी सूरत में अवरूद्ध न हो। चारण ने बताया कि सड़कों पर आई रेत को हटाने के लिए जे.सी.बी मशीने एवं टेªक्टर लगा दिए गये हैं।
जिला कलक्टर ने बैठक के अवसर पर आर.यु.आई.डी.पी. के कार्यो की अधिशाषी अभियंता महेन्द्र सिंह पंवार से जानकारी लेते हुए निर्देश दिए कि जैसलमेर शहर में पेयजल आपूर्ति के संबंध में किए जाने वाले कार्यो में गति प्रदान करें ताकि शहर में पेयजल आपूर्ति में सुधार लाया जा सके।
जिला कलक्टर ने सहायक निदेशक, पशुपालन को निर्देश दिए कि जहां पर भी पशुओं की बीमारी के संबंध में सूचना मिले वहां तत्काल ही पशु चिकित्सा टीम भेज कर उपचार की व्यवस्था कराएं एवं इसमें किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं बरते। उन्होंने आयुक्त नगरपालिका जैसलमेर एम.आर. लोहिया को शहर की सफाई व्यवस्था को दुरस्त बनाए रखने के साथ ही इसके सतत मोनेटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने इ.गा.न.प. के अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिए कि वे नहरों एवं खालों में से मिट्टी निकालने के लिए विभाग स्तर से समय पर टैंडर की प्रक्रिया पूर्ण कराएँ ताकि मिट्टी निकालने का कार्य समय पर प्रारंभ किया जा सके।
अतिरिक्त जिला कलक्टर बलदेव सिंह उज्जवल ने अधिशाषी अभियंता को कहा कि ग्रेफ की सड़कों पर जहां मिट्टी आयी है इस संबंध में ग्रेफ अधिकारियों से संपर्क कर रेत हटाने की कार्यवाही करावें। उन्होंने बताया कि सड़कों पर मिट्टी आने से ग्रामीणॉंचलों में टैंकरों से की जा रही पेयजल परिवहन व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है इसलिए इस कार्य को प्राथमिकता से किया जाएॅं।
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जिला कलक्टर ने सियाम्बर में खरीफ शिविर का निरीक्षण किया,
किसानों को पूरा-पूरा लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए,
कहा - शिविरों को उपादेय बनाने में गंभीरता बरतें
जैसलमेर 8 जून/ जिला कलक्टर एम.पी.स्वामी ने मंगलवार को कृषि विभाग के तत्वावधान में ग्राम पंचायत सियाम्बर में आयोजित कृषि ज्ञान एवं आदान खरीफ अभियान-2011 के शिविर का ओैचक निरीक्षण किया। उन्होंने ग्रामीणजनों से कृषि ज्ञान और आदान शिविर मे किए जाने वाले कार्यो की जानकारी ली और इस बात पर नाराजगी जतायी कि ग्रामीणों को शिविरों के बारे में न तो विशेष जानकारी है और न ही शिविरों का अपेक्षित लाभ मिल पा रहा है।
जिला कलक्टर स्वामी ने इसे गंभीरता से लेते हुए कृषि रथ के कृषि अधिकारियों, पशुपालन एवं सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को कड़ी हिदायत दी कि वे राज्य सरकार द्वारा किसानों को राहत पहुंचाने के लिए चलाए जाने वाले इन शिविरों को प्रभावी बनाएं। इसके लिए शिविर आयोजन से पूर्व अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें ताकि इसमें किसानों एवं ग्रामीणजनों की अधिकाधिक जन सहभागिता सुनिश्चित हो सके और राज्य सरकार के प्रयासों से जिले के अधिकाधिक किसान लाभान्वित हो सकें।
जिला कलक्टर ने इस संबंध में उपनिदेशक कृषि विभाग, उप निदेशक पशुपालन एवं सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समितियों को पत्रा प्रेषित कर निर्देशित किया है कि वे आगे लगने वाले कृषि ज्ञान शिविरों में अपने विभाग के अधिकारियों एवं प्रतिनिधियों की उपस्थिति पूरे दिन सुनिश्चत करें। उन्होंने उप निदेशक पशुपालन को निर्देश दिए कि वे पशु चिकित्सक टीम भेज कर शिविर के दौरान पशुओं के उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
जिला कलक्टर ने कहा कि कृषि ज्ञान एवं आदान शिविरों के सफल आयोजन में किसी प्रकार की शिथिलता बरतने पर इसे गंभीरता से लिया जाएगा एवं संबंधित दोषी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।
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जन्म-मृृत्यु पंजीयन की समीक्षा बैठक में जिला कलक्टर के निर्देश
शत-प्रतिशत पंजीयन सुनिश्चित करें
जैसलमेर ,8 जून /जिला कलक्टर एम.पी. स्वामी ने कहा कि जन्म एवं मृत्यु का रजिस्ट्रीकरण सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिये अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण से प्राप्त सूचनाएॅ हमारी योजनाओं के नीति निर्धारण में सहायक होती है। उन्होंने तीनों विकास अधिकारियों एवं आयुक्त नगरपालिका जैसलमेर को निर्देश दिए कि उन्हें आवंटित जन्म-मृत्यु पंजीयन के लक्ष्य के अनुरूप शत प्रतिशत रजिस्ट्रीकरण करवायें। उन्होंने माह जनवरी से मई 2011 तक की संभावित घटनाओं के विरूद्ध वास्तविक पंजीयन की कम उपलब्धि को गंभीरता से लिया और कहा कि जन्म-मृत्यु पंजीयन का काम सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ संपादित किया जाना चाहिए।
जिला कलक्टर स्वामी ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जन्म-मृत्यु पंजीकरण के सम्बन्ध में एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं बैठक के अवसर पर यह निर्देश दिये। उन्होंने प्रगति की समीक्षा करते हुए जिले में अब तक जन्म मृत्यु-पंजीयन 82.75-58.73प्रतिशत हुआ है जो निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप कम है इसलिए विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस कार्यक्रम को गम्भीरता से लेते हुए ग्राम सेवकों को पाबन्द करें कि वे जन्म -मृत्यु-पंजीयन की शत प्रतिशत घटनाओं का पंजीकरण करवाना सुनिश्चित करावें।
उन्होंने उप निदेशक,महिला एवं बाल विकास एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य एवं अधिकारी जैसलमेर को निर्देश दिए कि ऐसे बच्चे जिनका जन्म गत 10 वर्ष के दौरान जन्म हुआ है और विद्यालय नहीं जा रहे हैं तथा जिनका जन्म का पंजीयन नहीं हुआ है उन सभी बच्चों के गुलाबी कलर का प्रपत्रा भरकर संबंधित रजिस्ट्रार को उपलब्ध करवाएं, ताकि ऐसे सभी बच्चो के जन्म प्रमाण पत्रा तैयार हो सके। इसके लिए अपने-अपने आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं ए.एन.एम. को पाबन्द करें कि ऐसे बच्चे जो विद्यालय नहीं जा रहे है, उनके जन्म-प्रमाण-पत्रा जारी करें।
स्वामी ने तीनों विकास अधिकारियों को निर्देश दिये कि पंचायत समिति स्तर पर रजिस्ट्रार(ग्राम सेवकांे /ए.एन.एम का एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित करें ताकि सभी को जन्म मृत्यु पंजीकरण के नियमांे की जानकारी हो सके ।
प्रशिक्षण में अतिरिक्त जिला कलक्टर बलेदवसिंह उज्जवल ने जिला रजिस्ट्रार(जन्म-मृत्यु ) डॉ. बृजलाल मीणा को निर्देश दिये कि जिन ग्राम पंचायतो में अब संभावित घटनाओ के अनुरूप 40 प्रतिशत से कम जन्म-मृत्यु पंजीयन का कार्य हुआ है उनके कारणों का पता लगाकर जन्म-मृत्यु पंजीकरण के कार्य में प्रगति लाई जाए ।
बैठक में उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे जन्म-मृत्यु पंजीयन का समय-समय पर निरीक्षण करेें एवं प्रत्येक माह की 5 तारीख तक प्रगति रिपोर्ट जिला मुख्यालय पर भिजवाना सुनिचित करें।
जिला रजिस्ट्रार(जन्म-मृत्यु) डॉ. बृजलाल मीणा ने जन्म मृत्यु पंजीयन के संबंध में भरे जाने वाले प्रपत्रो को भरने की प्रक्रिया को विस्तार से बताया गया तथा जन्म-मृत्यु पंजीकरण के अधिनियमों की जानकारी दी।
मीणा ने यह भी बताया कि जन्म मृत्यु पंजीकरण की घटनाओं का पंजीकरण जहां पर घटना घटित होती है उसी स्थान पर कार्यरत रजिस्ट्रार के कार्यालय में दर्ज करवाई जाती है ।
प्रशिक्षण में जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक श्रीमती गिरिजा शर्मा जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक प्रभुलाल मीणा उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग जैसलमेर के रामेश्वर प्रसाद मीणा, आयुक्त नगर पालिका जैसलमेर मूलाराम लोहिया, अधिशाषी अधिकारी नगरपालिका पोकरण के जोधाराम विश्नोई विकास अधिकारी पंचायत समिति जैसलमेर रमेशचन्द्र माथुर विकास अधिकारी पंचायत समिति सांकड़ा डूंगरसिंह एवं उपरजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु ) जवाहर चिकित्सालय जैसलमेर डॉ. रवीन्द्र सांखला भी उपस्थित थे।
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जैसलमेर में हरित राजस्थान की तैयारी व समीक्षा बैठक
खूब पौधे लगाएँ, पनपाएं - जिला कलक्टर एमपी स्वामी
जैसलमेर 8 जून/ जिला कलक्टर एम.पी. स्वामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे हरित राजस्थान कार्यक्रम के अन्तर्गत उनके विभाग को आवंटित लक्ष्यों के अनुरूप वृक्षारोपण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही लगाए गए पौधांे के संरक्षण की भी समुचित व्यवस्था की जाए।
स्वामी ने कहा की प्रदेश को हरा-भरा बनाने के लिए चलाये जा रहे अत्यन्त महत्वपूर्ण हरित राजस्थान कार्यक्रम के अन्तर्गत जिले की गैर सरकारी संस्थाओं को भी जोड़ा जाए तथा इस कार्यक्रम के अन्तर्गत जन सहभागिता पर विशेष ध्यान दिया जाए।
जिला कलक्टर स्वामी बुधवार को कलेक्टेªट सभागार में हरित राजस्थान कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष 2011-12 के लिए तैयार की गई वार्षिक कार्य योजना के संबध में विचार विमर्श के लिए आयोजित जिला स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद् एच. एस. मीणा के साथ ही अन्य अधिकारीगण इस अवसर पर उपस्थित थे।
स्वामी ने उपवन संरक्षक मरुस्थल वनारोपण एवं चारागाह विकास को निर्देश दिए कि जिले में संचालित की जा रही वनपौध शालाआंे एवं उनमंे उपलब्ध विभिन्न प्रजाति के पौधांे की सूची संबधित विभागीय अधिकारियों को उपलब्ध कराएं ताकि हरित राजस्थान कार्यक्रम के अन्तर्गत आवंटित लक्ष्यों के अन्तर्गत वृक्षारोपण के लिए अधिकारीगण उनके नजदीक स्थित पौध शालाओ से आवश्यकतानुसार पौधे प्राप्त कर सकें ।
जिला कलक्टर ने इस अवसर पर विभिन्न विभागो के लिए आंवटित वृक्षारोपण के लक्ष्यों की समीक्षा की तथा कुछ अधिकारियों को आंवटित लक्ष्यों के अतिरिक्त पौधारोपण के निर्देश दियें। स्वामी ने कहा की मानसूनी वर्षा होने से पूर्व विभागीय अधिकारियों को वृक्षारोपण के लिए अग्रिम कार्यवाही पूर्ण कर लेनी चाहिए ताकि वर्षा होते ही पौधारोपण का कार्य आरंभ हो सके। जिला कलक्टर स्वामी ने नगरपालिका क्षेत्रा में वृक्षारोपण पर विशेष बल दिया ताकि जिले के प्रवेश द्वार पोकरण एवं पर्यटन स्थली जैसलमेर में व्यापक हरीतिमा छा सके।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी मीणा ने निर्देश दिए कि सड़कों के किनारे बड़े पौधे लगाये जाएं ताकि वे कम समय में पनप सकें। इसी प्रकार उन्होंने तीनांे विकास अधिकारियांे को निर्देश दिए कि वे ग्रामसेवकों की बैठकों की अवसर पर पौधारोपण के लक्ष्य आंवटित करें एवं चार दीवारी वाले पंचायत घरांे के साथ ही राजीव गांधी सेवा केन्द्रांे परिसर में वृक्षारोपण किया जा सके। मीणा ने कहा की वृक्षारोपण कार्य को वार्षिक कार्य मूल्यांकन से जोडा जाए ताकि कर्मचारी और अधिक उत्साह से इस कार्य में सहभागिता निभा सकें। उन्होंने जिले में कार्यरत स्वयंसेवी संगठनों से इस पुनीत कार्य में भागीदारी निभाने का भी आह्वान किया।
उपवन संरक्षक डीडीपी एमएल सोनल ने बैठक में बताया की हरित राजस्थान कार्यक्रम के अन्तर्गत चालू वित्तीय वर्ष के लिए 4053 हैक्टेयर में 21 लाख 12 हजार पौधे लगाये जाने हैं। उन्होंने बताया की 4 लाख 50 हजार पौधों का बीजारोपण किया जाना है। इस अवसर पर विभिन्न विभागांे को आंवटित लक्ष्यों के संबध में विभागवार चर्चा की गई। बैठक में दी गई जानकारी अनुसार वन विभाग द्वारा 3855 हैक्टेयर में 18 लाख 4 हजार पौधों का रोपण किया जाएगा इसी प्रकार सड़क किनारे 12 हैक्टेयर क्षेत्रा में 6000 पौधे लगाये जाएंगे अन्य विभागों द्वारा 186 हैैक्टेयर क्षेत्रा में 93000 पौधांे का रोपण किया जाएगा एवं 2 लाख 9 हजार पौधों का वितरण किया जाएगा।
सोनल ने बताया कि जिले की 18 पौध शालाओ में 32 प्रजातियों के 37 लाख पौधे रोपण हैतु तैयार किये गये है। उन्होने बताया की जिले में हरित राजस्थान कार्यक्रम के अन्तर्गत वृक्षारोपण हैतु वन विभाग द्वारा मांग के अनुरूप पौधे उपलब्ध करवा दियें जाएगे। बैठक के अवसर पर हरित राजस्थान कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष 2011-12 के लिए तैयार कि गई प्रस्तावित वार्षिक कार्ययोजना का अनुमोदन किया गया।
पुलिस उपाधीक्षक पहाड़सिंह राजपुरोहित ने इस अवसर पर कहा की जैसलमेर में निर्माणाधीन नागरिक हवाई अड्डा परिसर में चार दीवारी होने के कारण वृक्षारोपण किये जाने की अच्छी संभावना हैं। इसी प्रकार उन्होंने जिला सीमा से रामदेवरा तक पेड़ लगाने की सलाह दी ताकि रामदेवरा मेला अवसर पर आने वाले लाखों पदयात्रियों को राहत मिल सके। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) गिरीजा शर्मा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभागीय अधिकारी डॉ. बी. पी. सिंह, उपखण्ड अधिकारी नाथुसिंह राठौड़ के साथ ही अन्य विभागीय अधिकारियों, सीमा सुरक्षा बल , सेना एवं वायु सेना अधिकारियों ने भी विचार व्यक्त किये।
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