मुरैना. जिले के देवरा गांव के सिकंदर को 50 साल की उम्र बीतने के बाद भी अपने लिए दुल्हन की तलाश है। वजह यह है कि सिकंदर अभी भी कुंवारे हैं। उनके जैसे आधा दर्जन लोग ऐसे हैं जिनकी अभी तक शादी नहीं हुई। पिछले 20 सालों से गांव में दुल्हन नहीं आई है।
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि बिजली, पानी और सड़कें न होने के कारण कोई यहां अपनी बेटी की शादी नहीं करना चाहता। यहां 20 साल पहले एक शादी हुई थी। उसके बाद ग्रामीण शहनाई की गूंज सुनने को तरस गए।
करीब 150 लोगों वाले इस गांव में ज्यादातर कुंवारे 30 से 45 साल की उम्र के हैं। इनकी संख्या 50 के करीब है। जबकि आधा दर्जन कुंवारे 50 व इससे अधिक उम्र के हैं। 20 से 25 साल के सात लोग हैं। गांव में न ही पानी की व्यवस्था है और न ही आने-जाने के लिए रास्ता है।
पहले होते थे बहु विवाह
जिस देवरा गांव में लोग शादी के लिए तरस रहे हैं, उसी गांव में 30 साल पहले तक लोग एक से अधिक विवाह करते थे। गांव के 102 साल के बुजुर्ग राधाकृष्ण कहते हैं, ‘उनके बेटे स्वर्गीय बाली बाबा के चार विवाह हुए थे। पहले यहां शादी ब्याह संबंधी कोई समस्या ही नहीं थी। लेकिन समय बदला तो लोगों ने सुविधा विहीन गांवों में बेटियों की शादी करना बंद कर दी।’
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि बिजली, पानी और सड़कें न होने के कारण कोई यहां अपनी बेटी की शादी नहीं करना चाहता। यहां 20 साल पहले एक शादी हुई थी। उसके बाद ग्रामीण शहनाई की गूंज सुनने को तरस गए।
करीब 150 लोगों वाले इस गांव में ज्यादातर कुंवारे 30 से 45 साल की उम्र के हैं। इनकी संख्या 50 के करीब है। जबकि आधा दर्जन कुंवारे 50 व इससे अधिक उम्र के हैं। 20 से 25 साल के सात लोग हैं। गांव में न ही पानी की व्यवस्था है और न ही आने-जाने के लिए रास्ता है।
पहले होते थे बहु विवाह
जिस देवरा गांव में लोग शादी के लिए तरस रहे हैं, उसी गांव में 30 साल पहले तक लोग एक से अधिक विवाह करते थे। गांव के 102 साल के बुजुर्ग राधाकृष्ण कहते हैं, ‘उनके बेटे स्वर्गीय बाली बाबा के चार विवाह हुए थे। पहले यहां शादी ब्याह संबंधी कोई समस्या ही नहीं थी। लेकिन समय बदला तो लोगों ने सुविधा विहीन गांवों में बेटियों की शादी करना बंद कर दी।’
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