बुधवार, 1 जून 2011

नवजात का शव रखकर पैसे मांगता रहा डॉक्टर


नवजात का शव रखकर पैसे मांगता रहा डॉक्टर

उदयपुर.उदयपुर के मादड़ी गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार को जो हुआ, उसने डॉक्टरी पेशे को शर्मसार कर दिया। डॉक्टर ने प्रसव के लिए तय किए 500 रु. नहीं मिलने पर मृत पैदा हुए नवजात का शव परिजनों को देने से मना कर दिया। वे करीब 18 घंटे तक डॉक्टर के सामने गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन उसका दिल नहीं पसीजा। आखिर परिजनों ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की शरण ली। तब कहीं जाकर डॉक्टर ओमप्रकाश अग्रवाल घूस लेते धरा गया और शव परिजनों को मिल पाया।
मृत पैदा हुआ था शिशु
एसीबी के उप महानिरीक्षक टीसी डामोर के अनुसार सुवेरी गांव के प्रकाश मीणा की पत्नी होमली सोमवार को प्रसव के लिए स्वास्थ्य केंद्र में आई थी। डॉक्टर ओमप्रकाश अग्रवाल ने प्रसव कराने के लिए 700 रु. की रिश्वत मांगी।
 
बाद में 500 रु. दिए जाने तय हुए। रात करीब साढ़े बारह बजे होमली ने मृत बच्चे को जन्म दिया। प्रकाश ने शिशु का शव मांगा तो डॉक्टर ने प्रसव के लिए तय हुई राशि देने की बात कही।
 
जननी सुरक्षा का चैक रोकने की धमकी
परिजन मंगलवार को भी शव देने की मिन्नत करते रहे, लेकिन डॉक्टर पैसे नहीं मिलने तक शव नहीं देने पर अड़ा रहा। परिजनों के अनुसार उसने जननी सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाला 1700 रु. का चेक रोकने की धमकी भी दी।
 
आखिरकार प्रकाश ने एसीबी में शिकायत की। मंगलवार शाम एसीबी ने डॉक्टर को प्रकाश से मेल नर्स के सरकारी क्वाटर्स के सामने 500 रु. की रिश्वत लेते हुए दबोच लिया। एसीबी के दखल के बाद परिजनों को शव मिल पाया।
पकड़ा गया तो बोला- परिजनों ने जबरन जेब में रख दिए पैसे
आरोपी डॉक्टर ओमप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि मंगलवार सुबह मैंने बच्चे का शव ले जाने के लिए कह दिया था।
 
मैंने पैसों की मांग नहीं की। बालक के पिता प्रकाश मीणा ने मेरी जेब में जबरन रुपए रख दिए। एसीबी की कार्रवाई के दौरान रिश्वत की राशि डॉक्टर की पैंट की पिछली जेब में मिली।
3 साल पहले स्थायी नियुक्ति
डॉक्टर अग्रवाल मूलत: बाहरी दरवाजा छबड़ा (बारां) जिले का रहने वाला है। वर्ष 2003 में संविदा में लगे इस डॉक्टर को वर्ष 2008 में स्थायी नियुक्ति मिल गई थी। मादड़ी गांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में वह पिछले तीन वर्षो से नियुक्त है।
विभागीय कार्रवाई करेंगे
"मामला मेरी जानकारी में नहीं है। यदि डॉक्टर ने रिश्वत के लिए नवजात का शव देने से इनकार किया तो यह गलत है। दोषी डॉक्टर के खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी की जाएगी। डॉक्टरों को सेवा भाव से भी सोचना चाहिए।"

डॉ. आर.एन. बैरवा, सीएमएचओ उदयपुर

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