शुक्रवार, 29 जून 2012

सड़क दुर्घटना में एक की मौत


सड़क दुर्घटना में एक की मौत 


बाड़मेर जिले के गुडा मालानी थाना क्षेत्र में वाहन दुरघटना में एक की मौत हो गयी ,पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया की दिपककुमार पुत्र उदयप्रकाश अग्रवाल नि. अहमदाबाद गुजरात ने मुलजिम रामलाल ट्रक चालक नम्बर आरजे 19 1जी 7666 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा वाहन को तेजगति व लापरवाही से चलाकर कार मे टक्कर मारना जिससे कार मे सवार राजीव की मृत्यू होना व अन्य के चोटे आना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना गुड़ामालानी पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

अफिम व अफिम का दुध बरामद एक गिरफतार


अफिम व अफिम का दुध बरामद एक  गिरफतार 

बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर बाड़मेर जिले के कल्यानपुर थाना पुलिस ने विशेष अभियान के तहत आज एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से भरी मात्र में अवेध अफीम बरामद किया .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट,निर्देशानुसार जिले में लोकल एवं स्पेशल एक्ट के तहत चलाये जा रहे अभियान के तहत ज्येष्ठदान उ.नि. थानाधिकारी पुलिस थाना कल्याणपुर मय पुलिस पार्टी द्वारा मुखबीर की ईतला पर सरहद डोली मे मुलजिम राजूराम पुत्र करनाराम जाति विश्नोई निवासी डोलीकला के कब्जा से अवैध व बिना परमीट का 75 ग्राम अफिम व 970 ग्राम अफिम का दुध परिवहन करते बरामद कर पुलिस थाना कल्याणपुर पर मुकदमा दर्ज करने मे सफलता हासिल की।

सुरजीत ने कहा- आतंकवादी है सरबजीत!

सुरजीत ने कहा- आतंकवादी है सरबजीत!
इस्लामाबाद.पाकिस्तान में 30 साल जेल में गुजारने के बाद गुरुवार को भारत लौटे सुरजीत सिंह का एक बयान सरबजीत की रिहाई की उम्मीद पर भारी पड़ सकता है। पाकिस्तानी मीडिया ने सुरजीत सिंह के हवाले से एक अजीब-ओ-गरीब बयान छापा है कि सरबजीत सिंह आतंकवादी है और भारत और पाकिस्तान आतंकवादियों को आजाद नहीं करते हैं। सुरजीत ने यह भी कहा था कि वह पाकिस्तान में 'रॉ' का एजेंट था। लेकिन भारत के गृह सचिव आरके सिंह ने इस बात से इनकार किया है कि भारत पाकिस्तान में अपने जासूस भेजता है। उन्होंने कहा है कि सुरजीत सिंह पाकिस्तान में उनका जासूस नहीं था।

बाड़मेर पांच स्थाई वारंटी गिरफ्तार


पांच स्थाई वारंटी गिरफ्तार 

बाड़मेर जिला पुलिस ने पुलिस अधीक्षक राहुल बृहत के निर्देशानुसार विशेष अभियान चला कर पांच स्थाई वारंटियो को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की .पुलिस अधीक्षक ने बताया की स्थाई वारण्टी घेवरदान पुत्र आईदान चारण नि. रतकुड़ीया को पुलिस थाना कोतवाली द्वारा , उर्जाराम पुत्र बालाराम जाट नि. दुधू को पुलिस थाना धोरीमना द्वारा, सादुला पुत्र उतमाराम मेगवाल नि. बोई को पुलिस थाना गिड़ा द्वारा ,भगवानाराम पुत्र रूगाराम जाट नि. उडासर को पुलिस थाना गुड़ामालानी द्वारा व बुधाराम पुत्र. हरीराम विश्नोई नि.गोदावास को पुलिस थाना बालोतरा द्वारा गिरफतार किया गया।

बलात्कार पीडिता सात वर्षीय बालिका का मेडिकल ..आरोपी गिरफ्तार


बलात्कार पीडिता सात वर्षीय बालिका का मेडिकल ..आरोपी गिरफ्तार 
बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के चौहटन थाना अंतर्गत गुरूवार को एक सात वर्षीय मासूम बालिका के साथ बलात्कार का जघन्य अपराध के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया तथा बालिका का आज राजकीय अस्पताल में मेडिकल मुआयना कराया गया .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया सुखदेव पुत्र उदाराम सोनी नि. चौहटन ने मुलजिम अनिल पुत्र गुणेश सोनी नि.चौहटन के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्त की पुत्री उम्र 7 वर्ष के साथ दिन के वक्त जबरदस्ती बलात्कार करना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना चौहटन पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। उन्होंने बताया की इस काण्ड के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया हे .

गुरुवार, 28 जून 2012

दारिया एनकाउंटर: राठौड़ के खिलाफ दारा की पत्नी ने दायर की याचिका

जयपुर। दारा सिंह एनकाउंटर केस के आरोपी पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़ को आरोप मुक्त करने के फैसले को सीबीआई के बाद दारा सिंह की पत्नी सुशीला देवी ने भी हाईकोर्ट में निगरानी याचिका दायर कर चुनौती दी है। सीबीआई व सुशीला की याचिकाओं पर हाईकोर्ट में सुनवाई तीन जुलाई को होगी।

याचिका में जिला व सेशन न्यायाधीश जयपुर जिला के 31 मई के उस फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें राजेन्द्र राठौड़ के खिलाफ कोई सबूत नहीं पाए जाने के आधार पर उन्हें आरोप मुक्त कर दिया था। गौरतलब है कि इससे पहले सीबीआई ने भी राठौड़ को आरोप मुक्त करने के फैसले को चुनौती देते हुए मंगलवार को हाईकोर्ट में निगरानी याचिका दायर की थी। सीबीआई ने भी निगरानी में राठौड़ को आरोप मुक्त करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का उल्लंघन बताते हुए जिला व सेशन न्यायाधीश के फैसले को निरस्त करने की गुहार की है।

पेट्रोल के दाम 2 रूपए 46 पैसे घटे

पेट्रोल के दाम 2 रूपए 46 पैसे घटे

नई दिल्ली। तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल के दामों में 2 रूपए 46 पैसे प्रति लीटर की कमी की है। कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में गिरावट के बाद कंपनियां का यह कदम आम आदमीं को राहत देने वाला साबित होगा। यह घटी कीमतें आधी रात के बाद से लागू हो जाएंगी।

तेल कंपनियों के उच्च अधिकारियों ने यह भी संकेत दिए है कि पेट्रोल की कीमतें पूरी तरह से कच्चे तेल के वैश्विक भाव और रूपए-डॉलर की एक्सचेंज रेट निर्भर करेंगे। तेल कंपिनयों के अनुसार, तेल कंपनियां डालर के मुकाबले रूपए और वैश्विक तेल कीमतों पर निरंतर निगाह रखे हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि 23 मई को पेट्रोल की कीमतों में 7.54 रूपए की अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी की गई थी। इसके बाद 2 जून को पेट्रोल के दामों में 2.02 रूपए की कटौती की गई। अब यदि पेट्रोल 4 रूपए सस्ता होता है तो मई में बढ़ाए गए दामों के बोझ से आमआदमी को काफी हद तक राहत मिलेगी।

दाने-दाने को मोहताज लोकगायिका

दाने-दाने को मोहताज लोकगायिका

रायपुर। लोककला व लोक कलाकारों के संरक्षण के लिए करोड़ों रूपए खर्च करने वाले छत्तीसगढ़ में लोक कलाकारों के सामने खाने के लाले पड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ी लोकसंस्कृति को देशभर में प्रसिद्घि दिलाने वाली 68 वर्षीय लोक गायिका किस्मतबाई देवार की किस्मत क्या रूठी, सरकार भी इस कलाकार से रूठी हुई है।

"चौरा मा गोंदा रसिया" लोक गीत से प्रसिद्ध किस्मत की मारी किस्मतबाई लकवा से पीडित हैं और इस वजह से बोल और चल नहीं पातीं। लिहाजा, उनकी बड़ी बेटी दुर्ग के रेलवे स्टेशन पर भीख मांगकर मां का भरण-पोषण और इलाज करा रही है। प्रदेश के लोक कलाकारों ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को किस्मतबाई की इस स्थिति से अवगत कराया था। उनकी खस्ता हालत को देखते हुए मुख्यमंत्री ने फरवरी-2012 में उन्हें 40 हजार रूपए की सहायता राशि मंजूर की। साथ ही संस्कृति विभाग ने भी प्रतिमाह डेढ़ हजार रूपए पेंशन देने की घोषणा की। लेकिन आज चार माह बाद भी किस्मतबाई को न तो सहायता राशि मिली और न ही पेंशन। किस्मतबाई देवार ने लोकगायिकी के माध्यम से देशभर में छत्तीसगढ़ को पहचान दी।

उन्होंने विश्वविख्यात रंगनिदेशक स्व. हबीब तनवीर के साथ कई नाटकों में लोकगायन किया व प्रस्तुतियां दीं। वही किस्मतबाई इन दिनों दुर्ग की देवार बस्ती में दुर्दिन काट रही है। उनकी चार बेटियां जतन, रतन, कीर्तन और सबसे छोटी विर्तन है। बड़ी बेटी जतनबाई देवार बस्ती व रेलवे स्टेशन पर भीख मांगकर अपनी मां का पेट भरती है।
संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बनाई पार्टी : छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए किस्मतबाई ने 70 के दशक में "आदर्श देवार पार्टी" की शुरूआत की। पार्टी के माध्यम से रायपुर, रायगढ़, बिलासपुर, कांकेर के अलावा कई विभिन्न प्रांतों में प्रस्तुति देती थी। पार्टी के शुरूआती दिनों में गिने-चुने कलाकार हुआ करते थे, लेकिन कुछ महीनों बाद पार्टी में कलाकारों का आना शुरू हो गया। हालत खराब होने के बाद संस्था बंद हो गई।
सरकार क्यों करती है घोषणा? : किस्मतबाई की पेंशन के सम्बंध में संस्कृति विभाग के अधिकारियों से कलाकार बात करने के लिए जाते हैं, तो विभागीय अधिकारी बात करने से कतराते हैं। लोकगायिका रमादत्त जोशी का कहना है कि घोषणा के बाद भी सरकार पैसा नहीं दे पाती, तो घोषण ही क्यों करती है? किस्मतबाई ने अपना पूरा जीवन लोककला व लोकसंस्कृति के लिए समर्पित कर दिया, लेकिन आज जब किस्मतबाई को लोगों की जरूरत है, तो कोई भी साथ चलने को तैयार नहीं है।

ये गाने हैं चर्चित
चौरा मा गोंदा रसिया, मोर बारी मा पताल रे...
चल सभी जुर मिल कमाबो रे...
करमा सुने ला चले आवे गा, करमा तहूं ला मिला लेबो...
मैना बोले सुवाना के साथ
रे मैना बोले...

किस्तमबाई प्रसिद्ध लोकगायिका हैं। उनकी ओर से आवेदन आता है, तो जरूर मदद की जाएगी। बात पेंशन की करें, तो विभाग की ओर से कलाकारों को हर महीने 1500 रूपए पेंशन दी जाती है। आवेदन आने पर किस्मतबाई को मुख्यमंत्री सहायता कोष या अन्य किसी मद से सहायता राशि दी जाएगी।
बृजमोहन अग्रवाल,
संस्कृति मंत्री, छत्तीसगढ़

पेट भरने के लिए मांगती हूं भीख
किस्मतबाई की बड़ी बेटी जतनबाई ने बताया कि घर में न राशन है और न ही मां के इलाज कराने के लिए रूपए। सरकार ने पैसा देने की घोषणा तो की थी, लेकिन चार माह बीतने के बाद भी हाथ में कुछ नहीं आया है। रेलवे स्टेशन व देवार बस्ती में भीख मांगने के बाद बड़ी मुश्किल से सिर्फ एक समय का पेट भरता है।

छह वर्ष पुराने ज्यादती के मामले में प्रशासनिक अधिकारी को अग्रिम जमानत नहीं

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने छह वर्ष पुराने एक सामूहिक ज्यादती के मामले में दो प्रशासनिक अधिकारियों को जमानत देने से इनकार कर दिया है। गौरतलब है कि दोनों अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत के 26 जुलाई 2011 को खारिज होने के बाद पहले सेशन कोर्ट व बाद में हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन पेश किया था।
यह आदेश अवकाश कालीन न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास ने प्रार्थी आरोपियों बामणवास सवाईमाधोपुर निवासी बच्चूसिंह मीणा व मडी सवाईमाधोपुर निवासी ओंकारसिंह की ओर से पेश अग्रिम जमानत आवेदन की सुनवाई में दिए।
अदालत में सरकारी अधिवक्ता महीपालसिंह विश्नोई ने बताया कि हनुमानगढ़ पुलिस थाना में 26 अप्रैल 2006 को सुनीता देवी ने एक रिपोर्ट दर्ज कराते हुए कहा कि वह एक विधवा असहाय महिला है। 11 माह पूर्व वह हनुमानगढ़ स्थित डीपीईपी कार्यालय में कार्यालय सहायक के अस्थाई पद पर नियुक्त हुई थी। वहां निदेशक ओंकारसिंह मीणा जानबूझ कर उसकी गलतियां निकालने लगा पूछने पर उसने घर पर आकर जवाब देने का कहा। उसके घर पर जाने पर अधिकारी ने जबरदस्ती उसके साथ ज्यादती की और किसी से कहने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी।
इसके बाद विधवा कोटे में नौकरी लगाने के नाम पर जयपुर साथ ले गया। जहां बच्चूसिंह, गुरूदेव सिंह आदि ने भी उसके साथ ज्यादती की। बाद में हनुमानगढ़ में ये अधिकारी उसके साथ मनमानी करते रहे और अपने मित्रों के पास जाने को भी कहने लगे। इस पर उसने विरोध किया तो उसे नौकरी से निकाल दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट में मिली थी अंतरिम जमानत, खारिज होने पर सरेंडर नहीं किया
विश्नोई ने बताया कि पुलिस ने 27 अप्रैल 2006 को इन अधिकारियों को गिरफ्तार करने के लिए वारंट प्राप्त किए। लेकिन इन अधिकारियों ने सर्वोच्च न्यायालय से 16 अक्टूबर 2006 को अंतरिम जमानत प्राप्त कर ली। बाद में 26 जुलाई 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने इनकी अंतरिम जमानत को खारिज कर दिया। लेकिन अधिकारियों ने पुलिस के सामने समर्पण नहीं किया। बाद में इन्होंने फिर से सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई। जिसे सेशन कोर्ट ने 20 जून 2012 को खारिज कर दिया। लिहाजा इन अधिकारियों ने हाईकोर्ट की शरण ली।