रविवार, 9 सितंबर 2018

*बाड़मेर ट्रक मे छिपाकर ले जा रही भारी मात्रा मे 1200 कार्टुन अवैध अंग्रेजी शराब बरामद करने मे महत्वपुर्ण सफलता हासिल, दो आरोपी गिरफतार

*बाड़मेर ट्रक मे छिपाकर ले जा रही भारी मात्रा मे 1200 कार्टुन अवैध अंग्रेजी शराब बरामद करने मे महत्वपुर्ण सफलता हासिल, दो आरोपी गिरफतार*


            बाड़मेर मनीष अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक, जिला बाड़मेर के निर्देषानुसार विधान सभा चुनाव को मध्य नजर रखते हुए अवैध शराब रोकथाम व शराब तस्करो की धड़पकड़ अभियान के दौरान श्री कैलाषदान रतनू अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोतरा व श्री प्यारेलाल वृताधिकारी वृत गुड़ामालानी के निकट सुपरिवजन मे श्री गोपाल विष्नोई थानाधिकारी पुलिस थाना सिणधरी के निर्देषन मे श्री रावताराम सउनि मय पुनमचन्द कानि 863, वीरमखां कानि 473 कानि डालूराम 1407, महिराम कानि 1081, देवाराम कानि 1322, द्वारा उल्लेखनीय कार्यवाही  करते हुए सरहद सिणधरी मे मेगाहाईवे पर एक ट्रक टै्रलर नम्बर त्श्र 19 ळठ 2339 आता दिखाई दिया। जिसमे चालक व एक अन्य व्यक्ति सवार थे। जिनको बावर्दी रूकवाने का ईषारा किया तो मगर ट्रक ट्रेलर के चालक ने ट्रक को नही रोककर भगाने लगा। जिस पर पिछा कर करीब एक किलोमीटर की दुरी पर जाकर ट्रक को रूकवाकर ड्राईवर का नाम पता पुछा तो ड्राईवर ने अपना नाम सुरेष विष्नोई पुत्र किषनाराम जाति विष्नोई उम्र 25 साल निवासी वायद पुलिस थाना रोहट जिला पाली बताया। व ड्राईवर के पास बेठा व्यक्ति ने अपना नाम दिनेष पुत्र हरचन्द जाति विष्नोई उम्र 24 साल निवासी नेहड़ा पुलिस थाना रोहिट जिला पाली होना बताया। ड्राईवर सुरेष ने को उक्त ट्रक मे भरा माल के बारे मे पुछने पर ट्रक मे गेहू भरा हुआ होना बताया उक्त ट्रक को चारो तरफ चैक करने पर ट्रक के अन्दर से शराब की सुंगध आ रही थी। जिस पर ट्रक के अन्दर शराब भरा होने की पुर्ण सम्भावना होने से रोड़ पर ट्रक को चैक करना सम्भव नही होने से ट्रक मय चालक सुरेष व अन्य व्यक्ति दिनेष को लेकर पुलिस चौकी पायला कला पहूचे। ट्रक का तिरपाल हटाकर चैक किया तो ट्रक मे 1200 कार्टुन अवैध अग्रेजी शराब फोर सेल इन अरूणाचल प्रदेष के बरामद कर मुलजिमानो को गिरफतार किया गया। उक्त शराब नारनाले हरीयाणा से भरकर लाना व सांचोर के पास सप्लाई देना बताया गया है। पुलिस थाना सिणधरी मे आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर श्री गोपाल विष्नोई थानाधिकारी पुलिस थाना सिणधरी द्वारा अनुसंधान किया जा रहा है। बरामद शराब की अनुमानित किमत करीब 50 लाख रूपये आंकी गई है।

- बाड़मेर के मगरा गांव के लाल ने जीता है एशियाड ओलंपिक में घुड़सवारी में मेडल,बाड़मेर पहुंचे भव्य स्वागत

- बाड़मेर के मगरा गांव के लाल ने जीता है एशियाड ओलंपिक में घुड़सवारी में मेडल,बाड़मेर पहुंचे भव्य स्वागत

बाड़मेर. जिले के मगरा गांव ही नहीं एशियाड ओलंपिक जकार्ता में रजत पदक के साथ देश का दिल जीतकर पहली बार जितेन्द्रसिंह रविवार को बाड़मेर पहुंचा। यहां रेल्वे स्टेशन पर स्थानीय युवाओं व नेताओं ने स्वागत किया। जितेन्द्र के स्वागत को लेकर परिवार ही नहीं पूरा थार पलक पांवड़े बिछाने को तैयार है। बाड़मेर पहुंचने पर जितेन्द्र के स्वागत के लिए शहर में वाहन रैली निकाली गई। यहां शहरवासियों ने जमकर स्वागत किया।

जितेन्द्रसिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मुझे आज बहुत खुशी है। यह कामयाबी इसी मिट्टी से शुरू हुई है। परिवार में घोड़े थे और बचपन से घुड़सवारी का शौक था। मामा गुलाबसिंह ने मुझे तराशा। आठवीं में मैरठ चला गया और वहां पढ़ाई के साथ घुड़सवारी का अभ्यास जारी रहा। फिर आर्मी ज्वाइन कर ली। यहां प्रशिक्षण से खुद को बेहतर बनाता रहा। जूनियर स्तर पर कई अवार्ड जीते। सीनियर वर्ग में पिछले ओलंपिक में रिजर्व में था। इस बार मैदान में उतरने का अवसर मिला और देश के लिए मेडल जीत आए, इससे बड़ी खुशी क्या हो सकती है।


मजबूत है थार के लोग
जितेन्द्र का मानना है कि थार के लोग विपरित परिस्थितियों में जीते हैं। इनके जीवन में संघर्ष और मेहनत बहुत ज्यादा है। इसी कारण थार के लोगों का खेलों में भविष्य उज्ज्वल है। अनुशासन के साथ खेल प्रशिक्षण दिया जाए तो यहां की प्रतिभाएं काफी आगे बढ़ सकती है।

परिवार में खुशी का माहौल
जितेन्द्रसिंह के परिवार में खुशी का माहौल है। मां नजरकंवर और पिता पहाड़सिंह सहित पूरा परिवार उनके आने के इंतजार में है। गांव में उत्साह का माहौल है कि देश में गांव का नाम रोशनकर जितेन्द्र लौट रहा है। जितेन्द्र के पिता पहाड़सिंह बताते है कि घर में जितेन्द्र के आने की खुशी है। इस बार एक साल बाद आ रहा है और देश का नाम रोशन करके तो खुशी है। जितेन्द्र चार भाइयों में दूसरे नंबर पर है। बड़े भाई मनोहरसिंह दुबई में घुड़सवारी करते है। दो छोटे भाइयों में एक होमगार्ड और एक आर्मी में नर्सिंग सर्विस में है।

शनिवार, 8 सितंबर 2018

*बाड़मेर स्वाभिमान रैली ने भाजपा कांग्रेस दोनो में हड़कम्प मचा दिया,विरोध में आये हरीश चौधरी*


*बाड़मेर स्वाभिमान रैली ने भाजपा कांग्रेस दोनो में हड़कम्प मचा दिया,विरोध में आये हरीश चौधरी*


*मानवेन्द्र सिंह कांग्रेस में आएंगे तो स्थानीय नेताओं को पूछ के आएंगे?*


बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक*
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बाड़मेर 22 सितम्बर को पचपदरा में होने वाली स्वाभिमान रैली ने दोनों दलों में हड़कम्प मचा दिया है एक तरफ भाजपा है जिसने पहली बार सांसद जाने का खाता मानवेन्द्र सिंह के माध्यम से खोला था।दूसरी तरफ कांग्रेस है जिसमे मानवेन्द्र सिंह के जाने की अटकलें लगाई जा रही है।।मात्र अटकलों से कांग्रेस के स्थापित नेता कांग्रेस में मानवेन्द्र सिंह की उपस्थिति में अपने वजूद खोने के डर से भी हिल गए।।
कोई ज्यादा पुरानी बात नह है जब पूर्व सांसद हरीश चौधरी ने मीडिया को बयां दिया था कि कांग्रेस विशाल समुंदर है जिसमे मानवेन्द्र सिंह ,कर्नल सोनाराम आते है तो स्वागत है। चार महीने बाद ही पूर्व सांसद ने अपना बयान पचपदरा रैली में बदला मानवेन्द्र सिंह के कांग्रेस में आने पर सवाल खड़े किए।।
बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक की पड़ताल में जो सामने आया वो यह कि अशोक गहलोत के पिछले पांच साल का राज याद हो किसी को तो गौर फरमाएं।।किस तरह जाट नेताओं को किनारे लगाया ।।कांग्रेस में गहलोत राष्ट्रीय स्तर पर दमदार बन के उभरे है।हरीश चौधरी को बनाने वाले अशोक गहलोत थे,उन्होंने उन्हें राजनीति में मुकाम दिलाया।।।
गहलोत काँग्रेज़ को जिंदा रखने के लिए नए फॉर्मूले और समीकरण तलाश रहे है।।
बात मानवेन्द्र सिंह की।।मानवेन्द्र सिंह ने अभी तक ऐसा कोई अधिकृत बयान नही दिया कि वो कांग्रेस में आ रहे। फिर भी वो अगर आना भी चाहेंगे तो कांग्रेस के हाई कमान के माध्यम से आएंगे और दमदार तरीके से आएंगे।।जसवंत सिंह जी का चुनाव आपको याद है न। श्रीमती सोनिया गांधी ने जसवंत सिंह के समर्थन में अपना अधिकृत उम्मीदवार हटाने का  फैसला किया था मगर जसवंत सिंह ने विनम्रता पूर्वक कांग्रेस का समर्थन लेने से मना किया था।।मानवेन्द्र सिंह अगर कांग्रेस में आते है तो वो अपनी शर्तों पर दमदार भूमिका में आएंगे इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर बात करके आएंगे।।मानवेन्द्र के आने के बाद कांग्रेस में कईयों की राजनीति चूले हिलेगी जो जातिवाद पर राजनीति करते है।।ऐसे में मानवेन्द्र सिंह का कांग्रेस में आने का विरोध समझ आता है।।मानवेन्द्र सिंह भाजपा से निकलते है तो भाजपा को बड़ा नुकसान सम्भव है।स्वाभिमान रैली को लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व सक्रिय हो गया है।।कुछ बाते यहां अभी  लिखने लायक नही है ।वक़्त पे खुलासा करेंगे।।स्वाभिमान रैली को लेकर साफ है इसमें बड़े नाम जुड़े है।कई ऐसे नाम चोंकाने वाले भी होंगे।।भाजपा को पहली बार मुस्लिम वोट बैंक मानवेन्द्र सिंह ने दिया।।वसुंधरा राजे ने गत चार सालों में मुस्लिम समाज के लिए नेता भी तैयार किये वो नेता आज कहाँ है उनका पार्टी में क्या वजूद है ये पब्लिक है सब जानती है। स्वाभिमान रैली में 36 कौम है।।कल स्वाभिमान रैली की मीटिंग में छतीस कौम के मौजिज लोगो की उपस्थिति ने इसकी सार्थकता पर मोहर लगा दी।।कांग्रेस में परंपरागत समीकरण बदलने की कवायद चल रही है।।जसवंत सिंह भले बिस्तर पर है मगर उनके एक सन्देश पर स्वाभिमान दल जाग उठा।।22  सितम्बर  का इंतज़ार भाजपा और कांग्रेस दोनो कर रहे है।।सबकी उत्सुकता भी बनी है ।इस रैली में नई राजनीतिक इबारत लिखी जाएगी।।यह भी तय है।।मानवेन्द्र सिंह उच्च कोटि के राजनीतिज्ञ है उन पर टिक्का टिपणी कर स्थानीय नेता नायक बनने की नाकाम कोशिश कर रहे।मानवेन्द्र सिंह के पास जनाधार है। बाकी अपना विश्लेषण खुद ही कर ले।।खैर स्वाभिमान रैली के जरिये इस सरहदी जिलो को महिलाओ का भी नेतृत्व मिलने की संभावना है।।बाड़मेर जैसलमेर सहित पाली ,जोधपुर,सिरोही,जालोर सहित बाहरी जिलो से लोग स्वाभिमान रैली में आ रहे है।।रैली की निरन्तर तैयारियां ,संपर्क जारी है।।36 कौम की इस स्वाभिमान रैली को लेकर पूरे प्रदेश में उत्साह है ।इधर राष्ट्रीय करणी सेना ने सभी जिलो में मोर्चा सम्भाल दिया। हर घर मे पीले चावल के साथ निमन्त्रण दे रहे है ।।इस रेलिको ऐतिहासिक बनाने के तमाम प्रयास हो रहे।।

जैसलमेर'राजपरिवार का राजनीति में आने का ऐलान' : जैसलमेर की राजनीति में आया भूचाल, रोकने के हो रहे हैं तुच्छ प्रयास*

*जैसलमेर'राजपरिवार का राजनीति में आने का ऐलान' : जैसलमेर की राजनीति में आया भूचाल, रोकने के हो रहे हैं तुच्छ प्रयास*

*महलों में रहने वाले पीढ़ियों से कर रहे हैं जनसेवा, कई कार्य बिना प्रशासनिक सहयोग से नहीं होते*

*'महारानी राशेश्वरी राज्य लक्ष्मी' चुनाव लड़ जैसलमेर को विकसित जिलों में सुमार करने को दृढ़ निश्चित*

जैसलमेर । जब से राजपरिवार ने विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की जैसलमेर की राजनीति में भूचाल आ गया । पूर्व में बिछी राजनीतिक शतरंज के मोहरे हिलने लग गए तो, कईयों को राजनीति जमीन खिसकने का डर सताने लगा। सोशल मीडिया पर, पर्दे के पीछे, राजपरिवार के राजनीति में उतरने का तर्क कुतर्को से विरोध करने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है जिसका असर ये हुआ कि राजपरिवार का चुनाव लड़ने का इरादा और मजबूत हो गया ।

*आखिर क्यों आना चाहता है राजपरिवार राजनीति में ? कुछ बेबाक सवालों के जवाब के साथ 'बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक' का बिश्लेशन राजपरिवार के सदस्य के साथ ।*

*राजनीति में आने का उद्देश्य ?*

राजनीति परिवार के खून में है । जनसेवा पीढ़ी दर पीढ़ी हमारा परिवार करता आ रहा  है । राजपरिवार के दरवाजे हमेशा अपनों के लिए खुले रहे है और रहेंगे । जैसलमेर की जनता मेरा परिवार है । इसलिए मेरा फर्ज है कि जैसलमेर विकसित जिलों में सुमार हो । लेकिन मेरा सबसे बड़ा कारण राजनीति में आने का यही  होगा की जब हम जैसलमेर की बुनियादी कारकों की तुलना देश और विदेश के अन्य क्षेत्रों से करते हैं, तब हम इस सचाई से अवगत होते है कि, 'प्राचीन सिल्क रूट' का जाना माने 'योद्धाओं का गढ' जिनका योगदान सिर्फ प्राचीन और मध्यकालीन में ही नहीं बल्कि समकालीन में भी पर्याप्त से अधिक रहा है, वह गढ  आज पिछड़ा कहलाया जाता है | यह सच मेरे  हृदय में  एक ऐसा भाव उत्पन करता है जिससे मैं आज की यह स्थिति नज़रअंदाज़ नहीं कर पाती |

*बिना राजनीति में आये भी आप सेवा कर सकते है*

बिल्कुल सही कहा । अब तक हम यही समझते और करते आये । परन्तु कई कार्य जनहित मे ऐसे करने पड़ते है जिसके लिए आपको प्रशासनिक अधिकार की आवश्यकता  पड़ती  है। विकास कार्यो के लिए सार्वजनिक मानसिकता में, सकारात्मक परिवर्तन की जरूरत होती है और कोई जैसलमेर के राजपरिवार पर यह नहीं थोप सकता कि हमने लोकतंत्र में दूसरे नेताओं को मौका नहीं दिया है । परन्तु अब स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है की हमारा यह दायित्व बनता है की हम अब राजनितिक मैदान पर उतरे और अपने पूर्वजो  की तरह जैसलमेर का नाम रोशन करे |

*आपके क्या मुद्दे रहेंगे जैसलमेर के विकास के लिए ?*

सबसे बड़ा मुद्दा शिक्षा का होगा । हालात सबके सामने है । विद्यालय खुले हैं मगर अध्यापक नही है । जब विद्यालय में अध्यापक नहीं है तो विद्यालय का कोई अस्तित्व नही रह जाता । आजकल तो ऐसा देखने मे आता है कि जैसलमेर समय की नीति में उल्टा चल रहा है | पूरे विश्व में यह कहा जाता है कि जैसे—जैसे एक लोकतंत्र देश समय के साथ परिपक्व होता है, तो उसकी नीतियां भी समग्र रूप से सफल होती दिखाई पड़ती है | परन्तु जो कानून और विधियाँ हमने 15 साल पहले बनाई थी, इन विधियों को आज हम ठुकरा रहे हैं | मैं तो इस बात पर आश्चर्यचकित हूँ कि कैसे, किसी भी दल के नेता ने अभी तक, हाल ही में हुए लगभग 600 अध्यापकों के स्थानांतरण पर वोट बैंक के कारण चुपी साध रखी है | आज जैसलमेर शिक्षा, विज्ञानिक शिक्षा के क्षेत्र में बहुत पिछड़ा है । सभी विद्यालयों में शिक्षक लगे यह पहला प्रयास होगा, फिर शिक्षा के सुदृढीकरण पर काम करेंगे । जैसलमेर में कला, विज्ञान और वाणिज्य के सभी विषयों को शामिल कराएंगे । जिले में अधिक से अधिक बालिका स्कूल खुलवाने के प्रयास होंगे । जैसलमेर में कृषि विद्यालय, पशुपालन, नर्सिंग डिप्लोमा, विधि महाविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज और रोजगारोपयोग प्रशिक्षण केंद्र खुलवाना प्राथमिकता होगी ।

मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना प्राथमिकता

कई शासनों के बाद भी जैसलमेर आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। पानी की समस्या आज भी हर गांव और ढाणी में है । पेयजल की नई परियोजनाओं को चिन्हित कर उसे स्वीकृत करने का काम होगा । हर घर मे नियमित पानी पहुंचे । जिले के कई गांव आज भी बिजली और सड़कों से वंचित है । सड़कें और बिजली विकास का मार्ग है, इसमें सुधार करना ।

गांवों के लोग छोटी से छोटी बीमारी में इलाज के लिए शहर आते है । शहर से उन्हें बाहरी जिलों में रेफर कर दिया जाता है । यह गम्भीर स्थति है । जिला मुख्यालय के एक मात्र राजकीय चिकित्सालय, जो कि हमारे पूर्वज महाराज जवाहरसिंह के नाम पर है, के हालात हम देख रहे है । जिला मुख्यालय के अस्पताल में पूरे चिकित्सक, आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराकर इसे आदर्श अस्पताल बनाना तथा स्वास्थ्य केंद्रों के ढांचों में बदलाव कर ग्रामीणों को वही मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हो इसका दृढ संकल्प लिय है ।

*जिले के लिए आपकी क्या योजना रहेगी ?*

जैसलमेर जिला किसान और पशुपालन आधारित है । किसानों की समस्याएं, नहरों में पानी की उपलब्धता, नहरी जमीन का आवंटन, भूमिहीन और शहरी मध्यम वर्ग को नहरी क्षेत्र में आवंटन, कई स्थानों पर आबादी विस्तार के काम बकाया है । शहरी क्षेत्र में स्टेट ग्रांट और कच्ची बस्ती आबादी भूमि के पट्टों का वितरण करवाना मेरी योजना में शामिला ।

जिले में सबसे बड़ा मुद्दा डीएनपी क्षेत्र में आये गांवो का अवरुद्ध पड़ा विकास है । इन गांवों में सतत विकास शुरू करने के साथ डीएनपी का क्षेत्रफल कम करवाना। अकाल के समय ग्रामीण काफी दिक्कत में होते है । जिस प्रकार 'गाय को फेमिन कोड' में शामिल किया उसी तर्ज पर 'भेड़ बकरियों को फेमिना कोड में' शामिल कराना प्राथमिकता रहेगी । जिले में गौशालाओं का निर्माण भी जरूरी है। स्थानीय युवाओं को यहां काम करने वाली कम्पनियां प्राथमिकता से योग्यतानुसार रोजगार उपलब्ध कराए, सामुदायिक संगठन मद बजट का सदुपयोग हो । इस वर्ष भी आकाल की स्थिति में जैसलमेर के निवासियों का हाल बेहाल होता दिख रहा है परन्तु प्रशासन की विधि में तिलमात्र फरक नहीं पड़ा है |

जैसलमेर के पर्यटन उद्योग को पुनः स्थापित करने के लिए खास योजना बनाई जाएगी ।

जेसलमेर का हस्तशल्प उच्च कोटि का है जो एक्पोर्ट होता है।मगर उसकी कीमत बनाने वालों को पूरी नही मिलती।जेसलमेर में ही हसशिल्प बिक्री केंद्र खुलवाने के प्रयास होगा ताकि हस्तशिल्पियों को पूरी कीमत मिले।।

जैसलमेर में रेल सेवाओं के विस्तार, रोडवेज डिपो विधिवत रूप से शुरू करवाना, ग्रामीण बसों का संचालन, सरकारी सेवाओं में नॉन ट्रांफेरेबल नियुक्ति हो, जैसलमेर में उद्योग स्थापित करने के प्रयास होंगे । जैसलमेर सुंदर, स्वच्छ और हरा भरा हो इसके लिए प्राथमिकता से प्रयास होंगे । जैसलमेर की शिक्षा प्रणाली के कारण अन्य क्षेत्रों के नागरिक जैसलमेर का रोज़गार छीन रहे है |

*जनता से अपनी बात*

कुछ लोग भ्रामक बातें फैला रहे हैं कि राजपरिवार और जनता के बीच दूरियां है तो मैं यह आश्वस्त करना चाहती हूूं कि राजपरिवार और जैसलमेर की जनता के बीच कभी दूरियां नहीं रही और न ही कभी रहेगी । मेरी पीड़ा है कि जैसलमेर का जिस तरह विकास होना चाहिए वैसा नहीं हुआ । मेरा उद्देश्य जनता की सेवा का है।

जैसलमेर का विकास करना है, इस ​लक्ष्य के लेकर हमें साथ चलना है । इसलिए आओ, 'नया जैसलमेर बनाएं' । इसे खुशहाल बनाएं । आप सभी का मान सम्मान और स्नेह हमेशा हमारे परिवार को मिलता रहा है आगे भी मिलता रहे ।

शुक्रवार, 7 सितंबर 2018

हार्दिक की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती, पाटीदार इलाकों में पुलिस बल तैनात

हार्दिक की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती, पाटीदार इलाकों में पुलिस बल तैनात
अहमदाबाद। उपवास के 14 वें दिन हार्दिक पटेल की तबीयत बिगड़ जाने पर उसे सोला सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। अभी उसे एमआईसीयू में रखा गया है। हार्दिक को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इलाज के दौरान किया ट्वीट…
Hardik patels indefinite fast day 14 police activity start beside his residency


इलाज के दौरान हार्दिक ने ट्वीट कर बताया कि अनिश्चितकालीन उपवास आंदोलन के चौदवें दिन आज मेरी तबीयत बिगड़ने की वजह से मुझे अहमदाबाद की सोला सरकारी अस्पताल में भर्ती किया है।सांस लेने में तकलीफ हो रही है और किडनी पर नुकसान बता रहे हैं।अभी तक सरकार किसान और समाज की माँगों को पूरी करने तैयार नहीं हैं।

पाटीदार इलाकों में पुलिस बल तैनात

हार्दिक के स्वास्थ्य को देखते हुए जिला प्रशासन ने ऐहतियातन तौर पर पाटीदार इलाकों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया है।