गुरुवार, 16 अगस्त 2018

जब 'मौत से ठन गई' थी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की, इस कविता में दिखी थी जीत...

जब 'मौत से ठन गई' थी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की, इस कविता में दिखी थी जीत...


नई दिल्ली

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक राजनेता के तौर पर जितने सराहे गए हैं, उतना ही प्यार उनकी कविताओं को भी मिला है। उनकी कई कविताएं उनके व्यक्तित्व की परिचायक बन गईं तो कइयों ने जीवन को देखने का उनका नजरिया दुनिया के सामने रख दिया। लंबे वक्त से बीमार चल रहे अटल को बुधवार को लाइफ सपॉर्ट पर रखा गया तो देश-दुनिया में उन्हें मानने वाले लोगों के मन में अपने चहेते राजनेता की चिंता घर कर गई लेकिन आज बोल पाने में असमर्थ अटल अगर अभिव्यक्त कर पाते तो शायद एक कविता के माध्यम से खुद ही सबको ढांढस बंधाने लगते। साल 1988 में जब वाजपेयी किडनी का इलाज कराने अमेरिका गए थे तब धर्मवीर भारती को लिखे एक खत में उन्होंने मौत की आंखों में देखकर उसे हराने के जज्बे को कविता के रूप में सजाया था। आज एक बार फिर याद आ रही यह कविता थी- 'मौत से ठन गई'...
ठन गई!
मौत से ठन गई!

जूझने का मेरा इरादा न था,
मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था,

रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई,
यूं लगा जिंदगी से बड़ी हो गई।

मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं,
जिंदगी सिलसिला, आज कल की नहीं।

मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं,
लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं?

तू दबे पांव, चोरी-छिपे से न आ,
सामने वार कर फिर मुझे आजमा।

मौत से बेखबर, जिंदगी का सफ़र,
शाम हर सुरमई, रात बंसी का स्वर।

बात ऐसी नहीं कि कोई ग़म ही नहीं,
दर्द अपने-पराए कुछ कम भी नहीं।

प्यार इतना परायों से मुझको मिला,
न अपनों से बाक़ी हैं कोई गिला।

हर चुनौती से दो हाथ मैंने किए,
आंधियों में जलाए हैं बुझते दिए।

आज झकझोरता तेज़ तूफ़ान है,
नाव भंवरों की बांहों में मेहमान है।

पार पाने का क़ायम मगर हौसला,
देख तेवर तूफ़ां का, तेवरी तन गई।

मौत से ठन गई।

...जब राजीव गांधी ने बचाया था अटल को
धर्मवीर को लिखे खत में अटल ने बताया था कि डॉक्टरों ने उन्हें सर्जरी की सलाह दी है। उसके बाद से वह सो नहीं पा रहे थे। उनके मन में चल रही उथल-पुथल ने इस कविता को जन्म दिया था। दिलचस्प बात यह भी है कि अमेरिका में अटल को इलाज के लिए भेजने के पीछे एक बड़ा योगदान तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी का था। राजीव ने संयुक्त राष्ट्र को भेजे डेलिगेशन में अटल का नाम शामिल किया था ताकि इसी बहाने अटल अपना इलाज करा सकें। अटल हमेशा इस बात के लिए राजीव गांधी की महानता की सराहना करते रहे और कहते रहे कि राजीव की वजह से ही वह जिंदा हैं।
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कैसी है अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत? पढ़ें

कैसी है अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत? पढ़ें

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत बेहद नाजुक है. वाजपेयी पिछले दो महीने से नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन पिछले 36 घंटे में उनकी हालत और खराब हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को उनका हाल जानने एम्स पहुंचे थे, वहीं गुरुवार को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत अन्य नेता वहां पहुंचे. वाजपेयी की हालत कैसी है इसपर पढ़ें अपडेट्स...

अटल बिहारी वाजपेयी के लिए इमेज परिणाम

1. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत नाजुक बनी हुई है. पिछले 36 घंटे में उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ है. बुधवार शाम को एम्स ने हेल्थ बुलेटिन जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि उनकी हालत बेहद नाजुक है.

2. एम्स के बुलेटिन जारी करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एम्स अस्पताल पहुंचे थे. पीएम मोदी करीब 50 मिनट तक एम्स में रहे. प्रधानमंत्री के अलावा कई और केंद्रीय मंत्रियों ने अस्पताल जाकर वाजपेयी के हेल्थ की जानकारी ली.

3. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, अश्विनी कुमार चौबे, सुरेश प्रभु, हर्षवर्धन, जितेंद्र सिंह एम्स पहुंचे थे.

4. गुरुवार सुबह उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी भी एम्स अस्पताल पहुंचे. कुछ देर में अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का हाल जानने एम्स जाएंगे. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज शाम दिल्ली पहुंचेंगी, वह भी वाजपेयी का हाल जानने एम्स जाएंगी.

5. 93 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता वाजपेयी बीते 11 जून से अस्पताल में भर्ती हैं. इससे पहले भी पीएम मोदी ने 29 जून को एम्स पहुंचकर वाजपेयी की सेहत का जायजा लिया था.




6. वाजपेयी को गुर्दा (किडनी) नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण आदि के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था.

7. बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी डिमेंशिया नाम की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और 2009 से ही व्हीलचेयर पर हैं. कुछ समय पहले भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया.



8. अटल बिहारी वायपेयी 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लखनऊ से लोकसभा सदस्य चुने गए थे. वो बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूर्ण करने वाले पहले और अभी तक एकमात्र गैर-कांग्रेसी नेता हैं. 25 दिसंबर, 1924 में जन्मे वाजपेयी ने भारत छोड़ो आंदोलन के जरिए 1942 में भारतीय राजनीति में कदम रखा था.

9. अकाली नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट करके पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सेहत में सुधार के लिए प्रार्थना की है.



10. केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने भी ट्वीट करके जानकारी दी कि वे अटल बिहारी वाजपेयी का हालचाल जानने के लिए एम्स गए. पूर्व पीएम के इलाज में लगी मेडिकल टीम के साथ चर्चा की. उनके सेहत के लिए लाखों लोग भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं. हमारी कामना है कि वे जल्द ही ठीक हों.

बुधवार, 15 अगस्त 2018

बाड़मेर। सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी पर जानलेवा हमला ,पुलिस ने दो जनों को लिया हिरासत में

बाड़मेर। सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी पर जानलेवा हमला ,पुलिस ने दो जनों को लिया हिरासत में 



बाड़मेर। सासंद कर्नल सोनाराम चौधरी पर कुछ बदमाशों ने बुधवार दोपहर को जानलेवा हमले का प्रयास किया। हालांकि इस घटना में सांसद सोनाराम सुरक्षित है। घटना सदर थाना क्षेत्र महाबार सरहद में हुई है। इस घटना में ड्राइवर को मामूली चोट आई है। मामले की एसपी, एएसपी सहित कई अधिकारी जांच में जुट गए है।
जानकारी के अनुसार कर्नल सोनाराम चौधरी एक कार्यक्रम से लौट रहे थे। इस दौरान कुछ बदमाशों ने उनकी गाड़ी को ओवरटेक कर हमला कर दिया। बदमाशों ने हॉकी से वार कर गाड़ी के कांच तोड़ दिए। घटना के तुरंत बाद पुलिस हरकत में आई और बदमाशों की धरपकड़ के लिए नाकाबंदी कराई। पुलिस ने दो जनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।




घटना के बाद सासंद सोनाराम चौधरी सदर थाना पहुंचे और घटना की पूरी जानकारी दी। इधर, घटना की जानकारी मिलते ही सदर थाना के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई। समर्थकों ने जल्द से जल्द से कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े रहे। पुलिस अधीक्षक ने कार्रवाई के लिए आश्वस्त किया। कर्नल ने समर्थको से संबोधित करते हुए कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों ने गलत किया हैं, पुलिस जांच कर रही हैं।

सिवाना। ऐतिहासिक दुर्ग गढ़ सिवाणा पर पहली बार हुआ ध्वजारोहण

सिवाना। ऐतिहासिक दुर्ग गढ़ सिवाणा पर पहली बार हुआ ध्वजारोहण

रिपोर्ट :- जीत जांगिड़ / सिवाना 

बाड़मेर। जिलेभर  में स्वतन्त्रता दिवस पूर्ण हर्षोल्लास एवं उत्साह के साथ मनाया गया। सिवाना क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जा रहा स्वतंत्रता दिवस, ऐतिहासिक दुर्ग गढ़ सिवाणा पर पहली बार हुआ ध्वजारोहण, गढ़ सिवाणा महोत्सव समिति की ओर से किया गया ध्वजारोहण, मीठाई बांटकर जताई खुशी, राव कल्ला राय मलोत की समाधी पर लगाई धोक, क्षेत्र की खुशहाली की की कामना। 


बाड़मेर। पुलिस अधीक्षक अग्रवाल ने किया पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर ध्वजारोहण

बाड़मेर। पुलिस अधीक्षक अग्रवाल ने किया पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर ध्वजारोहण
बाड़मेर। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय पर स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय एवं रिजर्व पुलिस लाइन बाड़मेर पर जिला पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बाड़मेर ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर पुलिस की सशस्त्र टूकड़ी द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई। इस अवसर पर पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थें।

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