मंगलवार, 31 जुलाई 2018

बड़ी खबर :- भारत- पाक में जसवंतसिंह परिवार का जलवा , शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह के प्रयास लाये रंग , वतन आया रेशमा का पार्थिक शरीर

बड़ी खबर :- भारत-  पाक में जसवंतसिंह परिवार का जलवा , शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह के प्रयास लाये रंग , वतन आया रेशमा का पार्थिक शरीर 
बाड़मेर। आख़िर एक सप्ताह की कड़ी मशक्कत के बाद पाकिस्तान से रेशमा का शव सड़क मार्ग से मुनाबाव के रास्ते भारत पहुंच गया। जहां पाकिस्तान रेंजर्स ने रेशमा का शव एवं उसके बेटे सायब को बीएसएफ को सौंपा। मुनाबाव से एम्बुलेंस के जरिये रेशमा के शव को लेकर बाड़मेर के गडरा रोड के गांव असागड़ी ले जाने के लिए रवाना हुए। जहां पर शाम को रेशमा के शव को सुपुर्द ए खाक किया जाएगा।


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पाकिस्तान बेटी और बहन से मिलने गई थी रेश्मा

रेशमा अपनी बेटी व बहन से मिलने के लिए 30 जून को पाकिस्तान के खीपरा (सांगड़) गई थी। गत 25 जुलाई को सामान्य बुखार के बाद रेशमा की मौत हो गई थी तो वही पाकिस्तान में 25 जुलाई को चुनाव थे। वहाँ कार्यालय बंद थे। ओर आवागमन के साधन भी उपलब्ध नहीं थे। एेसे में रेशमा के निधन के बाद उनको लगा कि अब कैसे भारत पहुंचेंगे। यहाँ उनके पुत्रो से रेशामा के शव को वतन की मिट्टी में सुपुर्द करने के लिए शव बाड़मेर लाने की गुहार जिला प्रशासन, और शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह से की।

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भारत - पाक में जसवंतसिंह परिवार का जलवा
जसवंत सिंह परिवार का जलवा आज भी पाकिस्तान और हिंदुस्तान में बरकरार है। जिला कलेक्टर शिव प्रसाद नकाते ने एक जिला कलेक्टर के तौर पर पूर्व प्रयास किये की पहले रेशमा का शव भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस से लाने का प्रयास किया गया। इसके लिए थार एक्सप्रेस को डेढ़ घंटे तक पाकिस्तान में रोक कर रखा गया, लेकिन वीज़ा समाप्ति एवं अन्य औपचारिक कार्यवाही पूर्ण ना होने की वजह से पार्थिव देह को भारत नहीं लाया जा सका।

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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी अपने सतत प्रयास कर रही थी।मगर सड़क मार्ग से बाघा बॉर्डर से शव भेजने की बात पाक सरकार के अधिकारियों ने कही। इधर शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह अपने रसूखात के चलते पाक एम्बेसी के अधिकारियों से व्यक्तिगत संपर्क में थे। उन्होंने अपने व्यक्तिगत प्रभाव का इस्तेमाल कर पाक अधिकारियों को रेशामा का शव खोखरापार मुनाबाव सड़क मार्ग से भेजने के लिए राजी किया। जिसके बाद मुनाबाव - खोखरापार सड़क मार्ग से शव लाने की विशेष अनुमति प्रदान की गई। शिव विधायक की ओर से लगातार की जा रही कोशिशों का नतीजा है कि रेशमा का शव भारत आ गया है। सबके सामूहिक प्रयास थे मगर सड़क मार्ग दूसरी बार खुलवाने में मानवेन्द्र सिंह का प्रयास सफल रहा। रेशामा को अपने वतन की मिट्टी नसीब हुई। जसवंत सिंह परिवार के प्रति आज भी पाकिस्तान में सम्मान का भाव है।
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पाक अधिकारियों की तारीफ की जानी चाहिए - सिंह

इस्लामाबाद में पाकिस्तान उच्चायोग के अजय बिसारिया, अजीज अहमद खान और जेपीसिंह सहित कई अधिकारियों से संपर्क किया और उनसे सहयोग मांगा। मानवेन्द्र बताते है कि एम्बुलेंस लाने औैर मानवता के इस कार्य में सहयोग करने के लिए पाकिस्तान के अधिकारियों की तारीफ होनी चाहिए।
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दूसरी बार खोले गए सड़क मार्ग के द्वार

मुनाबाव सीमा पर सड़क मार्ग से आवागमन दूसरी बार मंगलवार को रेशमा के शव एवं उसके पुत्र की वतन वापसी के लिए किया गया, जबकि इससे पहले पूर्व वित्त विदेश मंत्री जसवंत सिंह अपने काफिले के साथ मुनाबाव खोखरापार इसी सड़क मार्ग से विशेष स्वीकृति लेकर पाकिस्तान स्थित हिंगलाज माता मंदिर के दर्शन के लिए बड़े जत्थे के साथ इसी मार्ग से गए थे और इसी मार्ग से वापस आये। जसवंतसिंह परिवार के कारण मानवता के नाते खुलवाया जा सका।


प्रशासनिक अमला रहा मौजूद:

मंगलवार को रेशमा के पार्थिव देह को विशेष अनुमति के जरिये सड़क मार्ग से अपने वतन भारत लाने के लिए उपखण्ड अधिकारी चन्द्रभान सिंह भाटी, गडरा रोड तहसीलदार पुरखाराम, रामसर एसएचओ विक्रम सांदू, जीआरपी, आरपीएफ, मेडिकल टीम के साथ अन्य मौजूद रहे।

कुछ ही देर में अपने वतन लौटेगा 65 वर्षीय रेशमा का पार्थिक शरीर ,इमीग्रेशन की कार्यवाही जारी

कुछ ही देर में अपने वतन लौटेगा 65 वर्षीय रेशमा का पार्थिक शरीर ,इमीग्रेशन की कार्यवाही जारी 


रेशमा के शव को मुनाबाव बॉर्डर से भारत लाने की इजाजत पाकिस्तान उच्चायोग ने सोमवार को दे दी थी। मीरपुरखास से रेशमा का शव मंगलवार की अलसुबह रवाना किया गया था जो पाकिस्तान जीरो लाइन बॉर्डर पर पाकिस्तान उच्चायोग के सहयोग से एम्बुलेंस में शव पहुंच चुका है। यहां इमीग्रेशन की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। पाकिस्तान की ओर से पाक रैंजर्स के अलावा पहली बार इमीग्रेशन के स्टाफ को विशेष बुलाया गया है जो रेशमा और उसके बेटे शाहिब जिसको शव के साथ बॉर्डर क्रास करने की विशेष इजाजत मिली है भारत आएगा। इधर भारत में बीएसएफ, इमीग्रेशन स्टाफ, पुलिस का बड़ा जाप्ता, प्रशासनिक अधिकारी और रेशमा के परिजन पहुंच चुके है। इमीग्रेशन की जांच के बाद गेट खुलेगा और रेशमा का शव भारत को सुपुर्द हो जाएगा।

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ब्रेकिंग :- पाकिस्तान के ज़ीरो लाइन प्लेटफार्म पहुँचा रेशामा का शव

ब्रेकिंग :- पाकिस्तान के ज़ीरो लाइन प्लेटफार्म पहुँचा रेशामा का शव 


रेशामा का शव पाकिस्तान के ज़ीरो लाइन प्लेटफार्म पर पहुंचा। भारतीय एजेंसियां पहुंची इमिग्रेशन के लिए। कुछ समय बाद शव सरकार दस्तावेजो की जांच के बाद मुनाबाव पहुंचेगा। सीमा सुरक्षा बल,सुरक्षा एजेंसियां मौजूद।


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राजस्थान के लाखों बेरोज़गारों के लिए बड़ी खबर, REET परिणाम को लेकर आखिरकार हाईकोर्ट ने सुना दिया ये फैसला

राजस्थान के लाखों बेरोज़गारों के लिए बड़ी खबर, REET परिणाम को लेकर आखिरकार हाईकोर्ट ने सुना दिया ये फैसला


जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने आखिरकार REET लेवल-2 का पेपर लीक होने के मामले में सुरक्षित रहा हुआ फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने हज़ारों बेरोज़गारों को बड़ी राहत देते हुए परीक्षा परिणाम में लगी रोक को हटा दिया है। गौरतलब है कि कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों की सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस वीएस सराधना ने रीट परीक्षा के दूसरे लेवल का परिणाम घोषित करने के आदेश जारी कर दिए।

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बेरोज़गारों में ख़ुशी की लहरअदालत का फैसला आते ही बेरोज़गारों में ख़ुशी की लहर छा गई। राजस्थान एकीकृत बेरोज़गार महासंघ ने अदालती फैसले पर ख़ुशी ज़ाहिर की है। महासंघ के यादव का कहना है कि ये हमारे एक और संघर्ष की जीत है। रीट लेवल सेकंड के बेरोजगारों के लिए हाईकोर्ट के फैसले ने बड़ी खुशखबरी दी है। हाई कोर्ट ने कमलेश कुमार मीणा की याचिका को खारिज कर दिया है। रीट लेवल सेकंड 2018 के लिए अब 28 हज़ार बेरोजगारों की नियुक्ति का रास्ता खुल गया है।

इस याचिका से अटक गया था REET परीक्षा परिणामदरअसल, कमलेश मीणा की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने अध्यापक पात्रता परीक्षा लेवल द्वितीय का परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी थी। ऐसे में प्रथम लेवल का रिजल्ट जारी हाे चुका था लेकिन द्वितीय लेवल का परीक्षा परिणाम काेर्ट के फैसले आने तक के लिए अटक गया था।


ये उठाई गई थी आपत्तियाचिका में कहा गया था कि 11 फरवरी को रीट परीक्षा शुरू होने से एक घंटा पहले G-सीरिज का पेपर सोश्यल मीडिया पर लीक हो गया था। उसने इस बारे में उच्चाधिकारियों को भी जानकारी दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में परीक्षा की जांच एसओजी या सीबीआई से करवाई जाए। इसके विपरीत भर्ती प्रक्रिया पर रोक से प्रभावित अभ्यर्थियों की ओर से कहा गया कि पूरे प्रदेश में केवल याचिकाकर्ता ही पेपर लीक होने की बात कह रहा है, जबकि इस मामले में न तो कोई एफआईआर दर्ज हुई है और न ही कोई शिकायत हुई है।

लाखों अभ्यर्थियों को था फैसले का इंतज़ारREET परीक्षा में लाखों अभ्यर्थी अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं, लिहाज़ा सभी परिणाम पर लगी रोक को लेकर हाईकोर्ट के फैसले का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे।राज्य में हजाराें पदों पर अध्यापकों की भर्ती के लिए 11 फरवरी को रीट परीक्षा ली गई थी। द्वितीय लेवल (कक्षा 6 से 8) के लिए परीक्षा सुबह 10 बजे से आैर प्रथम लेवल (कक्षा 1 से 5) के लिए परीक्षा दाेपहर 2.30 से हुर्इ थी। सरकारी शिक्षक बनने के लिए लाखाें अभ्यर्थियों ने दो चरणों में आयोजित परीक्षा में भाग लिया था।

आनंदपाल एनकाउंटर सीन रि-क्रिएशन पर उठे सवाल, मुठभेड़ रात के अंधेरे में एक बल्ब के नीचे, फिर दिन में कवायद क्यों?

आनंदपाल एनकाउंटर सीन रि-क्रिएशन पर उठे सवाल, मुठभेड़ रात के अंधेरे में एक बल्ब के नीचे, फिर दिन में कवायद क्यों?



चूरू। सीबीआई व सीएफएसएल टीम की ओर से गांव मालासर में आनंदपाल सिंह एनकाउंटर का सीन रि-क्रिएट किया जा रहा है। लेकिन इस बीच आनंदपाल की पत्नी राज कंवर और उनके अधिवक्ताओं ने इस सीन रि-क्रिएशन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। राजपूत नेता सीबीआई की ओर से की जा रही इस कवायद को खानापूर्ति बता रहे हैं। इस पक्ष का कहना है कि एनकाउंटर का वास्तविक घंटनाक्रम रात के अँधेरे में एक बल्ब की रोशनी में हुआ था, लेकिन सीन रि-क्रिएशन का काम सुबह दिन के उजाले में किया जा रहा है। ये उन परिस्थितियों से बिलकुल अलग होगा जो उस समय एनकाउंटर के दौरान बनी थीं।

आनंदपाल एनकाउंटर सीन रि-क्रिएशन पर उठे सवाल, मुठभेड़ रात के अंधेरे में एक बल्ब के नीचे, फिर दिन में कवायद क्यों?

ये उठ रहे सवालदरअसल, 13 महीने सात दिन बाद फिर से पांच लाख के इनामी बदमाश आनंदपाल सिंह के एनकांटर का सीन रि-क्रिएट हो रहा है। इस आभासी एनकाउंटर को सीबीआई जांच के लिए री-क्रिएट किया जा रहा है। लेकिन सीबीआई की जांच के इस पहलू पर सवाल उठाए जा रहे हैं। राजपूत नेताओं का कहना है कि जिस तरह से रात के अंधेरे में एक बल्ब की रोशनी में आनंदपाल को गोली मारी गई थी ठीक उसी तरह से इसे आभासी एनकाउंटर को भी रात के अंधेरे में एक बल्ब की रोशनी में किया जाना चाहिए। लेकिन सीबीआई अपनी सुविधा के अनुसार काम कर रही है।



इस बीच सीबीआई और एफएसएल की टीम एक दिन पहले ही चूरू पहुंच चुकी है और आनंदपाल के परिजनों से कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी उन्होनें लिए है। बताया जा रहा है कि इस एनकांउटर में सीबीआई एसओजी और एटीएस के अफसरों के साथ ही हरियाणा पुलिस के उन अफसरों को भी बुलाया गया है जो उस समय एनकाउंटर के समय वहां मौजूद थे।





ये होगा सीन रि-क्रिएशन मेंसीबीआई के डीएसपी सुनील सिंह रावत ने बताया कि सीएफएसएल टीम की ओर से गांव मालासर में आनंदपाल सिंह एनकाउंटर का सीन रि-क्रिएट करवाया जा रहा है। एनकाउंटर के समय मौजूद सभी 59 पुलिस अधिकारी व कर्मचारी मौजूद हैं।



इस मामले में सीएफएसएल की रिपोर्ट महत्वपूर्ण होगी। सीन रि-क्रियेट में एनकाउंटर के समय मौजूद पुलिस अधिकारी व कर्मचारी कहां किस पोजीशन में खड़ा था, किसने कितने फायर कहां किए। रावत ने बताया कि सीन रि-क्रिएट में लगभग तीन-चार घंटे लगेंगे। इस दौरान सीबीआई टीम के सदस्य, दिल्ली से आईसीएफएसएल टीम के सदस्य आदि मौजूद रहेंगे।


सीबीआई को देंगे अहम सबूतआनंदपाल सिंह एनकाउंटर की सीबीआई जांच मामले में आज उस समय नया मोड़ आ गया। जब आनंदपाल सिंह की पत्नी राजकंवर हाइकोर्ट के एक निर्णय के साथ चूरू पहुंची। प्रेसवार्ता में राजकंवर के साथ उनके अधिवक्ता भी मौजूद रहे।

प्रेसवार्ता में राजकंवर की मौजूदगी में उनके अधिवक्ता नरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि उनकी ओर से हाइकोर्ट के निर्णय के हवाले से सीबीआई को मामले से जुड़े कुछ अहम सबूत पेश किए जांएगे। एडवोकेट राठौड़ ने बताया कि जांच एजेंसियों को पहले भी एनकाउंटर को फर्जी साबित करने वाले सबूत पेश किए गए थे। मगर उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए पीडि़त राज कंवर की ओर से हाइकोर्ट में परिवाद पेश किया गया था, जिसका निस्तारण करते हुए हाइकोर्ट ने आदेश दिया कि पीडि़ता के पास जो भी सबूत हैं। उन्हें वे जांच एजेंसी के सुपुर्द कर सकती हैं, यदि फिर भी उन्हें संतुष्टि नहीं मिले तो हाइकोर्ट का दरवाजा खुला है।