रविवार, 29 जुलाई 2018

गहलोत के बयान के बाद कांग्रेस का बंटाधार,गहलोत खुद को प्रमोट करवा पार्टी लाइन का कर रहे उलंघन

गहलोत के बयान के बाद कांग्रेस का बंटाधार,गहलोत खुद को प्रमोट करवा पार्टी लाइन का कर रहे उलंघन


राजस्थान में नवम्बर में होने वाले चुनावों में भाजपा की स्थति भले ही संतोषजनक नही है मगर सत्ता के करीब खुद को देख कांग्रेस नेता अब कांग्रेस का बेड़ागर्क करने में लगे है।मजे की बात है कि पार्टी में अनुशासन की दुहाई देने वाले प्रमुख नेता पार्टी लाइन तोड़ कर बयानबाज़ी कर कांग्रेस को गर्त में ले जा रहे।।पहले लालचंद कटारिया ने राजस्थान में अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद के दावेदार घोषित करने की मांग की।।कटारिया के बयान के पीछे यही समझाया जा रहा है ।।गहलोत गुट के नेता अब सचिन का विरोध करना शुरू कर देंगे।।यही हो रहा ।कटारिया के बयान पर कल उदयपुर में खुद अशोक गहलोत ने यह कह कर मुहर लगा दी कि दस साल से मुख्यमंत्री का चेहरा आप देख रहे हो।उन्होंने स्पस्ट शब्दो मे कहा कि में राजस्थान से दूर नही।साथ ही साथ उन्होंने कटारिया के बयान का भी समर्थन किया।जबकि राजस्थान में कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने कटारिया के बयान को अनुशासनहीनता मानते हुए कार्यवाही शुरू कर दी।।गहलोत के बयान के बाद कांग्रेस के उन नेताओं के सामने दिक्कत आने वाली है जो पहले अशोक गहलोत गुट के थे बाद में राजनीति परिस्थतियां बदलते ही सचिन पायलट का दामन थाम लिया।ऐसे नेताओ की फेहरिस्त लम्बी है।गहलोत ने यह कह कर की टिकट मांगने वाला यदि जितने वाला उम्मीदवार है तो उसे टिकट दी जाए चाहे वो किसी गुट का हो। गहलोत के इन बयानों के बाद राजस्थान कांग्रेस हैरत में है। गहलोत की यह सीधी सीधी चुनोती सचिन पायलट को हे।गहलोत का थ बयान भी उस वक़्त आया जब सचिन अपनी सात दिवसीय ऑस्ट्रेलिया यात्रा पूर्ण कर आये है। गहलोत को यह पता है कि जितना हल्ला कांग्रेस का हो रहा है उतनी सफलता कांग्रेस को नही मिलनी।सचिन गुट इस वक्त बागडौर संभाले है खास कर दिग्गज जाट नेता सचिन के साथ खुलकर है तो शेखावाटी और हाड़ौती के कई दिग्गज राजपूत नेता भी सचिन को खुलकर साथ दे रहे। ये वो नेता है जिनके राजनीतिक करियर अशोक गहलोत ने खराब किये थे मगर सचिन ने इन्हें पुनः पार्टी लाइन में लाकर ताकतवर बना दिया।गहलोत की दावेदारी पर सचिन खुद चुपी साढ़े है मगर उनके समर्थक बोल रहे है कि 2013 में अशोक गहलोत के नेतृत्व में पार्टी का भट्टा बैठा मात्र 21 सीट ही जीत पाई।।अब किस मुंह से दावेदारी कर रहे।।सूत्रों की माने तो कटारिया और गहलोत के बयान सचिन पर दबाव बनाने के लिए है कि गहलोत गुट के नेताओ को भी बराबर टिकट दी जाए। कुल मिलाकर गहलोत ने पूर्व में दो धड़ो में पर्दे के पीछे चल रही गुटबाज़ी को हवा देकर इसे चौड़े धाड़ें कर दिया।।इस गुटबाज़ी का भाजपा नेता कितना फायदा उठा पाते है यह भी देखने वली बात है। अशोक गहलोत के मारवाड़ क्षेत्र के कट्टर समर्थक पाला बदल सचिन के साथ जा चुके है यह बात दीगर है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री बनने का मोह त्याग नही पा रहे।एक बड़ा कारण कांग्रेस पर दबाव बनाकर अपने पुत्र वैभव गहलोत को राजस्थान में स्थापित करना भी है।अब जब उम्मीदवार अपनी टिकट तय मैं मैदान उतर चुके है ऐसे में गहलोत का बयान कांग्रेस के लिए कब्र खोदने वाला है।

शनिवार, 21 जुलाई 2018

बाड़मेर। प्रशासन को तीन दिन का अल्टीमेंट , नहीं भरे सड़क के गड्डे तो खुद को गड्डो में गाड़ दूंगा - भादू

बाड़मेर। प्रशासन को तीन दिन का अल्टीमेंट , नहीं भरे सड़क के गड्डे तो खुद को गड्डो में गाड़ दूंगा - भादू

बाड़मेर। सामाजिक कार्यकर्ता रणवीर सिंह भादू ने शुक्रवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौपकर शहर के सिणधरी चौराहे के पास सड़क पर बने बड़े-बड़े गड्ढो को तीन दिन में भरने की मांग की ओर साथ ही उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर तीन दिन में सड़क के गड्ढो को नहीं भरे गए तो खुद को गड्डो में गाड़ दूंगा। 
रणवीर सिंह भादू के लिए इमेज परिणामउन्होंने ज्ञापन में बताया की कहा कि सिणधरी चौराहे से सिणधरी की तरफ जाने वाली सड़क पूर्ण रूप से कंकरीट का रूप ले चुकी है एवं इस सड़क पर बड़े बड़े दो दो फिट के गहरे गड्डे बन चुके है और लोग तकलीफ झेल रहे है परन्तु इस जिले से निर्वाचित जन प्रतिनिधि, सम्बन्धित विभाग के अधिकारी एवं जिला प्रशासन पता नहीं क्यूँ इनके साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। भादू ने शुक्रवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौपकर एवं विडियों जारी कर जिला प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि सोमवार की रात्रि तक इन गड्डों को नहीं भरा गया तो मंगलवार को मैं मेरे शरीर को इन गड्डों में गाड़ दूँगा। 

जैसलमेर। जनता के दिलों पर स्थान बनाने में सफल रहे पुलिस अधीक्षक गौरव यादव ,बेदाग रहा कार्यकाल

जैसलमेर। जनता के दिलों पर स्थान बनाने में सफल रहे पुलिस अधीक्षक गौरव यादव ,बेदाग रहा कार्यकाल


जैसलमेर। विनम्र संवेदनशील मधुर स्वभाव औऱ क्विक एक्शन के लिए जाने जाएंगे आईपीएस गौरव यादव
नवाचार के लिए पहचाने जाएंगे। जैसलमेर जिले के युवा पुलिस अधीक्षक गौरव यादव ने अपने कार्यकाल में कई प्रकार के नवाचार किये है। जिसका सबसे नया नवाचार हाल ही में जैसलमेर से कुलधरा तक 21किलोमीटर की साइकिल रैली निकालकर पर्यावरण सड़क सुरक्षा और पर्यटन के बचाव का संदेश दिया। युवाओं के बीच में अपनी पहचान बनाने में सफल रहे पुलिस अधीक्षक गौरव यादव को अपने कार्यों के लिए याद किया जाएगा। गौरव यादव ने अपने कुशल निर्देशन में कई बड़े विवाद निपटाये। 

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जिस समय जैसलमेर में इनका आगमन हुआ था उस समय जैसलमेर जिला चतुरसिंह पुलिस गोलीकांड में जल रहा था उसके बाद में भी कई जनआंदोलन हुए। जिसमें आक्रोश रैली ब्राह्मण राजपूत विवाद अंबेडकरवाद 2अप्रैल का आंदोलन बहुत बड़ा माना जा सकता है परंतु अपने कुशल निर्देशन और जाप्ता तैनात करने में अग्रणी रहे पुलिस अधीक्षक गौरव यादव ने किसी भी जन आंदोलन के दौरान कानून और व्यवस्था को बिगड़ने नहीं दिया पुलिस अधीक्षक गौरव यादव की सबसे बड़ी खासियत रही कि वह जनता के लिए हमेशा उपलब्ध रहे उन्होंने जनता से हमेशा सीधा संवाद किया अपने मोबाइल नंबर को सार्वजनिक किया आधी रात को भी वह अपने घर मोबाइल और वाट्सअप पर जनता की सुनवाई करने को उपलब्ध रहे और हर सूचना पर तुरंत कार्यवाही की। 


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इनके कार्यकाल के दौरान पुलिस को कई बड़ी उपलब्धियां हासिल हुई ।।जिले से बाहर अपराध करके भाग चुके अपराधियों को जोकि हिंदुस्तान के किसी भी कोने में फरार रहे उन्हें पकड़ने में सफलता हासिल की पुलिस अधीक्षक ने जैसलमेर में अपने कार्यकाल में हर कार्य को बड़ी गंभीरता के साथ किया इनके कार्यकाल में नाकाबंदी पर विशेष ध्यान दिया गया देर रात तक आवागमन कर रहे वाहनों पर सतत निगरानी की गई जिसके चलते कई अपराधी पुलिस के हत्थे चढ़े गौरव यादव ने कभी भी राजनेताओं के दबाव को नहीं माना । पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार अवैध जिप्सम खनन माफिया की कमर तोड़ी गई क़रीब पचासों ट्रक ट्रेलर अवैध जिप्सम से भरे पकड़े गए जिससे लाखों रुपए की सरकार को राजस्व की हानि से बचाया गया। 

पुलिस अधीक्षक के कार्यकाल में इनके ऊपर किसी प्रकार की भी आरोप नहीं लगे और इन्होंने ईमानदार पुलिस अधीक्षक की छवि को पेश किया ऐसे कई उदाहरण रहे जिसमें राजनेताओं की मर्जी के खिलाफ जाकर अन्याय नहीं होने दिया इनके कार्यकाल के दौरान कई कलेक्टर बदले गए।  इन्होंने सभी जिला कलेक्टरों के साथ अपना तालमेल बनाए रखा जिससे जनता को राहत मिली जैसलमेर में कई पुलिस अधीक्षक ऐसे रहे जिनको आज भी जैसलमेर की जनता याद करती है उनमें गौरव यादव अपना नाम दर्ज करवाने में सफल रहे हैं।  


पुलिस विभाग में जवानों के बीच में इनका अपना विशिष्ट प्रभाव रहा। इनके तबादले की खबर को सुनते ही पुलिस जवानों में विदाई की तकलीफ को देखा जा रहा है हालांकि इन्होंने अपना जैसलमेर में कार्यकाल को पूरा किया है और दूसरे जिले सीकर में भी पुलिस अधीक्षक की ही नियुक्ति दी गई है इससे साबित होता है कि राज्य सरकार और पुलिस महकमा इनके कार्यों से संतुष्ट रहा है । कुल मिलाकर एक बेहतरीन कार्यकाल के लिए गौरव यादव हमेशा जैसलमेर के दिलो में बसे रहेंगे। सीकर में इसे जारी रखेंगे इन्ही शुभकामनाओं के साथ।

जैसलमेर। महिला शक्ति पे भरोसा नही किया राज्य सरकार ने, दो माह में ही हटा दिया अनुपमा जोरवाल को


जैसलमेर। महिला शक्ति पे भरोसा नही किया राज्य सरकार ने, दो माह में ही हटा दिया अनुपमा जोरवाल को


जैसलमेर। महिलाओ को अधिकार देने और उन्हें बराबरी का दर्जा देने के दावे अक्सर राज्य सरकार करती आई है। दो माह पहले जब आईएएस अनुपमा जोरवाल कलेक्टर बन कर जैसलमेर आई तब कई उम्मीदों ने जन्म लिया। जैसलमेर जिले को महिला सशक्तिकरण का श्रेष्ठ उदाहरण माना जाने लगा। जिला प्रमुख,सभापति महिलाए होने के साथ इस कड़ी में महिला जिला कलेक्टर के रूप में अनुपमा जोरवाल का नाम भी जुड़ा। उन्होंने अपनी प्राथमिकताए भी गिनाई। दो माह का कार्यकाल आंकलन की दृष्टि से प्रयुक्त नही है मगर दो माह में उन्होंने अपना प्रभाव प्रशासनिक हलकों में प्रभावी रूप से छोड़ा। सबको भरोसा था कि चुनाव जोरवाल ही कराएगी।।उनके कार्यो ने रफ्तार पकड़ी थी। उन्होंने जिले को समझा ही था.कि ट्रांसफर हो गया। राज्य सरकार को यह बदलाव करने से बचना चाहिए था शायद जन प्रतिनिधि खुद को असहज महसूस कर रहे थे। हालांकि जोरवाल का कोई विरोध नही था। राज्य सरकार ही उन पर भरोसा नही कर पाई। इतना कम कार्यकाल शायद जैसलमेर जिले में उनका ही रह है। बहुत कुछ करने का इरादा लेकर उन्होंने कलेक्ट्री जॉइन की थी। उन्होंने बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक से मुलाकात के वक़्त बताया भी था कि वो अपना सर्व श्रेष्ठ देने का प्रयास करेगी जिले के विकास को गति देने के साथ मूलभूत सुविधाएं बहाल करने का प्रयास करेगी। मगर उन्हें सरकार ने ओरण मौका नही दिया। वित्त विभाग में उन्हें भेजा है सम्भवतः उनका उपयोग क्षमतानुरूप वह हो शुभकामनाओं के साथ। 
JAISALMER NEWS- कार्यभार संभालने के बाद जिला कलक्टर ने कहा कुछ ऐसा कि...

जैसलमेर। पदभार ग्रहण करने के बाद प्राथमिकताए तय होगी - कसेरा

जैसलमेर। पदभार ग्रहण करने के बाद प्राथमिकताए तय होगी - कसेरा


जोधपुर निगम आयुक्त ओमप्रकाश कसेरा के लिए इमेज परिणामजैसलमेर। जैसलमेर के नव नियुक्त जिला कलेक्टर ओमप्रकाश कसेरा एक दो दिन में अपना पदभार ग्रहण करेंगे। बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक के साथ बातचीत में बताया कि पहले पदभार ग्रहण करेंगे फिर जिले में कार्यो की प्राथमिकताए तय करेंगे। कसेरा प्रतिभाशाली अधिकारी है। आईएएस में 17 वी रेंक के साथ सफल हुए कसेरा के पास बहुत सी डिग्रियां की योग्यता है। युवा होने के साथ सकारात्मक सोच जैसलमेर के विकास में उपयोगी साबित हो।