शनिवार, 21 जुलाई 2018

जैसलमेर। महिला शक्ति पे भरोसा नही किया राज्य सरकार ने, दो माह में ही हटा दिया अनुपमा जोरवाल को


जैसलमेर। महिला शक्ति पे भरोसा नही किया राज्य सरकार ने, दो माह में ही हटा दिया अनुपमा जोरवाल को


जैसलमेर। महिलाओ को अधिकार देने और उन्हें बराबरी का दर्जा देने के दावे अक्सर राज्य सरकार करती आई है। दो माह पहले जब आईएएस अनुपमा जोरवाल कलेक्टर बन कर जैसलमेर आई तब कई उम्मीदों ने जन्म लिया। जैसलमेर जिले को महिला सशक्तिकरण का श्रेष्ठ उदाहरण माना जाने लगा। जिला प्रमुख,सभापति महिलाए होने के साथ इस कड़ी में महिला जिला कलेक्टर के रूप में अनुपमा जोरवाल का नाम भी जुड़ा। उन्होंने अपनी प्राथमिकताए भी गिनाई। दो माह का कार्यकाल आंकलन की दृष्टि से प्रयुक्त नही है मगर दो माह में उन्होंने अपना प्रभाव प्रशासनिक हलकों में प्रभावी रूप से छोड़ा। सबको भरोसा था कि चुनाव जोरवाल ही कराएगी।।उनके कार्यो ने रफ्तार पकड़ी थी। उन्होंने जिले को समझा ही था.कि ट्रांसफर हो गया। राज्य सरकार को यह बदलाव करने से बचना चाहिए था शायद जन प्रतिनिधि खुद को असहज महसूस कर रहे थे। हालांकि जोरवाल का कोई विरोध नही था। राज्य सरकार ही उन पर भरोसा नही कर पाई। इतना कम कार्यकाल शायद जैसलमेर जिले में उनका ही रह है। बहुत कुछ करने का इरादा लेकर उन्होंने कलेक्ट्री जॉइन की थी। उन्होंने बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक से मुलाकात के वक़्त बताया भी था कि वो अपना सर्व श्रेष्ठ देने का प्रयास करेगी जिले के विकास को गति देने के साथ मूलभूत सुविधाएं बहाल करने का प्रयास करेगी। मगर उन्हें सरकार ने ओरण मौका नही दिया। वित्त विभाग में उन्हें भेजा है सम्भवतः उनका उपयोग क्षमतानुरूप वह हो शुभकामनाओं के साथ। 
JAISALMER NEWS- कार्यभार संभालने के बाद जिला कलक्टर ने कहा कुछ ऐसा कि...

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