10 घंटे में 10 किमी भी नहीं भाग पाए 'गद्दार', यूं कर दिया गया 'नापाक' बदन छलनी
भोपाल। केंद्रीय जेल से फरार हुए प्रतिबंधित संगठन स्टुडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठों आतंकवादियों को पुलिस मार गिराया है। विशेष आॅपरेशन के तहत राजधानी के पास स्थित खेजड़ी देव गांव (अचारपुरा इलाका) की मडीखेड़ा पहाड़ी पर पुलिस और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। (यहां क्लिक कर पढ़ें एनकाउंटर की पूरी कहानी)।चादर की रस्सी बनाकर फांदी थी जेल की दीवाररात 2 बजे के बाद जेल के बी ब्लॉक में बंद सिमी आतंकवादियों ने ओढऩे वाली चादरों और कथित तौर पर कुछ औजारों की मदद से जेल की सुरक्षा में सेंध लगाई थी। अनुमान था कि शहर के बाहरी इलाके में स्थित जेल से बाहर निकलने के बाद आरोपी आतंकवादी बैरसिया बायपास की ओर से भागे थे। आतंकवादी पिछले 10 घंटों में 10 किमी भी नहीं भाग पाए थे। पुलिस ने बैरसिया क्षेत्र स्थित अचारपुरा गांव के पास ही सभी को घेर लिया था।आतंकवादियों के पास थे हथियार: आईजीपूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एनकाउंटर पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आतंकवादियों का भागना जांच का विषय। इस पर भोपाल आईजी योगेश चौधरी ने कहा कि आतंकवादियों के पास हथियार थे। पहले उन्होंने ही पुलिस पर फायर किया था जवाबी फायरिंग में आतंकवादी मारे गए।पुलिस पर आतंकवादियों ने बरसाए थे पत्थर-पुलिस को सुबह भोपाल के बाहरी क्षेत्र अचारपुरा गांव के पास कुछ लोगों के होने की सूचना मिली थी।-सूचना मिलते ही पुलिस तत्काल सक्रिय हुई और पहाडी पर आतंकवादियों को घेर लिया गया। -आतंकवादियों ने पुलिस पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए थे। -जवाब में पुलिस ने भी ताबड़तोड़ गोलियां चलाई, जिसमें आठों आतंकवादी ढेर हो गए। -मुठभेड स्थल को चारों तरफ से पुलिस ने घेर लिया है और आसपास के इलाकों की सघन तलाशी ली जा रही है। -आशंका है कि जेल से भागने के बाद आतंकवादियों को सिमी से जुडे बाहरी लोगों ने मदद की होगी और उनके पास हथियार भी हो सकते हैं।खंडवा के रहने वाले थे पांच आतंकवादी-पुलिस सूत्रों ने बताया कि अकील, जाकिर, मेहबूब, अमजद और मोहम्मद सादिक सिमी की गतिविधियों का केंद्र रहे खंडवा जिले के निवासी हैं। -ये सभी खंडवा जेल से 30 सितंबर 2013 को फरार हुए थे, जिन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था। -इनके साथ ही मूल रूप से मुंबई निवासी डॉ अबू फैजल भी उस समय खंडवा जेल से फरार हुआ था। -ये सभी 6 आतंकवादी 21 अगस्त 2013 से खंडवा जिला जेल में बंद थे।सभी पर दर्ज था देशद्रोह का आरोप-ये सभी विचाराधीन कैदी थे, जिन पर खंडवा में आतंकवादी निरोधक दस्ता (एटीएस) जवान और दो नागरिकों की दिनदहाड़े हत्या, रतलाम जिले में भी एटीएस जवान की हत्या, देशद्रोह, बैंक डकैती, लूट जैसे संगीन अपराधों के गंभीर आरोप हैं। -इन सभी पर खंडवा सहित प्रदेश की विभिन्न अदालतों में गंभीर मामले विचाराधीन हैं।-सूत्रों के मुताबिक खंडवा जिला जेल में सिमी और इंडियन मुजाहिदीन के 9 सदस्य बंदी थे। -इनमें से 6 फ़रार हो गए थे, जिन्हें बाद में पकड़ लिया गया था। -अन्य प्रकरणों में गिरफ्तार तीन बंदियों को सेंट्रल जेल इंदौर और भोपाल में स्थानांतरित किया गया है। -सिमी का अकील खिलजी (42वर्ष), अब्दुल रकीब (27वर्ष) तथा अब्दुल्ला उर्फ अल्ताफ (19वर्ष) शामिल है। -सभी पर धार्मिक उन्माद भड़काने, राष्ट्रद्रोह, विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज हैं।दिग्विजय ने दिया था बयान-मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा, 'जिस प्रकार सिमी के लोग जेल तोड़ के भाग रहे हैं, यह जांच का विषय है कि इसमें मिलीभगत तो नहीं हैं। आरएसएस और कट्टरपंथी विचारधारा के लोग मिलकर दंगे कराते हैं।'-प्रथम दृष्टया जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर, जेलर विवेक परस्ते और आलोक वाजपेयी के अलावा मुख्य प्रहरी आनंदीलाल को भी निलंबित कर दिया था।