गुरुवार, 25 जून 2015

राजे के इस्तीफे पर BJP में मतभेद, मोदी से जुड़े दस्तावेजों की जांच के बाद होगी कार्रवाई!



आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की मदद को लेकर घिरीं राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। कहा जा रहा है कि वसुंधरा पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है।

टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक ललित मोदी की मदद करने के मामले में फंसी वसुंधरा को लेकर मोदी सरकार को तीखे हमले झेलने पड़ रहे हैं। जिसे लेकर पार्टी वसुंधरा राजे के इस्तीफे और मामले से जुड़े दस्तावेजों की जांच करने पर विचार कर रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी की खराब हो रही छवि से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह खासे नाराज है।

इस्तीफे पर बीजेपी में मतभेद

रिपोर्ट्स के मुताबिक वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री पद से हटाने को लेकर बीजेपी में मतभेद है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि वसुंधरा राजे को इस्तीफा दे देना चाहिए, जबकि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और केद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इसके पक्ष में नहीं है, वह वसुंधरा राजे के समर्थन में खड़े हैं।

ललित मोदी से जुड़े दस्तावेजों की होगी जांच

राजे पर कार्रवाई को लेकर मचे घमासान के बीच खबर आ रही है बीजेपी मोदी और वसुंधरा से जुड़े दस्तावेजों की जांच करेगी। अगर वसुंधरा जांच में दोषी पाई जाती है तो उन पर गाज गिरनी लगभग तय मानी जा रही है।

गौरतलब है कि ललित मोदी की मदद को लेकर फंसी वसुंधरा राजे पर विपक्ष हमला करके बीजेपी को घेरने में कोई कमी नहीं छोड़ रहा है। कांग्रेस लगातार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और सीएम वसुंधरा राजे के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही है। जिसके चलते पार्टी की छवि खराब हो रही है। इसी साल के अंत में बिहार विधानसभा के चुनाव होने है जिस वजह से पार्टी किसी भी मामले में फंस कर अपनी छवि धूमिल नहीं करना चाहती है।

बुधवार, 24 जून 2015

खुलासा : सेना की जमीन हड़पने के लिए पूरा गांव बसा दिया

खुलासा : सेना की जमीन हड़पने के लिए पूरा गांव बसा दिया


सैन्य भूमि घोटाले में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। भू-माफिया और अफसरों ने वायु सेना की जमीन हड़पने को नया गांव बसा दिया। इसके लिए तहसील और यूपी राजस्व परिषद के दस्तावेजों में बदलाव किए गए।




नंगला बहरामपुर नाम का यह गैर आबाद गांव वर्ष 1980 के आसपास राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था। सर्वे ऑफ इंडिया और इसरो के दस्तावेजों से इसका खुलासा हुआ है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सैन्य भूमि घोटाले की जांच कर रही उच्च स्तरीय समिति के सामने यह तथ्य आया है।




वर्ष 1980 में दीक्षित अवॉर्ड के तहत यमुना किनारे वाले हरियाणा के कई गांव यूपी को सौंपे गए थे। तभी भू-माफिया ने अपना खेल शुरू कर दिया था। नंगला नंगली गांव में जहां वायु सेना की जमीन है, वहां नंगला बहरामपुर नाम से नया गांव दर्ज कर दिया गया। यह गैर आबाद श्रेणी का गांव बनाया गया। इस कारण गांव की 167 हेक्टेयर भूमि के मालिक दूसरे गांवों के निवासी हैं। जब यूपी के सर्वे विभाग ने खेतों की जमाबंदी की तो नंगला नंगली गांव के नक्शे पर फर्जी गांव का नया नक्शा ओवरलैप कर दिया। इससे वायु सेना की जमीन दस्तावेजों से गायब हो गई। इसके बाद भू-माफिया ने खुलेआम सेना की जमीन पर फार्म हाउस बना डाले। गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी एनपी सिंह ने कहा कि दीक्षित अवॉर्ड के बाद हरियाणा से भेजे दस्तावेजों में फर्जी एंट्री थीं। नंगला बहरामपुर नाम का गैर आबाद गांव दर्ज कर दिया गया।