खुलासा : सेना की जमीन हड़पने के लिए पूरा गांव बसा दिया
सैन्य भूमि घोटाले में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। भू-माफिया और अफसरों ने वायु सेना की जमीन हड़पने को नया गांव बसा दिया। इसके लिए तहसील और यूपी राजस्व परिषद के दस्तावेजों में बदलाव किए गए।
नंगला बहरामपुर नाम का यह गैर आबाद गांव वर्ष 1980 के आसपास राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था। सर्वे ऑफ इंडिया और इसरो के दस्तावेजों से इसका खुलासा हुआ है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सैन्य भूमि घोटाले की जांच कर रही उच्च स्तरीय समिति के सामने यह तथ्य आया है।
वर्ष 1980 में दीक्षित अवॉर्ड के तहत यमुना किनारे वाले हरियाणा के कई गांव यूपी को सौंपे गए थे। तभी भू-माफिया ने अपना खेल शुरू कर दिया था। नंगला नंगली गांव में जहां वायु सेना की जमीन है, वहां नंगला बहरामपुर नाम से नया गांव दर्ज कर दिया गया। यह गैर आबाद श्रेणी का गांव बनाया गया। इस कारण गांव की 167 हेक्टेयर भूमि के मालिक दूसरे गांवों के निवासी हैं। जब यूपी के सर्वे विभाग ने खेतों की जमाबंदी की तो नंगला नंगली गांव के नक्शे पर फर्जी गांव का नया नक्शा ओवरलैप कर दिया। इससे वायु सेना की जमीन दस्तावेजों से गायब हो गई। इसके बाद भू-माफिया ने खुलेआम सेना की जमीन पर फार्म हाउस बना डाले। गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी एनपी सिंह ने कहा कि दीक्षित अवॉर्ड के बाद हरियाणा से भेजे दस्तावेजों में फर्जी एंट्री थीं। नंगला बहरामपुर नाम का गैर आबाद गांव दर्ज कर दिया गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें