शनिवार, 21 फ़रवरी 2015

बाड़मेर से 30 करोड़ बैरल तेल का उत्पादन और होगा!



बाड़मेर। देश के सबसे तेजी से बढ़ रहे पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्र थार के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। तेल खोज के बाद उत्पादन और ऊष्मीय तेल पाइपलाइन से तेल परिवहन के बाद केयर्न इंडिया ने अब यहां दुनिया का सबसे बड़ा पॉलीमर फ्लड अभियान शुरू कर दिया है। यह विशेष तकनीक तेल उत्पादन बढ़ाने में सहायता करती है।

Polymer flood technology in Barmer oil production




केमिकल ईओआर के चलते बाड़मेर के तीन सबसे बड़े तेल क्षेत्रों मंगला, भाग्यम, ऎश्वर्या (एमबीए) से ही पूरे उत्पादन काल में 30 करोड़ बैरल तेल अतिरिक्त उत्पादन की संभावना जताई गई है। तेल उत्पादन शब्दावली में पॉलीमर इंजेक्शन के नाम से जानी जाने वाली इस तकनीक को बाड़मेर से 35 किलोमीटर दूर स्थित तेल भंडार "मंगला" में शुरू किया गया है। सामान्य स्तर पर शुरू की गई इस गतिविधि को धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा।







ऎसी है तकनीक

विशेषज्ञ इसे केमिकल फ्लडिंग या केमिकल ईओआर के नाम से भी जानते हैं। दुनिया के दूसरे हिस्सों में इसे पुराने तेल क्षेत्रों से अधिक तेल उत्पादन करने के लिए कारगर तरीका माना जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान पर्यावरण अनुकूल रासायनिक बहुलक को पानी में मिला कर जैली की तरह गाढ़ा कर लिया जाता है। इस पॉलीमर युक्त पानी को इंजेक्शन कूप के माध्यम से तेल भंडार तक पहुंचाया जाता है।







रंध्र युक्त चट्टानों के बीच स्थित तेल के साथ मिल कर यह दबाव के साथ उसको ऊपर जमीन तक लाने का काम सहज बना देता है। इस तकनीक के उपयोग से हैवी ऑयल का उत्पादन भी सरलतापूर्वक किया जा सकता है। चीन और अमरीका के कुछ क्षेत्रों में यह तकनीक प्रचलित है लेकिन बाड़मेर जितने बड़े भण्डारों और वृहद स्तर पर किया जाने वाला यह विश्व का पहला ईओआर अभियान है।







एमबीए है इसके लिए उचित

थार के "मंगला", "भाग्यम" और "ऎश्वर्या" (एम.बी.ए.) तेल क्षेत्रों में शुरूआती उत्पादन के दौरान ही वहां ईओआर के महत्व का आकलन कर लिया था। इन तेल भंडारों की प्रकृति "ए", तेल की गुणवत्ता और वातावरण का तापमान सभी मिल कर बाड़मेर को पॉलीमर और एल्कलाइन सर्फेक्टेंट पॉलीमर (एएसपी) फ्लडिंग के लिए आदर्श स्थान बनाते हैं। पॉलीमर फ्लड के अगले कदम के रूप में एएसपी पायलट प्रोग्राम मंगला फ ील्ड में शुरू कर दिया गया है तथा कंपनी उसके परिणामों से उत्साहित है। - 

दीकरी का भव्य विमोचन

दीकरी  का भव्य विमोचन 
बाड़मेर राजस्थान प्रसासनिक सेवा के अधिकारी डाॅ. नखतदान बारहठ द्वारा रचित 81 सोरठौं की मार्मिक पुस्तिका ’’दीकरी का भव्य विमोचन जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा और राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिती के प्रदेष महामंत्री डाॅ. राजेन्द्रसिंह बाहरठ द्वारा स्थानीय जय नारायण व्यास महिला षिक्षक महाविद्यालय सभागार में समारोह पूर्वक किया गया। डाॅ. नखतदान बाहरठ छोटी पुस्तक में अपनी पैनी लेखनी से ’’दीकरी’’ (पुत्री) अर्थात नारी शक्ति को अलंकारिक सोरठौं के माध्यम से महिमा मंडित किया है। पुस्तक में बेटी को देवी,लक्ष्मी,रिद्धी-सिद्धि,किस्मत,पुरुषार्थ विधना,पृथ्वी,श्रृद्धा आदि रुपों में अभिव्यंजित किया है। पुस्तक के लेखक कवि डाॅ. नखतदान ने पुस्जक सृजन का उद्देष्य स्पष्ट करते हुए मातृषक्ति के प्रति सकारात्मक सामाजिक दृष्टि कोण उभरने की आषा व्यक्त की। वरिष्ठ डिंगळ कवि और षिक्षाविद महादानसिंह बाहरठ और मेघूदान वीठू ने पुस्तक समीक्षा पर अपने विचार प्रकट किए। महाविद्यालस की छात्रा सुश्री कविता द्वारा ’’दीकरी री पुकार’’ काव्य पाठ प्रस्तुत किया। डाॅ. राजेन्द्रसिंह बारहठ ने दीकरी पुस्तक की समीक्षा करते हुए कहा कि पुस्तक के भाव और कला पक्ष और भाषा सौष्ठव सुग्राह्य और समीचीन है। जिला कलक्टर मधुसूदन षर्मा ने अपने उद्बोधन में ’’दीकरी’’ पुस्तक को वर्तमान समय की जरुरत बताते हुए कहा कि इस पुस्तक को जो भी ध्यान से पढेगा उस पाठक का सिर मातृषक्ति के प्रति श्रृद्धा से झुक जायगा और समाज में अनेतिक आचरण निष्चित रुप कम होंगे। समारोह का संचालन वरिष्ठ षिक्षक दीपसिंह रणधा ने किया। इस मौके डाॅ. लक्ष्मीनारायण जोषी, पीताम्बर सुखानी, चंदनसिंह भाटी, रिड़मलसिंह दांता, मगरसिंह खारा, सुरतानसिंह देवड़ा, मानसिंह दूधोड़ा, नेपालसिंह तिबनियार, हिंदुसिंह तामलोर, नरेसदेव सारण, गणपतसिंह कालूड़ी, बी.डी. चारण मुकेष बोहरा, मीठे खां मीर, प्रकाष बिष्नोई, माँगीदान बीठू, दुजर्नसिंह, भगवान आकोड़ा, मदनबारुपाल सहित सैंकड़ों भाषा प्रेमी उपस्थ्ति रहे । पुस्तक विमोचन के बाद अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार फकीरा खां और बाबू खां रेडाणा ने बेटी की विदाई के समय गाया जाने वाला मार्मिक लोकगीत ’’अरणी’’ की संगीत में प्रस्तुति देकर वाातावरण को भावुक बना दिया। समारोह में उपस्थ्ति लोगों के आँखें नम हो गई।