सोमवार, 1 दिसंबर 2014

जैसलमेर पुलिस कंट्रोल रूम 100 नम्बर पर अनचाही काॅल करने वालों की खैर नहीं


जैसलमेर पुलिस कंट्रोल रूम 100 नम्बर पर अनचाही काॅल करने वालों की खैर नहीं

जैसलमेर जिले में पुलिस कंट्रोल का 100 नम्बर जो कि अति आवश्यक एवं जरूरतमंदों के लिए काफी महत्वपूर्ण नम्बर है। जिस पर आमजन द्वारा सुरक्षा की लिहाज से उपयोग किया जाता है। जो कि आज कल अनचाहे काॅल के कारण काफी व्यस्थ रहता है। जिसके कारण जरूरमंद व्यक्ति के काॅल के समय 100 नम्बर व्यस्थ मिलता है। उक्त अनचाहे काॅल अंकुश लगाने हेतु पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर द्वारा प्रभारी सिटी कंट्रोल रूम खेतदान हैड कानि. को निर्देश दिया है कि अनचाहे काॅल करने वालों नम्बरों के धारक का पता लगाकर संबंधित थाना क्षेत्र से कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिये। अगर फिर भी कोई नम्बर बार-बार काॅल करने की चैस्टा करता है, तो उसके विरूद्ध संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही अमल मंे लाई जावे।


आॅपरेशन वेलकम टीम द्वारा 01 लपका गिरफतार


पर्यटकों के सीजन को देखते हुए, पर्यटकों की सुरक्षा हेतु पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर के आदेशानुसार चलाये जा रहे ‘‘आॅपरेशन वेलकम‘‘ अभियान के तहत आॅपरेशन वेलकम टीम द्वारा आज दिनंाक 01.12.2014 को 01 मोटर साईकिल लपकों को गिरफतार किया ।

प्रभारी आॅपरेशन वेलकम टीम संजीव कुमार उप निरीक्षक मय टीम द्वारा पर्यटकों की सुरक्षा हेतु गश्त की जा रही थी। दौरान गश्त स्वर्ण नगरी चैराहे के पास से देखा कि एक मोटर साईकिल चालक पर्यटको की गाडी का पिछा कर रहा था। जिसकों रूकने का इशारा किया गया, लेकिन वह रूका नहीं जिसका टीम द्वारा पिछा किया गया। टीम द्वारा पिछाकर करते हुए मोटरसाईकिल चालक जामीनखाॅ उर्फ शेरू पुत्र बच्चुखाॅ मुसलमान उम्र 32 साल निवासी कंधारी पाडा जैसलमेर को ढिब्बा पाडा जैसलमेर से दस्तयाब कर गिरफतार किया तथा उसकी मोटर साईकिल संख्या आरजे 15 एसए 9900 बजाज पैसन को कब्जा पुलिस लिया गया।


















जैसलमेर पुलिस की पहल एक से हेलमेट सीट बेल्ट जरुरी

जैसलमेर पुलिस की पहल एक से हेलमेट सीट बेल्ट जरुरी 
मोटर साईकिल चलाते हुए हैलमेट, चार पहियाॅ वाहनों को चलाने के लिए सीटबेल्ट जरूरी
वाहन चालाते वक्त मोबाईल का उपयोग करना पडेगा भारी
नशे की हालत में वाहनों चलाने वालों के विरूद्ध होगी कड़ी कार्यवाही
जैसलमेर  आये दिन दूर्घटनाओं में होने वाली जनहानि को गम्भीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर डाॅ. राजीव पचार द्वारा जिले के समस्त वृताधिकारियों/ थानाधिकारियांे एवं यातायात प्रभारियों को सख्त आदेश दिये है कि आज दिनंाक 01.12.2014 से समस्त जिले में मोटर साईकिल चालक के लिए हैलमेट एवं चार पहियाॅ वाहन चालको के लिये सीटबेल्ट को अनिवार्य किया गया है। अतः आप समस्त अपने-अपने हल्का क्षेत्र में ऐसे मोटर साईकिल चालकों के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाये जो मोटर साईकिल चलाते वक्त हैलमेट का उपयोग नहीं करता तथा जो व्यक्ति चार पहियाॅ वाहन चलाते वक्त सीटबेल्ट नहीं लगाता तथा उसके पास साईड में बैठे व्यक्ति द्वारा सीटबेल्ट नहीं लगाया हुआ हो। इसके साथ-साथ पुलिस अधीक्षक द्वारा समस्त निर्देशित किया है कि शराब पीकर नशे की हालत में वाहन चलाने वालों के विरूद्ध कडी से कडी कार्यवाही की जावे क्यांेकि ज्यादातर दूर्घटनाऐं नशे में वाहन चलाने के कारण होती है तथा शराब पीकर वाहन चलाने के वाले के विरूद्ध अगर न्यायालय द्वारा दोष-सिद्ध हो तो उन चालकों के लाईसेंस निरस्त/निलम्बित करने की अनुशंसा परिवहन विभाग के प्राधिकृत लाईसेंस अधिकारी को की जावें।

प्रायः देखने में आया है कि मोटर साईकिल चालक एवं अन्य वाहन चालक वाहन चलाते हुए मोबाईल का उपयोग करता है ऐसे वाहन चालकों के विरूद्ध भी कार्यवाही करने हेतु पुलिस अधीक्षक द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया गया।

इसके साथ-साथ पुलिस अधीक्षक द्वारा समस्त थानाधिकारियों को अपने-अपने हल्का क्षेत्र में दुर्घटना संभावित स्थलों की सूची तैयार कर वहाॅ पर निर्देशित चिन्ह लगाते तथा टुटी-फूटी सड़क को संबंधित से दुरूस्त करवाने हेतु निर्देश दिये। इसकेे अलावा समस्त वाहन चालक जिला कलक्टर द्वारा निर्धारित गतिसीमा में वाहन को चलाये तथा गतिसीमा से अधिक गति में चलाने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्यवाही की जावे।

पुलिस अधीक्षक द्वारा समस्त जिलेवासियों से अपील की है कि पुलिस द्वारा बनाये गये नियमों एवं व्यवस्था की पालना करें क्यांेकि पुलिस द्वारा बनाये गये नियम एवं व्यवस्था आमजन की भलाई के लिए है। जिसका आप पालन करे तथा कभी भी ऐसा कार्य नहीं करे जिससे किसी को हानि हो तथा मोटर साईकिल चलाते हुए हैलमेट एवं चार पहियाॅ वाहन चलाते हुए सीटबैल्ट का उपयोग करे तथा अपनी जिन्दगी को सुरक्षित रखे। अन्यथा नियमों की पालना नहीं करने वालों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जावेगी।














पाकिस्तानी में जेलों में बंद भारतीय कैदियों के साथ अमानवीय व्यवहार

पाकिस्तानी में जेलों में बंद भारतीय कैदियों के साथ अमानवीय व्यवहार

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई जेलों में बंद भारतीय कैदियों के साथ न सिर्फ अमानवीय व्यवहार करती है बल्कि उन्हें 'रॉ' का एजेंट बताकर उनके जिंदा शरीर से खून निकालकर खूंखार कुत्तों को पिलाती है.
आईएसआई के अधि‍कारी भूखे खूंखार कुत्तों को भारतीय कैदियों पर खुला छोड़ देते हैं. फिर जिंदा मांस को नोचने और खसोटने का खेल शुरू होता है. कैदियों को तीन साल तक टॉर्चर सेल में रखकर हर दिन करंट लगाया जाता है. बेदर्दी से पीटा जाता है. खाने में नपुंसक बनाने वाली दवा दी जाती है और कैदियों पर जुल्म की यह इंतहा तब तक जारी रहती है, जब‍ तक कि वह पागल न हो जाए.


अफसोस कि यह दर्द भरी दास्तान किसी मनगढ़ंत कहानी का हिस्सा नहीं है. यह तो पाकिस्तान से शनिवार रात 11:30 बजे अटारी पहुंचे 40 भारतीय कैदियों के जीवन का वह हिस्सा, जिसे वह चाहकर भी नहीं भुला सकते. सभी 40 कैदियों में 35 मछुआरे शामिल हैं. जबकि इनमें से तीन कैदी पागल हो चुके हैं और अपने घर का पता तक नहीं बता सकते.
पाकिस्तान के जब कैदियों को रिहा किया तो उसे अपनी अच्छी सोच और नीति का उदाहरण बताया, लेकिन कुपवाड़ा के रहने वाले मुबारक हुसैन शाह और उनके साथि‍यों ने जो किस्सा सुनाया वह न तो झेलने के काबिल है और न ही सुनने के. शाह 12 साल बाद रिहा होकर वतन लौटा है. रावलपिंडी जेल में बिताए दिनों को याद करते हुए उसने कहा कि वहां कई बार उसके शरीर से खून निकाला गया. यह खून जेल के खूंखार कुत्तों को पिलाया जाता था और बाद में उन्हीं कुत्तों को भारतीय कैदियों पर छोड़ दिया जाता था. शाह ने बताया कि जेल में उसकी एक टांग भी काट दी गई.

कई कैदियों को नहीं है होश
पाकिस्तान से रिहा होकर वतन वापसी करने वाले एक और कैदी जफरूद्दीन की हालत तो इतनी खराब है कि वह खड़े-खड़े ही पेशाब कर देता है. वह कभी कुर्सी पर बैठता है, कभी कमरे में चलने लगता है. कुछ बोलता नहीं, बस खामोश नजरों से देखता रहता है. वह यूपी के एटा का रहने वाला है. रिहा होकर वापस आए मंगल की याददाश्त खो चुकी है. वह भी कुछ नहीं बोल पाता. सिर्फ अपना नाम नाम मंगल बताता है. कभी अपना घर जामनगर कहता है, तो कहता है यूपी का रहने वाला हूं. योगेश खुद को मध्यप्रदेश के डिंडोरी का निवासी बताता है, लेकिन इसके अलावा उसे कुछ याद नहीं है.


1971 के युद्ध के कैदी हैं बंद
अजमेर शरीफ निवासी मोहम्मद फहीम ने बताया कि पाकिस्तान की जेलों में खाने में ऐसी दवा मिलाई जाती है, जिससे भारतीय कैदियों की मर्दानगी खत्म हो जाती है. पाकिस्तानी जेल से लौटे मुबारक हुसैन शाह ने बताया कि 1971 के युद्ध के भारतीय कैदी पाकिस्तान में मुल्तान और स्वात की जेलों में बंद हैं. इस समय रावलपिंडी जेल में सात कैदी बंद हैं. इनमें पठानकोट के पंकज कुमार, लुधियाना के मुहम्मद असमई, अखनूर के मुहम्मद इकबाल शामिल हैं.

मध्यप्रदेश के जिला सागर के गांव घोस पट्टी का प्रहलाद शर्मा अब पागल हो चुका है. एक लड़का जो खुद को अमृतसर का बताता है, वह गूंगा और बहरा हो चुका है. सलीम मसीह भारतीय तो है, लेकिन उसे अपना शहर याद नहीं. लेकिन इसके अलावा उसे कुछ याद नहीं है.

बालोतरा।खेड़ तीर्थ पर बनेगा सिंह द्वार आज हुआ शिलान्यास

बालोतरा।खेड़ तीर्थ पर बनेगा सिंह द्वार आज हुआ शिलान्यास 


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रिपोर्टर :- ओमप्रकाश सोनी /बालोतरा

बालोतरा। उपखंड के प्राचीन सनातन तीर्थ रणछोड़ राय मंदिर खेड़ में मुख्य प्रवेश द्वार पर 41 फीट उंचा सिंह द्वार बनेगा। सिंह द्वार के निर्माण कार्य का सोमवार का शिलान्यास हुआ। सुबह वैदिक मंत्राचार के साथ खेड़ मंदिर टंस्ट के अध्यक्ष रमेश मंगल सहित टंस्ट के पदाधिकारियो की उपस्थिती में हुआ।
शिलान्यास के अवसर पर नगरपरिषद के पूर्व सभापती महेश चोहान सहित टंस्ट के सदस्य महेन्द्र कुमार, राधेश्याम , राजेन्द्र जिंदल, रमेश चंडक,अशोक कुमार, रविन्द्र रामावत, भगवानदास, माधव कुमार सहित बड़ी तादाद में श्रद्धालु मोजुद थे।

बाड़मेर। तड़पते रहे मरीज डॉक्टर करते रहे घायलो के परिजनों से बहस

बाड़मेर। तड़पते रहे मरीज डॉक्टर करते रहे घायलो के परिजनों से बहस

पप्पू कुमार बृजवाल / बाड़मेर 

बाड़मेर। रविवार रात्रि को बाड़मेर जिले के शिव थाना क्षेत्र के अागोरिया फांटा के पास सेना के ट्रक और बोलेरो की आमने सामने भिड़त हो गई जिसमे दस लोगो को गंभीर चोटे आई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस व 108 एम्बुलेंस मोके पर पहुंची और घायलो को राजकीय अस्पताल पहुँचाया गया जंहा मरीजों के परिजनों और राजकीय अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुरेन्द्र चौधरी के बीच दवाई पर्ची को लेकर कहासुनी हो गई उसके बाद भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों ने मरीजों को तड़पता छोड़ कर इमरजेंसी वार्ड से बाहर आ गए। डॉक्टरों व मरीजों के परिजनों के बीच करीब आधे तक आपसे में बहस चलती रही इस दौरान राजकीय अस्पताल के पीएमओ डॉक्टर हेमंत सिहंल डॉक्टरों से समझाईस करते रहे 


लेकिन डॉक्टरों ने छोटी सी बात को लेकर अपने अधिकारियो के आदेशो को भी दर किनार कर दिया। इतना ही नहीं डॉक्टर सुरेन्द्र चौधरी मरीजों के परिजनों से उलझ कर धमकिया दे रहे थे की सरकार की हमे जरूरत नहीं है बल्कि सरकार को हमारी जरूरत है मामला इतना बढ़ गया की जिले के मुख्या मधु सूदन शर्मा को मोके पर आना पड़ा और डॉक्टरों व मरीजों के परिजनों से समझाईस कर मामला शांत करवाया । करीब आधे घंटे तक चले इस घटनाक्रम के दौरान डॉक्टरों को इतना भी ख्याल नहीं आया की तड़प रहे मरीजों का इलाज किया जाए। खैर जो कुछ भी हुआ उसमे घायलो के परिजनों का इतना कसूर था उन्होंने डॉक्टर से दवाई पर्ची के बारे में पूछ लिया। जिला कलेक्टर साब को इस पुरे मामले में जांच करवानी चाहिए ताकि भविष्य में आगे ऐसी गलती नहीं करे।