शनिवार, 28 जून 2014

रमजान के लिए सजने लगी मस्जिदें, चांद का इंतजार

मजान के चांद का निष्कर्ष निकालने के लिए हिलाल कमेटी राजस्थान की बैठक शनिवार शाम 7:30 बजे होगी। शनिवार को चांद दिखाई दिया तो रमजान का पहला रोजा 29 जून को होगा।Dates to be tad sweeter for Ramzan Roza


इस्लाम धर्म के पवित्र माह रमजान की तैयारियां इन दिनों मुस्लिम समाज ने शुरू कर दी है। रमजान माह में इबादतों का दौर कुछ अधिक ही बढ़ जाता है। इबादतगाहों (मस्जिदों) की रंगाई पुताई का काम तेजी से चल रहा है।

दिल्ली के जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी ने बताया कि, 28 जून को चांद दिखाई देने पर इसी दिन से रमजान माह शुरू हो जाएगा और पहला रोजा 29 जून को रखा जाएगा। चांद दिखाई नहीं देने पर पहला रोजा 30 जून का होगा।

रमजान माह में मुस्लिम समाज एक माह के रोजे रखते हैं। रोजे रखने के साथ-साथ इबादतों में भी इजाफा हो जाता है। ऎसी मान्यता है कि इस माह में कुरआन को लोहे महफूज से जमीन पर उतारा गया था इसलिए इस माह कुरआन पढ़ने का भी सवाब बढ़ जाता है।

घरों और मस्जिदों में दिन रात कुरआन की तिलावत होती है। वैसे तो मुस्लिम समाज के लोग पांच वक्त की नमाज पूरे साल अदा करते हैं लेकिन रमजान माह में विशेष नमाज (तराबीह) भी अदा की जाती है।

इस नमाज को कुरआन हाफिज अदा कराते हैं। रात में पढ़ी जाने वाली इस नमाज का बड़ा महत्व है।

अहमद बुखारी ने मुस्लिम समाज से अपील की है कि वो रमजान के माह में रोजे रखने के साथ-साथ खूब इबादत करें। इस माह में जितना हो सके टीवी, सिनेमा व अन्य मनोरंजन के साधन से बचें। उनके स्थान पर जब भी वक्त मिले कुरआन की तिलाबत करें। ये माह बड़ा मुबारक माह है। इस एक माह में जिदंगी भर के गुनाहों की माफी हो सकती है। -  

अमिताभ को पैसा देते हो, राजस्थान सरकार को क्यों नहीं?

नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने राजस्थान सरकार के करोड़ों रूपए का बकाया टैक्स देने में आनाकानी करने को लेकर सीमेंट निर्माता कंपनी बिनानी सीमेंट को शुक्रवार को आड़े हाथों लिया।

न्यायाधीश विक्रमजीत सेन और न्यायाधीश शिवकीर्ति सिंह की अवकाशकालीन खंडपीठ ने कहा कि आप अमिताभ बच्चन से विज्ञापन कराने केलिए करोड़ों रूपए खर्च करते हैं, लेकिन राज्य सरकार का बकाया कर देने के लिए आपके पास पैसे नहीं हैं। खंडपीठ ने इस मामले में सीमेंट कंपनी के खिलाफ राज्य सरकार की कार्रवाई को वाजिब ठहराते हुए इस पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया।
supreme court questions binani cement for not paying sales taxes to rajasthan govt


न्यायाधीश सेन ने कहा कि अमिताभ बच्चन को एक बार विज्ञापन में शामिल करने पर आप कितनी रकम खर्च करते हैं। इसके लिए आप करोड़ों रूपए खर्च कर सकते हैं, लेकिन राज्य सरकार का बकाया कर देने के लिए आपके पास पैसा नहीं है। न्यायालय ने कहा कि ऎसी स्थिति में यदि राज्य सरकार कार्रवाई नहीं करेगी तो उसके पास और क्या उपाय है।

सीमेंट कंपनी ने 1 अरब 54 करोड़ रूपए के कर बकाये की वसूली के लिए भुगतान का तरीका बदलने का राज्य सरकार से आग्रह किया था, लेकिन सरकार ने इसे इनकार कर दिया। बाद में कंपनी ने राजस्थान उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से भी उसे राहत नहीं मिली थी। तत्पश्चात उसने शीर्ष अदालत का रूख किया था।

न्यायालय ने कहा कि यदि औद्योगिक कंपनियां सरकार को टैक्स नहीं देंगी तो सरकार कैसे चलेगी। औद्योगिक कंपनियों की जिम्मेदारी केवल रोजगार सृजन करना ही नहीं, बल्कि कर देकर सरकार चलाने में सहयोग करना भी है।

कोर्ट के इस रूख के बाद राजस्थान सरकार को उम्मीदर बंधी है कि उसे इतनी बड़ी बकाया रकम अब मिल सकती है। -