मंगलवार, 3 जून 2014

केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे का सड़क हादसे में निधन


एम्स पहुंचने पर पड़ा दिल का दौरा
 

भाजपा सांसद और मोदी सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ मुंडे का मंगलवार सुबह सड़क हादसे में निधन हो गया।
एम्स पहुंचने पर पड़ा दिल का दौरा 
हादसे में मुंडे को गंभीर चोटें आई थी। उन्हें पहले एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया और बाद में आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया।

जानकारी के मुताबिक मुंडे को जिस समय एम्स के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, उसी दौरान उन्हें दिल का दौरा भी पड़ा। डॉक्टरों की टीम ने उन्हें बचाने का काफी प्रयास किया, लेकिन मुंडे नहीं बच सके।
 

जहां श्री कृष्ण ने किया था देह त्याग, जानें इस तीर्थ का बड़ा राज


ऐसे अपने लोक पधारे श्री कृष्ण
 

प्राचीनकाल में प्रभासपाट्न नाम से प्रसिद्ध सोमनाथ मन्दिर से लगभग पाँच किलोमीटर दूर वेरावल में पवित्र भालका तीर्थ स्थल है। लोककथाओं के अनुसार यहीं श्रीकृष्ण ने देहत्याग किया था। इस कारण इस क्षेत्र का बड़ा महत्त्व है।
ऐसे अपने लोक पधारे श्री कृष्ण 
कथाओं के अनुसार मद्यपान से चूर यादवों का परस्पर कलह में संहार हुआ। इससे खिन्न होकर भगवान श्रीकृष्ण ने भालका तीर्थ में पीपल के पेड़ के नीचे अपना बायां पैर दाहिने पैर पर रखकर योग मुद्रा में बैठे थे। उसी समय जरा नामक व्याध (शिकारी) ने भगवान श्रीकृष्ण के चरणकमल को मृग का मुख समझकर तीर मारा।

शिकारी का बाण भगवान श्रीकृष्ण के बाएं पांव के तलवे में लगा। जब व्याध अपने शिकार के समीप पहुंचा, उसने देखा कि उसका शिकार मृग नहीं, बल्कि श्री कृष्ण हैं।

केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे सड़क हादसे में गंभी रूप से जख्मी



नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ मुंडे के दिल्ली में एक सड़क हादसे में बुरी तरह घायल होने की खबर है। उन्हें एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन समेत बीजेपी के कई बड़े नेता एम्स पहुंच गए हैं।

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टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगलवार सुबह गोपनाथ मुंडे मुंबई जाने के लिए एयरपोर्ट के लिए घर से निकले थे। मोती बाग के के पास उनकी कार का एक्सिडेंट हो गया। इस हादसे में मुंडे की गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। मुंडे भी बुरी तरह घायल हो गए। उन्हें तुरंत एम्स के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया।

सोमवार, 2 जून 2014

आणंद : किराए की कोख का गढ़



दुग्ध क्रांति की वजह से देश की ‘दुग्ध राजधानी’ के रूप में मशहूर गुजरात का आणंद शहर इन दिनों एक और वजह से सुर्खियों में है। इन दिनों पश्चिम भारत का यह शहर दुनिया भर के नि:संतान दम्पत्तियों को किराए की कोख की मदद से माता-पिता बनने में मदद कर रहा है।

आणंद : किराए की कोख का गढ़ शहर को किराए की कोख यानी सरोगेसी के लिए दुनिया भर में मशहूर करने का श्रेय आकांक्षा फर्टीलिटी क्लीनिक के मैडीकल डायरैक्टर डा. नयना पटेल तथा उनके पति हितेश को जाता है।

उनके क्लीनिक के बाहर बैठी एक अधेड़ महिला बताती हैं कि कैसे उनकी बेटी की शादी के 13 साल बाद भी उसे मां बनने का सुख नसीब नहीं हो सका। एक बार उसका गर्भपात हो चुका है और अब वह तथा उसका पति डा.नयना के पास आए हैं। इसी तरह की उम्मीद लेकर भारत ही नहीं अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान तथा हांगकांग से लोग 2 लाख की आबादी वाले इस शहर तक पहुंचते हैं। वे ऐसा बच्चा चाहते हैं जो बेशक किसी और की कोख से जन्म ले परंतु आनुवांशिक रूप से उनका हो।

यहां 9 महीने के लिए अपनी कोख किराए पर देने वाली अधिकतर युवा महिलाएं करीबी क्षेत्रों से हैं। आमतौर पर उनके पति रिक्शा चलाने, कपड़े बेचने, इलैक्ट्रीशियन, हीरा तराशने या दिहाड़ी जैसे काम करते हैं जिनकी आय से बमुश्किल परिवार का पेट भरता है।

क्लीनिक अपनी कोख किराए पर देने के बदले में करीब 6 लाख रुपए देती है जो उनके पतियों की कई साल की कमाई के बराबर है। डा. नयना के अनुसार ये महिलाएं आमतौर पर इस रकम का इस्तेमाल अपने बच्चों की शिक्षा या नया घर बनाने के लिए करती हैं।

वह कहती हैं, ‘‘जब उनका बच्चा अधिक फीस की वजह से अच्छे स्कूल में पढऩे नहीं जा पाता या मकान का कई महीने का किराया बकाया हो या उनका मकान गिरने की
हालत में हो तो वे यह त्याग करने को तैयार हो जाती हैं और इससे नि:संतान दम्पतियों को खुशी भी मिलती है।’’

क्लीनिक के प्रवेश द्वार पर प्लास्टिक की कुर्सियों की लम्बी कतार है। इनमें से चार पर गर्भावस्था के अंतिम महीनों में बैठी चार सरोगेट मांएं अपनी नियमित चिकित्सकीय जांच किए जाने की प्रतीक्षा कर रही हैं।

इनमें से 33 वर्षीय आशा दामोर एक कनाडाई दम्पति के जुड़वां बच्चों को जन्म देने वाली हैं जबकि अर्पिता क्रिश्चियन के पेट में एक अमेरिकी दम्पति का बच्चा है। क्लीनिक के करीब बने एक हॉस्टल में अन्य सैरोगेट मांओं के साथ रह रही आशा बताती हैं, ‘‘ये मेरे बच्चे नहीं हैं। ये उस दम्पत्ति के बच्चे हैं। हम रात चैन की नींद सोती हैं क्योंकि हमें पता है कि हम एक अच्छा काम कर रही हैं।’’

दूसरी बार अपनी कोख किराए पर दे रही 32 वर्षीय सलमा वोरा अपने बेटे को अच्छे कॉलेज में पढऩे के लिए भेजना चाहती हैं। अपने पहले सरोगेट गर्भधारण के बारे में वह बताती हैं, ‘‘मैं हर दिन उस बच्चे के बारे में सोचती हूं जो स्वाभाविक है परंतु जब मैं अपने परिवार के पास होती हूं तो मुझे उसकी याद नहीं आती।’’

एक डॉक्टर के अनुसार यही वजह है कि सरोगेट मां के अपने बच्चे होना जरूरी है। सरोगेट मां बनने के लिए अन्य अनिवार्यताओं में महिला को यौन संक्रमित रोग न होना, उसके पति की सहमति तथा बच्चे के जन्म के बाद उस पर किसी तरह का हक न जताने का करार शामिल है। डॉक्टरों के अनुसार गर्भावस्था में कोई जटिलता आने पर गर्भपात कर दिया जाता है। इस वक्त क्लीनिक के निकट लिए मकानों में 85 सरोगेट मांएं रह रही हैं। इन महिलाओं को कम से कम 9 महीने तक अपने परिवार से दूर रहना होता है ताकि उन्हें गहन चिकित्सकीय निगरानी में रखा जा सके। नाश्ते से लेकर रात को सो जाने तक इनका पूरा ख्याल रखा जाता है। दिन के दौरान वे सिलाई-कढ़ाई, खाना -पकाना तथा अंग्रेजी पढऩे जैसे कौशल सीखती हैं। हॉस्टल में दो माह की गर्भवती प्रीति ढाबी के अनुसार वहां उनके बच्चे तथा पति उनसे मिलने आ सकते हैं।

धर्मिष्ठाबेन नामक एक महिला बताती हैं, ‘‘हम यहां अच्छे से हैं। यहां रहने का यह फायदा भी है कि अपनी कोख किराए पर देने के बारे में गांव में किसी को पता नहीं चलेगा।’’

देश में सरोगेट गर्भधारण वैध है परंतु आज भी समाज इसे स्वीकार नहीं करता। इसके बावजूद यह व्यवसाय तेजी से फल-फूल रहा है। देश भर में स्थित लगभग 3 हजार अस्पताल हर साल करोड़ों-अरबों रुपयों की कमाई कर रहे हैं। इन आंकड़ों से जाहिर है कि भारत को दुनिया भर में किराए की कोख के लिए सबसे अधिक पसंद किया जा रहा है। गत वर्ष ही इस संबंध में कानून सख्त किए गए हैं जिनके तहत अब समलैंगिक या अविवाहित जोड़े भारतीय सरोगेट मांओं से बच्चे हासिल नहीं कर सकते हैं।

फेसबुक पर पीएमओ इंडिया के फर्जी पेज, कइयों ने किया लाइक



जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फेसबुक पेज बना है, तब से ही इस माध्यम पर पीएमओ इंडिया के नाम की फर्जी पेजों की बाढ़ सी आ गई है. जाने-अनजाने में कई लोग इन पेजों को लाइक भी कर रहे हैं और इस पर किए गए पोस्ट को शेयर भी कर रहे ह

बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर और जेट ईंधन हुआ सस्ता



रुपये में मजबूती से आयात सस्ता होने के मद्देनजर बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर का दाम 23.50 रुपये प्रति सिलेंडर घटा दिया गया है. वहीं विमान ईंधन यानी एटीएफ की कीमतों में 1.8 प्रतिशत की कटौती की गई है.

LPG सिलेंडर 
 इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के अनुसार दिल्ली में विमान ईंधन की कीमत 1,285.89 रुपये प्रति किलोलीटर या 1.81 प्रतिशत घटाकर 69,747.98 रुपये प्रति किलोलीटर की गई है. अप्रैल के बाद से जेट ईंधन कीमतों में यह तीसरी कटौती है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल कीमतों में गिरावट व डॉलर के मुकाबले रुपये की मजबूती से आयात सस्ता हो गया है.

मुंबई में एटीएफ का दाम घटकर 71,940.36 रुपये प्रति किलोलीटर पर आ गया है, जबकि अभी तक यह 73,306.89 रुपये प्रति किलोलीटर था. स्थायीय बिक्रीकर या वैट की दरों में भिन्नता की वजह से यह अंतर है. किसी एयरलाइन की परिचालन लागत में विमान ईंधन की हिस्सेदारी 40 फीसद से अधिक बैठती है.



बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर का दाम 23.50 रुपये घटा दिया गया है. दिल्ली में अब बिना सब्सिडी वाले एलपीजी का दाम 905 रुपये होगा, जो अभी तक 926.50 रुपये प्रति सिलेंडर है.

फरवरी से यह बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर में पांचवीं कटौती है.

उपभोक्ताओं को सालाना आधार पर 12 रसोई गैस सिलेंडर को सस्ते दाम पर मिलते हैं, लेकिन 12 का कोटा पूरा होने के बाद उन्हें बाजार मूल्य पर रसोई गैस सिलेंडर खरीदना पड़ता है, जिस पर सब्सिडी नहीं दी जाती.

ब्लैक मनी पर एसआईटी ने की पहली बैठक





नई दिल्ली। देश की नवनिर्वाचित सरकार द्वारा विदेशों में छिपाकर रखे गए कालेधन की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने आज पहली बैठक की तथा सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आगे की कार्रवाई की रूपरेखा तैयार की।

 
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज जस्टिस एम बी शाह की अध्यक्षता में एसआईटी ने बैठक के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश और आगे की कार्रवाई पर विस्तार से चर्चा की। वित्त मंत्रालय से जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि बैठक के दौरान आगे की कार्रवाई और प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की गई तथा रूपरेखा तैयार कर ली गई।

एसआईटी की अगली बैठक में सोमवार को लिए गए निर्णय पर दोबारा संक्षेप में चर्चा की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जांच दल गठित करने के लिए अंतिम समयसीमा दिए जाने के बाद 27 मई को एसआईटी का गठन किया गया।

सोमवार को बैठक के दौरान एसआईटी के उपाध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरिजीत पसायत एवं देश की 11 उत्कृष्ट एजेंसियों एवं विभागों के शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।

मोदी की तारीफ में खार ने गढ़े कसीदे

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने पाकिस्तान में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की जा रही अटकलों को नई दिशा दी है।
modi has changed: heena rabbani khar 
हीना ने कहा कि नरेंद्र मोदी दोनो देशों के बीच शांति के पक्षधर है और दोनो देशों के विकास में परस्पर सहयोग चाहते है।

नरेंद्र मोदी की छवि बदल गई है। उन्होंने भारत-पाकिस्तान रिश्ता आगे बढ़ाने के लिए कदम बढ़ाए हैं।

पाकिस्तान की सरकार को इनके साथ संबंधों को सुधारने का काम करना चाहिए।

यह दोनों देशों की आवाम के विकास व घरेलू समस्याओं का स्थाई हल निकालकर विकास के रास्ते पर चलने का समय है। खार ने कहा कि दक्षिण एशिया में शांति और विकास के लिए दोनों को दि्वपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना होगा।

मोदी का अपनी शपथ ग्रहण के समय पाक पीएम नवाज शरीफ को बुलाना दोनों देशों की सुनहरे भविष्य के रास्ते खोल चुका है। ये संबंध और आगे बढ़ने चाहिए। 

तेलंगाना बना देश का 29वां राज्य, चंद्रशेखर राव बने सीएम





नई दिल्ली। तेलंगाना आज से देश का 29वां राज्य बन गया है। रात के 12 बजे तेलंगाना को कानूनन अलग राज्य के तौर पर मान्यता मिल गई। पूरी रात हैदराबाद समेत तेलंगाना के अलग-अलग शहरों में जश्न मनाया गया। टीआरएस नेता के चंद्रशेखर राव आज राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे।

 
जैसे ही घड़ी में रात के बारह बजे देश के 29वें राज्य के तौर पर जन्म हुआ तेलंगाना का और इस ऐतिहासिक लम्हे के साथ ही हैदराबाद और समेत तेलंगाना के दूसरे शहरों में जश्न शुरू हो गया। पूरी रात हजारों की तादाद में तेलंगाना समर्थक हैदराबाद की सड़कों पर जश्न मनाते रहे। तेलंगाना की पहली सरकार बनाने जा रही टीआरएस यानी तेलंगाना राष्ट्र समिति के कार्यकर्ताओं ने मिठाइयां और बिरयानी खिलाकर नए राज्य के गठन की बधाइयां दीं।

हैदराबाद के सभी मुख्य जगहों और सड़कों पर जमकर आतिशबाजी की गई। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने तेलंगाना के लोगों को शुभकामनाएं दी हैं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी देर रात हैदराबाद में रैली निकाली और राज्य के बंटवारे का श्रेय यूपीए सरकार और सोनिया गांधी को दिया।

तेलंगाना के गठन के साथ ही आंध्र प्रदेश कानूनी तौर पर दो हिस्सों में बंट गया। तेलंगाना राज्य में हैदराबाद समेत 10 जिले होंगे। जबकि आंध्र प्रदेश में 13 जिले होंगे। दोनों राज्यों की राजधानी अगले 10 साल तक हैदराबाद ही रहेगी।

तेलंगाना राज्य के गठन के साथ नई सरकार के गठन का भी रास्ता साफ हो गया है। आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन तेलंगाना के पहले राज्यपाल बन गए। वहीं चंद्रशेखर राव ने सूबे के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। 119 सदस्यों वाली तेलंगाना विधानसभा में राव की पार्टी टीआरएस को बहुमत है।

गौरतलब है कि संसद में इसी साल फरवरी में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक पारित हुआ था, जिसके बाद अलग तेलंगाना के गठन का रास्ता साफ हुआ था। इस बंटवारे का जमकर विरोध भी हुआ। लेकिन आखिर में तेलंगाना देश का 29वां राज्य बनने में सफल रहा।