सोमवार, 30 सितंबर 2013

बाड़मेर सभापति की कार्यप्रणाली के खिलाफ धरना गुरूवार को ,जनता करेगी खिलाफत


बाड़मेर सभापति की कार्यप्रणाली के खिलाफ धरना गुरूवार को ,जनता करेगी खिलाफत 


बाड़मेर नगर परिषद् बाड़मेर की सभापति उषा जैन की विवादास्पद कार्यप्रणाली को लेकर गुरूवार को उनकी पार्टी के ही पार्षद जनता के साथ उनके खिलाफ धरने पर बैठेंगे ,दो रोज पूर्व ही कांग्रेस के पार्षदों की निजी होटल में हुई बैठक में सभापति की कार्य प्रणाली को लेकर विरोध के स्वर उठे थे ,सभापति के खिलाफ धरना , प्रदर्शन और अविश्वास प्रस्ताव लाने पर सहमती बनी थी ,.पर्शद उर्मिला जैन के नेतृत्व में बाड़मेर शहर के व्यापारी भी इस धरने में शामिल होंगे ,हाल ही में बाड़मेर शहर की सब्जी मंडी के सभापति की कार्यप्रणाली और यातायात पुलिस की मनमर्जी के खिलाफ चार दिनों से हड़ताल पर हें जिसके कारण बाड़मेर वासियों को बरसात के साथ सब्जी की भी परेशानी उठानी पद रही हें। नगर परिषद् के सामने गुरूवार को पार्षद उर्मिला जैन के नेतृत्व में धरना दिया जाएगा ,इस धरने को शहर के विभिन सामाजिक संघठन समर्थन कर रहे हें। पार्षद उर्मिला जैन ने बताया की धरने पर हजारो लोग अपनी मांग जिला प्रशासन के सामने रखेंगे। उन्होंने बताया की धरने के अविश्वास प्रस्ताव जाएगा।

पाकिस्तान के सताए दलित परिवार पर भारत में भी अत्याचार की इंतिहा

पाकिस्तान के सताए दलित परिवार पर भारत में भी अत्याचार की इंतिहा
बाहुबलियों ने चालीस दलितों को गाँव बदर किया ,प्रशासन मौन 


बाड़मेर गरीबो और दलितों पर बाहुबलियों का अत्याचार कोई नई बात नहीं हें। बाड़मेर जिले में पिछले दो माह से सरहदी गाँव इटादा के चालीस सदस्यों के दलित परिवार को गाँव से बदर कर दिया ,पीड़ित परिवार के सदस्यों ने जिला प्रशासन से लेकर जन प्रतिनिधियों की चोउखतो पर सजदा कर रहे हें मगर इन परिवार की कोई सुनाने वाला नहीं। दलितों के विकास और सुरक्षा का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दावा खोखला साबित हो रहा हें ,इस दलित परिवार को सरहदी गाँवों में आंतक का पर्याय बने बाहुबलियों ने न केवल गाँव से बदर किया बल्कि उनके घरो को जमींदोज कर दिए। आज उनके सर पर छत तक नहीं हें। पुलिस के आला अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बेठे हें। इस परिवार की मदद को कोई आगे नहीं आ रहा।


सियासती तौर पर बाहुबलियों को उनके इस कृत्य पर पूरा समर्थन मिलाने से उनके हौंसले बुलंद हें। कथित तौर पर पाकिस्तान के जुल्मो के आगे घुटने टेक भारत की शरण में आये इस दलित परिवार को भारत में जा रहा हें ,सप्ताह में चार दिन यह लोग कलेक्टर परिसर में अपना वक़्त इस खौफ के साथ गुजरते हें की बाहर कही गए तो बाहुबली उन्हें जान से मार देंगे ,मासूम बच्चो और महिलाओं को साथ लेकर यह परिवार दर दर की ठोकरे खा रहे हें।


जिले के पाक सीमा से सटे इटादा गांव मे छः दलित परिवारो के करीब चालीस से पचास लोगो पर जुल्म की इन्ताह हो गई। अब इन पाक शरणार्थी परिवारो को गांव से बाहर निकाल दिया गया साथ यह भी फरमान सुना दिया गया है । की अगर किसी ने गांव मे आने की हिम्मत जुटाई तो उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ सकता है। पिछले करीब डेढ माह से इन परिवारो के बच्चो से लेकर बुढो तक खौफ के साए मे दर-दर की ठोकरे खा रहे है। प्रशासनिक अधिकारी इनकी फरियाद सुनने को तैयार नही है। अब यह मामला पुलिस और प्रशासन के ढिले रवेया के चलते सियासी रंग लेता हुआ नजर आ रहा है। लेकिन पुलिस और प्रशासन अभी कुभकरण की नींद मे सोया हुआ है। और किसी बड़े आन्दोलन के इंतजार मे है पाक सीमा से सटे इटादा गांव मे रहने वाले शागराराम दलित के साथ पाक शरणार्थी है इनके परिवार ने पाक मे हिन्दूओ पर हो रहे अत्याचार और जुल्म के चलते चालीस साल पहले पाक छोड़ कर भारत मे बाड़मेर जिले के पाक सीमा से सटे इटादा गांव मे रह रहे थे।


लेकिन यह परिवार गांव में पिछले 40 वर्षो से रह रहा था लेकिन इन परिवारो ने कभी अपने रहवासी मकानो का पट्टा नही बनाया जिसका खामियाजा आज इन परिवारो को एक नादान लड़के के प्यार ने दर दर की ठोकरे खाने को मजबुर कर दिया है गांव के दंबगो ने दलित लड़के के परिवारो को गांव से बेदखल कर दिया और उनके झोपों को आग के हवाले कर दिया और गांव में लौटने पर जान से हाथ धोने की धमकी दे डाली । लेकिन पीड़ीत परिवारो द्वारा पुलिस व प्रशासन के सामने न्याय की उम्मीद लिए पिछले दो माह से जिला कलेक्टर से लेकर पुलिस अधीक्षक तक गिड़गिड़ा रहे है लेकिन इन परिवारो को न्याय के लिए दर दर की ठोकरे खाने को मजबुर है गांव में समुदाय विशेष के लोगो द्वारा दलित परिवारो को गांव से बेदखल करने के दो माह बाद भी पीड़ीतो को न्याय नही मिलने के कारण व आगामी विधानसभा चुनाव नजदिक आते देख अब यह मामला शियासी रंग लेता हुआ नजर आ रहा है और भाजपा के नेताओ ने पीड़ितो को न्याय नही मिलने पर बड़े आन्दोलन की चेतावनी दी है और पुलिस व प्रशासन को चेताया है की अगर समय रहते इन परिवारो को न्याय नही मिला और आरोपी गिरफ्तार नही हुए इसका परिणाम प्रशासन को भुगतना पड़ सकता है ।
अगर समय रहते पुलिस व प्रशासन ने इस मामले को गंभिरता से नही लिया तो कही चुनावी वर्ष में यह मामला युपी के मुज्जफरनगर की घटना की तरह फैल नही जाए और सरकार को कही इस मामले में बड़े आन्दोलन को नही झेलना पड़ा । अगर राज्य सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप कर पुलिस व प्रशासन को कड़े निर्देश नही दिए तो यह मामला कही राजनितिक रुप न ले लें । लेकिन जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन की कार्यशेली को देखते हुए प्रशासन किसी बड़े आन्दोलन के इंतजार में है ।


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डा.खुशवंत खत्री बने आरसीएचओ



डा.खुशवंत खत्री बने आरसीएचओ

बाडमेर। बाडमेर जिला चिकित्सालय में ब्लड बैंक का प्रभार देख रहे डा. खुशवंत खत्री जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन उप सचिव के निर्देशानुसार सोमवार को डा. खत्री ने इस पर को ज्वाइन कर लिया। सीएमएचओ डा. जितेंद्रसिंह ने बताया कि डा. खुशवंत खत्री ने बतौर संविदा चिकित्सक के जनवरी 2005 में गडरारोड प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्य प्रारंभ किया और उन्होंने यहां सितंबर 2008 तक अपनी सेवाएं दी। इसके बाद जनवरी 2012 तक इन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भियांड पर अपनी नियमित सेवाएं दी। बेहतर कार्य को देखने को डा. खत्री को जिला चिकित्सालय में नियुक्त किया गया, जहां इन्हें ब्लड बैंक के प्रभार के साथ ही मुख्यंमत्री नि:शुल्क जांच योजना को जिला नोडल अधिकारी भी बनाया गया। सीएमएचओ डा. सिंह ने कहा कि निशिचत ही डा. खत्री के इस पद पर ज्वाइन करने से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार आएगा।

दहेज के लिए पत्नी का सिर मुंडा, गरम कील दाग दी, पेट में ट्यूबलाइट भोंक दी और फिर..



उड़ीसा के भुवनेश्वर शहर में एक आदमी ने कम दहेज लाने पर अपनी पत्नी को दरिंदगी की हद तक प्रताड़ित किया. उसने अपनी पत्नी के सिर पर उस्तरा फेरकर उसके सब बाल काट दिए. फिर गरम कील से पत्नी की ठोड़ी पर बने तिल को दाग दिया. उसके बाद पति ने एक टूटी हुई ट्यूबलाइट को अपनी पत्नी के पेट में घोंप दिया और आखिर में पत्नी के यौनांगों को सिलकर उसे खून में सना छोड़ भाग गया. पति के परिवार वाले अपनी बहू को अस्पताल ले गए. मगर फिर वहीं छोड़कर वे भी भाग गए. कुछ दिनों बाद जब हिंसा की शिकार हुई इस महिला के भाई को पता चला, तब मामला सामने आया.
महिलाओं के खिलाफ अपराध
ये घिनौना शर्मसार करने वाला कांड हुए एक हफ्ता बीत गया है. मगर पुलिस को इसका पता तब चला जब उस औरत के भाई ने बीती 28 तारीख को शिकायत दर्ज करवाई.

शादी के एक साल बाद ही शुरू हुआ अत्याचार
एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक यह घिनाना अपराध करने वाला राजन पांडा 32 साल का है और टेंट और कैटरिंग का कारोबार करता है. अब से आठ बरस पहले साल 2005 में उसकी शादी इस महिला से हुई थी. इन दोनों का सात साल का बच्चा है.

शादी के एक बरस के अंदर ही राजन अपनी पत्नी को कम दहेज लाने के लिए प्रताड़ित करने लगा. फिर वह यह शक भी करने लगा कि उसकी पत्नी का चरित्र ठीक नहीं है.

पति की मारपीट से आजिज आकर महिला ने पिछले बरस महिलाओं के थाने में राजन के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी. पुलिस के सामने पेशी हुई तो राजन ने माफी मांग ली और यकीन दिलाया कि अब वह ठीक से पेश आएगा.मगर इसके बाद भी बकौल लड़की के भाई, राजन का अत्याचार जारी रहा.

नशीली गोलियां खिलाकर किया घिनौना काम
पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक 24 सितंबर की रात को राजन ने अपनी पत्नी को नशीली गोलियां खिला दीं. जब वह इसके चलते बेहोश हो गई, तो राजन की दरिंदगी का दौर शुरू हुआ. उसने पहले अपनी पत्नी का सिर मूंड दिया. फिर कील गरम की और उसे चेहरे पर बने तिल पर दाग दिया. फिर पेट में ट्यूबलाइट का टूटा हुआ टुकड़ा भोंक दिया. आखिर में अपनी विकृत मानसिकता को विस्तार देते हुए अपनी पत्नी के यौनांगों को सिलकर उसे वहीं मरने के लिए छोड़ चला गया.

ससुराल वाले भी निकले क्रूर
जब राजन के परिवार वालों ने देखा कि उसकी पत्नी का बुरा हाल हो गया है तो वे उसे 27 सितंबर को एक प्राइवेट अस्पताल ले गए.जब अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि यह पुलिस केस भी लगता है और मरीज की हालत भी बहुत खराब है, इसे मेडिकल कॉलेज ले जाइए, तो परिवार वाले बहू को वहीं छोड़कर भाग गए.

अस्पताल प्रबंधन से लड़की के भाई को इसके बारे में पता चला और फिर उसने अपनी बहन को मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए दाखिल करवाया. अगले दिन पुलिस को इस बारे में शिकायत की.उसके बाद पुलिस ने राजन को गिरफ्तार कर लिया.


 

जगनमोहन रेड्डी को नरेंद्र मोदी अच्छे लगने लगे



बीजेपी के पीएम इन वेटिंग नरेंद्र मोदी को वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगनमोहन रेड्डी के रूप में नया समर्थक मिला है. दरअसल, जगन रेड्डी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नरेंद्र मोदी की तारीफ की और कहा कि उन्हें मोदी प्रशासक के तौर पर पसंद हैं.
वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगनमोहन रेड्डी
जगन रेड्डी ने कहा, 'मुझे नरेंद्र मोदी प्रशासक के तौर पर पसंद हैं. मैं चाहता हूं कि मोदी देश की व्यवस्था में बदलाव लाएं.' जगन रेड्डी के इस बयान के बाद सियासी पारा चढ़ना तय है.

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मोदी की तारीफ में जगन का ये बयान लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अहम है. इसे चुनाव पूर्व या फिर बाद में बनने वाले गठबंधन के संकेत से जोड़कर देखा जा सकता है. वहीं, मोदी की तारीफ करके जगन ने कांग्रेस को इशारे ही इशारे में चेतावनी दे दी.

गौर करने वाली बात यह भी है कि हाल के दिनों में बीजेपी और टीडीपी की नजदीकियां बढ़ी हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि एन चंद्रबाबू नायडू की पार्टी एनडीए का हिस्सा बन सकती है. ऐसे में नायडू के प्रखर विरोधी जगन रेड्डी का एनडीए के साथ आना फिलहाल दूर की कौड़ी नजर आती है.

पर सियासत को कोई स्थायी दुश्मन नहीं होता और न ही दोस्त.

जगन रेड्डी ने यह भी दावा किया कि उनकी पार्टी सेकुलर है, साथ ही सभी पार्टियों को धर्मनिरपेक्षता की राह चलने की सलाह दी.

जगन ने उन अफवाहों को खारिज कर दिया जिसमें उनके और कांग्रेस के बीच डील होने की बात कही जा रही थी.

उन्होंने कहा, 'अगर कांग्रेस के साथ कोई डील होती तो मैं 16 महीने तक जेल में क्यों रहा. मुझे बेल इसलिए मिली क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को चार महीने अंदर जांच खत्म करने को कहा था ताकि मैं जमानत के लिए अर्जी दे सकूं.'

उन्होंने कहा, 'वाईएसआर कांग्रेस हम आंध्र प्रदेश के विभाजन के खिलाफ हैं. हमारी पार्टी इसके लिए हैदराबाद में 15 से 20 अक्टूबर के बीच बैठक बुलाएगी. हमारी मांग के इस मसले पर आंध्र प्रदेश विधानसभा की विशेष सत्र बुलाई जाए.'