मंगलवार, 26 फ़रवरी 2013

कोनार्क कोर ने स्थापना दिवस मनाया




कोनार्क कोर ने स्थापना दिवस मनाया


कोनार्क कोर अपने वर्षों के जोश, साहस व शौर्य का प्रदर्शन करते हुए अपनी स्थापना की 26वीं जयंती मना रहा है। समारोह की शुरूआत 26 फरवरी 2013 को लेफि्टनेन्ट जनरल एम एम एस राय, जीओसी 12 कोर द्वारा ॔कोनार्क वार मेमोरियल’ पर पुष्पांजलि देने के साथ शुरू हुई। इस मौके पर शहीदों के बलिदान को याद करते हुए ॔पुष्पचक्र’ च़ाकर सम्मान किया गया जिन्होंने विभिन्न युद्धों व मौकों पर देश के इस क्षेत्र की रक्षा हेतु अपने प्राणों की आहुति दी।



कोनार्क कोर का शौर्य व बलिदान का उच्च सैन्य इतिहास रहा है जिसके अंतर्गत कोर ने अनेकों मोर्चों पर अपनी बहादुरी की अमिट छाप छोडी है, उनमें से ॔लोंगेवाला’ व ॔छाछरो’ के युद्ध उल्लेखनीय है जो थार मरूस्थल में 1971 में अदम्य साहस व वीरता से लड़े गये थे।



दिनांक 26 फरवरी 1987 को शिवरात्रि के पावन अवसर पर भारतीय सेना के सुनहरे सैन्य इतिहास में एक सुनहरा अध्याय जुड़ गया था, जब 12 कोर ;कोनार्क कोरद्ध की स्थापना हुई। जोधपुर अपनी भौगोलिक व सामरिक दृष्टि की वजह से सभी मुख्यालयों का संवाद स्थापित करने का केन्द्र बिन्दु बन चुका है। कोर ने अपना प्रतीक चिन्ह ;सूर्य चक्रद्ध कोनार्क को अंगीकार किया है जो कि आठो दिशाओं में फैलने वाली सूर्य की रोशनी से प्रेरित है और उड़ीसा के पुरी में स्थित सूर्य मंदिर से लिया गया है। अतः सूर्य नगरी जोधपुर का आध्यात्मिक सम्बन्ध भी रहा है।



कोनार्क कोर द्वारा उपरोक्त अतिरिक्त जिम्मेदारियों के निर्वहन के अलावा प्राकृतिक आपदा के दौरान समयसमय पर नागरिकों के सौहार्द पूर्ण वातावरण में सहायता मुहैया करा कर सेना की परम्परागत छवि को कायम रखा है। कोनार्क कोर के अथक प्रयासों के द्वारा ही राजस्थान के इस शुष्क जलवायु प्रदेश में जोधपुर को एक हरेभरे छावनी के तौर पर प्रस्तुत वातावरण को बदलने में अहम भूमिका निभायी है।



समारोह के कार्यक्रमों में अधिकारियों, जे.सी.ओ. एवं सैनिकों के लिए बड़ाखाना भी शामिल थे।

जैसलमेर नाचना में शांति भंग के आरोप में 13 गैरसायल गिरफतार

जैसलमेर नाचना में शांति भंग के आरोप में 13 गैरसायल गिरफतार

जैसलमेर पुलिस द्वारा सोमवार को अलगअलग थाना क्षैत्रों में शांति व्यवस्था भंग करने के आरोप में 13 गैरसायलो को गिरफतार किया गया।
पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी ने बताया की पुलिस थाना रामगढ़ के हल्खा क्षैत्र में कानून एवं शांति व्यवस्था भंग करने के आरोप में इशेखां पुत्र खमीशेखां, हनीफखां पुत्र अब्दुलखां, अलाजुमाया, अमरखां, शकूरखां, सिकन्दरखां, मेहरानखां, हफीजउत्लां, इब्राहीम, इस्मालदीन हबीबखां, इलमदीन, मुख्तारखां सर्वे जाति मुसलमान निवासी नाचना हाल रामग मुकेश चावडा निपु, थानाधिकारी पुलिस थाना रामग मय जाब्ता द्वारा गॉव रामग से गिरफतार किया गया। इसी तरफ पुलिस थाना फलसुण्ड के हल्खा क्षैत्र में कानून एवं शांति व्यवस्था भंग करने के आरोप में बागसिंह पुत्र श्री गेनसिंह राजपूत निवासी भुर्जग़ को सुल्तानसिंह सउनि, पुलिस थाना फलसुण्ड मय जाब्ता द्वारा गिरफतार किया गया।

‘‘अनेकता में एकता’’ हमारे देश की पहचान- गफूर अहमद

‘‘अनेकता में एकता’’ हमारे देश की पहचान- गफूर अहमद
बाड़मेर , हिंदुस्तान में गंगा जमना तहज़ीब भाईचारा और सद्भावना तो है ही .लेकिन कुदरत ने भी कई मर्तबा त्योहारों के संगम की मिसाल बना दी है और एक तरफ जहा हिन्दू अपने त्यौहार मनाते है उसी दिन मुस्लिम भी अपने ख़ास पर्व मनाते है .हमें राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव बोध को समझते हुए एकता, अखंडता एवं भाईचारे की भावना को और अधिक मजबूती प्रदान करने के प्रयासों में सहयोग करना चाहिए। भारत अनेकता में एकता में एकता का मूलक है यह कहना है श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष गफूर अहमद का . उन्होंने यह बात कानासर में आयोजित कोमी एकता कार्यकर्म में कही . कानासर जामा मस्जिद में कोमी एकता का कार्यकर्म आयॉजित किया गया . इस मोके पर इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्वग सदर असरफ अली ने कहा कि वर्तमान हालात में हमें जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद, अगलाववाद जेसे असंतोष की प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड रहा है। एैसे में आवश्यक है कि हम अतीत के गौरव को फिर से हांसिल करने के लिए देश की एकता व अखण्डता को मजबूती प्रदान करें। आज के दिन हम राष्ट्ीय एकता एवं कोमी एकता के सदेश को जन-जन तक पहुंचाने एवं जनभावना जगाने में भागीदारिता निभाने का संकल्प ग्रहण करना होगा ।इस मोके पर समाज सेवी मुराद अली मेहर ने कहा की संपूर्ण विश्व में एकता एवं भाईचारे का वातावरण बनें, मानव में मानवता आये और जाति, धर्म, सम्प्रदाय के झगडो से उपर उठकर हम प्रेम एवं शांति के मार्ग पर आगे बढे इसी में जीवन की सार्थकता है। हमे सर्वे भवन्तु सुखीनः की भावना के साथ देश को एकता के सुत्र में बाधे रखने के लिए सदेव प्रयासरत रहना चाहिए। इस मोके पर हाजी खान वकील ,रमजान खान , भवरू खान , मिरे खान , एम् इब्राहीम , मठर खान, हाजी सरजुदिन दीन और मलार खान ने भी कोमी एकता कार्यक्रम को संबोधित किया .

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मुल्क के लिए कुर्बान होने का दिल में जज्बा रखे.....जीलानी
बाड़मेर फरवरी। जश्ने गोसे आजम का जलसा बड़ी शनान और शौकत के कानासर व उण्डू में मनाया गया। इस जलसे में मुस्लिम धर्म गुरू पीर सैयद अली अकबर शाह जीलानी ने अपनी तकरीर में कहा हमारे दिल में मुल्क के लिए कुर्बान होने का दिल में जज्बा होना चाहिए। इंसानियत भाई चारे के लिए अपने आप को कुर्बान करते रहना चाहिए। इस्लामी जबाजों उल्माइकराम ने इस मुल्क की आजादी के लिए कुर्बानी दी है। उन्होंने कहा दुसरे के हक को दबाने वाला, दंगा फसाद कराने वाले रब ताला मोहब्बत नहीं करता।
खुसुशी वक्ता मौलाना सोहेब अली ने कहा कि कयामत के दिन अच्छेबुरों का हिसाबकिताब होगा, बूरे कामों को साथ देने वाला, बुरे काम करने वाला जहनमी होगा। अल्लाह की इबादत करने वाला बुरे कामों से बचने वाला, गरीबों व बेसहारों की खिदमत करने वाला जन्नती होगा। खुद भरपेट खाना खाए, अपना पाड़ौसी भुखा सोयें वो ईमान नहीं रखता। ये दुनिया एक मुसाफिरखाना है। जब मरते वक्त कोई दोस्त, रितेदार, भाईबन्धु काम नहीं आयेंगे एक ही दोस्त कब्र में काम आयेगा उस दोस्त का नाम है आमाल यानि अच्छे काम करने वाला जन्नति व बुरे काम करने वालो जहनमी होगा। इस जल्से में नातिया कलाम पॄकर सबके दिलों को मुनावर और रोशन कर दिया। नबी के गुलामों का कफन मेहला हुआ नहीं करता, मेरे नसनस में है नबीनबी।
इस मौके पर मौलाना ईशाक खां, हाजी खान वकील, रमजान खां, भवरू खां, मीरे खां, सहित कई लोग उपस्थित थे।

राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा की यात्रा महामहिम के खुलेपन और लोकस्पर्शी व्यवहार ने लुभाया जैसलमेरवासियों को

राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा की यात्रा
महामहिम के खुलेपन और
लोकस्पर्शी व्यवहार ने लुभाया जैसलमेरवासियों को
- डॉ. दीपक आचार्य
जैसलमेर, 26 फरवरी/राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा की चार दिवसीय जैसलमेर यात्रा लोकजीवन में नई स्फूर्ति और उत्साह का संचार करने वाली रही।
अपनी यात्रा के हर पड़ाव में सरलसहज और सौम्य छवि ने जैसलमेरवासियों को गहरे तक प्रभावित किया वहीं चार दिनों में उनके हर कार्यक्रम में महामहिम की आम जन के प्रति संवेदनशीलता भी इतनी झलकी कि हर कहीं आम लोगों ने उनसे बेहिचक मुलाकात भी की और अपने दिल की पीड़ाओं को भी बयाँ किया।
राज्यपाल की जैसलमेर यात्रा आम लोगों से लेकर फौजियों और राजनेताओंकलाकारोंग्रामीणोंराज्यकर्मियों तथा प्रशासनिक अधिकारियों तक सभी को गहरी आत्मीयता और सुकून का अहसास भी करा गई।
राज्यपाल के माधुर्य भरे व्यवहार और लोकस्पर्शी व्यक्तित्व का ही कमाल था कि वे जहाँ कहीं पहुंंची वहाँ श्रद्धा और आदर का दरिया तो उमड़ ही आयाआम लोगों के दिलों दिमाग में भी महामहिम की जो छवि स्थापित हुई वह इस अर्थ में अमिट है कि राज्यपाल की परंपरागत छवि से हटकर आम जन से सीधे मुखातिब होकर संवाद स्थापित करने और आत्मीयता के साथ हर बात सुनने की उनकी शैली अपने आप में विशिष्ट है।
शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में अन्तर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि वाले मरु महोत्सव के उद्घाटन समारोह में करतल ध्वनि से प्रतिस्पर्धियों की हौसला अफजाही हो या फिर साफा बांध प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत करने मंच पर पहुंचने की बातमहामहिम के जनस्पर्शी स्वभाव और प्रतिभाओं के प्रति विशेष आत्मीयता भाव ने वहां मौजूद हजारों देशी-विदेशी सैलानियों और प्रतिस्पर्धियों को भी मुग्ध कर दिया।
इसी स्टेडियम में दूसरे दिन कैमल टैटू शो के दौरान् फौजियों द्वारा अपने रोजमर्रा के बर्तनों और संसाधनों का इस्तेमाल कर किए गए आकर्षक आर्केस्ट्रा ने राज्यपाल को खूब अभिभूत कर दिया।
फौजियों के उत्साहवद्र्धन के लिए वे मंच पर पहुंची तथा वहाँ शाबाशी दी। फौजियों ने भी राज्यपाल के साथ फोटो खिंचवा कर प्रसन्नता का इज़हार किया।  आम जन में राज्यपाल की जनोन्मुखी छवि का ही परिणाम था कि राज्यपाल अपने दौरे में जहां कहीं पहुंचीलोगों ने दिल खोलकर उनका स्वागत किया और शॉलतस्वीरोंउपहारों से उनका अभिनंदन करने का मौका पाया।
मिस्टर डेजर्ट बने रंगकर्मी एवं अभिनेता श्री विजय बल्लाणी जब उनका शॉल ओढ़ाकर अभिनंदन करने सर्किट हाउस पहुंचे तो राज्यपाल श्रीमती मार्गेट आल्वा ने अपनी ओर से उनका अभिनंदन किया और बधाई दी। राज्यपाल ने मिस्टर डेजर्ट से उनके योगदान की जानकारी तो ली हीमिस्टर डेजर्ट श्री बल्लाणी से उनके आभूषणों तथा परिधानों के बारे में भी जानकारी ली।
जैसलमेर यात्रा के दौरान् ग्रामीणों में राज्यपाल की झलक पाने और उनसे मिलने का जज्बा देखने लायक रहा। मोहनगढ़ में ग्राम्य महिलाओं ने उनका अभिनंदन किया वहीं इन्दिरा गांधी नहर परियोजना के अवलोकन के दौरान् वन विभाग की महिला कार्मिकों ने उनसे बेहिचक बात की और फोटो खिंचवाया।
जैसलमेर के दर्शनीय स्थल गड़ीसर झील के अवलोकन के दौरान शेरगढ़ (जोधपुर) से आए स्कूली बच्चों से शिक्षा-दीक्षा के बारे में चर्चा की और बच्चों की इच्छा पर फोटो भी खिंचवाया।  इसी प्रकार पटवा हवेली और अन्य स्थलों पर भी स्थानीय पार्षदों व निवासियों से राज्यपाल घुल मिल गई और पारिवारिक टच दिया।
राज्यपाल से यहीं पर वन विभागीय महिला अधिकारियों ने चर्चा की और फोटो खिंचवाया। काणोद में महानरेगा की महिला श्रमिकों से श्रीमती आल्वा ने चर्चा की और महानरेगा व विभिन्न योजनाओं के बारे में पूछा।
इन महिलाओं के साथ ही वहां के ग्रामीणों ने भी गांव की समस्याओं तथा जरूरतों के बारे में उनसे बात की। अपनी यात्रा के दौरान वे जहां-जहां पहुंची वहां लोगों ने उनका स्वागत तो किया हीखुलकर बातें भी की।
भारत-पाक सीमा क्षेत्र के भ्रमण के दौरान उन्होंने फौजियों तथा सैन्य अधिकारियों से बातचीत के दौरान् उनका हौसला बढ़ाया और विजिट बुक में फौजियों के योगदान को लेकर उत्साहवर्धक टिप्पणी भी दर्ज की।
महामहिम की पूरी यात्रा के दौरान् हर कहीं पारिवारिक आत्मीयता भरा माहौल इस कदर पसरा रहा कि हर किसी को राज्यपाल में अपने कुटुम्ब के मुखिया की छवि के दर्शन हुए। राज्यपाल की यात्रा ने उम्मीदों को पंख लगाने के साथ ही हर तरफ उत्साह का दिग्दर्शन भी कराया।

माघ पूर्णिमा के चाँद तले बही लोक संसकृति की सरिताएं


सम में भव्य आतिशबाजी के साथ तीन दिवसीय मरु महोत्सव सम्पन्न
सम के रेतीले धोरों पर उमडा सैलानियों का ज्वार
माघ पूर्णिमा के चाँद तले बही लोक संसकृति की सरिताएं
   
जैसलमेर, 26 फरवरी/ जैसलमेर में जग विख्यात तीन दिवसीय मरू महोत्सव का समापन सोमवार रात सम के लहरदार रेतीले धोरों पर माघ पूर्णिमा की चॉंद तले भव्य लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं आतिशबाजी के साथ हो गया।
   समापन समारोह में जिला कलक्टर शुचि त्यागीसीमा सुरक्षा बल जैसलमेर साउथ के उपमहानिरीक्षक वी.एस राजपुरोहितजिला पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरीस्टेट ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर के महानिदेशक अजय नकीब के साथ ही जिले के प्रशासनिक अधिकारी एवं हजारों की संख्या में देशी-विदेशी सैलानियों की साक्षी में सांस्कृतिक संध्या में चार चाँद लग गए।
   सांस्कृतिक संध्या में ख्यातनाम लोक कलाकारों द्वारा राजस्थानी संस्कृति से ओत प्रोत प्रस्तुत किये गये भव्य एवं आकर्षक लोक गीतों एवं लोक नृत्यों ने दर्शकों मोहित कर दिया। सम के लहरदार रेतीले धोरे हजारों दर्शकाें के जमघट से रंग बिरंगे दिखते रहे। सांस्कृतिक संध्या में जैसलमेर के बरना के  अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातनाम कलाकार गाजी खां बरना एवं उनकी टीम ने ‘‘दमादम मस्त कलन्दर अली का पहला नम्बर......‘‘ एवं ‘‘नींबूड़ा‘‘ गीत प्रस्तुत कर दर्शकों की वाहवाही लूटी वहीं इन कलाकारों ने लोकवाद्य यंत्रों की जुगलबन्दी को प्रस्तुत कर सभी को अपनी ओर आकर्षित कर दिया।
   नागौर जिले के मालापुरा के जसनाथी भक्त रघुनाथ एवं उनके दल ने जसनाथी भजन को प्रस्तुत करते हुए तीन क्विंटल आग के अंगीरों पर अग्नि नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकाें को एकदम अचम्भित कर दिया एवं दर्शकों का हुजूम उनके आग के गोले तक दौड़ पड़ा। इस अग्नि नृत्य को देखकर रौंगटे खड़े हो गये। सांस्कृतिक संध्या में मूलसागर (जैसलमेर) के अन्तर्राष्ट्रीय कलाकार तगाराम भील ने अलगुजा वाद्य यंत्र पर राजस्थानी लोक गीतों की धुनें बिखेर कर पूरे माहौल को संगीत से सरोबार कर दिया।
   सांस्कृतिक कार्यक्रम में जोधपुर के प्रसिद्ध कालबेलिया कालूनाथ एण्ड  पार्टी के संगीत निर्देशन में कालबेलिया नृत्यागंनाओं द्वारा बीन की धुनडफली की ताल एवं ढोलक की थाप पर नागिन की तरह बलखाती हुई शानदार नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों की वाह वाही लूटी।
   इस अवसर पर बाड़मेर के अन्तर्राष्ट्रीय कलाकार स्वरूप पंवार एण्ड पार्टी ने विरह का गीत कुरजाँ पेश किया वहीं बीकानेर के मनमोहन जोशी ने बांसुरी वादन से पूरे माहौल को कान्हा के रंग में रंग दिया। इस सांस्कृतिक संध्या की शुरूआत पादरली के गंगा एण्ड पार्टी द्वारा बाबे की स्तुति से किया जिसमें दैनिक दिनचर्या में आने वाले 13 कार्यो का जीवन्त प्रदर्शन दर्शाया गया।
   बूंदी की उषा शर्मा ने मूमल महेन्द्रा की प्रेम गाथा से ओत-प्रोत ‘‘काली काली काजलिये री कोर‘‘ राजस्थानी लोकगीत की प्रस्तुति की वहीं बीकानेर के ख्यातनाम टीवी कलाकार नवरत्न किराडु ने सूफी कलाम ‘‘छाप तिलक चीनी मुझसे नैना मिलाईके....‘‘ की प्रस्तुति से दर्शक आनन्दित हो उठे।
   बीकानेर के ही शशि कुमार ने शादी समारोह में प्रस्तुत किये जाने वाले कार्यक्रम कच्ची घोड़ी का नृत्य काफी उत्साहवर्धन करता रहा। इस सांझ में बीकानेर के ठाकुरदास ने विभिन्न पक्षियों एवं पशुओं की बोलियों को हूबहू प्रस्तुत कर दर्शकों की वाहवाही लूटी एवं दर्शक इन आवाजों को सुनकर अपनी हँसी को रोक न पाए।
   सम के लहरदार रेतीले धोरों पर सांस्कृतिक संध्या के समापन पर शानदार रंग-बिरंगी आतिशबाजी की गई जिससे पूरा आसमान रंगीन रोशनी से झिलमिला उठा।
   कार्यक्रम का संचालन जफर खां सिंधी ने किया वहीं अंग्रेजी में कमेन्ट्री किशोर सिंह राजपुरोहित ने की। इस अवसर पर धोरा दौड़ (पुरुष एवं महिला वर्ग) के विजेताओं को जिला कलक्टर एवं अन्य अतिथियों ने पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अन्त में उपनिदेशक पर्यटन विभाग हनुमानमल आर्य ने मरु महोत्सव में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग देने वालों के प्रति आभार जताया। पूरे सांस्कृतिक कार्यक्रम को हजारों दर्शकाें ने उत्साह से देखा एवं कार्यक्रमाें को अपने केमरों में कैद किया।
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