सम में भव्य आतिशबाजी के साथ तीन दिवसीय मरु महोत्सव सम्पन्न
सम के रेतीले धोरों पर उमडा सैलानियों का ज्वार
माघ पूर्णिमा के चाँद तले बही लोक संसकृति की सरिताएं
जैसलमेर, 26 फरवरी/ जैसलमेर में जग विख्यात तीन दिवसीय मरू महोत्सव का समापन सोमवार रात सम के लहरदार रेतीले धोरों पर माघ पूर्णिमा की चॉंद तले भव्य लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं आतिशबाजी के साथ हो गया।
समापन समारोह में जिला कलक्टर शुचि त्यागी, सीमा सुरक्षा बल जैसलमेर साउथ के उपमहानिरीक्षक वी.एस राजपुरोहित, जिला पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी, स्टेट ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर के महानिदेशक अजय नकीब के साथ ही जिले के प्रशासनिक अधिकारी एवं हजारों की संख्या में देशी-विदेशी सैलानियों की साक्षी में सांस्कृतिक संध्या में चार चाँद लग गए।
सांस्कृतिक संध्या में ख्यातनाम लोक कलाकारों द्वारा राजस्थानी संस्कृति से ओत प्रोत प्रस्तुत किये गये भव्य एवं आकर्षक लोक गीतों एवं लोक नृत्यों ने दर्शकों मोहित कर दिया। सम के लहरदार रेतीले धोरे हजारों दर्शकाें के जमघट से रंग बिरंगे दिखते रहे। सांस्कृतिक संध्या में जैसलमेर के बरना के अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातनाम कलाकार गाजी खां बरना एवं उनकी टीम ने ‘‘दमादम मस्त कलन्दर अली का पहला नम्बर......‘‘ एवं ‘‘नींबूड़ा‘‘ गीत प्रस्तुत कर दर्शकों की वाहवाही लूटी वहीं इन कलाकारों ने लोकवाद्य यंत्रों की जुगलबन्दी को प्रस्तुत कर सभी को अपनी ओर आकर्षित कर दिया।
नागौर जिले के मालापुरा के जसनाथी भक्त रघुनाथ एवं उनके दल ने जसनाथी भजन को प्रस्तुत करते हुए तीन क्विंटल आग के अंगीरों पर अग्नि नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकाें को एकदम अचम्भित कर दिया एवं दर्शकों का हुजूम उनके आग के गोले तक दौड़ पड़ा। इस अग्नि नृत्य को देखकर रौंगटे खड़े हो गये। सांस्कृतिक संध्या में मूलसागर (जैसलमेर) के अन्तर्राष्ट्रीय कलाकार तगाराम भील ने अलगुजा वाद्य यंत्र पर राजस्थानी लोक गीतों की धुनें बिखेर कर पूरे माहौल को संगीत से सरोबार कर दिया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में जोधपुर के प्रसिद्ध कालबेलिया कालूनाथ एण्ड पार्टी के संगीत निर्देशन में कालबेलिया नृत्यागंनाओं द्वारा बीन की धुन, डफली की ताल एवं ढोलक की थाप पर नागिन की तरह बलखाती हुई शानदार नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों की वाह वाही लूटी।
इस अवसर पर बाड़मेर के अन्तर्राष्ट्रीय कलाकार स्वरूप पंवार एण्ड पार्टी ने विरह का गीत कुरजाँ पेश किया वहीं बीकानेर के मनमोहन जोशी ने बांसुरी वादन से पूरे माहौल को कान्हा के रंग में रंग दिया। इस सांस्कृतिक संध्या की शुरूआत पादरली के गंगा एण्ड पार्टी द्वारा बाबे की स्तुति से किया जिसमें दैनिक दिनचर्या में आने वाले 13 कार्यो का जीवन्त प्रदर्शन दर्शाया गया।
बूंदी की उषा शर्मा ने मूमल महेन्द्रा की प्रेम गाथा से ओत-प्रोत ‘‘काली काली काजलिये री कोर‘‘ राजस्थानी लोकगीत की प्रस्तुति की वहीं बीकानेर के ख्यातनाम टीवी कलाकार नवरत्न किराडु ने सूफी कलाम ‘‘छाप तिलक चीनी मुझसे नैना मिलाईके....‘‘ की प्रस्तुति से दर्शक आनन्दित हो उठे।
बीकानेर के ही शशि कुमार ने शादी समारोह में प्रस्तुत किये जाने वाले कार्यक्रम कच्ची घोड़ी का नृत्य काफी उत्साहवर्धन करता रहा। इस सांझ में बीकानेर के ठाकुरदास ने विभिन्न पक्षियों एवं पशुओं की बोलियों को हूबहू प्रस्तुत कर दर्शकों की वाहवाही लूटी एवं दर्शक इन आवाजों को सुनकर अपनी हँसी को रोक न पाए।
सम के लहरदार रेतीले धोरों पर सांस्कृतिक संध्या के समापन पर शानदार रंग-बिरंगी आतिशबाजी की गई जिससे पूरा आसमान रंगीन रोशनी से झिलमिला उठा।
कार्यक्रम का संचालन जफर खां सिंधी ने किया वहीं अंग्रेजी में कमेन्ट्री किशोर सिंह राजपुरोहित ने की। इस अवसर पर धोरा दौड़ (पुरुष एवं महिला वर्ग) के विजेताओं को जिला कलक्टर एवं अन्य अतिथियों ने पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अन्त में उपनिदेशक पर्यटन विभाग हनुमानमल आर्य ने मरु महोत्सव में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग देने वालों के प्रति आभार जताया। पूरे सांस्कृतिक कार्यक्रम को हजारों दर्शकाें ने उत्साह से देखा एवं कार्यक्रमाें को अपने केमरों में कैद किया।
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