मंगलवार, 26 फ़रवरी 2013

‘‘अनेकता में एकता’’ हमारे देश की पहचान- गफूर अहमद

‘‘अनेकता में एकता’’ हमारे देश की पहचान- गफूर अहमद
बाड़मेर , हिंदुस्तान में गंगा जमना तहज़ीब भाईचारा और सद्भावना तो है ही .लेकिन कुदरत ने भी कई मर्तबा त्योहारों के संगम की मिसाल बना दी है और एक तरफ जहा हिन्दू अपने त्यौहार मनाते है उसी दिन मुस्लिम भी अपने ख़ास पर्व मनाते है .हमें राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव बोध को समझते हुए एकता, अखंडता एवं भाईचारे की भावना को और अधिक मजबूती प्रदान करने के प्रयासों में सहयोग करना चाहिए। भारत अनेकता में एकता में एकता का मूलक है यह कहना है श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष गफूर अहमद का . उन्होंने यह बात कानासर में आयोजित कोमी एकता कार्यकर्म में कही . कानासर जामा मस्जिद में कोमी एकता का कार्यकर्म आयॉजित किया गया . इस मोके पर इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्वग सदर असरफ अली ने कहा कि वर्तमान हालात में हमें जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद, अगलाववाद जेसे असंतोष की प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड रहा है। एैसे में आवश्यक है कि हम अतीत के गौरव को फिर से हांसिल करने के लिए देश की एकता व अखण्डता को मजबूती प्रदान करें। आज के दिन हम राष्ट्ीय एकता एवं कोमी एकता के सदेश को जन-जन तक पहुंचाने एवं जनभावना जगाने में भागीदारिता निभाने का संकल्प ग्रहण करना होगा ।इस मोके पर समाज सेवी मुराद अली मेहर ने कहा की संपूर्ण विश्व में एकता एवं भाईचारे का वातावरण बनें, मानव में मानवता आये और जाति, धर्म, सम्प्रदाय के झगडो से उपर उठकर हम प्रेम एवं शांति के मार्ग पर आगे बढे इसी में जीवन की सार्थकता है। हमे सर्वे भवन्तु सुखीनः की भावना के साथ देश को एकता के सुत्र में बाधे रखने के लिए सदेव प्रयासरत रहना चाहिए। इस मोके पर हाजी खान वकील ,रमजान खान , भवरू खान , मिरे खान , एम् इब्राहीम , मठर खान, हाजी सरजुदिन दीन और मलार खान ने भी कोमी एकता कार्यक्रम को संबोधित किया .

------------------------------------------------------

मुल्क के लिए कुर्बान होने का दिल में जज्बा रखे.....जीलानी
बाड़मेर फरवरी। जश्ने गोसे आजम का जलसा बड़ी शनान और शौकत के कानासर व उण्डू में मनाया गया। इस जलसे में मुस्लिम धर्म गुरू पीर सैयद अली अकबर शाह जीलानी ने अपनी तकरीर में कहा हमारे दिल में मुल्क के लिए कुर्बान होने का दिल में जज्बा होना चाहिए। इंसानियत भाई चारे के लिए अपने आप को कुर्बान करते रहना चाहिए। इस्लामी जबाजों उल्माइकराम ने इस मुल्क की आजादी के लिए कुर्बानी दी है। उन्होंने कहा दुसरे के हक को दबाने वाला, दंगा फसाद कराने वाले रब ताला मोहब्बत नहीं करता।
खुसुशी वक्ता मौलाना सोहेब अली ने कहा कि कयामत के दिन अच्छेबुरों का हिसाबकिताब होगा, बूरे कामों को साथ देने वाला, बुरे काम करने वाला जहनमी होगा। अल्लाह की इबादत करने वाला बुरे कामों से बचने वाला, गरीबों व बेसहारों की खिदमत करने वाला जन्नती होगा। खुद भरपेट खाना खाए, अपना पाड़ौसी भुखा सोयें वो ईमान नहीं रखता। ये दुनिया एक मुसाफिरखाना है। जब मरते वक्त कोई दोस्त, रितेदार, भाईबन्धु काम नहीं आयेंगे एक ही दोस्त कब्र में काम आयेगा उस दोस्त का नाम है आमाल यानि अच्छे काम करने वाला जन्नति व बुरे काम करने वालो जहनमी होगा। इस जल्से में नातिया कलाम पॄकर सबके दिलों को मुनावर और रोशन कर दिया। नबी के गुलामों का कफन मेहला हुआ नहीं करता, मेरे नसनस में है नबीनबी।
इस मौके पर मौलाना ईशाक खां, हाजी खान वकील, रमजान खां, भवरू खां, मीरे खां, सहित कई लोग उपस्थित थे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें