गुरुवार, 20 मई 2010

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Googleबाड़मेर: जातीय पंचायत का मौत के बदले मौत का फरमान

बाड़मेर: भारत-पाकिस्‍तान अंतरराष्‍ट्रीय सीमा पर स्थित राजस्थान के बाड़मेर जिले के शिव तहसील के जालेला गांव में जातीय पंचायत ने एक परिवार का हुक्‍का-पानी बंद करने और मौत के बदले मौत का फरमान सुनाया है। पीडि़त पक्ष ने पुलिस अधीक्षक के सामने पेश हो न्याय की गुहार लगाई है। बाड़मेर जिले के शिव थाना क्षेत्र के जालेला गांव निवासी सवाई सिंह ने पुलिस अधीक्षक संतोष चालके को बताया कि लगभग तीन साल पुर्व उनके बच्चे और नखतसिंह के बच्‍चे आपस में खेल रहे थे। खेल-खेल में नखत सिंह के बच्चे शिशुपाल सिंह की मृत्यु हो गई थी। इस पर नखतसिंह का परिवार इस मामले को लेकर जातीय पंचायत में चला गया। बकौल सवाई सिंह, ‘जातीय पंचों ने मेरे परिवार का आजीवन हुक्का-पानी बन्द करने के साथ गांव से दरबदर का फरमान जारी किया था। साथ ही, मौत के बदले मौत का फरमान जारी किया था। जातीय पंचायत के बाद भय और आंतक की वजह से हमारे परिवार ने तीन साल पहले ही गांव छोड़ दिया था। समाज से भी मुझे बहिष्कृत किया गया था। परिवार में शादी की वजह से मैं अपने परिवार के साथ 14 मई को गांव आया। गांव में पहुंचते ही जातीय पंचों ने धमकियां देना शुरू कर दिया। इसी रात मैं अपने सगे-संबंधियों के साथ देर रात शादी की योजना पर बातचीत कर रहा था। इसी दौरान वहां कानसिंह, भूरसिंह, नरपतसिंह सहित 11 लोग आए और उन्होंने हमारे आशियानों में आग लगा दी। सभी आरोपी झोपडों को चारो और से घेर के खडे थे ताकि हमारा परिवार बाहर नहीं आ सके। कुछ लोगों ने हमारी मदद कर हमें आग से बाहर निकाला। आज जैसे-तैसे आरोपियो से नजरें बचा कर आपसे मिलने (एस.पी.) बाड़मेर आया हूं। मुझे न्याय दिलाएं तथा आरोपियों को गिरफ्तार करें। आरोपी बदले की भावना में मुझे और मेरे परिवार को मौत के घाट उतारना चाहते हैं।’ पुलिस अधीक्षक संतोष चालके ने बताया कि फरियादी का मामला शिव थाने में दर्ज कर उसे पूरी सुरक्षा दे दी गई है। मामले के अनुसंधान का कार्य थानाधिकारी भंवरदान को दिया गया है और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया गया है। आरोपियों को बख्‍शा नहीं जाएगा।


मुठभेड़ में मरे तस्कर का नहीं हो पाया पोस्टमार्टम

परिजनों ने थानेदार के विरूद्ध मामला दर्ज करने की मांग की)बाड़मेर । जिले के देवगढ़ थाना अंतर्गत लसानी के जंगल में बाड़मेर एवं देवगढ़ पुलिस की संयुक्त कार्यवाही में पुलिस गोली से मरे तस्कर छोटूराम जाट के शव का बुधवार को अजमेर में पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। वहीं परिजनों ने कल्याणपुर थानाधिकारी उदयसिंह के विरूद्ध मामला दर्ज करने की मांग की।इधर बुधवार सुबह पुलिस महानिदेशक टी.एल. मीणा देवगढ़ पहुंचे और घटना स्थल का निरीक्षण किया वही देवगढ़ थाने में एतियात के तौर पर बड़ी संख्या में एम.बी.सी. का जाप्ता तैनात था। मृतक तस्कर रावर बिलाड़ा जोधपुर निवासी छोटूराम पुत्र दयाराम जाट के 15-20 परिजन जिनमें अधिक युवा थे देवगढ़ थाने पहुंचे व पुलिस अधिकारियों से बातचीत कर आक्रोश किया।जिला पुलिस अधीक्षक नितिनद्वीप व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वासुदेव भट्ट रात से ही एस.एफ.एल. टीम के साथ देवगढ़ में डेरा डाले है।कल्याणपुरा थानाधिकारी उदयसिंह भाटी ने देवगढ़ थाने में दोनों तस्करों के विरूद्ध जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज कराया है।मुठभेड़ में बाड़मेर पुलिस के वाहन पर दो गोली लगी थी वहीं कामलीघाट चौराहे पर तस्करों ने तीन हवाई फायर किए थे। मृतक छोटूलाल तथा देवपुरा राशमी चित्तौडग़ढ़ निवासी शंकर पुत्र छोगालाल अहीर डोडा पोस्त के अवैध करोबार में लिप्त है तथा कई थानों में इनके विरूद्ध हत्या का प्रयास सहित विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज है। पुलिस को आशंका है कि जिस वाहन स्कॉर्पियो में तस्कर सवार थे वो भी चोरी की हो सकती है। समाचार लिखे जाने तक अजमेर में मृतक तस्कर के शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया था।
न्यू बॉम्बे से चोरी हुई गाडी में सवार थे तस्कर
बाडमेर । राजसमन्द जिले के देवगढ थाना क्षेत्र में मंगलवार को पुलिस व तस्करों के बीच हुई मुठभेड के दौरान तस्कर जिस गाडी में सवार थे, वह पांच दिन पहले न्यू बॉम्बे से चोरी हुई थी। वहां के एक थाने में वाहन चोरी का मामला भी दर्ज है।
पुलिस अधीक्षक संतोष चालके ने बताया कि बिलाडा के रावर गांव का रहने वाला छोटू जाट व चितौडगढ निवासी उसका साथी शंकर स्कार्पियो गाडी में सवार थे। इस स्कार्पियो पर जो नम्बर प्लेट लगी थी, वह किसी जीप की थी। चैसिस नम्बर के आधार पर जांच कराने पर पता चला कि यह गाडी पांच दिन पहले न्यू बॉम्बे से चोरी हुई थी। इस गाडी के चोरी होने का मामला भी न्यू बॉम्बे थाने में दर्ज हुआ है। संभवत: इन तस्करों ने यह गाडी न्यू बॉम्बे से चुराई। पुलिस इसकी पडताल कर रही है।
गौरतलब है कि बाडमेर के बलदेवनगर निवासी किरतेश से चार दिन पहले पुलिस ने चोरी की एक गाडी बरामद की। किरतेश ने यह गाडी छोटू जाट से खरीदना बताया। चालके ने बताया कि चितौडगढ निवासी शंकर फिलहाल देवगढ पुलिस की कस्टडी में है। उधर बाडमेर पुलिस की टीम बलदेव नगर में हैड कांस्टेबल समेत दो जनों पर फायरिंग करने के आरोपी दिनेश उर्फ दीनिया निवासी भूरटिया की तलाश में जुटी है।
पाकिस्तान नए बंकर व टॉवर बना रहा है।
अन्तराष्ट्रीय सीमा के उस पार पाकिस्तान नए बंकर व टॉवर बना रहा है। इन निर्माण कार्यो को देख सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने चौकसी बढ़ा दी है। जानकारी के अनुसार राजस्थान व पंजाब से सटी सीमा के उस पार पाकिस्तान ने 19 नए बंकर स्थापित किए हैं तथा लगभग 40 नए वॉचिंग टॉवर बनाए हैं। कुछ साल पहले पाकिस्तान ने अपनी सीमा चौकियों की संख्या भी बढ़ाई थी। पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय नियमों को ताक पर रखकर चौकियों के निर्माण पर श्रीगंगानगर जिले से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तनाव उत्पन्न हो गया था और दोनों देशों के बीच दो दिन तक फायरिंग भी हुई थी। सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी बताते हैं कि भारत की सीमा पर पुराने बंकरों की मरम्मत का काम चल रहा है। यह कार्य शुरू होने के बाद पाकिस्तान ने तेजी लाते हुए नए टॉवरों और बंकरों का निर्माण शुरू कर दिया। नियमों के सवाल पर चुप्पीसीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों से जब यह पूछा गया कि नए बंकरों और वॉचिंग टॉवरों का निर्माण अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत हुआ है या नहीं, तो इस बारे में सीसुब के अधिकारी चुप्पी साध गए। नए बंकर सीमा के नजदीकपाकिस्तान के नए निर्माण कार्यो के बारे में केन्द्रीय गृह सचिव एवं सीमा सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हुए विचार-विमर्श के बाद सीमा सुरक्षा बल के उच्चाधिकारियों ने पिछले दिनों सीमा क्षेत्र का दौरा किया और सीमा पार की गतिविधियों की जानकारी ली। नए बंकर सीमा के नजदीक हैं।तीन दर्जन निगरानी टॉवरसीमा सुरक्षा बल से प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ ही समय में पाक ने तीन दर्जन से अधिक निगरानी टॉवर बनाए हैं। बल के अधिकारियों का कहना है कि नए टॉवर भारतीय टॉवरों के सामने ही बनाए जा रहे हैं।ये निर्माण19 नए बंकर40 नए वाचिंग टॉवर
सीमा पार से आने वाले तिलोर अब थार से मुहं मोडने लगे

बाडमेर । घास के मैदान व आश्रय स्थल नष्ट होने से सीमा पार से थार में पहुंचने वाला तिलोर (चिडिया) की संख्या अब कम होने लगी है। कोयम्बटूर स्थित सालिम अली इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्निथोलॉजी एंड नेचुरल हिस्ट्री के भारतीय मरूस्थल पर शोध के मुताबिक थार में तिलोर की संख्या लगातार कम हो रही है। तिलोर घास के मैदानों में प्रजनन करते हैं।
सीमावर्ती बाडमेर व जैसलमेर तथा और जोधपुर के कुछ इलाकों में मवेशियों की संख्या बढने और चारागाह कम होने से सीमा पार से आने वाले तिलोर अब थार से मुहं मोडने लगे हैं।
जोधपुर में भी नहीं दिखतेभारतीय प्राणी सर्वेक्षण के पक्षी विशेषज्ञ डॉ. संजीव कुमार कहते हैं कि पहले जोधपुर के आस-पास के इलाकों तिलोर अक्सर दिखाई दे जाते थे, लेकिन अब ऎसा नहीं है। कभी-कभार दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में जरूर कुछ तिलोर जरूर देखे जाते हैं।
कुरजां की संख्या बढीअंतरराष्ट्रीय के्रन्स फाउंडेशन के शोध के मुताबिक साइबेरिया से दक्षिणी पूर्वी एशिया में आने वाली क्रेन्स अफगानिस्तान 'फ्लाई वे' के बाद गायब हो जाती थी। वैज्ञानिकों ने इसकी जांच की तो पता लगा कि अफगानिस्तान के आकाश के ऊपर से गुजरते इन पक्षियों को मनोरंजन और शिकार के लिए मार गिराया जाता था, लेकिन इसमें अब कमी आई है। पक्षी विशेषज्ञ डॉ. अनिल कुमार छंगानी के अनुसार मारवाड के कुछ इलाकों में पानी व भोजन की उपलब्धता में कमी के कारण भी उन इलाकों में आने वाली कुरजां अब जोधपुर जिले के खींचन की और शिफ्ट हो गई। खींचन में कुरजां के लिए भोजन व पानी की पर्याप्त उपलब्धता है। कुल मिलाकर पूरे राजस्थान में कुरजां की संख्या में बढोतरी हो रही है।

बुधवार, 19 मई 2010

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शटअप! यू शटअप!
बाडमेर। सांसद हरीश चौधरी और बायतु विधायक कर्नल सोनाराम चौधरी मंगलवार को कांग्रेस कार्यालय में एक-दूसरे से उलझ गए। दोनों बीच तू-तडाक हुई और एक ने शटअप कहा तो दूसरे ने जवाब में यू शटअप। बाद में जिले के प्रभारी एवं बीकानेर के जिला प्रमुख रामेश्वर डूडी व अन्य विधायकों ने दोनों को शांत किया।
संगठन चुनाव को लेकर हुई बैठक में सोनाराम ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में पोकरण-फलसूण्ड-हीरे की ढाणी जलप्रदाय योजना के लिए मुख्यमंत्री को अवगत कराया था, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया और बजट में कोई घोषणा नहीं की। इस पर हरीश चौधरी ने कहा कि जिले में 198 करोड रूपए योजनाओं के लिए दिए गए हैं। यह तथ्य गलत निकले तो इस्तीफा देने को तैयार हूं। इस पर सोना राम दुबारा खडे हो गए और कहा कि वे सही कह रहे हैं, भेदभाव किया गया है।
इस पर सांसद ने कुछ बोलना चाहा तो विधायक ने कहा शट अप...। जवाब में सांसद ने कहा कि यू शट अप। इसके बाद दोनों में नोंक-झोंक शुरू हो गई। सोनाराम कहने लगे कि आप दिल्ली की पंचायती करो, राज्य की नहीं। मैं भी तीन बार सांसद रहा हूं सब जानता हूं। हरीश ने भी जवाब में कहा कि सही बात की पैरवी की जानी चाहिए। गलत जानकारी देने की जरूरत नहीं है। इसके बाद दोनों तू-तडाके पर उतर आए। विधायक मेवाराम जैन, मदन प्रजापत, पदमाराम मेघवाल, रामेश्वर डूडी सहित कांग्रेस के अन्य लोगों ने दोनों को शांत किया।
चापलूसी करते हैंकुछ लोग यूं ही चापलूसी कर रहे हैं। मैंने गलत नहीं कहा है। बजट भाषण की कॉपी देख लें। विधानसभा में भी मैंने यह बात कही थी। पेयजल योजना के लिए पैसा नहीं दिया है तो चुप क्यों रहूंगाक् -कर्नल सोनाराम चौधरी, विधायक, बायतु
योजना को लेकर बात हुईजलप्रदाय योजना को लेकर बात हुई है। उन्होंने कहा कि बजट नहीं दिया है तो मैंने जानकारी दी कि बजट दिया गया है।-हरीश चौधरी, सांसद




पुलिस मुठभेड में एक तस्कर ढेर
।बाडमेर देवगढ थाना क्षेत्र से मंगलवार शाम नाकाबंदी तोडकर भागे तस्करों व पुलिस के बीच लसानी के जंगलों में हुई मुठभेड के दौरान फायरिंग में एक तस्कर की मौत हो गई जबकि एक को देवगढ व बाडमेर पुलिस ने धर दबोचा।बाडमेर थाना पुलिस वहां बलदेवनगर में तीन दिन पूर्व हैड कांस्टेबल सहित दो जनों पर हुए गोलीकांड में आरोपियों की तलाश के लिए शाम को ही देवगढ पहुंची थी। आरोपियों के देवगढ की तरफ आने की सूचना मिलने पर देवगढ पुलिस के सहयोग से नाकाबंदी की गई। इस दौरान शाम को तेज गति से आती एक स्कॉर्पियो को पुलिस ने हाथ देकर रोका तो तस्करों ने गाडी में से ही फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने इधर-उधर होकर अपनी जान बचाई व बाद में तस्करों के पीछे लग गई। तस्कर कुछ आगे जाने के बाद लसानी के जंगलों में भाग निकले। पुलिस को पीछे आता देख उन्होंने फिर फायर कर दिए। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायर किए जिसमें बिलाडा (जोधपुर) निवासी छोटूराम पुत्र दयाराम को गोली लगी। पुलिस की एक टीम ने उसे संभाला जबकि दूसरी टीम ने घेराबंदी कर राशमी (चित्तौडगढ) निवासी शंकर पुत्र छोगालाल अहीर को गिरफ्तार कर लिया। घायल छोटूराम को लेकर पुलिस भीम चिकित्सालय पहुंची जहां से उसे ब्यावर व वहां से अजमेर रेफर कर दिया। अजमेर चिकित्सालय ले जाते रास्ते में उसने दम तोड दिया। आरोपी शंकर के पास से पिस्टल, कारतूस व खाली खोल बरामद किया। घटना की सूचना मिलने पर एसपी नितीनदीप ब्लग्गन व एफएसएल टीम मौके पर पहुंची। एसएसएल ने घटनास्थल व गाडी में आवश्यक साक्ष्य लिए।
शातिर हैं दोनों आरोपी
एसपी ब्लग्गन ने बताया कि मृतक छोटूराम के खिलाफ हत्या का प्रयास व डकैती का जोधपुर के लूणी, फिरौती का डांगियावास व मारपीट का महामंदिर में मुकदमा दर्ज है जबकि गिरफ्तार शंकर शातिर तस्कर है जिसके खिलाफ राजनगर थाने में डकैती की योजना व आम्र्स एक्ट का मुकदमा दर्ज है। मादक पदार्थ तस्करी के मामले में वह कपासन (चित्तौडगढ) में वांछित चल रहा है।
लूट व कातिलाना हमले के आरोपियों पर ईनाम घोषित
बाड़मेर & शहर में माल गोदाम रोड़ पर कृष्णकांत पालीवाल के साथ हुई लूट व बलदेव नगर निवासी आरोपियों के बारे में सही जानकारी देने पर संबंधित व्यक्तिा को दो हजार रुपए नकद ईनाम की घोषणा की है। जिला पुलिस अधीक्षक संतोष चालके ने बताया कि शहर में बीती 14 मई को माल गोदाम रोड़ पर कृष्णकांत पालीवाल सपत्नीक बाइक पर घर जा रहे थे। इसबीच दो अज्ञात बाइक सवार अपराधियों ने डेढ़ लाख रुपए से भरा बैग छीन भाग गए। इस संबंध में आरोपियों के बारे में सही जानकारी जिला पुलिस को देने पर संबंधित व्यक्ति को दो हजार रुपए का नकद ईनाम देने की घोषणा और इसी तरह 14 मई को बलदेव नगर में पुलिस हैड कानिस्टेबल सोनाराम व गंगाराम पर आरोपी दिनीया उर्फ दिनेश पुत्र डूंगराराम जाति जाट निवासी भुरटिया हाल बलदेव नगर व उसके सह अपराधी द्वारा देशी कट्टे से घायल कर भागने वालों की सूचना देने वाले को ईनाम दिया जाएगा।
बोलेरो-पिकअप भिड़ंत में दो मरे ग्यारह घायल
बाड़मेर. शिव थाना क्षेत्र के भियाड़ गांव में फलसंूड सड़क मार्ग पर एक बोलेरो व पिक अप गाड़ी की आमने -सामने हुई भिडं़त में दो जनों की मौत हो गई, वहीं ग्यारह जने घायल हो गए। जिन्हें उपचार के लिए राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर लाया गया। जहां पर गंभीर रुप से घायल चार जनों को जोधपुर रैफर कर दिया गया। पुलिस थाना शिव के एएसआई हरिसिंह ने बताया कि भियाड़ गांव के बस स्टैंड पर भियाड़ से गोडागड़ा की तरफ जा रही बोलेरो को फलसंूड रोड़ पर सामने से आ रही पिकअप के चालक कायम खां पुत्र हकीम खां निवासी उण्डू ने टक्कर मार दी। जिससे बोलेरो गाड़ी का संतुलन बिगडऩे से वह पलटी खा गई। इस हादसे में बोलेरो के चालक डूंगराराम (30) पुत्र कानाराम निवासी भियाड़ की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। वहीं कबूल खां (60)पुत्र उमर खां निवासी उण्डू ने कुछ ही देर बाद दम तोड़ दिया। बोलेरो में सवार गेरों देवी पत्नी रतनाराम जाट निवासी भियाड़, जेठी देवी पत्नी पोकरराम भियाड़, गीता देवी पुत्री गोरधनराम भियाड़, पारु पत्नी हड़मानराम जाट निवासी सवाऊ पदमसिंह, मूली पत्नी गंगाराम निवासी भियाड़, हेमी पत्नी मेगाराम भियाड़ एवं पिकअप में सवार ईसाक खां पुत्र आयश खां निवासी उण्डू, गुलाम पुत्र अली खां, सुमार खां पुत्र तालब खां, हुसैन पुत्र कबूल खां, दिलबर खां पुत्र अब्दुल खां निवासी उण्डू घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए बाड़मेर लाया गया। जहां पर चार गंभीर रुप से घायलों को जोधपुर रैफर कर दिया गया।

मंगलवार, 18 मई 2010

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Google पाकिस्‍तान में हिंदुओं पर जुल्‍म, हिंदूओं का पलायन जारी


बाड़मेर: 1947-48 में पाकिस्तान में हिंदुओं की संख्या कुल जनसंख्‍या का 16 से 20 फीसदी थी। पाकिस्तान की जनगणना के आंकड़ें बताते हैं। लेकिन, हिंदुओं पर इन 63 सालों में पाकिस्तान में इतने जुल्म ढाये गए कि उन्हें या तो वहां से भाग कर अपनी जान और अपने परिजनों की जान बचानी पड़ी, या फिर मौत को गले लगाना पड़ा। उन्‍हें एक और रास्ता चुनना पड़ता था, जो पाकिस्तान के कठमुल्ले जबरन थोपते थे… इस्लाम अपनाने का रास्‍ता। हिंदुओं को जबरन मुस्लिम बनाया जाता… वहां इन सब जुल्मों के चलते हालात ये हो गये हैं कि पाकिस्तान में हिंदुओं की जनसंख्या घटकर 1.6 फीसदी से भी कम रह गयी है। वहां हिंदुओं को अपनी सम्पति छोड़ कर भागना पड़ा है, अपनी बहु-बेटियों की इज्जत खोनी पड़ी है। लेकिन, इस पर दुनिया में तो क्या भारत में भी कोई हल्ला नहीं बोलेगा।पिछले चार सालों में पाकिस्तान से करीब पांच हजार हिंदू तालिबान के डर से भारत आ गए, कभी वापस न जाने के लिए। अपना घर, अपना सबकुछ छोड़कर, यहां तक की अपना परिवार तक छोड़कर। हालांकि, इस तरह सब कुछ छोड़ कर आना आसान नहीं है। लेकिन, इन लोगों का कहना है कि उनके पास वहां से भागने के अलावा कोई चारा नहीं था। 2006 में पहली बार भारत-पाकिस्तान के बीच थार एक्सप्रेस की शुरुआत की गई थी। हफ्ते में एक बार चलनी वाली यह ट्रेन कराची से चलती है और भारत में राजस्‍थान के बाड़मेर जिले के मुनाबाओ बॉर्डर से दाखिल होकर जोधपुर तक जाती है। पहले साल में 392 हिंदू इस ट्रेन के जरिए भारत आए। 2007 में यह आंकड़ा बढ़कर 880 हो गया। पिछले साल कुल 1240 पाकिस्तानी हिंदू भारत आए, जबकि इस साल अगस्त तक एक हजार लोग भारत आए और वापस नहीं लौटे। वे इस उम्मीद में यहां रह रहे हैं कि शायद उन्हें भारत की नागरिकता मिल जाए, इसलिए वह लगातार अपने वीजा की अवधि बढ़ा रहे हैं। गौर करने लायक बात यह है कि ये आंकड़े आधिकारिक हैं, जबकि सूत्रों का कहना है कि ऐसे लोगों की संख्या कहीं अधिक है, जो पाकिस्तान से यहां आए और स्थानीय लोगों में मिल कर अब स्थानीय निवासी बन कर रह रहे हैं। अधिकारियों का इन विस्थापितों के प्रति नरम व्यवहार है क्योंकि इनमें से ज्यादातर लोग पाकिस्तान में भयावह स्थिति से गुजरे हैं। वह दिल दहला देने वाली कहानियां सुनाते हैं।रेलवे स्टेशन के इमिग्रेशन ऑफिसर हेतुदन चरण का कहना है, ‘भारत आने वाले शरणार्थियों की संख्या अचानक बढ़ गई है। हर हफ्ते 15-16 परिवार यहां आ रहे हैं। हालांकि, इनमें से कोई भी यह स्वीकार नहीं करता कि वह यहां बसने के इरादे से आए हैं। लेकिन, आप उनका सामान देखकर आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि वह शायद अब वापस नहीं लौटेंगे।’ राना राम पाकिस्तान के पंजाब में स्थित रहीमयार जिले में अपने परिवार के साथ रहते थे। अपनी कहानी सुनाते हुए वे कहते हैं कि वे तालिबान के कब्जे में थे। उनकी बीवी को तालिबान ने अगवा कर लिया। उसके साथ रेप किया और जबरदस्ती इस्लाम कबूल करवाया। इतना ही नहीं, उसकी दोनों बेटियों को भी इस्लाम कबूल करवाया। यहां तक की जान जाने के डर से उन्‍होंने भी इस्लाम कबूल कर लिया। इसके बाद उसने वहां से भागना ही बेहतर समझा और वह अपनी दोनों बेटियों के साथ भारत भाग आया। उसकी पत्नी का अभी तक कोई अता-पता नहीं है। एक और विस्थापित डूंगाराम ने बताया कि पिछले दो सालों में हिंदुओं के साथ अत्याचार की घटनाएं बढ़ी हैं, खासकर परवेज़ मुशर्रफ के जाने के बाद।अब कट्टरपंथी काफी सक्रिय हो गए हैं। हम लोगों को तब स्थायी नौकरी नहीं दी जाती थी, जब तक हम इस्लाम कबूल नहीं कर लेते थे। बाड़मेर और जैसलमेर में शरणार्थियों के लिए काम करने वाले ‘सीमांत लोक संगठन’ के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढ़ा कहते हैं, ‘भारत में शरणार्थियों के लिए कोई पॉलिसी नहीं है। यही कारण है कि पाकिस्तान से भारी संख्या में लोग भारत आ रहे हैं।’ सोढ़ा ने कहा, ‘पाकिस्तान के साथ बातचीत में भारत सरकार शायद ही कभी पाकिस्तान में हिदुंओं के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार व अत्याचार का मुद्दा उठाती है।’ उन्होंने कहा, ‘2004-05 में 135 शरणार्थी परिवारों को भारत की नागरिकता दी गई, लेकिन बाकी लोग अभी भी अवैध तरीके से यहां रह रहे हैं। यहां पुलिस इन लोगों पर अत्याचार करती है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘पाकिस्तान के मीरपुर खास शहर में दिसंबर 2008 में करीब 200 हिदुओं को इस्लाम धर्म कबूल करवाया गया। बहुत से लोग ऐसे हैं, जो हिंदू धर्म नहीं छोड़ना चाहते, लेकिन वहां उनके लिए सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं।’

रविवार, 16 मई 2010

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बचपन में ब्याही आधी सरकार
कम उम्र में विवाह नहीं होने देने के लिए कमर कसने वाली प्रदेश सरकार के एक-तिहाई से ज्यादा मंत्रियों और विधानसभा के करीब आधे सदस्यों की शादियां विवाह की वैधानिक उम्र से पहले हो गई थी। विधानसभा की वेबसाइट पर उपलब्ध 13वीं विस सदस्यों की जानकारी की पडताल में सच सामने आया। विस के 200 सदस्यों में से 184 की वैवाहिक तिथियां उपलब्ध हैं।
82 सदस्यों की शादी 21 या 18 वर्ष (पुरूष अथवा महिला के अनुसार ) की वैधानिक आयु से पहले हो गई थी। 35 मंत्रियों और संसदीय सचिवों में से 13 के विवाह बाल-विवाह की श्रेणी में आते हैं। रविवार को अबूझ सावा पर एक बार फिर बाल-विवाह का जोर रहेगा। सत्ताधारी कांग्रेस के विधायक इस मामले में आगे हैं। कांग्रेस के 47 विधायकों के विवाह कम उम्र में हुए, जबकि भाजपा के 26 विधायक इस वर्ग में आते हैं। विवाह की न्यूनतम आयु का सबसे पहले 1929 में बने शारदा एक्ट में निर्धारण किया गया था। इसमें विवाह के लिए लडके की आयु 18 और लडकी की 14 वर्ष तय की गई थी। इसके बाद 1954 के स्पेशल मैरिज एक्ट में इस आयु सीमा बढाकर क्रमश: 21 और 18 वर्ष किया गया, जो अब तक जारी है। अधिकांश विधायकों के विवाह 1954 के एक्ट के लागू होने के बाद ही हुए हैं।
200 सदस्य विधानसभा में 184 की वैवाहिक तिथियां वेबसाइट पर82 की शादी 21 या18 वर्ष (पुरूष अथवा महिला के अनुसार) की वैधानिक आयु से पहले 35 मंत्री और संसदीय सचिव13 की शादी बाल-विवाह की श्रेणी में 47 विधायक कांग्रेस के बाल विवाह वाले26 विधायक भाजपा के इस वर्ग में
विधानसभा अध्यक्ष खुद भीइक्कीस वर्ष से कम उम्र में ब्याहने वालों में विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्रसिंह शेखावत भी शमिल हैं। उनका विवाह 20 वर्ष 11 माह की उम्र में हुआ था।
प्रमुख भाजपा विधायकरोहिताश्व शर्मा, प्रभुलाल सैनी, सुन्दरलाल, शंकरसिंह रावत, ओटाराम देवासी, निर्मल कुमावत, फूलचन्द भिण्डा, राधेश्याम गंगानगर, संजना अगारी, केसाराम चौधरी, अशोक पींचा, सूर्यकान्ता व्यास, कमसा मेघवाल, अर्जुन गर्ग, राजकुमार रिणवा, हरिसिंह रावत।
नाम --विवाह के समय उम्रकेबिनेट मंत्री हरजीराम बुरडक -- 17 वर्ष मास्टर भंवरलाल मेघवाल -- 17 वर्षपरसादीलाल मीणा -- 14 वर्षमहिपाल मदेरणा -- 20 वर्षराज्य मंत्री रामलाल जाट -- 18 वर्षअशोक बैरवा -- 17 वर्षभरोसीलाल जाटव -- 12 वर्षगोलमा देवी -- 11 वर्षमांगीलाल गरासिया -- 14 वर्षसंसदीय सचिव रामकेश मीणा -- 18 वर्ष गिर्राजसिंह --17 वर्षनानालाल निनामा -- 20 वर्षब्रह्मदेव कुमावत -- 20 वर्ष(केबिनेट मंत्री बीना काक और महेन्द्रजीत मालवीया तथा राज्य मंत्री राजकुमार शर्मा की विवाह तिथि उपलब्ध नहीं है।)

शनिवार, 15 मई 2010

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Googleपूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत का निधन
जयपुर. सांस में तकलीफ और बेचैनी की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराए गए पूर्व उप राष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत (87) का शनिवार की सुबह 11.10 बजे निधन हो गया।गौरतलब है कि शेखावत की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें एमएसएस अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। शेखावत को गुरुवार देर रात सांस लेने में दिक्कत होने तथा कमजोरी महसूस होने पर एसएमएस अस्पताल में लाया गया था।देश के 11वें उपराष्ट्रपति रहे भैरोसिंह शेखावत का जन्म 23 अक्टूबर 1923 को राजस्थान के सीकर जिले के एक छोटे से गांव खाचरियावास में हुआ था।भैरोंसिंह शेखावत : प्रोफाइलजन्म तिथि 23 अक्टूबर, 1923 (धनतेरस) (खाचरियावास में )पिता का नाम स्व. देवीसिंह शेखावत माता का नाम स्व. बन्ने कंवर मूल निवास गांव : खाचरियावास जिला सीकर (राज.)पत्नी का नाम सूरज कंवर संतान - एक बेटी नाम रतन कंवर व्यवसाय- खेतीइन पदों पर रहेविधायक 1952 दांतारामगढ़ से 1957 श्रीमाधोपुर से 1962 किशनपोल से1967 किशनपोल से 1977 छबड़ा से 1980 छबड़ा से 1985 आमेर से 1990 धौलपुर से 1993 बाली से 1998 बाली सेराज्य सभा सदस्य : 1974 से 1977मुख्यमंत्रीपहली बार : 22 जून, 1977 से 15 फरवरी, 1980 दूसरी बार : 4 मार्च, 1990 से 15 दिसबर, 1992तीसरी बार : 4 दिसंबर, 1993 से 31 दिसंबर, 1998विधानसभा में नेता प्रतिपक्षपहली बार : 15 जुलाई, 1980 से 10 मार्च,1985 दूसरी बार : 28 मार्च,1985 से 30 दिसंबर, 1989 तीसरी बार : 8 जनवरी, 1999 से 18 अगस्त, 2002उपराष्ट्रपति : (देश के 11 वे उपराष्ट्रपति)19 अगस्त, 2002 से 21 जुलाई, 2007

राजनीति मेंआरएसएस में स्वयंसेवक रहे। थानेदार की नौकरी छोड़ने के बाद 1948 में जनसंघ की सदस्यता ली। शेखावत ने 1952 में विधानसभा की चुनाव लड़ा।जनसंघ के प्रदेश अध्यक्ष रहे।जनसंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे।भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे।भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य रहे।

देखिये तस्वीरे सरहदें रोक नहीं सकीं लोक संगीत की सोंधी महक को फैलने से

सरहदें रोक नहीं सकीं लोक संगीत की सोंधी महक को फैलने से

 













बाड़मेर: पाकिस्तान में मांगणियार जाति के लोक कलाकारों ने अपनी गायकी से अलग पहचान बना रखी है। पाक के सिन्ध प्रान्त के मिटठी, रोहड़ी, गढरा, थारपारकर, उमरकोट, खिंपरो, सांगड आदि जिलों में मांगणियार जाति के लोग निवास करते हैं। पाक में रह रहे मांगणियार मूलतः राजस्‍थान के बाड़मेर और जैसलमेर जिलों के हैं, जो भारत-पाक युद्ध (1965 और 1971) में पलायन कर पाक चले गए।

लोक गीतों के माध्यम से थार संस्कृति और परम्परा की छटा बिखेरने वाले मांगणियार कलाकारों की पाक में सम्मानजनक स्थिति नहीं थी। पाक के मांगणियार भी राजपूत जाति के यहां यजमानी कर अपना पालन-पोषण करते थे। सोढा राजपूतों का सिन्ध में बाहुल्य हैं। सोढा राजपूतों की सिन्ध में जागीरदारी होने के कारण कई मांगणियार परिवार भारत-पाक विभाजन के दौरान पाक में रह गए, तो कई परिवार युद्ध के दौरान पाक चले गए।

बाड़मेर से गये एक परिवार में सन 1961 में संगीत के कोहिनूर ने जन्म लिया। इस कोहिनूर ने, जिसे पाकिस्तान और विदेशों में उस्ताद सफी मोहम्मद फकीर के नाम से जाना जाता हैं, मांगणियार गायकी को पाक में अलग पहचान और ख्‍याति दिलाई। उनके अलावा अनाब खान, शौकत खान, हयात खान, मोहम्मद रफीक, सच्चु खान, सगीर खान ढोली ने मांगणियार संस्कृति को पाक में नई पहचान दी है।

इसके अलावा, बाड़मेर-जैसलमेर सीमा पर स्थित देवीकोट के मूल निवासी फिरोज गुल ने पाक में लुप्त हो चुके हारमोनियम कला को पुनर्जीवित कर काफी नाम कमाया। पाक में आज फिरोज गुल का हारमोनियम बजाने में कोई सानी नहीं है। पाक की मशहूर लोक गायिका आबदा परवीन के दल के साथ फिरोज देश-विदेश में ख्‍याति अर्जित कर रहे हैं। पाक में मारवाड़ी लोक गीतों की जबरदस्त मांग को मांगणियार लोक कलाकार पूरा कर रहे हैं। इन लोक कलाकारों ने पाक में मांगणियार गायकी को नया आयाम प्रदान किया है और मारवाडी लोक गीत-संगीत को पाक में मान-सम्मान दिलाया है।

इसके अलावा पाक में कृष्‍ण भील, सुमार भील, मोहन भगत, जरीना, माई नूरी, माई डोली, माई सोहनी, सबीरा सुल्तान, दिलबर खान, फरमान अली, आमिर अली, असलम खान, लॉग खान, सुमार खान, मोहम्मद इकबाल जैसे मांगणियार लोक गीत-संगीत के पहरुओं ने राजस्थान की लोक कला, गीत संगीत, संस्कृति और परम्परा को पाक में जिन्दा रखा है। सिन्ध और थार की लोक संस्कृति, परम्पराओं, गीत-संगीत, कला में महज देश का फर्क है।

मांगणियार लोक गायकों ने लोक संगीत के जरिए दोनों देशों की सीमाएं तोड़ दी हैं। पाकिस्तान गए भारतीय मांगणियार परिवारों ने थार शैली के लोक गीत-संगीत को पाकिस्तान में ना केवल जिन्दा रखा, अपितु उसे दुनिया भर में नई उंचाइयां दीं। पाकिस्तान में एक वक्त हारमोनियम समाप्त सा हो गया था, ऐसे में फिरोज मांगणियार ने हारमोनियम को नया जन्म देकर पाकिस्तान में हारमोनियम को लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचाया।

शुक्रवार, 14 मई 2010

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Googleच्रदन सिंह भाटीबाडमेर- भारत सरकार नें पश्चिमी सीमावर्ती पॉच जिलों में राष्ट्रिय सुरक्षा के मध्य नजर लम्बे समय से विदेशी पर्यटकों के प्रवेश पर लगे प्रतिब्रध को आंशिक रूप् से हटा दिया हैं।गृह मंत्रालय द्धारा राज्य सरकार को जारी निर्देशानुसार राजस्थान के पॉच सीमावर्ती जिलों मेंविदेशी सैलानियों के प्रवेश में छूट दी हैं।इन क्षैत्रों में बाडमेर जिले का अहम पर्यटन क्षैत्रा किराडू सहित जूना के एतिहासिक किला तथा जैसलमेर जिले के लक्षमणा तुर्क्र,गोडावन आश्रय स्थली सुदासरी,हडडा,देवा और मोहनगढ शामिल हैं।इन पर्यटन क्षैत्रों को विदेशी पर्यटकों के लिए खोलनें से पर्यटन को बढावा मिलेगा।गौरतलब हैं कि राजस्थान के सीमावर्ती बाडमेर जिलें कें नेशनल हाई वे 15 के पश्चिम में विदेशी सैलानियों के प्रवेश पर प्रतिब्रध लगा हुआ था जिसके कारण विदेशी सैलानी बाडमेर जिले के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण नही कर पा रहे थे।जिला प्रशासन लम्बे समय से भारत तथा राज्य सरकार से नेशनल हाई वे 15 के पश्चिम में स्थित किराडू तथा जूना के ऐतिहासिक स्थलों पर विदेशी पर्यटकों के प्रवेश पर आंशिक छूट देने की मांग की जा रही थी।मगर भारत सरकार की यह छूट पाकिस्तान नागरिकों पर लागू नहीं होगी।पाकिस्तानी नागरिकों के प्रवेश पर पूर्व की भांति प्रतिब्रध रहेगा।यह छूट पर्यटन के लिहाज से दी गई हें।पाकिस्तान से सटी बाडमेर ,जैसलमेर जिले के सरहदी एरिया में विदेशी सैलानियों के प्रवेश पर राष्ट्रिय सुरक्षा के मध्य नजर प्रतिब्रध भारत पाकिस्तान के बीच हुए 1971 के युद्ध के पश्चात भारत सरकार नें लगा रखा था।प्रतिब्रध हटनें से जहॉ बाडमेर में पर्यटन को बढावा मिलेगा वहीं सेलानी एतिहासिक स्थलों कामम भण्रम कर सकेंगे।