झालावाड़ खेती के आधुनिक तरीकों से किसान बढ़ा सकतें है अपनी आय- श्री दुष्यन्त सिंह
झालावाड़ 22 अप्रेल। सांसद झालावाड-बारंा श्री दुष्यन्त सिंह ने कहा है कि किसान खेती के आधुनिक तरीके अपनाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
सांसद आज झालावाड़ जिला मुख्यालय पर स्थित खेल संकुल में मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत सिंचाई प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान कोटा तथा जिला प्रशासन झालावाड़ द्वारा आयोजित एक दिवसीय जल प्रबंधन कार्यशाला में झालावाड़ एवं कोटा जिले के किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ज्यादा पानी, ज्यादा ऊर्वरक तथा ज्यादा कीटनाशी के उपयोग से जमीन बंजर होती है, फसल खराब होती है, वातावरण प्रदूषित होता है तथा किसान की आय घटती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे ने पूरे राज्य में जल संरक्षण के बडे कार्यक्रम चलायें है तथा खेती की आधुनिक तकनीक को बढावा देने के लिए कई योजना आरंभ की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्राी ने अपने पिछले कार्यकाल में राजस्थान के अधिकारियों को इजराइल तथा जल गांव भेजा तथा वहां से तकनीक लाकर राजस्थान में किसानों तक पहुंचाई। मुख्यमंत्राी द्वारा इस कार्य को वर्तमान कार्यकाल में भी जारी रखा गया है। उन्होंने किसानों का आव्हान किया कि वे ड्रिप इरिगेशन तथा फव्वांरा सिंचाई को अपनाएं। हम सब का भविष्य इसी में सुरक्षित है।
श्री दुष्यन्त सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे ने परवन परियोजना के लिए 700 करोड़ रूपये से अधिक की राशि स्वीकृत की है जिससे झालावाड़ एवं बारां जिले के किसानों को सिंचाई एवं पेयजल के लिए जल मिल सकेगा तथा इस पूरे क्षेत्रा में खुशहाली आएगी।
सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्राी श्रीमती राजे ने सोलर पम्पस् को बढावा देने के लिए राज्य सरकार के स्तर पर सबसीडी की व्यवस्था की जिससे बडी संख्या में किसानों ने सोलर पम्प को अपनाया और उनकी जिन्दगी में खुशहाली आई। उन्होंने कहा कि जिले में कालीसिंध, पिपलाद, कनवाड़ा, रेवा, रोशनबाडी, गुराडिया, चंवली, भीमनी, भीमसागर आदि जितनी भी सिंचाई परियाजनाऐं है अथवा आने वाली है उन सब में किसान अनिवार्य रूप से बूंद-बंूद सिंचाई तथा फव्वांरा सिंचाई को ही अपनाएं। इससे पानी की बरबादी रूकेगी, जमीन बंजर होने से बचेगी तथा नहर के टेल-एण्ड पर बैठे किसानों को भी सिंचाई के लिए जल मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि पॉली हाऊस के माध्यम से आज बहुत से किसान लाखों रूपये सालाना की आमदनी ले रहे हैं।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए राज्य स्तरीय जन अभाव अभियाग निराकरण एवं सतर्कता समिति के अध्यक्ष श्रीकृष्ण पाटीदार ने कहा कि कुप्रबंधन के कारण खेती घाटे का सौदा बनती जा रही हैं। किसान आधुनिक तरीके एवं जल प्रबंधन के उपाय सिख कर इसे लाभ के सौदे में बदल सकते है। उन्होंने कहा कि राजस्थान नहर के किसान जल कुप्रबंधन के कारण सेम की समस्या से पीड़ित हो गये। सेम की समस्या से पंजाब, हरियाणा, गंगानगर, हनुमानगढ़ आदि क्षेत्रों के ,खेत तो बरबाद हुए ही साथ ही लोगों के घर भी दलदल में डुब गये।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला प्रमुख श्रीमती टीना कुमारी भील ने कहा कि जिले के किसानों के लिए विशेषज्ञों एवं सांचोर के प्रगतिशील किसानों द्वारा प्रशिक्षण दिलवाया जाना एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे एवं सांसद श्री दुष्यन्त सिंह का आभार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि आज जिले में जितने भी बडे बांध एवं सिंचाई परियोजनाएं दिखाई दे रही हैं वे उन्हीं की देन है।
जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने कहा कि मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे के निर्देश पर आयोजित इस कार्यशाला में झालावाड़, कोटा एवं जालोर जिलों के लगभग 1400 किसानों ने भाग लिया है तथा अपने अनुभवों से अन्य किसानों को भी लाभान्वित किया है। उन्होंने कहा कि जालोर एवं बाडमेर जिलों में 1790 किलो मीटर लम्बे नर्बदा नहर के तंत्रा ने यह सिद्ध कर दिया है कि किसानों के लिए बंूद-बूंद सिंचाई योजना परियाजना ही सर्वोत्तम सिचाई पद्धति है। उन्होंने कहा कि झालावाड़ जिले में भी आने वाली समस्त सिंचाई परियोजनाओं में फव्वांरा सिंचाई एवं बूंद-बंूद सिंचाई के ही कनेक्शन दिये जाएंगे।
कार्यशाला में विधायक खानपुर नरेन्द्र नागर ने कहा कि अब समय आ गया है जब झालावाड़ जिले के किसान पानी का महत्व समझें एंव ड्रिप इरिगेशन को अपनाएं। पूरा प्रदेश आज पानी की कमी से जूझ रहा है मुख्यमंत्राी स्वयं इसके लिए चिन्तित है तथा जिले में मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के माध्यम से किसानों को वर्षभर जल उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। मनोहरथाना विधायक कंवर लाल मीणा ने मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि झालावाड़ जिले के किसानों को सांचोर के प्रगतिशील किसानों के माध्यम से जल प्रबंधन का प्रशिक्षण दिलवाया जाना निःसंदेह एक महत्वपूर्ण कार्य हैं। उन्होंने कहा कि झालावाड़ जिले के कुछ किसान भी मल्चिंग एवं ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से आधुनिक खेती से जुड रहे है। डग विधायक रामचन्द्र सुनारीवाल ने कहा कि जल कुप्रबंधन का सबसे बडा उदाहरण झालावाड़ जिला है जहां राज्य की सर्वाधिक वर्षा होती है तथा खेती के लिए काली मिट्टी उपलब्ध है फिर भी खेती घाटे में जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मारवाड के लोगों ने जल के महत्व को समझा, उसी प्रकार हमारे जिले के किसानों को भी जल के महत्व को समझना होगा।
कार्यशाला में नर्बदा परियोजना के मुख्य अभियन्ता राजीव चौधरी, कृषि विज्ञान केन्द्र के डॉ. आई.बी. मोर्य, डॉ. अर्जुन कुमार वर्मा, संयुक्त निदेशक एन.आर. बामनिया ने किसानों को जल प्रबंधन की नवीनतम तकनीक से अवगत कराया। सीलू गांव के भियाराम, सांचोर के नरसिंगाराम, निम्बाराम, हीराराम, कोटा के जय प्रकाश गहलोत आदि प्रगतिशील किसानों ने अपने अनुभव बताये तथा उनके द्वारा जल गांव, पूसा, हिसांर तथा दिल्ली आदि भ्रमण के समय प्राप्त की गई जानकारियां भी शेयर की।
कार्यशाला में जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियन्ता एस.एल. माथुर एवं अधीक्षण अभियन्ता कैलाश दान संादू, उप जिला प्रमुख भागचन्द दांगी, भवानीमंडी प्रधान, झालरापाटन प्रधान भारती नागर, संजय जैन ताऊ सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
सांसद ने किया प्रगतिशील किसानों का सम्मान
सांसद श्री दुष्यन्त सिंह ने जालोर जिले के आये प्रगतिशील किसान हीराराम, निम्बाराम, भियाराम, प्रभूराम, नरसिंगाराम, पूराराम, गणपत, कैलाश पुरी, इसाराम को माला पहनाकर उनका सम्मान किया।
प्रदर्शनी का अवलोकन किया
सांसद, सतर्कता समिति के अध्यक्ष, जिला कलक्टर, जिला प्रमुख तथा विधायकों सहित समस्त गणमान्य व्यक्तियों एवं कार्यशाला में आए किसानों ने कार्यशाला स्थल पर विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा इसे किसानों के लिए अत्यन्त उपयोगी बताया।
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मुख्यमंत्राी ने उज्जैन के सिंहस्थ महाकुम्भ पर रायपुर टोल नाके से एक माह के लिए टोल हटाया
झालावाड़ 22 अप्रेल। मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे ने आज से आरंभ हुए उज्जैन के सिंहस्थ महाकुम्भ पर 22 अप्रेल से 21 मई तक की अवधि के लिए रायपुर टोल नाके से निकलने वाले यात्रियों का टोल माफ कर दिया है।
सांसद श्री दुष्यन्त सिंह तथा राज्य स्तरीय जन अभाव अभियोग निराकरण एवं सतर्कता समिति के अध्यक्ष श्रीकृष्ण पाटीदार ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्राी ने एक माह के लिए टोल हटाकर उज्जैन जाने वाली धर्मप्रिय जनता को सौगात दी है।
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