बुधवार, 20 अप्रैल 2016

मिसाल: बेटियों को घोड़ी पर बैठाकर निकाली बिंदोरी, जमकर नाचे परिजन

मिसाल: बेटियों को घोड़ी पर बैठाकर निकाली बिंदोरी, जमकर नाचे परिजन

सीकर. बेटा-बेटी समान हैं। अक्सर यह खूब सुनने को मिलता है, मगर कुछ ही परिवार ऐसे होते हैं, जो इस बात को हकीकत में बदलकर दिखाते हैं। इसकी बानगी हैं शेखावाटी के चार परिवार, जिन्होंने बेटियों की शादी में उनको घोड़ी पर बैठाकर बिंदोरी निकालकर उनको बेटों के समान दर्जा दिया।




ये है सीकर की बेटी वर्षा

सीकर शहर में सालासर बस स्टैण्ड पुलिस चौकी के पास रहने कैलाश सारड़ीवाल की बेटी वर्षा की बिंदौरी शहर में बीते गुरुवार को निकाली गई। डीजे व बैंडबाजे के साथ निकाली गई निकासी में परिवार व कॉलोनी के लोग जमकर नाचे।

देहरादून।BJP विधायक की मार से घायल हुआ 'शक्तिमान' नहीं रहा



देहरादून।BJP विधायक की मार से घायल हुआ 'शक्तिमान' नहीं रहाBJP विधायक की मार से घायल हुआ 'शक्तिमान' नहीं रहा


बीजेपी के प्रदर्शन के दौरान घायल हुए देहरादून पुलिस के घोड़े 'शक्तिमान' की बुधवार को मौत हो गई है। हाल ही में शक्तिमान को आर्टिफिशयल पैर लगाया गया था। जानकारी के मुताबिक उसे गैंगरीन हो गया था। जिसके चलते उसने आज दम तोड़ दिया। शक्तिमान कुछ दिनों से बीमार चल रहा था।

भाजपा विधायक ने तोड़ दी थी टांग

उत्तराखंड में मसूरी से भाजपा विधायक गणेश जोशी ने विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर लाठियां बरसाकर एक घोड़े की टांग तोड़ दी। बाद में इस मामले ने तूल पकड़ लिया और भाजपा विधायक को सफाई देनी पड़ी। इस मामले में आरोपी विधायक गणेश जोशी को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।

जान बचाने के लिए काटी गई थी टांग

इससे पहले देहरादून पुलिस के घोड़े शक्तिमान का पैर काट दिया गया। बताया जा रहा है कि शक्तिमान के शरीर में 'गैंगरीन' नामक जहर फैलने लगा था जिसकी वजह से उसका पैर काटना पड़ा था। डॉक्टर्स का यह मानना था कि अगर पैर नहीं काटा गया तो कुछ ही समय में घोड़े की मौत हो सकती थी।

जोधपुर अनूठी पहल: सोशल मीडिया के जरिए प्रवेशोत्सव मना रही एक सरकारी स्कूल



जोधपुर  अनूठी पहल: सोशल मीडिया के जरिए प्रवेशोत्सव मना रही एक सरकारी स्कूल


भीतरी शहर स्थित एक सरकारी स्कूल ने प्रवेशोत्सव के लिए सोशल मीडिया को अपना सहारा बनाते हुए अनूठी पहल की है। राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय खांडा फलसा इन दिनों फेसबुक, फेसबुक पेज और वाट्सएप के माध्यम से विद्यालय की विशेषताओं का प्रचार प्रसार कर रहा है। यह अनूठी पहल इन दिनों शिक्षकों के लिए सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। अभी तक इस मामले में स्कूल को अभिभावकों से भी अच्छा रेस्पांस मिल रहा है।


स्कूल प्रधानाध्यापिका देवी बिजानी ने बताया कि विद्यालय फेसबुक पेज बनाकर विशेषताओं को पोस्ट किया गया है। समस्त स्टाफ अपने परिचितों एवं अभिभावकों को जुडऩे के आमंत्रित किया जा रहा है। स्कूल का उद्देश्य सिर्फ नामांकन बढ़ाना ही नहीं, सरकारी विद्यालयों के प्रति जनसाधारण की पूर्वधारणा को भी बदलना है। इसके लिए सबसे सुगम साधन सोशल मीडिया है। प्रचार में बताया जा रहा है कि यह स्कूल 1936 में स्थापित हुआ, यहां वर्तमान में तीन सौ विद्यार्थी अध्ययनरत होने सहित अन्य बातें बताई जा रही हैं।

अनोखा है जोधपुर के इस युवक का 'आम आदमी की सुरक्षा' के लिए जुनून

स्कूल में यह सुविधाएं पहले से

राबामावि खांडा फलसा विभिन्न नवाचारों और नवीन प्रयोगों से चर्चा में रहा है। वर्तमान में यहां बायोमेट्रिक सिस्टम से उपस्थिति और छात्राओं की सुरक्षा व कक्षा कक्ष गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीसी टीवी कैमरे भी लगे हुए हैं।

नई दिल्ली।प्रेग्नेंट वाइफ से ट्रेन में छेड़छाड़, पति ने 'प्रभु' से मांगी मदद



नई दिल्ली।प्रेग्नेंट वाइफ से ट्रेन में छेड़छाड़, पति ने 'प्रभु' से मांगी मदद
प्रेग्नेंट वाइफ से ट्रेन में छेड़छाड़, पति ने 'प्रभु' से मांगी मदद

रेल मंत्री सुरेश प्रभु एक बार मुसीबत में फंसे लोगों के लिए प्रभु की तरह सामने आए। अजमेर-सियालदह एक्सप्रेस में प्रेग्नेंट महिला के साथ छेड़छाड़ और पति के साथ मारपीट के बाद 5 लड़कों को गिरफ्तार कर लिया गया। पति-पति ट्रेन में सफर कर रहे थे इस दौरान कोच में सवार कुछ लड़कों ने उनसे छेड़छाड़ की।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गया में रहने वाले पति-पत्नी मंगलवार को अजमेर से वापस लौट रहे थे। इसी दौरान ट्रेन में मौजूद लड़के महिला से छेड़खानी करने लगे। लड़के ट्रेन में कोल्ड ड्रिंक में शराब मिलाकर पी रहे थे।

पति ने इस बात की शिकायत टीटी से भी लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। परेशान होकर प्रेग्नेंट महिला के पति ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु को ट्वीट करके मदद मांगी। प्रभु से मदद मांगने के बाद ट्रेन जैसे ही धनबाद रेलवे स्टेशन पर पहुंची। आरपीएफ ने पांचों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया।

जैसलमेर स्व. इंजि. तनेराम मेघवाल हमीरा की पंचम पुण्यतिथि पर किया रक्तदान



जैसलमेर स्व. इंजि. तनेराम मेघवाल हमीरा की पंचम पुण्यतिथि पर किया रक्तदान


जैसलमेर मेघवाल समाज नवयुवक मंडल संस्थान हमीरा के सदस्यों एवं अन्य समाजसेवियों ने स्व. इंजि. तनेराम मेघवाल की पंचम पुण्यतिथि पर स्थानीय जवाहिर चिकित्सालय में रक्तदान किया। अध्यक्ष कूम्पाराम मेघवाल हमीरा ने बताया कि नवयुवकों हरीष धनदेव, कूम्पाराम, पूनमाराम, लालूराम, छगनाराम, लक्ष्मणराम, मगाराम, आईदानराम, हजारा राम, धमेन्द्र, रमेष, जेठाराम, फब्बाराम, प्रेम, दामाराम, भूरा राम इत्यादि ने स्वेच्छा से इस पुण्य कार्य में रक्तदान कर सहयोग किया। गौरतलब हैं कि जिला प्रमुख अंजना मेघवाल के पति तनेराम मेघवाल नगर पालिका जैसलमेर में अभियन्ता के पद पर कार्यरत थे तथा अपने मधुर व मिलनसार स्वभाव के चलते बाड़मेर व जैसलमेर के स्थानीय लोगो के बीच भी काफी लोकप्रिय थे। सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के उपरान्त 20 अप्रेल 2011 को उनका देहान्त हो गया था।

मंगलवार, 19 अप्रैल 2016

डेल्टा प्रकरण की जाँच सीबीआई से कराने की सिफारिश की मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से



डेल्टा प्रकरण की जाँच सीबीआई से कराने की सिफारिश की मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से






बाड़मेर बहुचर्चित डेल्टा प्रकरण की जांच अब सीबीआई करेगी ,राज्य सरकार ने सिद्धांतः प्रकरण की जाँच सीबीआई से करने की सहमति डेल्टा के परिजनों को दे दी ,मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से आज डेल्टा के परिजन मिले और जाँच सीबीआई से कराने की मांग की




सूत्रानुसार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने केंद्र सरकार को गृह मंत्रालय के मार्फत डेल्टा प्रकरण की से कराने की हैं ,मुख्यमंत्री ने डेल्टा के परिजनों को सहमति दे दी थी ,

बाड़मेर जिला कलक्टर ने किया आंगनबाड़ी केन्द्रांे का आकस्मिक निरीक्षण,व्यवस्थाआंे मंे सुधार के निर्देश

बाड़मेर जिला कलक्टर ने किया आंगनबाड़ी केन्द्रांे का
आकस्मिक निरीक्षण,व्यवस्थाआंे मंे सुधार के निर्देश

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बाड़मेर जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने मंगलवार को विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रांे का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान कुछ स्थानांे पर कार्यकर्ताआंे के अनुपस्थित मिली। जिला कलक्टर ने संबंधित कार्यकर्ताआंे के खिलाफ कार्रवाई करने एवं उनको निर्धारित समय पर केन्द्र खोलने के निर्देशदिए है।
बाड़मेर,19 अप्रेल। जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने मंगलवार को बाड़मेर जिले मंे विभिन्न स्थानांे पर चल रहे आंगनबाड़ी केन्द्रांे का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान कुछ केन्द्रांे पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनुपस्थित मिली। वहीं कई कार्यकर्ता यूनिफार्म मंे नहीं मिली। इसको गंभीरता से लेते हुए जिला कलक्टर ने समस्त आंगनबाड़ी केन्द्र प्रतिदिन निर्धारित समय प्रातः 8 से दोपहर 12 बजे तक खोलने के निर्देश दिए है। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं सहयोगिनियांे को निर्धारित यूनीफार्म मंे आने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक को पाबंद करने के निर्देश दिए गए है।
जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने मंगलवार को बंधुआ मजदूर कालोनी बाड़मेर आगोर मंे आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण किया। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनुपस्थित मिली। यहां सहायिका उपस्थित मिली। आसपास की महिलाआंे ने बताया कि आंगनबाड़़ी कार्यकर्ता अक्सर देर से आती है। इस पर इसके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। इसी तरह कुड़ला आंगनबाड़ी केन्द्र पर एक भी बच्चा उपस्थित नहीं था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित थी। जबकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहयोगिनी अनुपस्थित मिली। शिवकर आंगनबाड़ी केन्द्र पर आशा सहयोगिनी अनुपस्थित मिली। केन्द्र पर आठ बच्चे उपस्थित थे, जबकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पानी लेने के लिए गई हुई थी, जो निरीक्षण के दौरान थोड़ी देर से केन्द्र पर पहुंची। गालाबेरी केन्द्र पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ,सहयोगिनी एवं सहायिका उपस्थित मिली। यहां पर प्री स्कूल गतिविधियां संचालित होती पाई गई। खेल एवं कविता के माध्यम से बच्चांे को जानकारी दी जा रही है। पंजीकृत बच्चांे की गतिविधियांे को देखने से पता चला कि यहां पर यह केन्द्र नियमित रूप से संचालित हो रहा है। इसी तरह श्रीराम डूडी की ढाणी केन्द्र पर कार्यकर्ता के साथ 12 बच्चे उपस्थित मिले। यहां पिछले दो माह से टीकाकरण के लिए एएनएम के नहीं आने की बात सामने आई। इस पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को संबंधित एएनएम को पाबंद करने के निर्देश दिए गए। रावतसर आंगनबाड़ी केन्द्र पर भी गतिविधियां संचालित होती पाई गई। यहां नामांकन के विरूद्व कम उपस्थिति पर कार्यकर्ता को बच्चांे की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। चवाणी मेघवालांे की ढाणी आंगनबाड़ी केन्द्र निर्माणाधीन भवन मंे संचालित होता पाया गया। यहां टीकाकरण के लिए रावतसर स्वास्थ्य केन्द्र पर जाने से होने वाली समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए गए। इंदिरा कालोनी आंगनबाड़ी केन्द्र पर सहायिका अनुपस्थित मिली। वहीं कार्यकर्ता की पोलियो अभियान मंे डयूटी होने के कारण उपस्थित नहीं थी। मौके पर गर्म पोषाहार तैयार था। केन्द्र पर अपूर्ण रिकार्ड को पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। आदर्श चवा आंगनबाड़ी केन्द्र पर कार्यकर्ता, सहयोगिनी एवं सहायिका यूनिफार्म मंे नहीं मिली। इस पर इनको यूनिफार्म मंे आने के लिए पाबंद किया गया। आकस्मिक निरीक्षण के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक सती चौधरी भी जिला कलक्टर के साथ रही। इसी तरह रबारियो की ढाणी आंगनबाड़ी केन्द्र पर पंजीकृत बच्चांे की अपेक्षा उपस्थिति कम होने पर इसमंे सुधार के निर्देश दिए गए। जिला कलक्टर शर्मा ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रांे का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाएगा। उन्हांेने कार्यकर्ता,सहयोगिनी एवं सहायिका को निर्धारित समय पर आंगनबाड़़ी केन्द्रांे को खोलने एवं निर्धारित यूनिफार्म मंे आने के साथ नियमित रूप से विभागीय निर्देशानुसार प्री स्कूल गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए है।

जोधपुर वकील की पत्नी से मूवी इंटरवल में छेड़छाड़, विरोध पर की धुनाई



जोधपुर वकील की पत्नी से मूवी इंटरवल में छेड़छाड़, विरोध पर की धुनाई
वकील की पत्नी से मूवी इंटरवल में छेड़छाड़, विरोध पर की धुनाई

हाईकोर्ट रोड पर शॉपिंग मॉल स्थित थिएटर में परिवार सहित मूवी देखने पहुंची महिला से इंटरवेल में चार-पांच युवकों ने न सिर्फ छेड़छाड़ की, बल्कि विरोध करने पहुंचे अधिवक्ता पति से मारपीट भी की। मामला बढ़ता देख सभी युवक अपनी दो मोटरसाइकिल छोड़ भाग निकले। उदयमंदिर थाने में मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस के अनुसार चौपासनी में हरिनगर निवासी एक अधिवक्ता रात को परिवार के साथ मूवी देखने हाईकोर्ट रोड पर मॉल स्थित थिएटर गया था, जहां इंटरवेल होने पर पत्नी कैंटीन की तरफ जाने लगी। तब रास्ते में चार-पांच युवक मौका पाकर पत्नी से छेड़छाड़ करने लगे। इस पर वह चिल्लाने लगी।

आवाज सुनकर पति भी वहां पहुंचा और छेड़छाड़ कर रहे युवकों के प्रति विरोध जताया। युवक भी आक्रोशित हो गए और पति से मारपीट करने लगे। अन्य लोगों के वहां जमा होने पर वे युवक भाग निकले। अधिवक्ता ने उदयमंदिर थाने पहुंच मामला दर्ज कराया।

वारदात के दौरान युवक अपने एक साथी को मोहम्मद आरिफ नाम से संबोधित कर रहे थे। युवकों की दो मोटरसाइकिल पार्र्किंग में ही रह गई। जिनके पंजीयन नम्बर के आधार पर जांच की जा रही है। मामले की जांच उप निरीक्षक दिनेश लखावत को सौंपी गई है।

28 साल से जैसलमेर के इस शख्स के सिर की हो रही तलाश, हाथ से उठा लेता था ऊंट!

28 साल से जैसलमेर के इस शख्स के सिर की हो रही तलाश, हाथ से उठा लेता था ऊंट!



यूं तो राजस्थान के हर इलाके और शहरों में लाखों किस्से कहानियां भरे पड़े हैं, लेकिन यहां जैसलमेर के रेगिस्तान में एक ऐसी कहानी दफन है, जिसे लोग अब भूल चले हैं। इसी खूबसूरत शहर और रेगिस्तान में मौजूद है सोनार किला, जिसे देखने के लिए देश-विदेश से लाखों टूरिस्ट आते हैं।
इसी सोनार किले के आस-पास के रेगिस्तान में मौजूद रेत के टीलों में एक कहानी छिपी हुई है, जिस पर वक्त की गर्त जम चुकी है और उस कहानी का राज़ आज भी एक राज़ ही बना हुआ है। इस कहानी का किरदार 60 साल का करणाराम है, जिसके इर्द-गर्द इस पूरी कहानी का ताना-बना बुना है। करणाराम के नाम दुनिया की दूसरी सबसे लंबी मूंछे रखने का गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज है। वही 

 

जैसलमेर का मशहूर नड़ वादक था। करणाराम भील 80 के दशक में सोनार किले की शान हुआ करता था।

सोनार किले के पास बंज़र और रेतीली ज़मीन पर करणाराम की कब्र मौजूद है। लेकिन ये क़ब्र किसी आम कब्र की तरह नहीं है। बस कुछ पत्थरों से ढककर करणाराम को उसके बेटों ने इसी जगह दफना दिया था। हिंदू रीति-रिवाज़ के हिसाब से करणाराम का दाह संस्कार होना चाहिए था, लेकिन करणाराम के परिवार ने उसकी मौत के 28 साल गुज़रने के बाद भी आज तक उसका अंतिम संस्कार नहीं किया है। बस यही वो राज़ है जो करणाराम की पूरी कहानी को और उसकी मौत के राज़ को और भी गहरा देता है।
दरअसल करणाराम भील और सोनार किला एक दूसरे से जुड़े हैं। यही सोनार किला 28 साल पहले एक ख़ौफ़नाक, दर्दनाक और एक सनसनीखेज़ बदले का गवाह बना था। 2 अक्तूबर 1988 को करणाराम भील अपनी ऊंटगाड़ी पर पशुओं के लिए चारा लेने के लिए घर से निकला था। चारा लेने के बाद वो सोनार किले के पास से गुज़र रहा था। तभी अचानक कुछ लोगों ने उस पर हमला कर दिया। चूंकि हमला पीछे से हुआ था, इसलिए करणाराम संभल भी नहीं पाया और मौका देख कर करणाराम के दुश्मनों ने उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। करणाराम के दुश्मनों ने उसकी हत्या करने के बाद जो किया वो और भी हैरान कर देने वाला है। करणाराम के क़त्ल के बाद उसके क़ातिल उसका कटा सिर अपने साथ ले गए, लेकिन उसके धड़ को उसकी ऊंटगाड़ी पर रखकर उसे घर की तरफ रवाना कर दिया।
सिर कट जाने के बाद करणाराम का बेजान जिस्म ऊंट गाड़ी पर उसके एयरफोर्स कोलोनी वाले घर तक पहुंचा। जब घर के पास ऊंटगाड़ी रुकी तो सभी हैरान रह गए। करणाराम की मौत हो चुकी थी, लिहाज़ा उसके परिवार ने उसके सिर की तलाश शुरू कर दी। जब करणामराम के परिवार ने पता करना शुरू किया तो उन्हें पता चला कि कुछ लोगों ने सोनार किले के पास करणाराम की हत्या कर दी थी। इसके बाद करणाराम के परिवार ने किले की बगल की झाड़ियों में इस उम्मीद के साथ करणाराम के सिर को तलाशना शुरू किया कि सिर मिलने के बाद वो अपने रीति-रिवाज़ों से उसका अंतिम संस्कार कर देंगे, लेकिन आज 28 साल बीतने के बाद भी करणाराम के परिवार को उसके सिर की ही तलाश है, ताकि वो करणाराम का अंतिम संस्कार कर सकें।
करणाराम के बेटे बोदूराम ने बताया कि दुनिया कहती है कि तुम्हारे पिता तो बिना सिर के ही दफन है। पुलिस से कह रहे हैं कि सिर ला दो। करणाराम के परिवार का मानना है कि करणाराम के क़ातिल उसका सिर काट कर सरहद पार ले गए थे, लेकिन 28 साल बीत जाने के बाद भी वो इस आस में करणाराम की क़ब्र के आस-पास मौजूद झाड़ियों में करणाराम के सिर की तलाश करते रहते हैं। करणाराम के एक और बेटे लखूराम ने कहा कि उनकी आत्मा भटकती है। हमें सिर ला दो, पाकिस्तान से दिलवा दो, नहीं तो आत्मा भटकती रहेगी।
सूत्रों के मुताबिक करणाराम की हत्या के बाद इंटिलेंस एजेंसिय़ों ने भी ये रिपोर्ट दी थी कि करणाराम का सिर काटने के बाद क़ातिल उसके सिर को धोरों के रास्ते पाकिस्तान ले गए थे, लेकिन एक ही रात में रेत के टीलों के एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट होने के चलते करणाराम का परिवार इस उम्मीद में धोरों के बीच खाली जगह पर सिर की खोज करता है कि हो सकता है कि क़ातिलों ने करणाराम के सिर को इन्हीं टीलों के बीच कहीं फेंक दिया हो। लेकिन करणाराम को जानने वाले लोगों का कहना है कि करणाराम जैसे ताकतवर इंसान को अकेले मारना आसान काम नहीं था। उसे साज़िश करके मारा गया था।
उसके बारे में ये कहा जाता था कि वो ऊंट को भी उठाने की ताकत रखता था। इतना ही नहीं जो शख्स अपने नड़ वादक के लिए दुनियाभर में मशहूर था, आखिर कोई क्यूं उस शख्स का क़त्ल करेगा। करणाराम पैदाइशी कलाकार नहीं था, बल्कि वो एक डकैत था। मीलों फैले रेगिस्तान में उसके नाम का खौफ था। क़ातिलों ने करणाराम का क़त्ल करने के बाद उसका सिर सिर्फ इसलिए कलम किया था कि वो उससे बदला ले सकें। करणाराम भील की छवि रेगिस्तान मे गब्बर सिंह जैसी थी। उसका चेहरा ऐसा था कि बच्चे डर जाते थे। गले में जहरीले सांप को लपेट लेता था। उस दौरान पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान औऱ अफगानिस्तान की महिलाएं बड़े शौक से नड़ वादन सुना करती थीं। डकैत करणाराम अफगानिस्तान की लाली नाम की लड़की को दिल दे बैठा। लाली को नड़ वादन सुनाने और उसे अपना बनाने के लिए के लिए वो नड़ वादक बन गया।
साल 1965 में करणाराम ने जैसलमेर और बाड़मेर के बीच एक छोटे से भू गांव में एक जमीन खरीदी, लेकिन जमीन के मालिकाना हक को लेकर करणाराम और इलियास के दरमियान विवाद शुरू हो गया। एक दिन गुस्से में करणाराम ने इलियास को उसके बेटे के सामने ही गोली मार दी, इलियास की मौत हो गई थी, लेकिन इलियास के बेटे ने करणाराम से बदला लेने की कसम खा ली। जिसके बाद करणाराम को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे उम्रक़ैद की सजा सुनाई गई थी। लोगों के मुताबिक जेल में अपनी सज़ा काटने के दौरान करणाराम ने जैसलमेर की जेल को अपने नाखूनों से फाड़ दिया था और वहां से फरार हो गया था। जेल से भागने के कुछ ही दिनों बाद करणाराम को दोबारा पकड़ लिया गया, लेकिन मूंछ और नड़वादन की कला के चलते उसे तब पैरौल मिल जाता था, जब भी किसी वीआईपी के सम्मान में लोकसंगीत का कार्यक्रम होता था। उसी दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जेल सिंह जैसलमेर आए थे।
पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जेल सिंह जब जैसलमेर आए तो करणाराम पैरोल पर बाहर था। उसे नड़वादन के लिए बुलाया गया। कहते हैं कि उसने नड़वादन से जेलसिंह को मंत्रमुग्ध कर दिया था और उसका सजा कम हो गई। पुलिस 28 साल बाद भी ये पता नहीं लगा सकी है कि करणाराम के हत्यारे पाकिस्तान में हैं या हिंदुस्तान में और उसका कटा सिर उन्होंने कहां छिपाया है। अलबत्ता 28 सालों को दौरान इतना ज़रूर हुआ कि पुलिस ने इस केस की फ़ाइल बंद कर दी। यानि करणाराम के कटे सिर का राज़ 28 साल बीत जाने के बाद आज भी एक राज़ ही बना हुआ है। करणाराम राजस्थान में कितना मशहूर है, इस बात का अंदाज़ आप इसी बात से लगा सकते हैं कि करणाराम की मौत के बाद उसकी याद में जैसलमेर में हर साल एक मूंछ प्रतियोगिता आयोजित करवाई जाती है।