दो साल से बंद थार महोत्सव इस साल फिर से होगा शुरू
16 से 18 नवम्बर तक महोत्सव की तिथि तय, 2012 में हुआ थार महोत्सव
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बाड़मेर
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सोमवार को जिला स्तरीय पर्यटन विकास समिति की बैठक में थार महोत्सव के आयोजन इसके कार्यक्रमों की विस्तृत चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला कलेक्टर मधुसूदन शर्मा ने की। बैठक में सहायक पर्यटन निदेशक विकास पंड्या ने बताया कि बाड़मेर जिले में आयोजित होने वाले थार महोत्सव के लिए वर्ष 2020 तक का कैलेंडर तैयार कर तिथियों का निर्धारण कर दिया गया है, जो कि प्रतिवर्ष दीपावली के बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में लाभ पंचमी के मौके पर यह त्रिदिवसीय आयोजन होगा। साथ ही इस कैलेंडर को राज्य सरकार के पर्यटन कैलेंडर में सम्मिलित करवाने की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी गई है। बाड़मेर जिले में लोक कला को प्रोत्साहित करने के लिए स्थानीय लोक कलाकारों को सूचीबद्ध कर दिया गया है तथा पर्यटन विभाग बाड़मेर का पर्यटन साहित्य मुद्रित करवाकर इसका प्रचार प्रसार करवाया जा रहा है। पर्यटनस्थलों तक बनेगी संपर्क सड़कें जिलाकलेक्टर ने बाड़मेर जिले के पर्यटन स्थलों को संपर्क सड़कों से जोडने के लिए कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए। साथ ही जिले में बोर्ड, होर्डिंग्स के जरिये पर्यटन स्थलों का सचित्र विवरण तैयार कर प्रचार प्रसार करवाने के निर्देश दिए। शर्मा ने बताया कि जिले में किराडू, महाबार के रेतीले टीबे तथा हस्तशिल्प का पर्यटन के रूप में विकास किया जा सकता है। इसके लिए संभावनाएं तलाश करने के लिए उन्होंने उपखंड अधिकारी बाड़मेर की अध्यक्षता में समिति का भी गठन किया। पर्यटनस्थलों का विकास बाड़मेरमें तीन-चार पर्यटन स्थलों का विकास करने की योजना बनाई जाएगी ताकि पर्यटक यहां तीन-चार दिन का पैकेज बनाकर ठहराव कर सके। इसके लिए उन्होंने महाबार, शिल्पग्राम तथा किराडू के अलावा एक दो अन्य टूरिज्म साइटें विकसित करने को कहा। साथ ही बाड़मेर जिले के पर्यटन स्थलों के व्यापक प्रचार प्रसार के भी निर्देश दिए। बैठक में उपखण्ड अधिकारी मुकेश चौधरी, श्रवणसिंह राजावत, नाथूसिंह राठौड़ समेत संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। |