मंगलवार, 14 अप्रैल 2015

भीमराव अंबेडकर को लेकर राजस्थान में कट रही है सियासी फसल

भीमराव अंबेडकर को लेकर राजस्थान में कट रही है सियासी फसल


जयपुर| संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर को लेकर प्रदेश में सियासी फसल काटी जा रही है| सिय़ासत का तरीका भले ही अलग हो...भाजपा, कांग्रेस और बसपा तीनों पार्टियों में होड मची है बाबा अंबेडकर के अपना बताने की। दलितों के मसीहा बाबा अंबेडकर की जयंति की आड में राजनैतिक दल वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं।14 अप्रैल को पूरा देश बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती मना रहा है। देश के संविधान निर्माता बाबा भीमराव दलितों के मसीहा माने जाते हैं। लिहाजा इस साल जयन्ती मनाना कोई नई बात नहीं है। कांग्रेस मानती है कि इस बार बाबा साहब के जन्म को 125 साल हो गए... इसलिए वो पूरे साल बाबा साहेब से जुड़े कार्यक्रम मनाएगी। कांग्रेस का दावा है दलित और दमित वर्ग के लिए हमेशा कांग्रेस आगे रही है। अंबेडकर भले जीवन भर कांग्रेस से नहीं जुडे हों, लेकिन कांग्रेस अंबेडकर को अपना कह रही है|

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सत्ता में आने के बाद ही अब बाबा साहेब अम्बेडकर बीजेपी को अपने लगने लगे हैं। भाजपा अंबेडकर को उन माहापुरुषों में मानती है, जिनके पद चिन्हों पर पार्टी चल रही है। कांग्रेस और बसपा के दावे को खारिज करते हुए बीजेपी का कहना है कि चुनावों के नतीजे साफ इशारा कर रहे हैं कि दलित वर्ग किसके साथ है।

अंबेडकर जयंती की आड़ में एक ओर जहां कांग्रेस आपनी खोया जनाधार जुटाने की जुगत में है...वहीं बसपा बाबा भीम के नाम पर अपना वजूद तलाश रही है ..तो भला भाजपा कहां पीछे रहने वाली है।सवर्ण वर्ग की पार्टी का ठप्पा हटाने के लिए अंबेडकर जयंति से अच्छा मौका क्या होगा।

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