मंगलवार, 14 अप्रैल 2015

भारत की धर्मनिरपेक्षता इतनी कमज़ोर नहीं कि एक भाषा से हिल जाए-मोदी

भारत की धर्मनिरपेक्षता इतनी कमज़ोर नहीं कि एक भाषा से हिल जाए-मोदी


भारतीय प्रधानमंत्री दिनों विदेश यात्रिया पर हैं। मोदी ने बर्लिनि में सोमवार रात भारतीय समुदाय की ओर से आयोजित किए गए स्वागत समारोह को संबोधित किया। यहां मोदी ने कहा कि पहले जर्मन में रेडियों पर संस्कृत भाषा में समाचार सिने जाते थे।

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नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस समय जर्मन में ये समाचार सुने जाते थे, उस समय भारत में संस्कृत में कोई समाचार नहीं पढ़ता था। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि संस्कृत में समाचार जर्मन या और दूसरे देश में पढ़े जाते थे। मोदी ने भारतीय सरकारी स्कूलों में जर्मन भाषा की जगह संस्कृत को पढ़ाए जाने पर यह सवाल उठाए हैं।अपने इस संबोदन में मोदी ने कहा है कि भारत की धर्मनिरपेक्षता इतनी कमजोर नहीं है जो केवल एक भाषा से डग-मगा जाए। भारत का आत्मविश्वास अभी हिला नहीं है। आत्मविश्वास अभी बना हुआ है। साथ ही उन्होंने ने कहा कि भारत में उस समय संस्कृत में समाचार इसलिए नहीं पढ़े जाते थे कि कभी भारत की धर्मनिरपेक्षता ख़तरे में पड़ जाए।बर्लिनि में हुए इस कार्यक्रम में मोदी के द्वारा दिए गए बयानों को केन्द्रीय स्कूलों में तीसरी भाषा का दर्जा जर्मन की जगह संस्कृत को दिया जाने से जोड़ा जा रहा है।

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