बुधवार, 6 अगस्त 2014

सऊदी अरब की बहू नहीं बन सकेंगी पाकिस्तानी युवतियां

रियाद। सऊदी अरब में पुरूषों के लिए एक सख्त फरमान जारी कर दिया गया है। इस फरमान में साफ कहा गया है कि सऊदी अरब के पुरूष पाकिस्तानी युवती या महिला से शादी या निकाह नहीं कर सकते।

Saudi arabia bans its men from marrying Pakistani women\\


ऎसा करने पर उन्हें बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बांग्लादेश, चाड और म्यांमार की लड़कियां भी पाकिस्तान में अब शादी नहीं कर सकतीं।

यह जानकारी वहां के पुलिस अधिकारी असफ अल-कुरैशी ने दी है। उन्होंने कहा कि खाड़ी के देश नहीं चाहते कि यहां के युवक किसी प्रवासी लड़की से शादी करें।

यह फरमान इसलिए ही जारी किया गया। पुरूषों के लिए जारी किए गए इस फरमान के सामने आने के बाद वहां विवाद छिड़ा हुआ है। बड़ी संख्या में लोग इस तुगलती फरमान का विरोध भी कर रहे हैं।

लेकिन गल्फ देशों के किसी भी नागरिक या समूह का विरोध अभी तक खुलकर सामने नहीं आ सका है।

खास बात यह कि जिन देशों की युवतियों से शादी करने पर प्रतिबंध लगाया गया है वहां की लगभग पांच लाख महिलाएं सऊदी अरब में रहती हैं।

डान ऑनलाइन के मुताबिक विदेशियों से शादी की अनुमति संबंधी जानकारी जारी करने से पहले अतिरिक्त औपचारिकताओं के बारे में भी वहां के लोगों को सूचित कर दिया गया है।

विदेशी लड़की से शादी करने के लिए सऊदी अरब में विशेष नियम भी जारी कर दिए गए हैं।

नियमों में शामिल है कि "यदि आवेदक पहले से शादी-शुदा है, तो उसे अस्पताल की एक रिपोर्ट सौंपनी होगी, जिसमें उसे सिद्ध करना होगा कि उसकी पत्नी विकलांग है या किसी गंभीर बीमारी से पीडित है या वह बांझ है।"

गौर करने वाली बात यह भी है कि सऊदी अरब की सरकार ने ऎसे किसी फरमान के बारे में अधिकारिक घोषणा नहीं की है।

आपको बता दें कि सऊदी अरब में 90 लाख प्रवासी कामगार रहते हैं। प्रवासियों की यह संख्या सऊदी अरब के कुल आबादी की 30 प्रतिशत जनसंख्या है।

अलीगढ़: प्रेमिका संग कर रहा था रोमांस कि तभी आ पहुंची पत्नी और फिर..

अलीगढ़: अलीगढ़ की सड़कों पर एक अधेड़ उम्र के आशिक की प्रेमिका की जमकर धुनाई की गई। दरअसल, यह आशिक मिजाज शख्स अपनी प्रेमिका के साथ सड़क पर घूम रहा था, कि तभी उस शख्स की पत्नी ने दोनों को एक साथ पकड़ लिया, पति तो किसी तरह से भाग निकला लेकिन उसकी प्रेमिका को पत्नी ने सड़क पर ही जमकर पीटा।
पिटाई करने वाली महिला का आरोप था कि उसका पति सारी कमाई अपनी प्रेमिका पर ही उड़ा देता है। पति, पत्नी और वो का ड्रामा काफी देर तक सड़कों पर चलता रहा। पत्नी कभी रोती तो कभी गाली देती। इस दौरान अपने पति की प्रेमिका को सड़क पर घसीट-घसीट कर पीटती। किसी तरह से कुछ लोगों ने प्रेमिका को छुड़ाया और वो भी अपनी जान बचा के भागी। पत्नी भी रोती हुई अपने घर चली गई।

लुधियाना 27 घंटों में जालिम एक बार भी न पिघले!

लुधियाना: हमारे समाज में बेटियों को अपने ससुराल में दहेज के कारण तरह-तरह के ताने सुनने को मिलते हैं, परन्तु कई बार तो यह दहेज के लोभी बेटियों पर जुल्म की हद ही कर देते है। ऐसा ही एक मामला उस समय सामने आया, जब इंसाफ के लिए एक महिला पुलिस की मिन्नतें करती दिखा। जानकारी के मुताबिक, इस नव विवाहिता हरजिंदर कौर का विवाह पांच महीने पहले बी. आर. एस. नगर के एनआरआई नौजवान के साथ हुआ था। विवाह के बाद ही हरजिंदर के ससुराल वाले उसे दहेज के लिए तंग करने लगे। 27 घंटों में जालिम एक बार भी न पिघले!
पीड़िता ने दिल्ली जाकर अपने माता-पिता की मदद से अपने ससुराल वालों के खिलाफ 22 जनवरी को केस दर्ज करवाया। इसके बाद कुछ लोगों की मदद से उसका ससुराल वालों के साथ समझौता करवा दिया और उसका पति भी मान गया कि वह हरजिंदर को दहेज के लिए परेशान नहीं करेगा। पीड़िता ने बताया कि करीब एक महीने तक उसका पति उसके साथ दिल्ली में ही रहा। उसने आरोप लगाया कि 7 मई को जब एफआईआर रद्द हुई तो उसके बाद उसका पति उसे छोड़कर लुधियाना भाग गया।

उसने बताया कि वह भी उसके पीछे लुधियाना आ गई। हरजिंदर का कहना है कि जैसे ही वह ससुराल घर पहुंची तो उसके ससुराल वालों ने गेट नहीं खोला। वह अपने पिता के साथ 27 घंटों तक घर के बाहर ही रोती -बिलखती रही। परन्तु जालिम ससुराल वालों को एक बार भी तरस न आया। इसके बाद हरजिंदर ने कंट्रोल रूम में फोन किया। उसने बताया कि जब तक पुलिस उसके ससुराल वालों को गिरफ्तार करने आई, तब तक वह फरार हो चुके थे। फिलहाल पुलिस ने पीड़िता के बयान दर्ज कर भरोसा दिलाया है कि दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

क्यों गणेश जी ने ठुकरा दिया तुलसी माता के विवाह का प्रस्ताव



देवी ने दिया था गणेश जी को विवाह प्रस्ताव। था देवी माता का विवाह प्रस्ताव। क्यों गणेश पूजा में तुलसी का भोग वर्जित है। क्यों एकदूसरे के श्राप से पीड़ित है तुलसी और गणेश। कैसे बनी देवी तुलसी एक पौधा।

सनातन धर्म में तुलसी माता घर-घर पूजी जाती हैं। जगन्नाथ भगवान श्री कृष्ण को तुलसी के बिना भोग ही नहीं लगता। हिंदू धर्म में तुलसी को सर्वाधिक पवित्र तथा माता स्वरुप माना जाता है। आयुर्वेद की दृष्टि से भी तुलसी को औषधीय गुणों वाला पौधा माना जाता है तथा इसे संजीवनी की संज्ञा दी गई है। शास्त्रों में तुलसी को मां लक्ष्मी कहकर पुकारा गया है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी तुलसी के पत्तों का सेवन अनेक रोगों के उपचार में काम आता है। अनेक ग्रंथो में भी तुलसी की महिमा का बखान हुआ है।




परंतु क्या आप जानते हैं के विष्णु प्रिया तुलसी को भगवान गणेश की पूजा में निषेध क्यों माना गया है। आज के विशेष लेख में हम अपने पाठकों को श्री गणेश और तुलसी के बीच पौराणिक काल के तथ्यों को बता रहे हैं। पद्मपुराण के श्लोक के अनुसार

'न तुलस्या गणाधिपम्‌'

अर्थात तुलसी से गणेश जी की पूजा कभी न की जाए। कार्तिक माहात्म्य के इस श्लोक के अनुसार

'गणेश तुलसी पत्र दुर्गा नैव तु दूर्वाया'

अर्थात गणेश जी की तुलसी पत्र और दुर्गा जी की दूब से पूजा न करें। पवित्र तुलसी के गणेश पूजन में निषेध को लेकर शास्त्रों में एक दृष्टांत मिलता है।




पौराणिक काल में गणेश जी गंगा तट पर तपस्या में विलीन थे। इसी कालावधि में धर्मात्मज की नवयौवना कन्या तुलसी ने विवाह की इच्छा लेकर तीर्थ यात्रा पर प्रस्थान किया। देवी तुलसी सभी तीर्थस्थलों का भ्रमण करते हुए गंगा के तट पर पंहुची। गंगा तट पर देवी तुलसी ने युवा तरुण गणेश जी को देखा जो तपस्या में विलीन थे। शास्त्रों के अनुसार तपस्या में विलीन गणेश जी रत्न जटित सिंहासन पर विराजमान थे। उनके समस्त अंगों पर चंदन लगा हुआ था। उनके गले में पारिजात पुष्पों के साथ स्वर्ण-मणि रत्नों के अनेक हार पड़े थे। उनके कमर में अत्यन्त कोमल रेशम का पीताम्बर लिपटा हुआ था।

देवी तुलसी का मन गणेश जी की और मोहित हो गया। तब देवी तुलसी ने गणेश जी का ध्यान अपनी और आकर्षित करने हेतु उपहास किया। इस कृत्य से गणेश जी का ध्यान भंग हो गया। गणेश जी ने तुलसी से उनका परिचय मांगा तथा उनके आगमन का कारण पूछा।

इस पर गणेश जी ने देवी तुलसी से कहा के, तपस्या में विलीन किसी ब्रह्म योगी का ध्यान भंग करना अशुभ होता है तथा तुलसी द्वारा किए गए इस कृत्य को अमंगलकारी बताया। तुलसी की विवाह की मंशा जानकर गणेश जी ने स्वयं को ब्रह्मचारी बताकर देवी तुलसी के विवाह प्रस्ताव को ठुकरा दिया।

देवी तुलसी विवाह आवेदन ठुकराए जाने पर गणेश जी से रुष्ट हो गई तथा तुलसी ने क्रोध में आकार गणेश जी को श्राप दे दिया के उनके दो विवाह होंगे। श्रापित गणेश जी तुलसी से कुपित हो उठे और उन्होंने भी देवी तुलसी को श्राप दे दिया। गणेश जी ने तुलसी को श्राप दिया की तुलसी की संतान असुर होगी तथा असुरों द्वारा कुपित हो कर वृक्ष बन जाएगी। एक राक्षस की मां तथा वृक्ष बनने का श्राप सुनकर तुलसी व्यथित हो उठी तथा उन्होंने गणेश जी से क्षमा मांगते हुए उनकी वंदना की।

तुलसी की वंदना सुनकर गणेश जी शांत हो गए तथा उन्होंने तुलसी से कहा की भगवान श्री कृष्ण तुम्हारा कल्याण करेंगे और आपका यह दोष अमंगलकारी न हो। तब गणेशजी ने तुलसी से कहा कि तुम्हारी संतान असुर शंखचूर्ण होगा। गणेश जी ने कहा के हे तुलसी तुम वृक्ष के रूप में नारायण और श्री कृष्ण को प्रिय होगी तथा कलयुग में विश्वकल्याण हेतु मोक्षदायिनी देव वृक्ष के रूप पूजी जाएंगी परंतु मेरे पूजन में तुम्हारा प्रयोग निषेध होगा। तब से ही भगवान श्री गणेश जी की पूजा में तुलसी वर्जित मानी जाती है।

साभार आचार्य कमल नंदलालईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

मंगलवार, 5 अगस्त 2014

बाड़मेर बरसाती गड्डे में डूबने से दो बच्चों की मौत ,क्षेत्र में दूसरी घटना

बाड़मेर बरसाती गड्डे में डूबने से दो बच्चों की मौत ,क्षेत्र में दूसरी घटना 


बाड़मेर पश्चिमी राजस्थान के सरहदी जिले बाड़मेर के बालोतरा उप खंड में बरसती पानी से भरे गड्डे जानलेवा साबित हो रहे हे ,दस दिन में दूसरी घटना घटित हुई जिसमे दो मासूम बच्चे डूबने से मौत का शिकार हो गए ,दस रोज पूर्व भी भाई बहिन बरसती गड्डे में डूबने से काल के गाल में शमा गए थे ,सूत्रानुसार कितपाल गांव में पहाड़ी के आस पास गत दिनों हुई बारिश के चलते गड्डो में पानी भर गया ,गांव  के दो मासूम मंगलवार को खेल खेल में इसमे गिर गए।  जिससे  शिकार हो गए ,एक ही परिवार के दोनों बच्चों की मौत से गांव परिवार में मातम छा गया ,जिला प्रशासन बरसती गड्डो को भरवाने का कोई इंतज़ाम नहीं कर प् रही हैं जिससे आये दिन हादसे हो रहे हैं 

उपखंड के सिणली जागिर इलाके के कितपाला क्षेत्र मे दोपहर को बरसाती पानी से भरे गड्ढे में डूब जाने से दो सगे मासुम भाईयो की मोत हो गई। दोनो भाई स्कुल की छुट्टी होने केे बाद घर लोट रहे थे। रास्तें मे बरसाती पानी के पास से गुजरने के दोरान दोनो के पेर फिसल गये जिससे दोनो पानी में समा गये। हादसे में अषोक व पुखराज पुत्र भुराराम जोगी दोनो की मोत हो गई। दोनो की उम्र करीब 8-9 वर्ष है। हादसे के बाद सिणली जागिर गांव में शोक का माहोल है। गोरतलब है कि करीब 15 दिनो पहले भी गांव में इसी प्रकार के हादसे ने तीन सगे भाईयो को लील लिया था। हादसे की जानकारी मिलने पर उपखंड अधिकारी उदयभानु चारण मय पुलिस जाब्ते के मोके पर पहुचे ओर शवो का बाहर निकलवाया। जानकारी के अनुसार सिणली जागिर इलाके में लंबे समय से रेत ओर ग्रेवल का अवेध खनन हो रहे है। खनन से पूरे इलाके में गड्ढे हो गये है ंउन गड्ढो में बरसाती भर गया है। अवेध खनन से बने गड्ढे गांव के नोनिहालो के लिये मोत के सबब बन रहे है। ग्रामीणो ने अनेक बार प्रषासन ओर खनन विभाग केा षिकायत करके अवेध खनन को रूकवाने की मांग की थी पर कोई कार्रवाई नही हो रही है। सरकारी तंत्र की उदासीनता क्षेत्र के मासूमो ओर लोगो के लिये खतरा बन रही है।

बेटी की बुकः मनमोहन को नहीं था 2009 में जीत का भरोसा



नई दिल्ली। संजय बारू और नटवर सिंह के बाद अब कांग्रेस को एक और किताबी धक्का लगने वाला है। कांग्रेस की परेशानी बढ़ाने के लिए एक और किताब जल्द ही सामने आएगी। यह किताब लिखी है पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बेटी दमन सिंह ने। उन्होंने लिखा है कि राहुल गांधी ने जब दागी सांसदों से जुड़े अध्यादेश को फाड़ने की बात की थी तो उनके पिता को काफी दुख हुआ था।


पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बेटी दमन सिंह की आने वाली किताब को लेकर आने वाली खबरें कुछ ऐसी ही हैं। दमन सिंह ने इस किताब में लिखा है कि उनके पिता को राजनीति में खास दिलचस्पी नहीं थी। उनको इस बात पर भी भरोसा नहीं था कि वे 2009 का चुनाव जीत जाएंगे। दमन सिंह ने लिखा है कि उनके पिता को दुख तब हुआ जब राहुल गांधी ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि अध्यादेश फाड़ देना चाहिए।

यह अध्यादेश दागी सांसदों को राहत वाला था। माना जा रहा था कि इससे लालू यादव सरीखे कुछ सजायाफ्ता सांसदों को सीधा लाभ होगा। हालांकि उस समय मनमोहन सिंह ने इस्तीफा नहीं दिया था लेकिन राहुल की छवि पर असर पड़ा था।

दमन ने अपनी किताब "Strictly Personal, Manmohan and Gursharan" में लिखा है कि कांग्रेस पार्टी में उनके पिता ने काफी विरोध झेला है। दमन ने लिखा है कि उनके पिता मनमोहन सिंह न तो शातिर राजनेता थे और न सौदेबाज राजनेता थे। दमन का कहना है कि पार्टी के नेताओं की हरकतों से मनमोहन सिंह कई बार आहत हुए, लेकिन वो एक मजबूत इंसान हैं और इन सब मुश्किलों से आसानी से उबर गए।

इस समय कांग्रेस का एक खेमा राहुल की जगह प्रियंका गांधी को आगे लाने की मांग कर रहा है। ऐसे में दमन सिंह की नई किताब कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में नई हलचल घोल सकती है।

इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज का ऐलान, युवाओं को मौका

नई दिल्ली
इंग्लैंड के खिलाफ 5 वनडे की सीरीज और एक टी20 मैच के लिए भारतीय टीम का ऐलान कर दिया गया है। वनडे टीम से युवराज सिंह को बाहर किया गया है जबकि चोटिल होने की वजह से इशांत भी जगह नहीं बना सके हैं। टीम चयन में सिलेक्टर्स ने युवा खिलाड़ियों पर दांव खेला है।
युवराज टीम से बाहर, तीन नए खिलाड़ी शामिल
ऑस्ट्रेलिया में लिस्ट-ए मैचों 4 मैचों की सीरीज में शानदार प्रदर्शन करने वाले केरल के युवा बल्लेबाज संजू सैमसन और लेग स्पिन गेंदबाज एवं हरफनमौला कर्ण शर्मा को टीम में जगह दी गई है। इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में 3 नए चेहरों को मौका मिला है। इनमें संजू सैमसन, कर्ण शर्मा के अलावा धवल कुलकर्णी भी शामिल हैं।

भारतीय टीम में महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), विराट कोहली, शिखर धवन, रोहित शर्मा, अंजिक्य रहाणे, सुरेश रैना, रवींद्र जडेजा, आर. अश्विन, स्टुअर्ट बिन्नी, भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद समी, मोहित शर्मा, अंबाती रायूडु, उमेश यादव, धवल कुलकर्णी, संजू सैमसन (विकेट कीपर) और करण शर्मा शामिल हैं।

तीन और जजों ने किया था ग्वालियर की महिला जज का उत्पीड़न!

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश एसके गंगेले पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली ग्लावियर की पूर्व अतिरिक्त जिला एवं सेशन जज ने दावा किया है कि तीन अन्य जजों को उसकी कोर्ट में रोज मर्रा की बैठकों में हस्तक्षेप कर कथित उत्पीड़न के लिए उकसाया गया था। Three other judges abetted harassment, claims ex-Gwalior district judge
एक अंग्रेजी समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढ़ा और अन्य न्यायाधीशों को भेजी आठ पन्नों की शिकायत में महिला जज ने आरोप लगाया है कि उसका उत्पीड़न उस वक्त और बढ़ गया था जब दो न्यायाधीशों का अप्रेल 2014 में ग्वालियर की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था। न्यायाधीश गेंगेले ने उन दोनों न्यायाधीशों को यातना देने के लिए इस्तेमाल किया था। सवालों के घेरे में आया तीसरा जज डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार है।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि गेंगेले के निर्देश पर दो जजों ने उसकी अदालतों का असामान्य तरीके से बार बार निरीक्षण शुरू कर दिया। ये जज कोर्ट शुरू होने के कुछ मिनट बाद,नियमित और कुछ घंटों के भीतर निरीक्षण शुरू कर देते थे। यहां तक की लंच के दो मिनट पहले,लंच के एक मिनट बाद और कोर्ट की राइजिंग के पांच मिनट पहले भी निरीक्षण करते थे।

महिला जज का दावा है कि निरीक्षण के बावजूद उसकी कोई गलती नहीं पाई गई। बैकलॉग को पूरा करने के लिए उसने अदालत का समय बढ़ा दिया था। महिला जज का आरोप है कि इन जजों का इरादा उस वक्त स्पष्ट हो गया जब वह ऑफिस के लिए फुल टाइम चपरासी के अनुरोध को लेकर एक जज से मिली थी। बकौल महिला जज,उस न्यायाधीश ने मुझसे कहा कि मैं तुम्हारी मदद नहीं कर सकता। अगर तुम्हें कुछ चाहिए तो गंगेले से मिल लो। इससे मेरे अनावश्यक उत्पीड़न की वजह स्पष्ट हो गई।

मेरे वरिष्ठ मेरे संकल्प को तोड़ने और मुझे दबाने और झुकाने के लिए ऎसा कर रहे थे। इसके बावजूद मैंने गंभीरता के साथ अपना काम जारी रखा और गंगेले की दुष्ट डिमांग की गुफा में नहीं फंसने का फैसला किया। अपनी शिकायत में महिला जज ने दावा किया है कि वह अपने पति के साथ हाईकोर्ट की जबलपुर पीठ के मौजूदा न्यायाधीश से मिली थी। उन्होंने आश्वासन दिया था कि वे गंगेले से बात करेंगे।

सिधी ट्रांसफर किए जाने के बाद 15 जुलाई को महिला जज ने इस्तीफा दे दिया था। महिला जज का आरोप है कि तीन जजों के कारण उसका ट्रांसफर किया गया था। महिला जज ने दावा किया कि तीनों न्यायाधीशों ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को निराधार,तुच्छ और दुर्भावनापूर्ण रिपोर्टिग की। जब रजिस्ट्रार ऑफ जनरल ने आठ महीने की मियाद बढ़ाने से इनकार कर दिया तो महिला जज के पास गंगेले के पास जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उस वक्त गंगेले प्रशासन के इंचार्ज थे।

महिला जज ने आरोप लगाया कि गंगेले ने उससे कहा कि मेरी आकांक्षाओं को पूरा नहीं करने और बार भी उनके बंगले पर अकेले नहीं आने के कारण ट्रांसफर किया जा रहा है। महिला जज ने दावा किया है कि जबलपुर पीठ के जज ने सलाह दी थी कि अन्य जिले में ट्रांसफर पर पुर्नविचार के लिए अन्य अभिवेदन फाइल करें। महिला जज को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पास नियुक्ति की मांग करने की भी सलाह दी गई थी।

महिला जज का दूसरा अभिवेदन भी खारिज कर दिया गया और मुख्य न्यायाधीश के दफ्तर ने नियुक्ति से इनकार कर दिया। ऎसा इसलिए हुआ क्योंकि अपराधकर्ता बहुत शक्तिशाली था। पीठ का प्रशासनिक जज होने के कारण वह मुझे हानि पहुंचा सकता था। मुझे सुनवाई का भी मौका नहीं मिला। उस जज के बारे में कल्पना कीजिए जो विशाखा समिति का हिस्सा होने के बावजूद न्याय नहीं पा रही थी। -  

कानपुर।ज्योति की डायरी में है हनीमून की दुखद दास्तां

कानपुर।ज्योति की डायरी में है हनीमून की दुखद दास्तां

कानपुर। ड्यू टू हर... इन शब्दों ने बहुचर्चित ज्योति हत्याकांड में कानपुर पुलिस के कई सवाल हल कर दिए हैं क्योंकि इन शब्दों से ज्योति के पति पीयूष के उसकी प्रेमिका से सम्बन्धों के पुख्ता सबूत मिल रहे हैं।
jyoti Dasani murder case, evidence in jyoti diary

हाई प्रोफाइल मर्डर की शिकार ज्योति देसानी की डायरी से पुलिस मुतमुईन है कि अब वह हत्यारों को सजा दिलाने में सफल रहेगी। पुलिस उपमहानिरीक्षक आरके चतुर्वेदी ने बताया कि डायरी में उसने अपना सर्वाधिक पीड़ादायक समय हनीमून को बताया है जिसमें 12 दिन वह अपमान और पीड़ा के असीम दौर से गुजरी है।

चतुर्वेदी के अनुसार ज्योति ने लिखा है.. हनीमून के समय पीयूष मुझे एयरपोर्ट पर दो घंटे अकेला छोड़कर कहीं चला गया था और वापस आने पर बताया कि वह अपने मित्र से व्यापार के सिलसिले में चैटिंग के लिए गया था। -