रविवार, 2 जून 2019

जेसलमेर *तो कौन आगे आएगा पर्यावरण सरंक्षण के लिए,दस हजार पौधों की हत्या असहनीय* *पालिका का बुलडोजर पौधों पर नही,उन युवाओ के सीने पे चला जिन्होंने भरी गर्मी में इन्हें लगाया

जेसलमेर *तो कौन आगे आएगा पर्यावरण सरंक्षण के लिए,दस हजार पौधों की हत्या असहनीय*

*पालिका का बुलडोजर पौधों पर नही,उन युवाओ के सीने पे चला जिन्होंने भरी गर्मी में इन्हें लगाया*

*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक के लिए चन्दन सिंह भाटी*


*जेसलमेर जेसलमेर में आज प्रशासन ने दस हजार मासूमो की हत्या कर दी।।इन मासूमो को शहर के युवाओ ने दिल लगाकरबड़ी मेहनत के साथ दो साल पूर्व जिला प्रशासन के अनुनय विनय के बाद लगाया था कि हमारा जेसलमेर सुंदर लगे लोगो को शुद्ध पर्यावरण मिले।।मगर जिस तरह दो साल के मासूमो पे नगर परिषद ने बुलडोजर चला उनकी हत्या की भविष्य में कोई क्यों पौधे लगाएगा।।सुना था पेड़ो को भी दर्द होता है।।नगर परिषद की आज की कार्यवाही से जेसलमेर के उन सेकड़ो युवाओ को दर्द हो रहा है जिन्होंने सामूहिक रूप से इन पौधों को बड़े नाज़ के साथ न केवल रोपित किया बल्कि समय समय पर देख रेख कर इन्हें विकसित भी किया।आज चार से पांच फीट के पौधों को जिस तरह कुचला और रौंदा गया वह न केवल निंदनीय है बल्कि कुत्सित कृत्य है।।आखिर क्या था इस जमीन पर ।।जिसके कारण हज़ारो पौधे नष्ट कर दिए।एक पौधा तैयार करने में कितना पसीना बहाना पड़ता है यह आयुक्त को समझ नही आएगा क्योंकि इस व्यक्ति ने कभी एक पौधा अपने हाथ से नही लगाया होगा दावे के साथ कहता हूं।वरना इन पौधों को इस तरह नही कुचला जाता।परिषद की इस कार्यवाही की जितनी निंदा की जाए कम है।।पर्यावरण सरंक्षण और जागरूकता के लिए करोड़ो रूपये खर्च कर नागरिकों को एक एक पौधा लगाने के लिए जागरूक करते है।तत्कालीन जिला कलेक्टर के सी मीणा ने बड़े नाज़ के साथ जेसलमेर में पर्यावरण सरंक्षित रखने का प्लान बनाया।।अनुनय विनय कर लोगो को साथ जोड़ा।।यह पौधे भी जिला प्रशासन के प्लान के तहत शहर के युवाओ ने लगाए थे।।इसके लिए कड़ी मेहनत की।।आज जब पौधे विकसित हुए उन्हें बेरहमी से उखाड़ फेंका।।एक पौधा बारह संतान के बराबर सुख देता है।।यह बात पुराणों में लिखी है।।इस हिसाब से आयुक्त ने कितने संतानों की हत्या की।।इन्हें हटाना जरूरी था तो इतनी ही संख्य में दूसरे स्थान पर पौधे लगते।।जजेसलमेर के युवाओ को वन एवं पर्यावरण सरंक्षण अधिनियम के तहत आयुक्त के खिलाफ सामूहिक मुकदमे दर्ज कराने चाहिए।।क्योंकि खेजड़ली की अमृता विश्नोई से ली प्रेरणा के फिर क्या मायने।।किसी को तो आगे आना होगा।

जेसलमेर *हरीश का न होना कितना दुखद जेसलमेर के पर्यटन के लिए* *पर्यटकों की ही नही स्थानीय लोगो की पहली पसंद हरीश रहे*

जेसलमेर *हरीश का न होना कितना दुखद जेसलमेर के पर्यटन के लिए*

*पर्यटकों की ही नही स्थानीय लोगो की पहली पसंद हरीश रहे*

*खास श्रद्धांजलि बाडमेर न्यूज़ ट्रैक की और से*

*जेसलमेर टूरिज्म को नई पहचान लोक नृत्य में देने वाले क्वीन हरीश के असामयिक निधन पर पूरा जेसलमेर स्तब्ध है।हर आंख में आंसू है।।जेसलमेर पर्यटन में यह दूसरी शख्सियत है जिनके जाने से जेसलमेर का पर्यटन उद्योग खाली खाली सा लगेगा।।इनसे पहले जेसलमेर पर्यटन को नई पहचान दिलाने वाले पहले और स्थाई मिस्टर डेजर्ट लक्ष्मीनारायण बिस्सा थे।।बिस्सा का टूरिज्म विकास में योगदान आज भी याद किया जाता है।।जजेसलमेर के टूरिज्म को शिशुकाल से विकसित कर युवा अवस्था मे लाने में बिस्सा का शानदार योगदान रहा। ऐसे ही क्वीन हरीश ने थार के लोक नृत्य घूमर,चकरी,अग्नि नृत्य,भवाई,सहित को देश विदेश में न केवल नई पहचान दिलाई अपितु देश विदेश के सेकड़ो सैलानियों को राजस्थान की नृत्य कला में प्रशिक्षण देकर पारंगत किया।हरीश लोक नृत्य की कई कलाएं जानते थे।।उनका भवाई नृत्य और अग्नि नृत्य खासे लोकप्रिय है।।जेसलमेर आने वाला हर देश विदेशी पर्यटक हरीश के नृत्य का न केवल आनंद लेता बल्कि खुद भी हरीश के साथ नृत्य कर खुद को आनंदित महसूस करते।।पिछले दो सालों में तो हरीश ने लोकप्रियता में नई ऊंचाइयां छुई।।उन्हें प्रकाश झा जैसे मंझे हुए निर्देशक ने अपनी फिल्म जै गंगाजल में मौका दिया।।जिसे हरीश ने बखूबी निभा तालियां बटोरी।।स्थानीय रिसोर्ट सहित विभिन कार्यक्रमो में हरीश की मांग सर्वाधिक थी।।हरीश का नृत्य दिल और सांस थाम के देखना पड़ता।।हरीश ने स्थानीय लोक गीत संगीत के साथ नृत्य को नई पहचान दी।।उनकी प्रतिभा का ही कमाल था कि विदेशों से उनके पास नृत्य सीखने हर साल युवतियां आती थी।।इस बार भी वो ग्रीष्म कालीन प्रशिक्षण चला रहे थे।।स्थानिय बच्चे नृत्य की बारीकियां सिख रहे थे।।हरीश के जाने से जेसलमेर के टूरिज्म में एक खालीपन आ ज
गया जिसे लक्ष्मीनारायण बिस्सा की तरह कोई भर नहीं पायेगा।।हँसमुख, मिलनसार हरीश को कभी भुलाया  नही जा सकता।।जेसलमेर के लिए अपूरणीय क्षति है।।

*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक परिवार की और से क्वीन हरीश को सादर श्रद्धांजलि।*

जैसलमेर डांस गुरु क्वीन हरीश। अदभुत बेमिसाल लोक नृतक सहित की सड़क हादसे में चार की मौत मौत




जैसलमेर डांस गुरु क्वीन हरीश। अदभुत बेमिसाल लोक नृतक सहित की सड़क हादसे में  चार की मौत मौत 


जैसाणे री बात ही अनोखी थी


अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने हुनर का जल्वा बिखेरते हुवे लाखों प्रषंसकों के दिलों में राज करने वाले जैसलमेर के विख्यात अन्तर्राष्ट्रीय डांस गुरू क्वीन हरिष की आज अलसुबह एक सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई ,हरीश एक कार्यक्रम में भाग लेने अपनी टीम के साथ जा रहे थे,जोधपुर के बिलाड़ा के समीप ट्रैक के साथ इनकी गाड़ी इनोवा की भिड़ंत में हरीश सहित चार लोक कलाकारों की मौत हो गई ,हरिस की मौत की खबर से जेसलमेरवासी स्तब्ध हे ,हरीश ने लोक नृत्य , संस्कृति को देश विदेश में नए आयाम दिलाये ,

  जैसलमेर में राजस्थानी लोक संगीत नृत्य का यह एक ऐसा कोरियोग्राफर लोक गुरू हैं जिसके अकेले जापान में 2000 से ज्यादा शार्गिद हैं और हर वर्ष इसमें लगातार वृद्धि हो रही है हरीश नाम का ये लोक गुरू मात्र 38  वर्ष का है जापानी युवक युवतियों में इस लोक गुरू से राजस्थानी लोक संगीत नृत्य सीखने में दीवानगी का ये आलम था कि हर वर्ष दर्जनों युवतियां राजस्थानी लोक संगीत व नृत्य सीखने जैसलमेर आती थी और तो और हरीश स्वयं साल में एक बार जापान के अलग अलग शहरों में जाकर राजस्थानी नृत्य सीखने की वहां कक्षाएं आयोजित कर इन जापानी को नृत्य का प्रशिक्षण देताथा ।

हरीष द्वारा अब तक विभिन्न कक्षाओं के करीब 5000  से ज्यादा कलाकारो को राजस्थानी लोक संगीत व भारतीय लोकनृत्य में प्रषिक्षित किया   हैं। राजस्थानी नृत्य जिसमें घुटना, चकरी, भवाई, तराजू, तेरह ताली, घूमर, चरी, कालबेलिया प्रमुख हैं जिसमें हरीष विशेष रुप से पारंगत थे  के इन नृत्यों का जादू वह करीब 60 देषों में फैला चुका हैं। इसके लिए इन्हें कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जा चुका हैं।

गौरतलब हैं कि हरीष एंड पार्टी द्वारा पेरिस में 1999 में आयोजित वल्र्ड फुटबाल कप, यू.एस.ए में सी.ए.टल चिल्डरन फेस्टीवल, बेल्जियम में कूल कैफे फेस्टीवल, षिकागो में वल्र्ड म्यूजिक फेस्टीवल, न्यूयार्क में सेंट्रल पार्क संमर स्टेज फेस्टीवल, स्कॉटलैंड में एडिनब्रा फेस्टीवल, लंदन में क्वीन एलिजाबेथ व हाल ही के डेजर्ट फेस्टीवल में अपनी कला का प्रदर्षन कर चुके हैं। इसके अलावा हरीष राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों में भी अभियान कर अपना लोहा मनवा चुके हैं।प्रकाश झा की फिल्मो में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हे,अभी जैसलमेर में ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण चला रहे थे जिसमे देश विदेश के कई छात्र छात्राए लोक नृत्य के गुर हरीश से सिख रहे थे 

गुरुवार, 30 मई 2019

बाड़मेर मेडिकल कॉलेज को अनुमति मिली,100 सीटों पर मिलेगा दाखिला

बाड़मेर मेडिकल कॉलेज को अनुमति मिली,100 सीटों पर  मिलेगा दाखिला
- मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने बाड़मेर के मेडिकल काॅलेज के लिए लेटर ऑफ परमिशन (एलआेपी) जारी की।


बाड़मेर, 30 मई। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडियन ने बाड़मेर के मेडिकल काॅलेज के लिए लेटर ऑफ परमिशन (एलआेपी) जारी कर दी है। इससे बाड़मेर के मेडिकल कालेज में 100 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश की अनुमति मिल गई है।
जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि एमसीआई की अनुमति मिलने से अब इसी सत्र 2019- 20 से बाड़मेर के मेडिकल कॉलेज में 35 फीसदी सीटें सबके लिए खुली अर्थात ओपन, 35 फीसदी निर्धारित राशि प्रति सीट 7.5 लाख एवं 15 सीटें  एनआईआर तथा 15 फीसदी आल इंडिया कोटे से भरी जाएगी। इन सब सीटों पर प्रवेश नीट मेरिट के आधार पर होगा। उनके मुताबिक एनआईआर कोटे के लिए बाड़मेर जिले में रहने वाले उनके रिश्तेदार विद्यार्थी पंजीकरण करवाते समय बाड़मेर मेडिकल कालेज का इंद्राज कर सकते है।
ताकि उनको बाड़मेर कालेज
आवंटित हो सके। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज शुरू होने से बाड़मेर एवं जैसलमेर समेत अन्य आसपास के जिलों के लोगों को इसका फायदा मिलेगा। उल्लेखनीय है बाड़मेर मेडिकल कॉलेज को प्रारम्भ करवाने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एन.डी.सोनी , प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ संजीव मित्तल, पूर्व प्रमुख चिकित्सा अधिकारी एवं प्रोफेसर डॉ बी.एल. मंसूरिया, डॉ अनूप सिंह गुर्जर के साथ अन्य कालेज स्टाफ तथा विभिन्न विभागीय अधिकारियों की ओर से लगातार विशेष प्रयास किए गए। पूरे देश के मेडिकल कॉलेजों में चलने वाले पाठ्यक्रमों को मंजूरी देने वाली कार्यदायी संस्था भारतीय चिकित्सा परिषद (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) के सदस्यीय पैनल ने कुछ समय पूर्व
बाड़मेर के मेडिकल कॉलेज का दौरा किया था। इस दौरान पैनल ने पूरे मेडिकल कॉलेज का बेहद गहनता से निरीक्षण करने के पश्चात रिकॉर्ड चेक करने के साथ प्रस्तावित एमबीबीएस सत्र से
जुड़े हर पहलू को बारीकी से देखा था। इसका सुखद परिणाम मेडिकल कालेज की अनुमति के रूप में प्राप्त हुआ ।
मेडिकल कालेज का भवन तैयार: बाड़मेर
मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग तैयार है। फिनीशिंग का काम अंतिम दौर में है। छात्र-छात्राओं को रहने के लिए हॉस्टल, नर्सिंग हॉस्टल और स्टाफ क्वाटर भी बनाए गए हैं। इसके अलावा जिला मुख्यालय पर राजकीय चिकित्सालय में 300 बेड का अस्पताल सुचारू रूप से संचालित किया जा रहा है।
अनुमति मिलने पर स्वागत जताया: जिला एवं मेडिकल
 कॉलेज प्रशासन ने एमसीआई की अनुमति मिलने का स्वागत करते हुए इसे मेडिकल की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के भविष्य के अच्छा कदम बताया। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ एन.डी.सोनी ने बताया कि एमसीआई की ओर से बाडमेर कॉलेज में एमबीबीएस का प्रथम सत्र संचालित करने के लिए अधिकृत आदेश प्राप्त हो गया है। इससे अब बाडमेर में एमबीबीएस का प्रथम सत्र शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि बाड़मेर में 100 सीटों को नीट मेरिट के आधार पर भरा जाना है।

*बाडमेर अधेड़ सहित दो ने आत्महत्या की,चोहटन की घटनाएं*

*बाडमेर अधेड़ सहित दो ने आत्महत्या की,चोहटन की घटनाएं*

बाडमेर जिले के सरहदी क्षेत्रो में आज एक अधेड़ सहित दो जनों ने फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली।।आत्महत्या के कारणों का खुलासा नही हुआ।।सुबह रेल से कटकर भी एक अन्य युवक ने आत्महत्या की थी।।जानकारी के अनुसार अधेड़ ने फंदा लगाकर की आत्महत्या
खेजड़ी के पेड़ पर रस्सी से फंदा लगाकर दे दी जान
देर रात बाद अपने घर से निकलकर लगा दिया फंदा
मृतक गोमाराम पुत्र भारूराम जाट रामदेरिया इसरोल का है निवासी
घर के निकट के खेजड़ी के पेड़ पर लगाया फंदा
मृतक के भतीज घमण्डाराम ने पुलिस को दी रिपोर्ट
मानसिक तनाव के चलते आत्महत्या करने की जानकारी
परिजनों को शव सौपकर अनुसंधान किया शुरू
चौहटन थाना के रामदेरिया इशरोल में आत्महत्या का मामला।।इसी तरह युवक ने पेड़ पर फंदा लगाकर दी जान
नीम के पेड़ पर रस्सी से फंदा लगाकर कर आत्महत्या
देर रात को घर से निकलकर पास ही पेड़ पर लगाया फंदा
हीराराम पुत्र गेनाराम मेघवाल ने दी आत्महत्या
मृतक के पिता ने मानसिक संतुलन के चलते आत्महत्या का बताया कारण
पुलिस ने मामला दर्ज कर शुरू किया अनुसंधान
चौहटन थाना क्षेत्र के जाटो की ढाणी केरनाड़ा सरहद की घटना