जेसलमेर *तो कौन आगे आएगा पर्यावरण सरंक्षण के लिए,दस हजार पौधों की हत्या असहनीय*
*पालिका का बुलडोजर पौधों पर नही,उन युवाओ के सीने पे चला जिन्होंने भरी गर्मी में इन्हें लगाया*
*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक के लिए चन्दन सिंह भाटी*
*जेसलमेर जेसलमेर में आज प्रशासन ने दस हजार मासूमो की हत्या कर दी।।इन मासूमो को शहर के युवाओ ने दिल लगाकरबड़ी मेहनत के साथ दो साल पूर्व जिला प्रशासन के अनुनय विनय के बाद लगाया था कि हमारा जेसलमेर सुंदर लगे लोगो को शुद्ध पर्यावरण मिले।।मगर जिस तरह दो साल के मासूमो पे नगर परिषद ने बुलडोजर चला उनकी हत्या की भविष्य में कोई क्यों पौधे लगाएगा।।सुना था पेड़ो को भी दर्द होता है।।नगर परिषद की आज की कार्यवाही से जेसलमेर के उन सेकड़ो युवाओ को दर्द हो रहा है जिन्होंने सामूहिक रूप से इन पौधों को बड़े नाज़ के साथ न केवल रोपित किया बल्कि समय समय पर देख रेख कर इन्हें विकसित भी किया।आज चार से पांच फीट के पौधों को जिस तरह कुचला और रौंदा गया वह न केवल निंदनीय है बल्कि कुत्सित कृत्य है।।आखिर क्या था इस जमीन पर ।।जिसके कारण हज़ारो पौधे नष्ट कर दिए।एक पौधा तैयार करने में कितना पसीना बहाना पड़ता है यह आयुक्त को समझ नही आएगा क्योंकि इस व्यक्ति ने कभी एक पौधा अपने हाथ से नही लगाया होगा दावे के साथ कहता हूं।वरना इन पौधों को इस तरह नही कुचला जाता।परिषद की इस कार्यवाही की जितनी निंदा की जाए कम है।।पर्यावरण सरंक्षण और जागरूकता के लिए करोड़ो रूपये खर्च कर नागरिकों को एक एक पौधा लगाने के लिए जागरूक करते है।तत्कालीन जिला कलेक्टर के सी मीणा ने बड़े नाज़ के साथ जेसलमेर में पर्यावरण सरंक्षित रखने का प्लान बनाया।।अनुनय विनय कर लोगो को साथ जोड़ा।।यह पौधे भी जिला प्रशासन के प्लान के तहत शहर के युवाओ ने लगाए थे।।इसके लिए कड़ी मेहनत की।।आज जब पौधे विकसित हुए उन्हें बेरहमी से उखाड़ फेंका।।एक पौधा बारह संतान के बराबर सुख देता है।।यह बात पुराणों में लिखी है।।इस हिसाब से आयुक्त ने कितने संतानों की हत्या की।।इन्हें हटाना जरूरी था तो इतनी ही संख्य में दूसरे स्थान पर पौधे लगते।।जजेसलमेर के युवाओ को वन एवं पर्यावरण सरंक्षण अधिनियम के तहत आयुक्त के खिलाफ सामूहिक मुकदमे दर्ज कराने चाहिए।।क्योंकि खेजड़ली की अमृता विश्नोई से ली प्रेरणा के फिर क्या मायने।।किसी को तो आगे आना होगा।
*पालिका का बुलडोजर पौधों पर नही,उन युवाओ के सीने पे चला जिन्होंने भरी गर्मी में इन्हें लगाया*
*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक के लिए चन्दन सिंह भाटी*
*जेसलमेर जेसलमेर में आज प्रशासन ने दस हजार मासूमो की हत्या कर दी।।इन मासूमो को शहर के युवाओ ने दिल लगाकरबड़ी मेहनत के साथ दो साल पूर्व जिला प्रशासन के अनुनय विनय के बाद लगाया था कि हमारा जेसलमेर सुंदर लगे लोगो को शुद्ध पर्यावरण मिले।।मगर जिस तरह दो साल के मासूमो पे नगर परिषद ने बुलडोजर चला उनकी हत्या की भविष्य में कोई क्यों पौधे लगाएगा।।सुना था पेड़ो को भी दर्द होता है।।नगर परिषद की आज की कार्यवाही से जेसलमेर के उन सेकड़ो युवाओ को दर्द हो रहा है जिन्होंने सामूहिक रूप से इन पौधों को बड़े नाज़ के साथ न केवल रोपित किया बल्कि समय समय पर देख रेख कर इन्हें विकसित भी किया।आज चार से पांच फीट के पौधों को जिस तरह कुचला और रौंदा गया वह न केवल निंदनीय है बल्कि कुत्सित कृत्य है।।आखिर क्या था इस जमीन पर ।।जिसके कारण हज़ारो पौधे नष्ट कर दिए।एक पौधा तैयार करने में कितना पसीना बहाना पड़ता है यह आयुक्त को समझ नही आएगा क्योंकि इस व्यक्ति ने कभी एक पौधा अपने हाथ से नही लगाया होगा दावे के साथ कहता हूं।वरना इन पौधों को इस तरह नही कुचला जाता।परिषद की इस कार्यवाही की जितनी निंदा की जाए कम है।।पर्यावरण सरंक्षण और जागरूकता के लिए करोड़ो रूपये खर्च कर नागरिकों को एक एक पौधा लगाने के लिए जागरूक करते है।तत्कालीन जिला कलेक्टर के सी मीणा ने बड़े नाज़ के साथ जेसलमेर में पर्यावरण सरंक्षित रखने का प्लान बनाया।।अनुनय विनय कर लोगो को साथ जोड़ा।।यह पौधे भी जिला प्रशासन के प्लान के तहत शहर के युवाओ ने लगाए थे।।इसके लिए कड़ी मेहनत की।।आज जब पौधे विकसित हुए उन्हें बेरहमी से उखाड़ फेंका।।एक पौधा बारह संतान के बराबर सुख देता है।।यह बात पुराणों में लिखी है।।इस हिसाब से आयुक्त ने कितने संतानों की हत्या की।।इन्हें हटाना जरूरी था तो इतनी ही संख्य में दूसरे स्थान पर पौधे लगते।।जजेसलमेर के युवाओ को वन एवं पर्यावरण सरंक्षण अधिनियम के तहत आयुक्त के खिलाफ सामूहिक मुकदमे दर्ज कराने चाहिए।।क्योंकि खेजड़ली की अमृता विश्नोई से ली प्रेरणा के फिर क्या मायने।।किसी को तो आगे आना होगा।
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