..और अंतत: खुशखबरी! 17 हजार प्रेरकों की नौकरी पर संकट 6 माह के लिए टला, सरकार ने अनुबंध बढ़ाया
जयपुर. निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए साक्षर भारत मिशन के तहत राजस्थान में लगाए गए 17 हजार प्रेरकों का अनुबंध शुक्रवार को और बढ गया। इसी के साथ प्रदेश के प्रेरक संघ ने राहत की सांस ली...
एक अप्रैल से भी काम पर जाएंगे
बता दें कि 5 साल पहले इन प्रेरकों का अनुबंध साक्षरता निदेशालय से पूरा हो जाने के कारण स्थिति डगमगा गई थी। लेकिन सरकार ने इन्हें एक अप्रैल से 6 माह का टाइम और देकर रोजगार बचा दिया।
इनका पांच साल का अनुबंध आज खत्म हो रहा है। जिसे आज ही बढ़ाया गया है। वही साक्षरता निदेशालय के अधिकारियों की माने तो निदेशालय भारत सरकार से चर्चा कर इस अनुबंध को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहा था। इन प्रेरकों को 2500 रुपए मासिक मानदेय पर रखा हुआ था।
जिन्होंने दी पढऩे की प्रेरणा, अब टला उनकी रोजी पर संकट
पहले सवाल उठने लगे थे कि पिछले एक दो-तीन सालों में कम्पयूटर शिक्षकों, विद्यार्थी मित्रों की सेवाएं बाधित हो चुकी हैं एेसे में उनका क्या होगा? पिछले साल 1 अप्रेल को उनका अनुबंध एक साल के लिए बढ़ाया गया था। अनुबंध बढ़ाने से पहले ही मार्च के अंत में सभी जिलों में साक्षरता निदेशालय से आदेश भेज दिए गए थे कि अनुबंध बढ़ाया जाए, जबकि इस बार हलचल तक नहीं दिखी।
साक्षरता निदेशालय ने सभी जिलों में भेजा आदेश
इस बार अनुबंध बढ़ाने की गुहार करते हुए पिछले दो माह से प्रेरक संघ का प्रतिनिधिमंडल मंत्रियों से लेकर अधिकारियों तक से मिल चुके हैं लेकिन गुरुवार तक अनुबंध बढ़ाने की दिशा में प्रगति नहीं हो पाई। धौलपुर में जाकर मुख्यमंत्री तक भी उन्होंने अपना ज्ञापन पहुंचाया था। मंगलवार को भी सरकार के आला अधिकारियों से मिलकर अनुबंध बढ़ाने की गुहार की थी। अब शुक्रवार को सरकार ने अचानक आदेश दे दिए कि अनुबंध बढा रहे हैं।
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देते हैं आखर की प्रेरणा
साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत प्रेरकों को साक्षरता की अलख जगानी होती है। प्रदेश में 15 वर्ष से अधिक आयु के स्कू ल छोड़ चुके लोगों को पुन: शिक्षा से जोडऩे और निरक्षरों को साक्षर करने की जिम्मेदारी होती है। एेसे लोगों को प्रेरक लोकशिक्षा केंद्रों तक लाते हैं। जहां इन्हें पढ़ाया जाता है और साक्षरता की परीक्षा होती है।
अलग-अलग योजनाओं में इन्हें जोड़ा गया, फिर भी..
1985 से लेकर अब तक अलग-अलग योजनाओं में इन्हें जोड़ा गया है। शुरुआत में यह अनौपचारिक शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत् आते थे, इसके बाद सतत शिक्षा और अब साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत आते हैं।
तीस साल से भी ज्यादा हो गया सेवाएं देते हुए
तीन दशक से अधिक समय से प्रेरक अपनी सेवाएं दे रहे हैं, अब अनुबंध खत्म होने से सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम तो प्रभावित होगा ही साथ ही प्रेरकों के लिए बड़ा संकट हो जाएगा। सरकार को तत्काल अनुबंध बढ़ाना चाहिए।
- मदनलाल वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान प्रेरक संघ
सीकर में पथराव जारी, जयपुर-दौसा से बुलाई एसटीएफ, धारा 144 लागूशुक्रवार को एक फिर शहर में माहौल गर्मा गया। जब शहर के व्यस्ततम जाटिया बाजार में एक समुदाय द्वारा दुकानों को बंद कराया जा रहा था तभी दूसरे समुदाय वहां आ गए और पत्थरबाजी करने लगे। इतना ही नहीं उपद्रवी जगह-जगह लोगों से मारपीट करते भी दिखे। उपद्रवियों को रोकने के लिए पुलिस को एक बार फिर से लाठीचार्ज करना पड़ा। शहर में बिगड़ते हालात को देखते हुए प्रशासन ने जयपुर, चूरू, झुंझुनूं और दौसा से एसटीएफ को बुलाया है। डीएम केबी गुप्ता और एसपी अखिलेश कुमार सहित भारी मात्रा में पुलिस जाब्ते ने संवेदनशील इलाकों में दौरा किया। जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह जाटिया बाजार में बजरंग दल और विहिप कार्यकर्ता इक_े हुए और शहर बंद करने का ऐलान करने लगे। बीच-बीच में वह नारेबाजी भी कर रहे थे। इसी बीच दूसरा समुदाय भी वहां आ पहुंचा और एक-दूसरे पर पत्थरबाजी करने लगे। बढ़ते तनाव को देखते हुए जाटिया बाजार में भारी मात्रा में पुलिस पहुंच गई। पुलिस ने पत्थरबाजी कर रहे उपद्रवियों को जमकर खदेड़ा। मामले को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने शहर के कई इलाकों में धारा 144 लागू कर दी है। कलक्टर केबी गुप्ता ने बताया कि धारा 144 तीन दिन तक लागू रहेगी। उन्होंने बताया कि शहर में उपद्रव फैलाने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। प्रशासन ने बिगड़ते हालात को देखते हुए पूरे शहर में इंटरनेट की सेवाएं बंद कर दी हैं।शहर में बढ़ते तनाव के चलते उपद्रवियों ने जगह-जगह लोगों से मारपीट की। उपद्रवियों द्वारा मारपीट की घटना को लेकर चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहा। दोपहर तक पूरा शहर छावनी बन चुका था। डीएम और एसपी ने भी घटना स्थल और संवेदनशील गलियों का दौरा किया। इस दौरान उनके साथ भारी मात्रा में पुलिस बल मौजूद रहा। गुरुवार देर रात हुए दो समुदायों में पत्थरबाजी के चलते शुक्रवार को भी तनाव बढ़ गया। नतीजा यह हुआ शहर की व्यस्ततम जाटिया बाजार की दुकानें भी बंद रहीं। इतना ही नहीं तनाव को देखते हुए इस रोड के मेडिकल स्टोर भी बंद रहे।
अजमेर।होटल में चल रही थी शर्मनाक करतूत, कमरा खुलते ही इधर-उधर भागे लोग पुष्कर स्थित एक होटल में दबिश देकर पुलिस ने जुआ खेलते 9 जुआरियों को पकड़ा। जुआरियों से मोटी रकम व सात वाहन जब्त किए।मुखबिर की सूचना पर एएसपी (दक्षिण) मोनिका सैन ने पुष्कर हाई ब्रिज पुलिया के निकट नाला क्षेत्र में होटल स्टार पैलेस में मय जाब्ता दबिश दी। पुलिस ने कार्रवाई में पुष्कर अम्बेडकर कॉलोनी निवासी गोवर्धन, भटबाय केशव नगर निवासी गोकुल माली, वारह घाट निवासी पुष्पेन्द्र शर्मा, बड़ी बस्ती निवासी जितेन्द्र पाराशर, अब्दुल रज्जाक, छोटी बस्ती निवासी विष्णु प्रसाद को ताशपत्ती से जुआ खेलते पकड़ा। पुलिस ने उनसे 84 हजार 198 रुपए व 7 मोटरसाइकिल ेंबरामद किए। सूचना पर पहुंची पुष्कर थाना पुलिस ने जुआ एक्ट में कार्रवाई की।
अहमदाबाद में अब आपको मुस्लिम महिलाएं करती नजर आएंगी सूर्य नमस्कार -
अहमदाबाद, जेएनएन। सूर्य नमस्कार पर मुस्लिम संगठनों के ऐतराज को दरकिनार कर अहमदबाद में मुस्लिम महिलाएं अपने आपको फिट रखने के लिए योग सीखने जा रही है। एक गैर-सरकारी संस्था की तरफ से योग कक्षा की शुरूआत होने जा रही है जिसमें पूरे शहर की करीब 32 मुस्लिम महिलाओं ने अपना दाखिला कराया है।
ऐसा माना जा रहा है कि यह कक्षा अगले हफ्ते से खानपुर के एक निजी परिसर में शुरू हो जाएगी। इसमें ख़ास बात यह है कि कांग्रेस की खानपुर से निगम पार्षद अज़रा कादरी भी यहां पर दाखिला लेनेवाली महिलाओं में शामिल हैं।
कादरी ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति से जुड़ा हुआ है और इसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। जबकि, गैर सरकारी संस्था की फरहत जहान सैयद ने कहा योग मुस्लिम महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति और जागरुक करेगा। उन्होंने कहा, मैं सूर्य नमस्कार करने में कुछ बुरा नहीं मानती हूं क्योंकि यह कोई प्रार्थना नहीं है बल्कि यह 12 आसन का संयुक्त रूप है।
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उन्होंने कहा, “सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम चाहते हैं कि मुस्लिम महिलाएं सामाजिक बंधन को तोड़कर आगे आएं।। योग एक विज्ञान है जिसका धर्म से किसी तरह का कोई भी लेना देना नहीं है।” पिछले साल उस वक्त विवाद पैदा हो गया था जब कुछ मुस्लिम धर्मगुरूओं ने योग पर अपनी आपत्ति जाहिर की। खासकर, सूर्य नमस्कार को लेकर और उसे इस्लाम के खिलाफ करार दिया। सैयद ने कहा कि कक्षाएं तसनीम खंचवाला लेंगी। उन्होंने कहा कि तसनीम योग क्लास चलाती हैं जिसमें 35 महिलाएं है जिनमें ज्यादातर मुस्लिम हैं।
रिफायारी बाड़मेर में ही ,नया एम् ओ यु होगा। .वसुंधरा राजे हमारे प्रयासों से राज्य पर रिफाइनरी का वित्तीय भार दो-तिहाई घटा शीघ्र होगा नया एमओयू - मुख्यमंत्री* मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने बाड़मेर में रिफाइनरी के लिए बिना सोच-विचार किए एमओयू किया था, जबकि हमारी सरकार ने प्रदेश के हितों के साथ कोई समझौता मंजूर नहीं किया। हमारे प्रयासों से ही एचपीसीएल को अपने पुराने प्रस्ताव को बदलना पड़ा। उन्होंने कहा कि हमारी ओर से किए गए रि-नेगोशिएशन का ही परिणाम है कि राज्य पर रिफाइनरी की स्थापना से पड़ने वाला वित्तीय भार परियोजना की लागत बढ़ने के बावजूद करीब दो-तिहाई घटकर अब 20 हजार 583 करोड़ रुपये रह गया है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही एचपीसीएल के नये प्रस्ताव के मुताबिक रिफाइनरी के लिए एमओयू किया जायेगा। श्रीमती राजे गुरुवार को विधानसभा में राजस्थान विनियोग विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब दे रही थीं। मुख्यमंत्री के जवाब के बाद राजस्थान विनियोग विधेयक एवं वित्त विधेयक 2017 को सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा एचपीसीएल के साथ किए गए एमओयू के मुताबिक राज्य सरकार को 15 वर्ष तक प्रतिवर्ष ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 3 हजार 736 करोड़ रुपये देने पड़ते, जो हमारे रि-नेगोशिएशन से अब मात्र 1 हजार 123 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष ही रह गया है। इस तरह अब हमारे प्रयासों से 15 वर्षों में ब्याज मुक्त ऋण के रूप में दी जाने वाली राशि 56 हजार 40 करोड़ रुपये से घटकर 16 हजार 845 करोड़ रुपये ही रह गई है। इसी प्रकार पिछली सरकार ने रिफाइनरी में 26 प्रतिशत इक्विटी के रूप में 3871 करोड़ देना तय किया था। नये प्रस्ताव में यह राशि भी घटकर 3738 करोड़ रह गई है। एनएचएआई के माध्यम से शीघ्र पूरी करेंगे रिंग रोड मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार का आभार जताते हुए कहा कि केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने जयपुर शहर की रिंग रोड परियोजना को एनएचएआई के माध्यम से शीघ्र पूर्ण करवाने पर अपनी सहमति दी है। उन्होंने कहा कि अब जमीनी स्तर पर रिंग रोड परियोजना का काम तेजी से आगे बढ़ेगा। श्रीमती राजे ने कहा कि जयपुर शहर के लिए रिंग रोड की परियोजना हमने हमारे पूर्व कार्यकाल में बनायी थी। हमारी सरकार की मंशा डीपीआर बनाकर कार्य को तेजी से आगे बढ़ाने की थी। परन्तु पिछली सरकार के प्रयासों में कमी के कारण रिंग रोड निर्माण के लिए कार्यादेश देने के उपरान्त भी इस परियोजना पर समयबद्ध रूप से काम नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आने पर हमने इसे प्राथमिकता पर लेते हुए परियोजना में आ रही बाधाओं को दूर किया और प्रभावित काश्तकारों को पूर्ण रूप से संतुष्ट करते हुए गति प्रदान की।पिछली सरकार की तुलना में बढ़ाया पूंजीगत खर्च श्रीमती राजे ने हाल ही सदन में प्रस्तुत सीएजी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि विरासत में मिली विषम आर्थिक स्थिति के बावजूद हमारी सरकार ने परिसम्पत्तियों के सृजन पर पिछली सरकार के कार्यकाल की तुलना में अधिक पूंजीगत खर्च किया है। हमारी सरकार ने वर्ष 2015-16 तक ही पिछली सरकार के अन्तिम तीन वित्तीय वर्षो की तुलना में 6 हजार 623 करोड़ रूपये अधिक पूंजीगत व्यय किया है। विकास पर व्यय देश के औसत से अधिक मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विकास एवं आर्थिक क्षेत्र पर व्यय का औसत देश के औसत से करीब 8 फीसदी अधिक है। प्रदेश में सामान्य श्रेणी के राज्यों की तुलना में विकास पर औसत खर्च करीब 10 प्रतिशत अधिक एवं आर्थिक क्षेत्र में खर्च करीब 16 प्रतिशत अधिक है, जो प्रदेश के लिए हमारे कमिटमेंट को दर्शाता है। उन्होंने इसकी तथ्यात्मक जानकारी सदन के पटल पर रखी। इन श्रेणियों में राजस्थान का व्यय राष्ट्रीय औसत से अधिक ः- राज्य की राजकोषीय प्राथमिकता Total Exp / GSDPDevelopmental Exp / Total Exp. Economic Sector Exp / Total Exp. सामान्य श्रेणी के राज्यों का औसत (अनुपात) 2015-16 16-05% 70-63% 34-34%राजस्थान का औसत (अनुपात) 2015-16 24-45%80-92% 50-87% आधुनिक, खुशहाल और मुस्कुराते राजस्थान के निर्माण का संकल्प है बजटश्रीमती राजे ने कहा कि हमारी सरकार एक ऎसे राजस्थान का निर्माण कर रही है, जो अपनी गौरवशाली परम्परा और स्वाभिमान पर गर्व करते हुए आधुनिक एवं विकसित भविष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है। विकास के लिए आधुनिकता और आधुनिकता के लिए विकास जरूरी है इसलिए हमने आधुनिकता को गांवों तक पहुंचाने का काम हाथ में लेते हुए स्मार्ट विलेज बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि आधुनिकता सिर्फ मोबाइल एवं कम्प्यूटर से जुड़ने से नहीं आती, आधुनिकता एक विचार है। इसके लिए लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारा यह बजट आधुनिक, खुशहाल और मुस्कुराते राजस्थान के निर्माण का संकल्प है। नये राजस्थान को नये भारत से जोड़ने का प्रयास श्रीमती राजे ने कहा कि पिछले तीन वर्ष में प्रदेश मेंं सर्व-समावेशी विकास के लिए हमारी सरकार ने जो कदम उठाये हैं वे नये राजस्थान को नये भारत के साथ जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार संविधान की प्रस्तावना में शामिल न्याय, समानता, स्वतन्त्रता और बन्धुत्व के मूलभूत सिद्धान्तों के अनुरूप काम करते हुए प्रदेश के विकास के लिए पूरी निष्ठा के साथ काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अलावा न्याय आपके द्वार अभियान, पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जनकल्याण पंचायत शिविर, शहरी क्षेत्र के लिए मुख्यमंत्री शहरी जनकल्याण शिविर एवं पूरे प्रदेश में निःशक्तजनों के लिए शिविर आयोजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने जैतारण में राजकीय महाविद्यालय को स्नातकोत्तर महाविद्यालय में क्रमोन्नत करने की घोषणा भी की। श्रीमती राजे ने इन पंक्तियों के साथ अपने भाषण को विराम दिया- आओ एक नई सोच के साथ, हम आगे कदम बढ़ाएं, हौंसलों से अपने सपनों की ऊंचाइयां, छू कर दिखाएं, आज आप और हम मिलकर, एक संकल्प लें ऎसा, कि राजस्थान को तरक्की के शिखर पर पहुंचाएं।