अहमदाबाद में अब आपको मुस्लिम महिलाएं करती नजर आएंगी सूर्य नमस्कार -
अहमदाबाद, जेएनएन। सूर्य नमस्कार पर मुस्लिम संगठनों के ऐतराज को दरकिनार कर अहमदबाद में मुस्लिम महिलाएं अपने आपको फिट रखने के लिए योग सीखने जा रही है। एक गैर-सरकारी संस्था की तरफ से योग कक्षा की शुरूआत होने जा रही है जिसमें पूरे शहर की करीब 32 मुस्लिम महिलाओं ने अपना दाखिला कराया है।
ऐसा माना जा रहा है कि यह कक्षा अगले हफ्ते से खानपुर के एक निजी परिसर में शुरू हो जाएगी। इसमें ख़ास बात यह है कि कांग्रेस की खानपुर से निगम पार्षद अज़रा कादरी भी यहां पर दाखिला लेनेवाली महिलाओं में शामिल हैं।
कादरी ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति से जुड़ा हुआ है और इसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। जबकि, गैर सरकारी संस्था की फरहत जहान सैयद ने कहा योग मुस्लिम महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति और जागरुक करेगा। उन्होंने कहा, मैं सूर्य नमस्कार करने में कुछ बुरा नहीं मानती हूं क्योंकि यह कोई प्रार्थना नहीं है बल्कि यह 12 आसन का संयुक्त रूप है।
यह भी पढ़ें: मुस्लिम धर्मगुरु ने योगी आदित्यनाथ के 'सूर्य नमस्कार' वाले बयान का किया समर्थन
उन्होंने कहा, “सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम चाहते हैं कि मुस्लिम महिलाएं सामाजिक बंधन को तोड़कर आगे आएं।। योग एक विज्ञान है जिसका धर्म से किसी तरह का कोई भी लेना देना नहीं है।” पिछले साल उस वक्त विवाद पैदा हो गया था जब कुछ मुस्लिम धर्मगुरूओं ने योग पर अपनी आपत्ति जाहिर की। खासकर, सूर्य नमस्कार को लेकर और उसे इस्लाम के खिलाफ करार दिया। सैयद ने कहा कि कक्षाएं तसनीम खंचवाला लेंगी। उन्होंने कहा कि तसनीम योग क्लास चलाती हैं जिसमें 35 महिलाएं है जिनमें ज्यादातर मुस्लिम हैं।
अहमदाबाद, जेएनएन। सूर्य नमस्कार पर मुस्लिम संगठनों के ऐतराज को दरकिनार कर अहमदबाद में मुस्लिम महिलाएं अपने आपको फिट रखने के लिए योग सीखने जा रही है। एक गैर-सरकारी संस्था की तरफ से योग कक्षा की शुरूआत होने जा रही है जिसमें पूरे शहर की करीब 32 मुस्लिम महिलाओं ने अपना दाखिला कराया है।
ऐसा माना जा रहा है कि यह कक्षा अगले हफ्ते से खानपुर के एक निजी परिसर में शुरू हो जाएगी। इसमें ख़ास बात यह है कि कांग्रेस की खानपुर से निगम पार्षद अज़रा कादरी भी यहां पर दाखिला लेनेवाली महिलाओं में शामिल हैं।
कादरी ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति से जुड़ा हुआ है और इसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। जबकि, गैर सरकारी संस्था की फरहत जहान सैयद ने कहा योग मुस्लिम महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति और जागरुक करेगा। उन्होंने कहा, मैं सूर्य नमस्कार करने में कुछ बुरा नहीं मानती हूं क्योंकि यह कोई प्रार्थना नहीं है बल्कि यह 12 आसन का संयुक्त रूप है।
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उन्होंने कहा, “सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम चाहते हैं कि मुस्लिम महिलाएं सामाजिक बंधन को तोड़कर आगे आएं।। योग एक विज्ञान है जिसका धर्म से किसी तरह का कोई भी लेना देना नहीं है।” पिछले साल उस वक्त विवाद पैदा हो गया था जब कुछ मुस्लिम धर्मगुरूओं ने योग पर अपनी आपत्ति जाहिर की। खासकर, सूर्य नमस्कार को लेकर और उसे इस्लाम के खिलाफ करार दिया। सैयद ने कहा कि कक्षाएं तसनीम खंचवाला लेंगी। उन्होंने कहा कि तसनीम योग क्लास चलाती हैं जिसमें 35 महिलाएं है जिनमें ज्यादातर मुस्लिम हैं।
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