सोमवार, 27 मार्च 2017

हनुमानगढ़. छह वर्षीय बालिका से दुराचार के दोषी को उम्रकैद



हनुमानगढ़. छह वर्षीय बालिका से दुराचार के दोषी को उम्रकैद
छह वर्षीय बालिका से दुराचार के दोषी को उम्रकैद

एससी/एसटी अत्याचार निवारण कोर्ट ने शनिवार को छह वर्षीय बालिका से दुराचार मामले में एक जने को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही उस पर दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया, जो अदा नहीं करने पर उसे अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। राज्य सरकार की ओर से मामले की पैरवी लोक अभियोजक ओमप्रकाश यादव ने की।

प्रकरण के अनुसार नोहर तहसील के एक गांव निवासी ने 22 फरवरी 2015 को स्थानीय थाने में मामला दर्ज कराया कि उसकी छह वर्षीय पुत्री शाम को गली में खेल रही थी। उसे मांगीलाल (22) पुत्र चंद्रप्रकाश जाट निवासी भूकरका बहला-फुसलाकर कर उठा ले गया।

सुनसान जगह में उससे दुराचार किया तथा वहीं छोड़ गया। बालिका ने घर पहुंचकर वारदात की जानकारी दी। पुलिस ने युवक को गिरफ्तार मामले की जांच पूर्ण कर चालान पेश किया। कोर्ट ने आरोपित को विभिन्न धाराओं में दोषी मानते हुए सजा सुनाई

पुष्कर।पढ़ाने के बहाने बुलाया होटल, पुष्कर में छात्र के साथ हुई ये गंदी करतूत



पुष्कर।पढ़ाने के बहाने बुलाया होटल, पुष्कर में छात्र के साथ हुई ये गंदी करतूतपढ़ाने के बहाने  बुलाया होटल, पुष्कर में छात्र के साथ हुई ये गंदी करतूत


एक नाबालिग छात्र को पढ़ाई कराने के बहाने होटल में बुलाकर दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। पुलिस के अनुसार नागौर जिले के डेगाना के पास राड़ो का बास के पास आंतरिलया खुर्द गांव निवासी प्रहलाद राम की थांवला के एक छात्र से बस में मुलाकात हो गई।

इसके बाद प्रहलाद ने छात्र को पुष्कर की एक होटल में पढ़ाने के बहाने बुलाया तथा दुष्कर्म कर डाला। घटना को लेकर नाबालिग छात्र के परिजनों ने पहले उसके मामा पर आरोप लगाया लेकिन जांच के दौरान पता चला कि प्रहलाद ने यह घटनाकारित की है।

इससे पूर्व आरोपित प्रहलाद ने छात्र को अपना नाम मदन दीवान कुमावत बताकर पहचान छुपाने का प्रयास किया था।

उदयपुर इस मसाज पार्लर ने लगाया उदयपुर पर कलंक, किया ऐसा कार्य कि विदेशी युवती पहुची थाने



उदयपुर इस मसाज पार्लर ने लगाया उदयपुर पर कलंक, किया ऐसा कार्य कि विदेशी युवती पहुची थाने



उदयपुर में सोमवार को आस्ट्रिया की युवती के साथ छेड़छाड़ का शर्मनाक मामला सामने आया। अतिथि देवो भव के संस्कार को लज्जित करते हुए उदयपुर एक बार फिर शर्मसार हुआ है।




जानकारी के अनुसार अम्बामाता थाना क्षेत्र में पिछोला झील किनारे हनुमान घाट पर भारती मसाज पार्लर संचालित है। इसी पार्लर पर आस्ट्रिया की बियांकी नाम की युवती एक्युपंक्टर करवाने गई थी।






विदेशी युवती की मसाज के दौरान संचालक राजेंद्र शर्मा ने उसके प्राइवेट पार्ट को छु लिया। जिस पर विदेशी युवती ने इसका विरोध किया।




गुस्साई विदेशी युवती ने अम्बामाता थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई जिस पर पुलिस ने कार्यवाही करते हुए आरोपी राजेंद्र शर्मा को पकड़ लिया।




थानाधिकारी चंद्र पुरोहित ने बताया की मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को तुरंत प्रभाव से पकड़ कर जाँच शुरू कर दी है।

नई दिल्ली।सरकारी योजनाओं के लिए आधार कार्ड नहीं हो सकता अनिवार्य: सुप्रीम कोर्ट



नई दिल्ली।सरकारी योजनाओं के लिए आधार कार्ड नहीं हो सकता अनिवार्य: सुप्रीम कोर्ट


सुप्रीम कोर्ट ने ज्यादातर कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए आधार कार्ड जरूरी करने के सरकार के फैसले को गलत करार दिया है। मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अगुवाई वाली खंडपीठ ने सरकार के आधार कार्ड को अनिवार्य करने के खिलाफ दायर याचिका पर यह आदेश दिया।




शीर्ष न्यायालय ने कहा कि सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए आधार कार्ड को आवश्यक नहीं बना सकती है। पीठ ने यह स्पष्ट किया कि बैंक खाते खोलने जैसी सरकार की अन्य योजनाओं में आधार का उपयोग करने से नहीं रोका जा सकता। कोर्ट ने कहा सरकार की आधार को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के लिए सात न्यायाधीशों की एक पीठ का गठन किया जाना है लेकिन फिलहाल ऐसा संभव नहीं है।




मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सामाजिक कल्याण की योजनाओं के लिए आधार को अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता, गैर-लाभकारी योजनाओं के लिए आधार कार्ड इस्तेमाल किया जा सकता है। इस संबंध में न्यायालय का पहले दिया गया आदेश पूरी तरह साफ और स्पष्टता आयकर समेत अन्य गैर लाभकारी योजनाओं में आधार को जरूरी बनाने से सरकार को रोका नहीं जा सकता है।




गौरतलब है कि सरकार ने कई योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने का फैसला किया था। पिछले दिनों वित्त विधेयक चर्चा पर जवाब देते हुए अरूण जेटली ने कहा था कि देश में 108 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड है।




सरकार ने आधार को जिन सामाजिक लाभकारी योजनाओं के आधार को अनिवार्य बनाया था उसमें रसोई गैस की सब्सिडी, खाद्य पदार्थो की सब्सिडी, पिछड़े वर्ग और विकलांगों को मिलने वाली छात्रवृत्ति आदि शामिल है।

इस्लामाबाद।पाकिस्तानी पिता ने दिखाया बड़ा दिल, बेटे की बेरहमी से हत्या करने वाले 10 भारतीयों की सजा की माफ



इस्लामाबाद।पाकिस्तानी पिता ने दिखाया बड़ा दिल, बेटे की बेरहमी से हत्या करने वाले 10 भारतीयों की सजा की माफ
पाकिस्तानी पिता ने दिखाया बड़ा दिल, बेटे की बेरहमी से हत्या करने वाले 10 भारतीयों की सजा की माफ

दुबई में साल 2015 में एक पाकिस्तानी शख्स के हत्या के मामले में दोषी 10 भारतीयों की सजा माफ हो जाएगी। मरने वाले शखस के परिवार वालों ने 2 लाख दिरहम के एवज में सभी 10 दोषियों को माफ करने के लिए राजी हो गया है। इन सभी को मृतक के पिता ने माफ कर दिया है।







एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गल्फ न्यूज को बताया कि मारे गए शख्स मोहम्मद फरहान के पिता मोहम्मद रियाज ने बीते 22 मार्च को अल अइन अपील अदालत में हाजिर हो कर दोषी भारतीय की सजा माफी के लिए एक सहमति पत्र दे दिया है।







जिसके बाद रियाज ने कहा कि शायद मेरा बेटा किस्मत का मारा था। मैंने अपना बेटा खो दिया है। साथ ही इस नए युग के युवकों से अपील करता हूं कि वो इस तरह के किसी भी लड़ाईयों का हिस्सा नहीं बने। इन सभी 10 भारतीयों को मैंने माफ कर दिया है। गौरतलब है कि इस मामले में अगली सुनवाई आगामी 12 अप्रैल को होनी है।







गौरतलब है कि साल 2015 के दिसंबर महीने में अल अइन में शराब की अवैध बिक्री के कारण कथित रुप से मोहम्मद फरहान की हत्या हुई थी। जिसके बाद अब ब्लडमनी जमा करा देने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि सभी आरोपियों की सजा अदालत माफ कर देगी।







फरहान के हत्या के मामले में कोर्ट ने 9 भारतीयों को मौत की सजा सुनाई थी। साथ ही एक अन्य पर इस मामले में कोर्ट ने 2 लाख रुपए जुर्माना लगाया था। इस केस में शामिल सभी दोषी मूल रुप से पंजाब के रहने वाले हैं। तो वहीं बताया जा रहा है कि सभी गरीब परिवार से हैं, जो दुबई में प्लंबर और इलेक्ट्रीशियन के काम में लगे हुए थे।







इस मामले में दोषियों की ओर से ब्लडमनी जमा कराने वाले एक चैरिटबल ट्रस्ट के अध्यक्ष एसपीएस ओबराय ने कहा कि पाक परिवार से सजा माफ करवाना काफी कठिन काम था। गौरतलब है कि दुबई के कानून के मुताबिक, दोषियों को सुनाई गई मौत की सजा के खिलाफ पीड़ित परिवार से अपील करने का प्रवधान है।