रविवार, 19 मार्च 2017

बंगलौर के डॉक्टर ने गोरे होने के ऐसा तरीका खोज निकाला है की अमेरिकन कंपनियां इस तड़के को बंद करना चाहती है!



बंगलौर के डॉक्टर ने गोरे होने के ऐसा तरीका खोज निकाला है की अमेरिकन कंपनियां इस तड़के को बंद करना चाहती है!


डॉक्टर अंकुर शर्मा- एम बी बी एस, एम डी (स्किन)

नेशनल स्किन हॉस्पिटल में निदेशक संस्थापक

हर साल त्वचा को गोरा बनाने वाली इंडस्ट्री अरबों रूपये कमाती है फिर भी कोई भी कभी गोरा नहीं होता। क्या ये थोड़ा अजीब नहीं है ? चाहे यह केमिकल से त्वचा को छीलने का दर्द भरा तरीका हो, नुकसानदायक सीरम हो, या फिर जोखिम भरे लेसर उपचार हो, इनमे से कोई भी कभी काम नहीं करता ! दुष्ट बहुद्देशीय कंपनियां इन नकली उत्पादों का प्रचार करती रहती हैं और अमीर होती रहती हैं, पर हमे कभी भी परिणाम नहीं मिलते ।

यह स्वार्थी कंपनियां आपको यह नहीं जानने देना चाहती कि भारत में पुरुषों और महिलाओं ने तुरंत ही गोरे होने का एक तरीका खोज लिया है । कोई चालबाजी नहीं, कोई दर्द नहीं, केवल परिणाम।

गोरी त्वचा के लाभ, आप पूछते हैं ? यह वैज्ञानिक तौर पर साबित हो चुका है कि सुन्दर इंसान अपने विपरीत लिंग के इंसान को जल्दी आकर्षित करता है । उन्हें डेट्स भी जल्दी मिल जाती है ।

यह भी साबित हुआ है कि गोरे, अच्छे दिखने वाले लोगो को जॉब इंटरव्यू के लिए ज्यादा बुलाया जाता है और ज्यादातर उनका हे चयन होता है । वे एक जैसे जॉब में ही अधिक भरोसेमंद दिखते हैं और अधिक कमाते हैं ।

आप कल्पना कर सकते हैं कि यह छोटे-छोटे लाभ मिलकर ख़ुशी और जीवन की संतुष्टि में एक बड़ा अंतर लाते हैं । हर कोई अच्छा दिखना चाहता है, अच्छा लगना चाहता है , अच्छा होना चाहता है । क्या आप नहीं ? गोरी त्वचा पहला कदम है ।

रडयांस इंस्टेंट स्किन ब्राइटनेर एक तहलका मचा देने वाला गोरे होने का तरीका है जो कि बंगलौर के एक डॉक्टर ने आपकी त्वचा को तुरंत ही गोरा करने के लिए बनाया है । इससे बनाने में ७ साल लगे और यह दुनियाभर में अपने अविश्वश्नीय परिणाम के लिए जाना जाता है । रडयांस के साथ आपकी त्वचा तुरंत ही ५ शेड तक गोरी हो जाती है ! यह 100 % प्राकृतिक घटकों से बना है , और तुरंत ही उन जिद्दी गहरे धब्बों और काले घेरों को मिटा देता है । (1)(2)(3)

बाजार में आते ही रडयांस उन लोगो के लिए उलब्ध हो गाया है जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है, जैसे २८ वर्षीय सान्वी जोहर को ।

पिछले साल, सान्वी ने सोचा कि उसके काले होने के कारण उसकी शादी कभी भी नहीं होगी, अब उसकी सगाई अपने सपनो के राजकुमार से हो गई है ।


"यह सब रडयांस की महेरबानी है,” सान्वी ने हमे बताया । “पूरे जीवन भर में मैं बहुत काली थी और मैंने हर चीज का इस्तेमाल किया खुद को गोरा करने के लिए, कुछ भी काम नहीं किया । मैं बहुत ही निराश थी और मैंने उम्मीद छोड़ दी थी कि मुझे मेरे लायक कोई हमसफ़र मिलेगा, पर फिर मुझे रडयांस मिला और मुझे बहुत ही आश्चर्य हुआ कि कितनी जल्दी लड़को का नजरिया मेरे प्रति बदल गया ! मेरी माँ मजाक में कहने लगी कि मेरे पास पहने कोई विकल्प नहीं था अब बहुत से विकल्प हैं !”

" बिलकुल" उसने ये भी बताया " मेरे मंगेतर ने पहले मुलाक़ात में मुझसे यही कहा कि मैं कितनी गोरी और सुन्दर हूँ । उसने मुझे मेरे गाल चूमने के लिए भी पूछा क्योंकि उसे मेरी त्वचा बहुत अच्छी लगी ।“

पर कौन सी विशेषता रडयांस को इतना प्रभाव बनाती है ?

पहला, इसमें क्रांतिकारी नैनो कण हैं जो कि प्रकाश को परावर्तित करते हैं और तुरंत ही एक बेहतरीन त्वचा देते हैं । फिर आप जैसे जैसे समय के साथ रडयांस का इस्तेमाल करते जाते हैं असली जादू चालू होता है । यह क्षतिग्रस्त त्वचा की मरम्मत करता है और आपको वह गोरी त्वचा देता है जिसका आप लंबे समय से सपना देख रहे थे । (1)(2)(3)

रडयांस उस तरह का नहीं है जो आपने या आपके डॉक्टर ने सोचा होगा कि ऐसा हो सकता है । यह विज्ञान का एक चमत्कार है जिसे खुद देख के ही भरोसा किया जा सकता है !

रडयांस की निर्माताओं में आत्म विशवास भरा हुआ है कि आप उनके उत्पाद को पसंद करेंगे इसलिए वे 60% छूटभी दे रहे हैं ताकि आप परिणाम को खुद डेक सकें । पर आपको जल्दी करना होगा, अब जबकि यह राज सामने आ गया है रडयांस बहुत अधिक समय के लिए उपलब्ध नहीं रहेगा । घोषणा के रूप में, सिर्फ 300 बोतल ही बची हैं ! भारत भर में त्वचा विशेषज्ञ अपने मरीजों को इसका सुझाव दे रहे हैं और वे जितनी बोतल खरीद सकते हैं खरीद रहे हैं इससे पहले कि यह खत्म हो जाए । बिना जोखिम वाले रडयांस को आज एक बार उपयोग करके देखें और खुद परिणाम देखिये । यह सच में काम करता है ! यहाँ क्लिक करें और देखे कि क्या अभी भी कोई बोतल बची है ।

कृष्‍ण की नगरी वृंदावन में बनने जा रहा है दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर

कृष्‍ण की नगरी वृंदावन में बनने जा रहा है दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर

चंद्रोदय मंदिर की गहराई बुर्ज खलीफा से भी अधि‍क है
कृष्‍ण की पावन नगरी मथुरा-वृंदावन दुनिया के हर कोने में मशहूर है और देश-विदेश से लाखों पर्यटक यहां घूमने आते हैं. कृष्‍ण की नगरी में वृंदावन में बनने जा रहा दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर और इसी के साथ यह दुनिया की सबसे ऊंची इमारत भी होगी. वृंदावन में बनने जा रहे इस मंदिर का नाम चंद्रोदय है, जोकि दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा और मुकेश अंबानी के एंटीलिया से भी ऊंचा बनाया जा रहा है.




बताया जा रहा है कि इस्कॉन संस्था द्वारा वृंदावन में बनाया जाने वाले इस 70 मंजिला चंद्रोदय मंदिर की ऊंचाई 210 मीटर होगी और य‍ह एक पिरामिड के आकार में बनाया जाएगा. इसे बनाने की तैयारियां 2006 से की जा रही थीं.




मंदिर की मजबूती का रखा जाएगा ध्‍यान

इस मंदिर की खास बात यह है कि इसकी केवल ऊंचाई ही नहीं बल्कि गहराई भी अधि‍क होगी, ताकि नींव भी उतनी ही मजबूत रहे. यह इमारत लगभग 55 मीटर गहरी होगी और इसका आधार 12 मीटर तक ऊंचा होगा, जबकि दुबई स्थि‍त दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा की गहराई मात्र 50 मीटर है. अत: चंद्रोदय मंदिर की गहराई बुर्ज खलीफा से भी 5 मीटर अधि‍क है.




भूकंपरोधी तकनी‍क का होगा इस्‍तेमाल

प्राकृतिक आपदा के लिहाज से भी इसे काफी मजबूत बनाया जा रहा है और 8 रिक्टर स्केल से अधिक तीव्रता का भूकंप भी इसे क्षति नहीं पहुंचा सकेगा. इसके अलावा इसमें प्रयोग किए जाने वाले कांच और अन्य सामान भी भूकंप रोधी होंगे. कुल 511 पिलर वाला यह मंदिर 9 लाख टन भार सहने की क्षमता वाला होगा और 170 किलोमीटर की तीव्रता के तूफान को भी झेलने में सक्षम होगा.









लिफ्ट की ये बात है खास

70 मंजिला इस इमारत के प्रारंभिक 3 तलों पर चैतन्य महाप्रभु और राधा, कृष्ण बलराम के मंदिर के अलावा अन्य तलों पर आगंतुकों के लिए गैलरी, टेलिस्कोप सुविधा और अन्य सुविधाएं होंगी जो आसपास के धर्मिक स्थलों से जुड़ने के लिए सहायक होंगी. इसमें लगाई जाने वाली लिफ्ट की तीव्रता 8 मीटर प्रति 2 सेकंड होगी, साथ ही इमारत के टेढ़ा होने पर भी यह सीधी ही चलेगी.




4डी से होंगे देवलोक के दर्शन

परंपरागत द्रविड़ और नगर शैली में बनाया जा रहा यह मंदिर, 200 सालों में अब तक का सबसे मॉडर्न मंदिर होगा, जिसमें 4डी तकनीक द्वारा देवलोक और देवलीलाओं के दर्शन भी किए जा सकेंगे. इतना ही नहीं, इस मंदिर के आसपास प्राकृतिक वनों का वातावरण तैयार किया जाएगा और यमुना जी का प्रतिरूप तैयार कर नौका विहार जैसी सुविधाएं भी होंगी. इसके अलावा इसमें श्रीकृष्ण के जीवन लीलाओं को जानने के लिए लाइब्रेरी तथा अन्य माध्यम भी होंगे.




2022 में पूरा होगा निर्माण

10 एकड़ में अंडरग्राउंड पार्किंग के अलावा सड़क निर्माण और अन्य सुविधाओं को मिलाकर इसके निर्माण में कुल 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस मंदिर का निर्माण 2022 तक पूरा होगा और भारत में दुनिया की सबसे ऊंची इमारत, वृंदावन स्थित चंद्रोदय मंदिर के रूप जानी जाएगी.

2014 में यूपी के मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मंदिर का शिलान्‍यास किया था और इस मौके पर हेमा मालिनी ने नींव पूजन किया था.

पाली अनोखे चमत्‍कार के लिए प्रसिद्ध है शीतला माता का मंदिर

अनोखे चमत्‍कार के लिए प्रसिद्ध है शीतला माता का मंदिर
शीतला माता मंदिर

भारतीय भूमि को चमत्‍कार और इतिहास की धरती माना जाता है. यहां पर भक्‍त और भगवान के बीच आस्‍था और विश्‍वास का अनूठा बंधन देखने को मिलता है. ऐसा ही एक चमत्‍कारी मंदिर राजस्थान के पाली जिले में है जहां पर हर साल, सैकड़ों साल पुराना इतिहास दोहराया जाता है. यहां पर शीतला माता के मंदिर में आधा फीट गहरा और इतना ही चौड़ा घड़ा स्थित है जिसे साल में दो बार श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है.




800 साल पुराना है इतिहास

इस घड़े का राज और चमत्‍कार सुन कर तो वैज्ञानिक भी हैरान है. करीब 800 साल से लगातार साल में केवल दो बार ये घड़ा सामने लाया जाता है. माना जाता है कि इस घड़े में कितना भी पानी भरा जाए लेकिन यह कभी पूरा नहीं भरता. अब तक इसमें 50 लाख लीटर से ज्यादा पानी भरा जा चुका है. एक मान्यता है यह भी है कि इसका पानी राक्षस पीता है, जिसके चलते ये पानी से कभी नहीं भर पाता है.




साल में दो बार हटता है पत्थर

ग्रामीणों के अनुसार करीब 800 साल से गांव में यह परंपरा चल रही है. घड़े से पत्थर साल में दो बार हटाया जाता है. पहला शीतला सप्तमी पर और दूसरा ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा पर. दोनों मौकों पर गांव की महिलाएं इसमें कलश भर-भरकर हजारों लीटर पानी डालती हैं, लेकिन घड़ा नहीं भरता है. फिर अंत में पुजारी प्रचलित मान्यता के तहत माता के चरणों से लगाकर दूध का भोग चढ़ाता हैं तो घड़ा पूरा भर जाता है. दूध का भोग लगाकर इसे बंद कर दिया जाता है. इन दोनों दिन गांव में मेला भी लगता है.




विज्ञान भी है हैरान

दिलचस्प है कि इस घड़े को लेकर वैज्ञानिक स्तर पर कई शोध हो चुके हैं, मगर भरने वाला पानी कहां जाता है, यह कोई पता नहीं लगा पाया है. मान्यता के अनुसार राक्षस इस घड़े का पानी पीता है.




चमत्‍कारी घड़े की क्‍या है कहानी

ऐसी मान्यता है कि आज से आठ सौ साल पूर्व बाबरा नाम का राक्षस था. इस राक्षस के आतंक से ग्रामीण परेशान थे. यह राक्षस ब्राह्मणों के घर में जब भी किसी की शादी होती तो दूल्हे को मार देता. तब ब्राह्मणों ने शीतला माता की तपस्या की. इसके बाद शीतला माता गांव के एक ब्राह्मण के सपने में आई. मां ने कहा कि जब उसकी बेटी की शादी होगी तब वह राक्षस को मार देगीं.

शादी के समय शीतला माता एक छोटी कन्या के रूप में मौजूद थी. वहां माता ने अपने घुटनों से राक्षस को दबोचकर उसका प्राणांत किया. इस दौरान राक्षस ने शीतला माता से वरदान मांगा कि गर्मी में उसे प्यास ज्यादा लगती है, इसलिए साल में दो बार उसे पानी पिलाना होगा. शीतला माता ने उसे यह वरदान दे दिया, तभी से यह पंरापरा चली आ रही है.

शनिवार, 18 मार्च 2017

10 लाख भारतीय मुस्लिमों ने तीन तलाक के खिलाफ पिटीशन पर किए दस्तखत

10 लाख भारतीय मुस्लिमों ने तीन तलाक के खिलाफ पिटीशन पर किए दस्तखत


नई दिल्ली. तीन तलाक के खिलाफ मुस्लिम महिलाएं एकजुट हो रही हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) ने तीन तलाक के खिलाफ एक अभियान चलाया है। दावा है कि इस प्रैक्टिस को खत्म करने के लिए करीब 10 लाख मुस्लिमों ने पिटीशन पर दस्तखत किए हैं। इनमें ज्यादातर महिलाएं हैं। धर्म से जोड़कर न देखा जाए...

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- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, एमआरएम की ओर से जो पिटीशन साइन करवाई जा रही है, उसमें कहा जा रहा है कि इसको धर्म से जोड़कर ना देखा जाए, क्योंकि यह एक सोशल प्रॉब्लम है।

- बता दें कि कई महिलाएं सुप्रीम कोर्ट में भी पिटीशन लगाकर तीन तलाक को खत्म करने की मांग कर चुकी हैं।

- केंद्र सरकार भी सुप्रीम कोर्ट से कह चुकी है कि यह कॉन्स्टिट्यूशन में औरत और आदमी को मिले बराबरी के हक के खिलाफ है।

- हालांकि, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इस प्रैक्टिस का बचाव किया है। उसका कहना है कि किसी महिला की हत्या हो, इससे बेहतर है कि उसे तलाक दिया जाए।

- AIMPLB का कहना है, "धर्म में मिले हकों पर कानून की अदालत में सवाल नहीं उठाए जा सकते।"

मोदी ने भी किया था तीन तलाक का विरोध

- पिछले साल नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि वो तीन तलाक के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा था, "मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी को तीन तलाक से खत्म करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।"

- उन्होंने अपोजिशन पर इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने का आरोप भी लगाया था।

UP चुनाव में क्या हुआ

- बीजेपी ने ट्रिपल तलाक का मुद्दा उठाया। सपा, बसपा, कांग्रेस चुप रहे। यही चुप्पी मुस्लिम महिलाओं को बीजेपी के करीब ले गई। नतीजा यह रहा कि बीजेपी को 15% मुस्लिम महिलाओं ने वोट दिए। बीजेपी ने मुस्लिम बहुल 124 सीटों (20%+मुस्लिम) में से 99 सीट जीती।

- बता दें कि 20 करोड़ आबादी वाले उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों की तादाद 18.5% है।

चुनाव के दौरान मोदी के मंत्री ने यह कहा था

- यूनियन मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि UP चुनाव के बाद सरकार तीन तलाक पर बैन का फैसला ले सकती है।

- फरवरी में प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "सरकार उप्र चुनाव के बाद तीन तलाक पर पाबंदी लगाने का बड़ा कदम उठा सकती है।"

- "केंद्र सरकार इस सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए कमिटेड है। हम महिलाओं के लिए इंसाफ, बराबरी और गरिमा के 3 बिंदुओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी यह मामला उठाएंगे।"

- "इस मुद्दे का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन इससे महिलाओं की गरिमा और उनका सम्मान जरूर जुड़ा हुआ है।"

- "सरकार आस्था का सम्मान करती है, लेकिन इबादत और सामाजिक बुराई एक साथ नहीं रह सकती।"

SC ने कहा था बेहद गंभीर मामला

- 16 फरवरी को इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''इश्यू बेहद गंभीर है। इससे छोड़ा नहीं जा सकता। कानूनी तौर पर विचार करने के लिए बड़ी बेंच की जरूरत होगी।''

- बेंच ने कहा कि पार्टियां अगली सुनवाई तक अपने इश्यूज लिखित में अटॉर्नी जनरल के पास जमा करा दें, जो 15 पेज से ज्यादा ना हों।

- कोर्ट ने कहा कि इन मामलों पर 11 मई से संविधान के तहत 5 जजों की कॉन्स्टिट्यूशन बेंच सुनवाई करेगी।

- सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को तलाक और निकाह हलाला जैसे मुद्दों पर सुनवाई के लिए अपने सवाल सौंपे थे। इनमें से 4 सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी थी।

ये थे चार सवाल जिन पर SC ने मुहर लगाई

1.धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के तहत तीन तलाक, हलाला और बहु-विवाह की इजाजत संविधान के तहत दी जा सकती है या नहीं?

2. समानता का अधिकार, गरिमा के साथ जीने का अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार में प्राथमिकता किसे दी जाए?

3. पर्सनल लॉ को संविधान के आर्टिकल 13 के तहत कानून माना जाए या नहीं?

4.क्या तीन तलाक, निकाह हलाला और बहु-विवाह उन अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत सही है, जिस पर भारत ने भी साइन किए हैं?

शादी में डांस करते हुए पकड़ा चचेरी बहन का हाथ, दूल्हे ने दोनों को काट डाला

शादी में डांस करते हुए पकड़ा चचेरी बहन का हाथ, दूल्हे ने दोनों को काट डाला
two boys killed after dancing with sister in marriage

तरनतारन।पंजाब में शादी की पार्टी में नाचने के दौरान चचेरी बहन का हाथ पकड़ने पर दूल्हे ने अपने साथियों के साथ मिलकर दो युवकों का धारदार हथियार और लाठियों से कत्ल कर दिया। ये युवक दूल्हे की ही मौसी के लड़के थे। गांव में वहीं के रहने वाले मनप्रीत सिंह उर्फ बब्बू की शादी के बाद पार्टी चल रही थी। इसी दौरान डीजे पर पंजाबी गाना बज रहा था। रिश्तेदार भंगड़ा कर रहे थे। लोगों के खिलाफ कत्ल का केस दर्ज...

- बब्बू के चाचा की बेटी भी डांस कर रही थी। वहां पहुंचे बब्बू की मौसियों के बेटे बलविंदर सिंह और रणजोध सिंह भी भंगड़ा करने लगे।

- उन्होंने लड़की का हाथ पकड़ लिया। इससे गुस्साए बब्बू ने पार्टी के दौरान ही अपने साथी शरनदीप सिंह, गुरजंट सिंह, गुरप्रीत सिंह और शिंगारा सिंह के साथ मिलकर दोनों युवकों को लाठियों से पीटना शुरू कर दिया।

- इसके बाद धारदार हथियार भी मारे, जिससे दोनों की मौत हो गई। मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी इंस्पेक्टर कमलमीत सिंह ने बताया कि इन लोगों के खिलाफ कत्ल का केस दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। दोनों लाशें पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंप दी गई हैं।