बालोतरा टैंडर से पहले काम हो गया पूरा!
बालोतरा
राजस्थान के बाड़मेर ज़िले के बालोतरा उपखड में नगर परिषद द्वारा जारी निविदा 4 अगस्त को निकलित थी और 19 अगस्त को टेंडर डालना था और अगले ही दिन 20 अगस्त को टेंडर खुलना था लेकिन निविदा निकलते ही चेहते ठेकदार से काम भी शुरू करवा दिया और अगर शिकायतकर्ता ने शिकायत नही की होती तो टेंडर जारी होने से पहले काम भी पूरा हो जाता।
भ्रष्टाचारनिरोधक ब्यूरो की टीम ने मंगलवार को एक शिकायत पर जांच की जिसमें शहर के विकास कार्यों में अनियमिता सामने आई हैं। नगर परिषद ने जिन कार्यों के लिए निविदाएं आमंत्रित की थीं। वे काम मौके पर टैंडर होने से पहले ही होना पाया गया। जांच के दौरान टीम ने कार्यों की मौका स्थिति देखकर शिकायत का सत्यापन करने के बाद संबंधित मूल पत्रावलियाें को प्रमाणित प्रतिलिपियां लेने की कार्रवाई की। एसीबी की जांच के दौरान नगरपरिषद में पूरे दिन हड़कंप मचा रहा।
एसीबी के डीएसपी विजयसिंह ने बताया कि शिकायतकर्ता ओमप्रकाश प्रजापत ने बताया कि लिखित शिकायत देकर बताया कि नगरपरिषद द्वारा एक दैनिक समाचार पत्र में अल्पकालीन निविदा जारी कर अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों के कार्य के लिए टैंडर आमंत्रित किए। लेकिन नगरपरिषद अधिकारियों ने अपने चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से टैंडर की तिथि से पूर्व कार्य प्रारंभ करवा दिया। जो वर्तमान में चल रहे हैं। इस पर मंगलवार को बाड़मेर एसीबी की टीम जांच के लिए नगर परिषद पहुंची।
यहथी शिकायत
शिकायतथी कि नगर परिषद ने शहर में अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत करवाने के लिए 4 अगस्त को एक समाचार पत्र में अल्पकालीन निविदा में जारी की। जिसमें 19 अगस्त को निविदा प्रपत्र विक्रय किए जाकर 20 अगस्त को दोपहर 3 बजे तक प्राप्त कर उसी दिन 3 बजे उपस्थित संवेदकों के सामने खोले जाने थे। इनमें करीब एक करोड़ 20 लाख रुपए के 12 काम थे। लेकिन निविदा के क्र.सं. 3 अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त सड़क मरम्मत कार्य जोधपुर रोड प्रथम फाटक से महादेव गैस सर्विस तक दोनों और तथा 7 नंबर का सांचोर रोड प्रथम फाटक से महावीर उद्यान तक सड़क मरम्मत का काम टैंडर होने से पहले करवाए जा रहे हैं।
टैंडर20 को होने थे और 70 फीसदी काम पूर्ण
टीमने जांच के दौरान शहर में दो स्थानों पर चल रहे सड़क मरम्मत के कार्यों की मौका स्थिति देखी और उनका भौतिक सत्यापन भी करवाया। इसके बाद कार्यों से संबंधित मूल पत्रावलियां की प्रमाणित प्रतिलिपियां अग्रिम कार्रवाई के लिए ली। एसीबी ने जांच के दौरान मौके पर सड़क मरम्मत का काम होता पाया गया।
मौखिकअनुमति से ही ठेकेदार ने शुरू किए काम
टीमने जांच में पाया कि सड़क मरम्मत के काम नगर परिषद के आयुक्त सभापति की मौखिक अनुमति पर हो रहे थे। दोनों काम हनुमानदास बोहरा फर्म के कांट्रेक्टर से करवाए जा रहे थे।
संदेहके घेरे में अधिकारी
अधिकारियोंकी सांठ-गांठ के बिना टैंडर होेने से पूर्व काम होना मुमकिन नहीं है। हालांकि प्रारंभिक जांच में किसी भी मिलीभगत सामने नहीं आई है, लेकिन नगरपरिषद के जिम्मेदार अधिकारी संदेह के घेरे में हैं। जांच में एक बात हो स्पष्ट हो गई है कि चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए नगर परिषद को लाखों रुपए चूना लगाया जा रहा था।
एसीबीजांच के बाद भी होंगे 'एडजेस्टमेंट'का संदेह
एसीबीकी जांच के बाद अब नगरपरिषद अधिकारी 'एडजेस्टमेंट' की गोटी खेलेंगे। पहले भले ही प्लानिंग हो कि टैंडर उसी ठेकेदार को दे देंगे, जो काम कर रहा है, मगर अब जब यह मामला जांच में फंस गया तो भी ठेकेदार को तो भुगतान येन केन प्रकारेण करवा ही दिया जाएगा। जानकार सूत्र बताते हैं कि नगर परिषद बालोतरा में इस तरह का खेल लंबे समय से चल रहा है। इस बार भले ही एसीबी में शिकायत हुई और जांच हुई, फिर भी ठेकेदार को एडजेस्टमेंट से भुगतान करवा दिया जाएगा। जानकारों के अनुसार इन कामों का ठेका भले ही अब दूसरे ठेकेदार के नाम से हो जाए, अब जो ठेकेदार काम कर रहे हैं, उनको अन्य वार्डों में काम से भुगतान करवा दिया जाएगा।
शिकायतपर की जांच
नगरपरिषद में सड़काें की मरम्मत के काम टैंडर होने से पूर्व होने की शिकायत आई थी जिस पर जांच की गई। जांच में शिकायत सत्यापित करन पर काम मौके पर होने पाए गए। टीम ने कार्यों से संबंधित मूल पत्रावलियाें की प्रमाणित प्रतिलिपियां लेकर अग्रिम कार्रवाई के लिए रिपोर्ट तैयार की है। विजयसिंह,डीएसपी, एसीबी बाड़मेर।
बालोतरा
राजस्थान के बाड़मेर ज़िले के बालोतरा उपखड में नगर परिषद द्वारा जारी निविदा 4 अगस्त को निकलित थी और 19 अगस्त को टेंडर डालना था और अगले ही दिन 20 अगस्त को टेंडर खुलना था लेकिन निविदा निकलते ही चेहते ठेकदार से काम भी शुरू करवा दिया और अगर शिकायतकर्ता ने शिकायत नही की होती तो टेंडर जारी होने से पहले काम भी पूरा हो जाता।
भ्रष्टाचारनिरोधक ब्यूरो की टीम ने मंगलवार को एक शिकायत पर जांच की जिसमें शहर के विकास कार्यों में अनियमिता सामने आई हैं। नगर परिषद ने जिन कार्यों के लिए निविदाएं आमंत्रित की थीं। वे काम मौके पर टैंडर होने से पहले ही होना पाया गया। जांच के दौरान टीम ने कार्यों की मौका स्थिति देखकर शिकायत का सत्यापन करने के बाद संबंधित मूल पत्रावलियाें को प्रमाणित प्रतिलिपियां लेने की कार्रवाई की। एसीबी की जांच के दौरान नगरपरिषद में पूरे दिन हड़कंप मचा रहा।
एसीबी के डीएसपी विजयसिंह ने बताया कि शिकायतकर्ता ओमप्रकाश प्रजापत ने बताया कि लिखित शिकायत देकर बताया कि नगरपरिषद द्वारा एक दैनिक समाचार पत्र में अल्पकालीन निविदा जारी कर अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों के कार्य के लिए टैंडर आमंत्रित किए। लेकिन नगरपरिषद अधिकारियों ने अपने चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से टैंडर की तिथि से पूर्व कार्य प्रारंभ करवा दिया। जो वर्तमान में चल रहे हैं। इस पर मंगलवार को बाड़मेर एसीबी की टीम जांच के लिए नगर परिषद पहुंची।
यहथी शिकायत
शिकायतथी कि नगर परिषद ने शहर में अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत करवाने के लिए 4 अगस्त को एक समाचार पत्र में अल्पकालीन निविदा में जारी की। जिसमें 19 अगस्त को निविदा प्रपत्र विक्रय किए जाकर 20 अगस्त को दोपहर 3 बजे तक प्राप्त कर उसी दिन 3 बजे उपस्थित संवेदकों के सामने खोले जाने थे। इनमें करीब एक करोड़ 20 लाख रुपए के 12 काम थे। लेकिन निविदा के क्र.सं. 3 अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त सड़क मरम्मत कार्य जोधपुर रोड प्रथम फाटक से महादेव गैस सर्विस तक दोनों और तथा 7 नंबर का सांचोर रोड प्रथम फाटक से महावीर उद्यान तक सड़क मरम्मत का काम टैंडर होने से पहले करवाए जा रहे हैं।
टैंडर20 को होने थे और 70 फीसदी काम पूर्ण
टीमने जांच के दौरान शहर में दो स्थानों पर चल रहे सड़क मरम्मत के कार्यों की मौका स्थिति देखी और उनका भौतिक सत्यापन भी करवाया। इसके बाद कार्यों से संबंधित मूल पत्रावलियां की प्रमाणित प्रतिलिपियां अग्रिम कार्रवाई के लिए ली। एसीबी ने जांच के दौरान मौके पर सड़क मरम्मत का काम होता पाया गया।
मौखिकअनुमति से ही ठेकेदार ने शुरू किए काम
टीमने जांच में पाया कि सड़क मरम्मत के काम नगर परिषद के आयुक्त सभापति की मौखिक अनुमति पर हो रहे थे। दोनों काम हनुमानदास बोहरा फर्म के कांट्रेक्टर से करवाए जा रहे थे।
संदेहके घेरे में अधिकारी
अधिकारियोंकी सांठ-गांठ के बिना टैंडर होेने से पूर्व काम होना मुमकिन नहीं है। हालांकि प्रारंभिक जांच में किसी भी मिलीभगत सामने नहीं आई है, लेकिन नगरपरिषद के जिम्मेदार अधिकारी संदेह के घेरे में हैं। जांच में एक बात हो स्पष्ट हो गई है कि चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए नगर परिषद को लाखों रुपए चूना लगाया जा रहा था।
एसीबीजांच के बाद भी होंगे 'एडजेस्टमेंट'का संदेह
एसीबीकी जांच के बाद अब नगरपरिषद अधिकारी 'एडजेस्टमेंट' की गोटी खेलेंगे। पहले भले ही प्लानिंग हो कि टैंडर उसी ठेकेदार को दे देंगे, जो काम कर रहा है, मगर अब जब यह मामला जांच में फंस गया तो भी ठेकेदार को तो भुगतान येन केन प्रकारेण करवा ही दिया जाएगा। जानकार सूत्र बताते हैं कि नगर परिषद बालोतरा में इस तरह का खेल लंबे समय से चल रहा है। इस बार भले ही एसीबी में शिकायत हुई और जांच हुई, फिर भी ठेकेदार को एडजेस्टमेंट से भुगतान करवा दिया जाएगा। जानकारों के अनुसार इन कामों का ठेका भले ही अब दूसरे ठेकेदार के नाम से हो जाए, अब जो ठेकेदार काम कर रहे हैं, उनको अन्य वार्डों में काम से भुगतान करवा दिया जाएगा।
शिकायतपर की जांच
नगरपरिषद में सड़काें की मरम्मत के काम टैंडर होने से पूर्व होने की शिकायत आई थी जिस पर जांच की गई। जांच में शिकायत सत्यापित करन पर काम मौके पर होने पाए गए। टीम ने कार्यों से संबंधित मूल पत्रावलियाें की प्रमाणित प्रतिलिपियां लेकर अग्रिम कार्रवाई के लिए रिपोर्ट तैयार की है। विजयसिंह,डीएसपी, एसीबी बाड़मेर।