संथारा प्रथा से जुड़े मामले पर सीजे सुनील अम्बवानी की खण्डपीठ ने अहम फैसला सुनाया है। अदालत ने इस मामले में निखिल सोनी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुरक्षित रखे अपने फैसले में संस्थारा प्रथा पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं।
अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि संथारा लेना आत्महत्या के सामान है लिहाज़ा ऐसा करने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ होनी चाहिए।
दरअसल, हाईकोर्ट ने इस मामले पर विभिन्न पक्षों को सुनने के बाद 23 अप्रेल को सुनवाई पूरी कर ली थी और अपना निर्णय सुरक्षित रखा था।
जनहित याचिका की ये थी दलील
निखिल सोनी की ओर से दायर हुई जनहित याचिका में कहा गया था जिस तरह सती प्रथा आत्महत्या है, उसी प्रकार से संथारा प्रथा भी आत्महत्या का ही एक प्रकार है।
याचिका में संथारा प्रथा की रोक लगाने के लिए गुहार लगाईं गई थी। वहीं पक्षकारों की ओर से हाईकोर्ट में कहा गया था कि जैन धर्म में संथारा प्रथा महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
संथारा प्रथा को आत्महत्या या इच्छा मृत्यु की संज्ञा देना सही नहीं है। संथारा प्रथा आत्मा को पवित्र करने के लिए अंतिम तपस्या है।
देश के कई हिस्सों में सोमवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्कैल पर 6.2 आंकी गई है। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदुकुश क्षेत्र में बताया जा रहा है।
भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.2 आंकी गई
उत्तर भारत के कई हिस्सों में सोमवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.2 आंकी गई है। फिलहाल भूकंप से जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोग डर की वजह से घर और ऑफिसों से बाहर निकल आए।
भूकंप से प्रभावित क्षेत्र
जिन क्षेत्रों में भूकंप आया है उनमें- दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश समेत अन्य जगह शामिल है। भूकंप का केंद्र हिंदुकुश बताया जा रहा है।
भूकंप का सेंटर जमीन से 210 किलोमीटर नीचे
पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बॉर्डर हिंदुकुश पर भूकंप का केंद्र बताया जा रहा है। जमीन से 210 किलोमीटर नीचे भूकंप का केंद्र था। भारत में यह झटके लगातार कई बार महसूस किए गए हैं।
पाकिस्तान में भी भूकंप के झटके
भारत के साथ ही पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। पाकिस्तान में पेशावर, एबटाबाद, इस्लामाबाद और मुजफ्फराबाद में भूकंप के झटके महसूस हुए।
मुंबई। बॉलीवुड के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने वाली फिल्म 'शोले' ने चालीस साल पूरे कर लिए हैं। 1975 में आई फिल्म ने क्लासिक फिल्मों में अपना स्थान बनाया है। 13 अगस्त को यह फिल्म 40 साल पूरे कर रही हैं। फिल्म का निर्देशन रमेश सिप्पी ने किया था। फिल्म में अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, जया भादुड़ी, संजीव कुमार और अमजद खान ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थी।
फिल्म बॉलीवुड में ब्लॉकबस्टर फिल्म रही थी। हालांकि रिलीज होने के तुरंत बाद तो इसे पसंद नहीं किया गया था। इस मौके पर पेश है कुछ संवाद जिन्होंने फिल्म को यादगार बना दिया।
यादगार डायलॉग
बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना
चल धन्नो, आज तेरी बसंती की इज्जत का सवाल है
अरे ओ सांभा, कितने आदमी थे
अब तेरा क्या होगा कालिया?
बहुत याराना लगता है...
-
सांसद देवजी पटेल ने संसद में उठाया बाढ़ प्रभावित लोगों को आर्थिक सहयोग हेतु विषेष पैकेज का मुद्दासांसद देवजी पटेल सोमवार को लोकसभा के मानसून सत्र में उपस्थित हुए और सत्र के शुन्यकाल के दौरान जालोर-सिरोही संसदीय क्षेत्र में अतिवृष्टि से आई बाढ़ से लोगों को हुए नुकसान के लिए केन्द्र सरकार से विशेष पैकेज उपलब्ध करवाने का मुद्दा उठाया।सांसद पटेल ने बताया कि पिछले दिनों क्षेत्र में लगातार बारिश (अतिवृष्टि) के कारण नदी, नालांे, बांधों में जल स्तर बढ़ने एवं तेज बहाव से क्षेत्र में अत्यन्त नुकसान हुआ। लोगों के कच्चे-पक्के आवास (मकान) पानी के साथ बह गये, कई परिवार बेघर हो गये। उन बेघर लोगों को रहने के लिए पुनः आवास निर्माण हेतु विशेष सहयोग दिया जायें। अधिक बारिश के कारण क्षेत्र में निर्मित छोटे-मोटे बांध टूट जाने से अचानक ढ़ाणियों-घरों में पानी आ जाने से लोग अपने जान बचाने हेतु अपने पालतु एवं दुधारू पशुओं को छोड़कर बाल-बच्चों के साथ सुरक्षित जगह जाना पड़ा। कई पशु पानी के तेज बहाव से पानी के साथ बह गये। कई गौशालाओं में भी बड़ी संख्या में गायों की मौत हुई हैं। अतः पशुपालकों को सरकार की ओर से राहत दी जायें। क्षेत्र में कई स्थानों पर पानी भर जाने एवं बैमोसमी बिमारियों से लोग बिमार हैं। अतः केन्द्र की ओर से चिकित्सा विभाग से डाॅक्टरों की अतिरिक्त टीम गठीत कर लोगों ईलाज एवं किटनाशक दवाईयों का सिड़काव करवाया जायें। ताकि लोग बैमोसमी बिमारियों से बच सकें। सांसद पटेल ने कहा कि क्षेत्र में बांध टूट जाने से नदी-नालों में तेज बहाव के कारण किसानों की खातेदारी भूमि में कटाव हो जाने से लोगों द्वारा बोई गई बर्षाती फसल नष्ट हो गई एवं भूमि कृषि योग्य नहीं रही। अतः किसानों के भूमि समतलीकरण हेतु मनरेगा योजना से सभी वर्गों को सम्मिलित कर प्रत्येक व्यक्ति को 100 के स्थान पर 200 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाया जायें।सांसद पटेल ने सत्र के दौरान बताया कि क्षेत्र में पिछले वर्ष कम व समय पर बारिश न होने तथा सर्दी ऋतु में बैमोसमी बर्षात एवं ओलावृष्टि से किसानों की फसलें सौपट हो गई थी। किसानों द्वारा बैंको एवं साहूकारों से लिया गया ऋण चुकता करने में असमर्थ हैं। अतः किसानों द्वारा बैंकों से लिये गये ऋण में ब्याज माफी की जायें।सांसद पटेल ने बताया कि क्षेत्र में पानी के तेज बहाव से जहज-जगह रेलवे पट्टरियां डेमेज हुई हैं, उन्हे ठीक करवाकर तत्काल रेलवे व्यवस्था सुचारू की जायें। लगातार बारिश होने से राजकीय स्कूलों, अस्पतालों सहित सामुदायिक भवनों में दरारें आ गई एवं कई भवन टूट गये। उनकी मरम्मत एवं निर्माण करवाया जायें।सांसद पटेल ने कहा कि जालोर जिले के सांचोर, चितलवाना में किसानों के लिये जीवनदायिनी माने जाने वाली नर्मदा नहर जोकि मुख्य केनाल सहित वितरिका एवं उपवितरिका जगह-जगह से टूट चुकी हैं। अतः नहर की शीघ्र मरम्मत करवाई जायें ताकि सर्दी ऋतु में किसानों को समय पर सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध हो सकें।ः 02:सांसद पटेल ने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में कई सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गये तथा कई सड़कें टूट गई हैं। लोगों को आवागमन सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु क्षतिग्रस्त एवं टूटी सड़कों की मरम्मत व निर्माण करवाया जायें।सांसद पटेल ने लोकसभा के माध्यम से केन्द्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि क्षेत्र में अतिवृष्टि से आई बाढ़ से लोगों को हुए नुकसान के लिए केन्द्र सरकार की ओर से विशेष पैकेज दिया जायें।लोकसभा का मानसून सत्र छोड़ बीच में ही आ गये थे संसदीय क्षेत्र मेंसांसद देवजी पटेल ने 21 जूलाई से शुरू हुआ लोकसभा का मानसूत्र सत्र बीच में ही छोड़ अतिवृष्टि से संसदीय क्षेत्र में आई बाढ़ एवं आपदा में लोगों के बीच पहूॅच गये। उन्होंने क्षेत्र के हालात को ध्यान में रखते हुए स्वयं ने आपदा कार्यो की माॅनिटरिंग की तथा हर संभव लोगों तक पहूॅचकर लोगों को राहत एवं बचाव में सहयोग किया।कांग्रेस पर निकाली भड़ाससांसद देवजी ने लोकसभा के शून्यकाल के दौरान कांग्रेस पार्टी पर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में अतिवृष्टि से आई बाढ़ के दौरान राज्य सरकार द्वारा तत्काल आवश्यक सुविधा उपलब्ध करवाई गई, जिससे क्षेत्र में जनहानि नहीं हुई। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने राहत कार्य को प्रभावित किया और वर्तमान में भी सर्वे कार्य में अड़सने डाल रहे हैं।